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Akhrot Ki Kheti : जाने इस दिसंबर कैसे करे अखरोट की खेती की शुरुवात

Akhrot Ki Kheti : जाने इस दिसंबर कैसे करे अखरोट की खेती की शुरुवात

अखरोट, यानी (walnut), एक बहुत ही सकारात्मक और लोकप्रिय फल है। अखरोट की खेती काफी लाभदायक हो सकती है अगर इसे सही तरीके से किया जाए। भारत में भी अखरोट की खेती बढ़ रही है, खास कर पहाड़ी और पर्वतीय क्षेत्रों में। अगर आप भी Akhrot Ki Kheti शुरू करना चाहते हैं, तो ये गाइड आपके लिए काफी मददगार साबित हो सकती है।

Akhrot Ki Kheti जाने इसकी खेती से जुडी हर जानकारी

अखरोट की खेती कैसे करें

अखरोट की खेती करने के लिए सबसे पहले आपको उपयुक्त जलवायु और मिट्टी की चाहिए होती है। ये एक दीर्घकालिक निवेश है, इसलिए सब कुछ ध्यान से करना जरूरी है। अखरोट के पोधो को लगभग 10 -15 साल तक पूर्ण फल उत्पादन के लिए समय लगता है, इसलिए आपको धैर्य रखना होगा।

Akhrot Khane Ke Fayde

अखरोट की खेती के लिए मिट्टी और जलवायु

Akhrot Ki Kheti के लिए दोमट और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी सबसे अच्छी होती है। मिट्टी की पीएच वैल्यू 6 से 7 के बीच होनी जरुरी है। अखरोट के पौधे ठंड और समशीतोष्ण जलवायु में अच्छा विकास करते हैं, क्योंकि पर्वतीय और ठंडे क्षेत्रों में बेहतर विकास किया जा सकता है। आपको ये सुनिश्चित करना होगा कि जहां आप खेती कर रहे हैं, वहां ठंढ से मुक्त तापमान हो, ताकि पौधे अच्छे से बढ़ सकें।

अखरोट की किस्में

Akhrot ki kheti-Aapkikheti.com

अखरोट की उन्नत किस्मों में कुछ लोकप्रिय किस्में हैं, जैसे ‘चैंडलर’, ‘फ्रैंक्वेट’, ‘सेर’ और ‘तुलारे‘। इनमें से ‘चैंडलर’ सबसे ज्यादा लोकप्रिय है, जो एक अधिक उपज देने वाली किस्म है और व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए आदर्श है। आप अपनी ज़मीन और जलवायु के हिसाब से सर्वोत्तम किस्म का चयन कर सकते हैं।

अखरोट की खेती के लिए ज़मीन की तैयारी

ज़मीन की तैयारी के लिए सबसे पहले ज़मीन को अच्छे से साफ़ करना होता है। आपको खरपतवार और चट्टानों को निकालना चाहिए। फ़िर, ज़मीन को गहरी जुताई करना होता है ताकि मिट्टी काफ़ी ढीली हो और जड़ों को विकास मिल सके। अगर ज़मीन में जल निकासी व्यवस्था काफ़ी अच्छी है, तो पौधे अच्छे से विकसित होते हैं।

बिजाई (रोपण)

अखरोट की पौधारोपण में आपको अंकुर या नंगे जड़ वाले पौधों का इस्तेमाल करना होता है। पौधों को लगाते समय यह ध्यान रखना जरूरी है कि उनके बीच 10 से 12 फीट की उचित दूरी हो, ताकि उन्हें पर्याप्त जगह मिले और वे अच्छे से बढ़ सकें। इससे उन्हें ग्रोथ के लिए अच्छा स्पेस मिलता है। बिजाई के वक्त, जड़ों को अच्छे से फैलाएं और पौधों को अच्छे से सिंचाई दें।

