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Afeem Ki Kheti Ka licence और बीज कैसे मिलते हैं, जाने पूरी जानकारी

Afeem Ki Kheti Ka licence और बीज कैसे मिलते हैं, जाने पूरी जानकारी

Afeem Ki Kheti Ka licence पाकर ही आप अफीम की खेती कर पाएंगे , और ये लाइसेंस वित्त मंत्रालय की ओर से जारी किया जाता है। इस लाइसेंस का प्रावधान हर जगह के अनुसार अलग अलग है। अगर आप अफीम की खेती करते हैं तो उसके लिए सरकारी लाइसेंस लेना होगा, और इसके बीज भी सरकारी लाइसेंस के अनुसार प्राप्त किया जाता है। पर सबसे ज्यादा समस्या इसके बीज को और लाइसेंस को लेने में आती हैं तो अगर आप भी लाइसेंस लेने की सोच रहे हैं तो इस ब्लॉग को जरूर पढ़े जिसकी मदत से आपको काफी फायदा मिल सकता हैं | अगर आप रोजाना खेती के ब्लॉग पढ़ना चाहते हैं तो हमारे साथ जुड़े रहे

Afeem Ki Kheti Ka licence से जुडी जाने हर जानकारी

अफीम क्या है ?

Afeem एक प्राकृतिक उत्पाद है जो पोषक तत्वों का समृद्ध स्रोत होता है। यह एक पौधा है जिससे मोर्फीन, कोडीन, और अन्य महत्वपूर्ण दवाएं बनाई जाती हैं। अफीम के पुष्पों के बाद केवल 10-15 दिनों में परिपक्व होने वाले फलकों से मिलता है

Afeem ka Paudha kaisa hota hai ?

Afeem ki Kheti ke liye License

अफीम का पौधा एक ऊंचा पौधा होता है जिसकी ऊंचाई लगभग 3-5 फुट तक हो सकती है। इसके पत्ते हरे और लम्बे होते हैं, और पुष्पों के बाद मोर्फीन से भरपूर केंद्रीय भाग से परिपक्व होने वाले फल मिलते हैं। यह पौधा मुख्य रूप से गर्म क्षेत्रों में पाया जाता है और उसकी खेती के लिए समुचित मानसूनी परिस्थितियों की आवश्यकता होती है।

Afeem ki kheti

अफीम की खेती लाइसेंस के द्वारा की जाती हैं , जिसमें सरकार द्वारा लाइसेंस प्रदान किया जाता हैं | इसकी खेती किसानो के लिए काफी फायदेमंद साबित होती हैं क्योंकि इसके दाम बाजार में अच्छे मिलते हैं और उसके उपयोग मेडिकल और अन्य छेत्रो में होता हैं |

Afeem ki Kheti ka License प्राप्त करने के लिए प्रक्रिया

अफीम लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया भारतीय सरकार द्वारा वित्त मंत्रालय के माध्यम से निर्धारित की जाती है। इस प्रक्रिया में, सरकार वर्षभर अफीम की खेती के लिए सूचित क्षेत्रों को और लाइसेंस प्राप्त करने के सामान्य शर्तों को घोषित करती है। यह सूचनाएं सामान्यत: “अफीम नीतियाँ” के रूप में जानी जाती हैं। मध्य प्रदेश, राजस्थान, और उत्तर प्रदेश में सूचित क्षेत्रों में सरकारी मंत्रिमंडल (CBN), ग्वालियर (मध्य प्रदेश) के मुताबिक, प्रति-किसान लाइसेंस प्राप्त करने के लिए पोपी पोपी का खेती करने की अनुमति प्रदान करता है। हर किसान के हर मैदान को CBN के अधिकारियों द्वारा समुचित मापा जाता है, सुनिश्चित करने के लिए कि वे प्राप्ति हुई सीमा से परे नहीं होते हैं।

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