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Animal Care in Flood:बाढ़ के नुकसान करें पशुओं का बचाव,पढ़ें आर्टिकल

Animal Care in Flood:बाढ़ के नुकसान करें पशुओं का बचाव,पढ़ें आर्टिकल

जितना मानव जीवन महत्वपूर्ण है, उतना ही पशुओं का जीवन भी महत्वपूर्ण है क्योंकि वे हमारी बहुत सहायता करते हैं, हमें भी उनकी कुछ मदद करनी चाहिए। पशुओं की देखभाल करना बाढ़ के दौरान एक चुनौतीपूर्ण कार्य हो सकता है, लेकिन सही तैयारी और सावधानियों से आप उन्हें सुरक्षित रख सकते हैं।तो किस किस उपाय से हम जानवरों को बचा सकते हैं यहाँ देखें “Animal Care in Flood”

Table of contents

1.सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरण

2.चारा और पानी की व्यवस्था

3.स्वास्थ्य देखभाल

4. आश्रय का निर्माण

1. सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरण 

बाढ़ की स्थिति में सबसे महत्वपूर्ण कदम पशुओं को सुरक्षित स्थान पर ले जाना है। पहले से ही उच्चतम क्षेत्रों की पहचान कर लें जहां पानी नहीं पहुंचेगा। अगर समय रहते पशुओं को सुरक्षित स्थान पर ले जाया जाए तो उनकी जान बचाई जा सकती है। इन स्थानों पर पर्याप्त चारा और पानी की व्यवस्था भी करनी चाहिए ताकि पशुओं को भोजन और पानी की कमी न हो। इसके अलावा, पशुओं को स्थानांतरित करते समय उन्हें अलग-अलग समूहों में रखें ताकि वे एक दूसरे को नुकसान न पहुंचाएं। छोटे पशुओं के लिए अलग स्थान और बड़े पशुओं के लिए अलग स्थान निर्धारित करें। इसके अलावा, स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन दल से संपर्क में रहें ताकि आवश्यकता पड़ने पर उनकी सहायता ली जा सके।

2. चारा और पानी की व्यवस्था

बाढ़ के दौरान चारा और पानी की व्यवस्था करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य हो सकता है। पहले से ही सूखा चारा, हरे चारे का भंडारण करें और पानी के स्रोतों की शुद्धता की जांच करें। बाढ़ के पानी में अनेक तरह की गंदगी और विषाणु हो सकते हैं जो पशुओं के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। ऐसे में, साफ और शुद्ध पानी की व्यवस्था करना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए आप पानी को उबालकर या फिल्टर कर सकते हैं। अगर संभव हो तो, बोतलबंद पानी का उपयोग करें। चारे के लिए, ऐसे स्थान का चयन करें जो सूखा और सुरक्षित हो। सूखा चारा अधिक समय तक सुरक्षित रहता है और बाढ़ की स्थिति में आसानी से उपलब्ध होता है।

3. स्वास्थ्य देखभाल

बाढ़ के दौरान पशुओं के स्वास्थ्य की देखभाल विशेष ध्यान देने योग्य है। इस समय विभिन्न बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, जैसे कि खुरपका, मुंहपका, पैरपका आदि। पशुओं के टीकाकरण की जांच करें और अगर कोई टीका बाकी है तो तुरंत लगवाएं। इसके अलावा, पशुओं की नियमित जांच कराएं और किसी भी बीमारी के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करें। बाढ़ के पानी में घाव और संक्रमण का खतरा अधिक होता है, इसलिए घावों की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें। पशुओं को साफ और सूखा रखें और उनके लिए सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण तैयार करें।

4. आश्रय का निर्माण

बाढ़ के दौरान पशुओं को सुरक्षित और आरामदायक आश्रय की आवश्यकता होती है। स्थायी आश्रय बनाने का समय न हो तो अस्थायी आश्रय तैयार करें। इसके लिए प्लास्टिक शीट, तिरपाल या बड़े कपड़ों का उपयोग किया जा सकता है। आश्रय को उच्च स्थान पर बनाएं ताकि पानी वहां तक न पहुंचे। इसके अलावा, आश्रय में उचित वेंटिलेशन का ध्यान रखें ताकि ताजी हवा का आवागमन बना रहे। आश्रय को समय-समय पर साफ करें और वहां किसी भी प्रकार की गंदगी न जमा होने दें। यदि संभव हो, तो पशुओं को एक ही स्थान पर रखने की बजाय अलग-अलग स्थानों पर रखें ताकि वे अधिक आरामदायक और सुरक्षित महसूस कर सकें।

बाढ़ के दौरान पशुओं की सुरक्षा और देखभाल अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। यहाँ  दिये गये कुछ महत्वपूर्ण टिप्स जो बाढ़ के दौरान पशुओं का बचाव करने में सहायक होंगे और कृषि से जुड़ी जानकारी के लिए Aapkikheti.com पर जाइये
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