खरपतवार नियन्त्रण

खरपतवार को नियंत्रित करना बहुत जरूरी है, क्योंकि ये अखरोट के पौधों से पोषक तत्व चुरा लेते हैं। आप रासायनिक शाकनाशी का उपयोग कर सकते हैं, या मैन्युअल निराई कर सकते हैं। आप मल्च का इस्तेमाल करके भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।

सिंचाई

अखरोट की खेती में सिंचाई काफी महत्वपूर्ण है, खास कर जब पौधे नये हो। प्रारंभ में, पानी काफ़ी ज़रूरी होता है, लेकिन जैसे-जैसे पौधे बड़े होते हैं, उन्हें कम पानी की ज़रूरत पड़ती है। ड्रिप सिंचाई प्रणाली या स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली का उपयोग कर सकते हैं, जिससे पानी की बर्बादी न हो और पौधे को उचित सिंचाई मिल सके।

फसल की कटाई

अखरोट की फसल की कटाई तब की जाती है जब अखरोट के फल परिपक्व हो जाते हैं। ये प्रक्रिया अक्सर अक्टूबर-नवंबर में होती है, जब फल अपने अंतिम चरण पर पहुंच जाता है। फल को ध्यान से तोड़ना जरूरी होता है, ताकी फल डैमेज ना हो। अखरोट को तोड़ने के बाद, उन्हें अच्छे से सुखाया जाता है ताकि उनमें से पानी निकल जाए और स्टोरेज के लिए तैयार हो जाए।

अखरोट का पेड़ कितने दिन में फल देता है

अखरोट का पेड़ बुवाई के 5 से 6 साल बाद फल देने लगता हैं , पर इसमें सबसे जल्दी फल देने वाली किस्म चांडलर मानी जाती हैं | जो बुवाई के 2 – 3 साल में ही फल देना शुरू हो जाती हैं , इसीलिए इसकी खेती में सर्वाधिक प्रयोग इस किस्म का ही किया जाता हैं |

भारत में अखरोट की खेती कहाँ की जाती है?

भारत में अखरोट की खेती की बात करे तो , जिनमें जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश शामिल हैं | क्योंकि इसकी खेती ठन्डे इलाके में अच्छी तरह से की जाती हैं , इस वजह से ये पहाड़ी इलाके ही इसकी खेती के लिए सबसे उपयुक्त होते हैं

पढ़िए यह ब्लॉग Makhane khane ke fayde

FAQs of Akhrot ki kheti 

अखरोट की खेती के लिए कौन सी जलवायु सबसे उपयुक्त है?
अखरोट की खेती के लिए ठंडी और समशीतोष्ण जलवायु सबसे उपयुक्त मानी जाती है। खासतौर पर पहाड़ी और पर्वतीय क्षेत्रों में इसका उत्पादन बेहतर होता है।

अखरोट की कौन-कौन सी उन्नत किस्में हैं?
अखरोट की उन्नत किस्मों में ‘चैंडलर,’ ‘फ्रैंक्वेट,’ ‘सेर,’ और ‘तुलारे’ प्रमुख हैं। ‘चैंडलर’ किस्म सबसे लोकप्रिय और अधिक उपज देने वाली है।

अखरोट के पौधों की बिजाई के लिए क्या अंतर रखें?
पौधों के बीच 10 से 12 फीट की दूरी रखनी चाहिए, ताकि हर पौधे को विकास के लिए पर्याप्त जगह मिल सके।

अखरोट की खेती में किस प्रकार की मिट्टी उपयुक्त होती है?
दोमट और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी अखरोट की खेती के लिए सबसे अच्छी होती है। मिट्टी की पीएच वैल्यू 6 से 7 के बीच होनी चाहिए।

अखरोट के पौधे में पानी देने का तरीका क्या होना चाहिए?
शुरुआती समय में पौधों को अधिक पानी की जरूरत होती है, परंतु धीरे-धीरे पानी की मात्रा कम हो जाती है। ड्रिप या स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली का उपयोग सबसे बेहतर होता है।

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