Aalu ki kheti: जाने हर जानकारी इस सब्जी के राजा की
धान की कटाई के साथ ही ज्यादातर क्षेत्रों में आलू की बुवाई शुरू हो जाती है, लेकिन कई बार किसान मंहगा खाद बीज तो डालता है, खेती में मेहनत भी करता है, लेकिन अच्छी उपज नहीं मिल पाती। ऐसे में किसान आलू की खेती कैसे करे ब्लॉग से अधिक से अधिक जानकारी ले सकते हैं अधिक जानकारी लेकर आलू की खेती से बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं।
जाने Aalu ki kheti के बारे में
Aalu ki kheti kaise karen
आलू की खेती करने के लिए सबसे पहले आप इसके बीज जो चुने जो 20 से 25 सेंटीमीटर से 45 मिलीमीटर तक होनी चाहिए | इसके बाद खेत को अच्छी तरह से तैयार करले उसे सही तरह से जोते और जमीन को पाटा करले फिर जमीन के ऊपर 15 सेंटीमीटर की मेड बना लो फिर उसमे बीज को बोदे | खेत में बनी हर मेड की दूरी हैं 60 सेंटीमीटर होनी चाहिए जो इसकी खेती के लिए अच्छा होता हैं |
Aalu ki kheti ke liye mitti
आलू की खेती की लिए सबसे पहले आपको अच्छी मिटटी चयन करना पड़ेगा | इसके लिए बालुई मिटटी अच्छी होती हैं जो इसके पानी को रुकने नहीं देती हैं जिस से जड़ में सड़न नहीं होती हैं और आलू की पैदावार बढ़ती हैं
आलू की खेती का समय
इसकी खेती में अगेती बुवाई 15 से 25 सितंबर और इसकी पछेती बुवाई 15-25 अक्टूबर तक का समय सबसे उपयुक्त रहता है. कुछ किसान 15 नवंबर से 25 दिसंबर के बीच तक आलू की पछेती बुवाई भी करते हैं
इन बातों का भी रखें ध्यान: समय से बुवाई और रोग मुक्त बीजों का ही चयन करें। आलू का सबसे भयंकर रोग होता है पछेती झुलसा रोग। अगर किसान आलू के बीज की खेती करते हैं तो जनवरी फरवरी में सफेद मक्खी का खतरा रहता है, इसलिए आलू की फसल के सारे पत्ते काट देने चाहिए। कोशिश करिए कि कम से कम पेस्टीसाइड या इंसेक्टिसाइड डालना पड़े,
khet mein aalu ko boye kaise
अब बारी आती है, जिस खेत में आलू की बुवाई करनी है उसके शोधन की, क्योंकि उसमें पहले से ही कई तरह के जीवाणु या फिर फंफूदी रहती है। तो इसके लिए एक कुंतल गोबर की खाद लेकर उसमें एक-दो लीटर ट्राइकोडर्मा और एक दो किलो गुड लेकर उसका घोलकर बनाकर दस बारह दिनों के लिए छोड़ दें। 10-12 दिनों में वो पूरी खाद में फैल जाएगा। इसी के साथ ही विवेरिया बेसियाना लेकर एक कुतल गोबर की खाद लेकर एक दो किलो गुड़ का घोल डालकर उसे छाया में रख दें। 10-12 दिन के = लिए इसे भी रख दें, साथ ही मेटाराइजियम को भी एक कुंतल गोबर की बाद इन तीनों को एक • खाद में मिलाकर रख दें। अब दस-बारह दिनों के साथ मिलाकर खेत की तैयारी के समय पूरे खेत में मिला दें। इससे आपके खेत की आधी समस्या खत्म हो जाएगी।
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