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Amrud ki kheti : जानिए इसकी खेती से जुडी हर बाते

Amrud ki kheti : जानिए इसकी खेती से जुडी हर बाते

Amrud ki kheti

Amrud ki kheti अगर सही तरीके से की जाए तो यह एक लाभदायक और आसान व्यवसाय हो सकता है। अमरूद एक ऐसा फल है जो खाने में तो स्वादिष्ट होता ही है साथ ही सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। अगर आप इसकी खेती से जुड़ी जानकारी पाना चाहते हैं तो पूरा लेख पढ़ें और हमारे इंस्टाग्राम चैनल से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।

Amrud Ki kheti कैसे करें

इसकी खेती के लिए सही मिट्टी और जलवायु का चुनाव करें। अमरूद का पेड़ सभी प्रकार की मिट्टी में उग सकता है। लेकिन यह अच्छी जल निकासी वाली, अशुद्धियों से मुक्त मिट्टी में बेहतर तरीके से उगता है। इसकी खेती के लिए मिट्टी का पीएच मान 5.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए। बुवाई या रोपण का समय बारिश के बाद होता है, जब मिट्टी अच्छी तरह से नम होती है।

अमरूद को बीज से उगाना संभव है, लेकिन बीज से उगाए गए पेड़ों में फल देने की अवधि लंबी होती है। इसलिए, ग्राफ्टेड पौधे लंबे समय तक तैयार होते हैं और लगभग 2-3 साल में फल देना शुरू कर देते हैं। पेड़ लगाते समय बीजों के बीच की दूरी लगभग 6×6 मीटर रखनी चाहिए ताकि पेड़ अच्छे से बढ़ सकें और उन्हें रोशनी और हवा मिलती रहे।

अमरूद की उन्नत किस्में

अमरूद की खेती में अच्छी पैदावार के लिए उन्नत किस्मे बहुत जरूरी है। कुछ प्रसिद्ध उन्नत किस्में हैं इलाहाबाद सफेदा, लखनऊ 49, ललित, सरदार, और अर्का मृदुला। ये सभी किस्में जल्दी फल देती हैं, और ज्यादा फलती , और बीमारियों से बचाव में मदद करती हैं।

अमरूद के पेड़ लगाने का समय

अमरूद के पेड़ लगाने का सही समय जून-जुलाई के महीने में होता है, जब मानसून का समय होता है। इसके अलावा, फरवरी-मार्च भी एक अच्छा समय माना जाता है, क्योंकि इस समय में भी पेड़ों की वृद्धि अच्छी होती है।

मिट्टी और जलवायु

अमरूद की खेती के लिए सूखी दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है। मिट्टी का pH लेवल 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए।जलवायु की अगर बात करें तो, अमरूद के पेड़ को उष्ट्रकटिबंधिया और उपोष्णकटिबंधिया जलवायु में अच्छी वृद्धि मिलती है। जब तापमान 15°C से 30°C के बीच स्थिर रहता है, तो पेड़ों की कीमत में वृद्धि होती है और फल भी अच्छा मिलता है।

अमरूद की खेती के लिए मौसम

अमरूद की खेती के लिए वसंत और शरद ऋतु सबसे अच्छी मानी जाती है। दोनों सीज़न में अमरूद के फल का साइज़ बड़ा और रसीला होता है। भरी बरसात और ठंडी से बचाव की आदत होती है, क्योंकि ये अमरुद के पेड़ के लिए नुक्सानदायक हो सकते हैं।

कटाई और छंटाई

अमरूद के पेड़ की अच्छी वृद्धि और उत्पादन के लिए कटाई और छंटाई जरूरी होती है। जुलाई-सितंबर के बीच कटाई करनी चाहिए। फल का उत्पादन बढ़ाने के लिए मुरझाये हुए पत्ते और शाखाओं को समय पर निकाल देना चाहिए।

अमरूद की खेती में रोग नियंत्रण

अमरूद के पेड़ में लगभाग सबसे आम बीमारी है विल्ट और फ्रूट फ्लाई। विल्ट रोग से बचाव के लिए पौधे के आस-पास साफ-सफाई रखना चाहिए और नीम के तेल का स्प्रे करना चाहिए। फ्रूट फ्लाई के प्रभाव से पेड़ को बचाने के लिए जैविक उपाय जैसे फेरोमोन ट्रैप का उपयोग करना अच्छा होता है।

अमरूद के पेड़ की देखभाल

अमरूद के पेड़ की देखभाल में सुरक्षित रूप से खाद देना, समय पर पानी देना, और पेड़ों के आस-पास की मिट्टी को धीरे-धीरे खोदना जरूरी है। पेडों की लगातर निगरानी और उनकी सेहत का ध्यान रखने से पेडों में वृद्धि होती है।

खाद

अमरूद ​​की खेती में खाद का उपयोग अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। जुलाई-अगस्त के दौरन एक पेड़ को 10-15 किलो गोबर का खाद देना उचित होता है। इसके साथ ही, एनपीके खाद का इस्तेमल भी वृद्धि और गुणवत्ता पर अच्छा प्रभाव डालता है। , जो पैदावार और फल की गुणवत्ता में सुधार करता है।

