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Baigan Ki Kheti kaise karen : इस जनवरी बोए इसके बीज और पाए बेहतर उपज

Baigan Ki Kheti kaise karen: इस जनवरी बोए इसके बीज और पाए बेहतर उपज

क्या आप सोच रहे हैं की जनवरी में किस चीज़ की खेती करे जिस से मुनाफे में बढ़ोतरी हो सकती हैं | तो अभी पढ़े हमारा Baigan Ki Kheti kaise karen ब्लॉग जो आपको खेती कैसे करे से लेकर खेती को कब काटे तक की सभी जानकारी मिलेगी जिस से आपकों काफी मदत मिलेगी | अगर आपको और अधिक खेती से जुडी जानकारी के लिए Aapkikheti.com पर जाए

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Baigan Ki Kheti kaise karen जाने इस ब्लॉग में

Baigan ki kheti

बैगन की खेती भारत में एक मुख्य खेती बनती जा रही हैं, जिसमे किसान भाई इसे जनवरी में उगाकर काफी फायदे उठा रहे है | इन तरीकों को अगर आप अपनाएगे तो बैगन की खेती के खेती में काफी फायदे पाएंगे |

Baigan ki kheti ke liye mitti

बैगन की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है, जिसके लिए मिट्टी का पीएच स्तर 5.5 से 7 के बीच होना चाहिए जिससे इसकी मिटटी में उपजाऊ छमता भी रहती हैं और मिटटी में पानी जमता भी नहीं हैं और पेड़ को बढ़ने का मौका भी मिलेगा |

Baigan ki kheti kaise karen

अगर बैगन की खेती कर रहे हैं ,तो सबसे पहले आपको इसके लिए सबसे पहले बीज का सही चुनाव व उसके बाद आपको खेती को सही तरह से तैयार करना जिसमे पूरे खेत में गोबर की खाद का इस्तेमाल करे और फिर उसे ट्रेक्टर की मदत से पूरे खेत में घुमाए | फिर उसके बाद खेत में मेड़ों को बनाए उसमे बीजो को बोये और नियमित समय में पानी दे जिस से इसके पेड़ जल्दी बड़े हो पाय आपको कम समय में खेती में कर पाएंगे

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Baigan ko kab tode

इसके बाद जब आपक पता लगे की बैंगन की पौध तैयार हो गयी क्योंकि इसकी तुड़ाई पौधों में फूल आने के 20-25 दिन बाद शुरू हो जाती है। फलों को आकार और रंग के आधार पर तुड़ाई करें। हर 4-5 दिन के अंतराल पर तुड़ाई करें ताकि अच्छे आकार के बैंगन प्राप्त हों।

बैगन की खेती में खाद का प्रयोग कैसे करे

प्राकृतिक खाद: खेत में 15-20 टन गोबर की खाद या कम्पोस्ट डालें, जैविक खाद जैसे वर्मीकम्पोस्ट का भी उपयोग कर सकते हैं। इसके साथ ही आप नाइट्रोजन का 100-120 किलो प्रति हेक्टेयर में और फास्फोरस 60 किलो प्रति हेक्टेयर,पोटाश 60 किलो प्रति हेक्टेयर |

Baigan ki unnat kisme

बैंगन की कई प्रजातियाँ होती हैं, जिनमें देशी और संकर किस्में शामिल हैं। किस्मों का चयन क्षेत्र की जलवायु, मिट्टी की स्थिति और फसल के उद्देश्य (व्यावसायिक या घरेलू) के आधार पर करना चाहिए।

देशी किस्में:
पूसा उपहार: गहरे बैंगनी रंग के लम्बे फल।
काशी तरुण: मध्यम आकार के गोल फल।
हाइब्रिड किस्में:
पूसा हाइब्रिड-6: ऊँची पैदावार वाली किस्म।
बीटी बैंगन: कीट प्रतिरोधक हाइब्रिड किस्म।

Baigan ki kheti ke Rog

जीवाणुजनित विल्ट रोग: यह रोग स्यूडोमोनास सोलानेसीरम नामक जीवाणु के कारण होता है। प्रभावित पौधों की पत्तियाँ मुरझा जाती हैं, पौधा पीला पड़ जाता है और अंततः सूख जाता है। इस रोग को नियंत्रित करने के लिए 2-4 ग्राम थायोफेनेट मिथाइल 70% W/W (जैसे ‘रोको’ कवकनाशी) को एक लीटर पानी में मिलाकर टपका या मिट्टी की सिंचाई करनी चाहिए।

फ्यूजेरियम विल्ट रोग: इस रोग में पौधे की निचली पत्तियाँ सूखने लगती हैं और मुरझाने लगती हैं तथा गंभीर संक्रमण की स्थिति में पूरा पौधा सूख जाता है। नियंत्रण के लिए 2-4 ग्राम ‘रोको’ कवकनाशी को एक लीटर पानी में मिलाकर टपका या मिट्टी की सिंचाई करनी चाहिए। यदि रोग का प्रकोप गंभीर है तो ‘साफ’ कवकनाशी (2 ग्राम) और ‘कासु-बी’ (2 मिली/लीटर) का मिश्रण प्रयोग करें।

निमेटोड संक्रमण: यह कीट जड़ों में गांठें बनाता है, जिससे पौधे की वृद्धि रुक ​​जाती है और पत्तियां पीली पड़ जाती हैं। नियंत्रण के लिए भूमि की तैयारी के समय प्रति एकड़ 50-100 किलोग्राम नीम की खली डालें तथा एक लीटर पानी में 2-2.5 मिली ‘वेलम प्राइम’ निमेटोसाइड मिलाकर सिंचाई करें।

फल सड़न रोग: इसमें पत्तियों और फलों पर भूरे रंग के धब्बे दिखाई देते हैं, जो धीरे-धीरे बढ़कर फलों को सड़ा देते हैं। नियंत्रण के लिए प्रभावित भागों को तोड़कर नष्ट कर दें तथा एक लीटर पानी में 2 ग्राम मैन्कोजेब या जिनेब मिलाकर छिड़काव करें।

छोटी पत्ती रोग: इस रोग में पत्तियां छोटी और गुच्छेदार हो जाती हैं, जिससे पौधे पर फल नहीं लगते। यह रोग आमतौर पर फसल बोने के एक महीने बाद दिखाई देता है और बाद में महामारी का रूप ले सकता है।

FAQ’s Baigan ki kheti kaise karen

1. बैंगन की खेती के लिए प्राकृतिक खेती क्या है?

बैंगन की खेती के लिए गर्म और आर्द्र भूमि सबसे उपयुक्त है। इसके लिए 25 से 35 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है। अधिक ठंड और पाला सहन करने वाली फसलों के लिए बाजार उपलब्ध हैं।

2. बैंगन की अच्छी उपज के लिए किस प्रकार की मिट्टी उपयुक्त है?

बैंगन की खेती के लिए दोमट, रेतीली दोमट और अच्छी जल धारण करने वाली मिट्टी उपयुक्त है। मिट्टी का वायुमंडलीय स्तर 5.5 से 7 के बीच होना चाहिए।

3. बैंगन के फल के प्रमुख कीट कौन से हैं?

बैंगन की फसल में प्रमुख कीट ताना छेदक कीट, सफेद मक्खी और लाल मकड़ी हैं। ऑक्सिन की कमी को दूर करने के लिए समय-समय पर जैविक और रासायनिक रसायनों का उपयोग किया जाता है।

4. बैंगन की सीवनिंग कैसे करनी चाहिए?

बैंगन की फसल को नियमित रूप से चुनने की आवश्यकता होती है। गर्मियों में हर 4-5 दिन और समुद्र में हर 10-12 दिन में सिंचाई करें। जलभराव से बचना महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे जलभराव हो सकता है।

5. बैंगन की फसल को बचाने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं?

फसल को बचाने के लिए स्वस्थ बीजों का चयन करें, फसल चक्र अपनाएँ, खेत की सफाई बनाए रखें और पर्याप्त मात्रा में जैविक खाद और कीटनाशकों का इस्तेमाल करें। मुख्य रोगवाहकों में जीवाणु विल्ट रोग और फल सड़न रोग शामिल हैं।

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