अमरूद के पेड़ की सिंचाई

अमरूद के पेड़ को विशेष रूप से पानी की आवश्यकता होती है। गर्मी के महीने में 7-10 दिन में एक बार सिंचाई करनी चाहिए, जबकी सर्दियों में 15 दिन के अंतराल पर पानी देना चाहिए। पानी देने में अति-सिंचाई से बचना जरूरी है।

फल की कटाई

फल तोड़ने का सही समय अक्टूबर से दिसंबर और फरवरी से मार्च तक होता है। जब फल थोडा नरम हो और सीधियां सफ़ेद होने लगें, तब उन्हें तोड़ लेना चाहिए।

अमरूद की खेती कहां होती है

अमरूद की खेती भारत के लगभग हर राज्य में की जाती है क्योंकि यह हर तरह की मिट्टी में अच्छी तरह से उगता है। लेकिन, इसकी खेती सबसे ज़्यादा उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक में की जाती है। अमरूद की कई किस्में पाई जाती हैं, जैसे इलाहाबादी सफ़ेदा, सरदार और ललित।

Amrud Ki kheti Ke Fayde

अमरूद की खेती के कई फायदे हैं। पहला फायदा यह है कि इस फल में विटामिन सी, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं, जो सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। दूसरा फायदा यह है कि अमरूद की खेती में कम मेहनत लगती है और इसका व्यावसायिक मूल्य भी अच्छा है। अमरूद के फल की बाजार में अलग ही मांग है, जिससे इसकी खेती लाभदायक है। तीसरा, यह जल्दी खराब नहीं होता, इसलिए इसका भंडारण और परिवहन आसान है।

अमरुद का पेड़ कितने समय में बड़ा होता है

अमरूद का पेड़ करीब 2 से 3 साल में बड़ा होकर फल देने लगता है। अगर आप ग्राफ्टेड पेड़ लगा रहे हैं तो यह समय और भी कम हो सकता है। समय के साथ यह पौधा 4 से 5 मीटर तक बढ़ सकता है। अगर नियमित छंटाई, पानी, रखरखाव जैसी उचित देखभाल की जाए तो पौधे की गुणवत्ता में सुधार होता है।

1 बीघा ज़मीन में अमरुद के कितने पेड़ लगते है

अमरूद का पेड़ करीब 2 से 3 साल में बड़ा होकर फल देने लगता है। अगर आप ग्राफ्टेड पेड़ लगा रहे हैं तो यह समय और भी कम हो सकता है। समय के साथ यह पौधा 4 से 5 मीटर तक बढ़ सकता है। अगर नियमित छंटाई, पानी, रखरखाव जैसी उचित देखभाल की जाए तो पौधे की गुणवत्ता में सुधार होता है।

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FAQ’s related to Amrud ki kheti

1. अमरूद की खेती के लिए कौन सी मिट्टी और जलवायु सबसे उपयुक्त है?

अमरूद की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली, दोमट मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है। मिट्टी का पीएच स्तर 5.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए। उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जलवायु अमरूद की खेती के लिए अनुकूल होती है, और 15°C से 30°C के बीच का तापमान इसे बढ़ने के लिए उपयुक्त है।

2. अमरूद के पौधे कितने समय में फल देना शुरू कर देते हैं?

बीज से उगाए गए अमरूद के पौधों को फल देने में अधिक समय लगता है। हालांकि, ग्राफ्टेड (कलम किए गए) पौधे 2-3 साल में फल देना शुरू कर देते हैं और इनसे उत्पादन अधिक मिलता है।

3. अमरूद की कौन-कौन सी उन्नत किस्में हैं?

अमरूद की कुछ उन्नत किस्में हैं इलाहाबाद सफेदा, लखनऊ 49, ललित, सरदार, और अर्का मृदुला। ये किस्में जल्दी फल देती हैं, अधिक फलती हैं, और रोग प्रतिरोधी होती हैं, जिससे खेती में पैदावार अधिक होती है।

4. अमरूद के पेड़ में कौन-कौन सी बीमारियां लगती हैं और इनसे कैसे बचाव किया जा सकता है?

अमरूद के पेड़ों में अक्सर विल्ट रोग और फ्रूट फ्लाई की समस्या होती है। विल्ट रोग से बचाव के लिए पौधों के आसपास सफाई रखना और नीम के तेल का स्प्रे करना लाभदायक है। फ्रूट फ्लाई से बचाव के लिए जैविक उपाय जैसे फेरोमोन ट्रैप का उपयोग करना प्रभावी होता है।

5. एक बीघा भूमि में अमरूद के कितने पौधे लगाए जा सकते हैं?

एक बीघा भूमि में अमरूद के लगभग 100-110 पौधे लगाए जा सकते हैं, और प्रत्येक पौधे के बीच 6×6 मीटर की दूरी रखनी चाहिए ताकि पौधों को सही मात्रा में सूर्य का प्रकाश और हवा मिल सके।

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