Ber Ki Kheti : कम जमीन में ज्यादा मुनाफा पाएं
Ber Ki Kheti भारत में एक प्रसिद्ध और लाभदायक खेती है, जो किसानों को अच्छा मुनाफ़ा देती है। बेर का फल स्वादिष्ट और सकारात्मकता से भरपूर होता है, जो व्यापार के लिए भी एक उत्कृष्ट विकल्प है। आइये, जानते हैं बेर की खेती कैसे की जाती है ।
बेर की खेती कैसे करें
Ber Ki Kheti शुरू करने के लिए पहले उचित जगह का चयन करना जरूरी है। ये खेती भारत के अधिकतर भागो में की जाती है, और इसके लिए सीधे पोधो या कटावों के रूप में बिजाई की जा सकती है। बीज के साथ ही, ग्राफ्टेड पौधे भी इसमे उपयोग में लाए जा सकते हैं जो कि उत्तम भुगतान देते हैं।
बेर की खेती के लिए मिट्टी और जलवायु
बेर की खेती के लिए बालू-मिट्टीयुक्त या बालू-दुमत्त मिट्टी सबसे अच्छी होती है, जिसमें पानी का निकास अच्छे से हो। इसमे पीएच मान 7-8 के बीच में होना चाहिए। बेर के पौधे गर्मी और सुखे प्रभावित जगह पर भी अच्छे से उगते हैं, लेकिन ये 15°C से लेकर 40°C तक के तापमान में अच्छी वृद्धि करते हैं।
बेर की खेती के लिए ज़मीन की तैयारी
ज़मीन की तैयारी के लिए पहले खेत को अच्छे से जोतो और पत्थर या कंकर निकाल कर साफ करो। फिर, 6-8 फुट की दूरी पर गड्ढे बनायें और उनमे सूखी खाद या कम्पोस्ट मिलायें। ये तय्यारी मानसून से पहले कर लेना अच्छा रहेगा ताकि पौधे जल्दी लगाए जा सकें।
बेर की प्रसिद्ध किस्में
बेर की प्रसिद्ध किस्में हैं, जैसे उमरान, गोला, काकरोल, और सेब। इनमें उमरान और गोला व्यवसायिक उदेश्यों के लिए ज्यादा लाभदायक होती है क्योंकि इनमें मिठास और बड़ी आकृति होती है।
बिजाई
बेर के पौधे लगाने का समय मानसून या शीत ऋतु होता है। पौधों की बिजाई के लिए 1-2 साल के सेहतमंद पौधों का इस्तमाल करें, जो आगे जाके जल्दी फल देंगे। गड्डों में पौधे लगाकर, मिट्टी को अच्छे से दबाएँ और पौधों के आस-पास 5-6 दिन के अंतराल पर हल्के से पानी देकर पौधे को जमने दें।
सिंचाई
बेर की खेती में सिंचाई का महत्व होता है, खासकर शुरू के 1-2 महीने में। मानसून के बाद हर 10-12 दिन पर सिंचाई करना अनिवार्य है, लेकिन सर्दियों में सिंचाई की अवधि कम होती है। ऐसे में सर्दीयों में पानी 15 -20 दिन के अंतर पर दे सकते हैं।
खरपतवार नियन्त्रण
खरपतवार नियन्त्रण के लिए हम मल्चिंग का इस्तमाल कर सकते हैं। मल्चिंग के लिए गड्डों के आस-पास सूखे पत्ते या घास का प्रयोग करें, जो मिट्टी की नमी को बनाए रखें और पौधों को जरूरी पोषक तत्व से भरे रखने में मददगार होते हैं।
फसल की कटाई
बेर की फसल अक्टूबर-नवंबर के महीने में शुरू हो जाती है, जब फल पकते हैं। फलो को सावधानियां से तोड़ें इकट्ठा करें और जल्दी बिकरी या उपाय के लिए तैयार करें, क्योंकि बेर का फल जल्दी खराब हो सकता है।
इस तरह, बेर की खेती से किसान अपने मुनाफ़े में वृद्धि ला सकते हैं और इसमे कम समय में अच्छी कमाई हो सकती है।
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FAQs
प्रश्न 1: बेर की खेती के लिए कौन सी मिट्टी सबसे अच्छी होती है?
उत्तर: बेर की खेती के लिए बालू-मिट्टीयुक्त या बालू-दुमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है, जिसमें पानी का निकास अच्छी तरह से हो सके और पीएच मान 7-8 के बीच हो।
प्रश्न 2: बेर के पौधे लगाने का सही समय कौन सा होता है?
उत्तर: मानसून या शीत ऋतु में बेर के पौधे लगाने का सही समय होता है। इस दौरान पौधे जल्दी जमते हैं और अच्छी वृद्धि करते हैं।
प्रश्न 3: बेर की कौन-कौन सी प्रसिद्ध किस्में हैं?
उत्तर: बेर की प्रसिद्ध किस्मों में उमरान, गोला, काकरोल और सेब शामिल हैं। उमरान और गोला किस्में व्यावसायिक रूप से अधिक लाभदायक मानी जाती हैं।
प्रश्न 4: बेर की खेती में कितनी बार सिंचाई की आवश्यकता होती है?
उत्तर: शुरू के 1-2 महीनों में नियमित सिंचाई जरूरी होती है। मानसून के बाद हर 10-12 दिन और सर्दियों में हर 15-20 दिन पर सिंचाई करना चाहिए।
प्रश्न 5: बेर की फसल की कटाई कब की जाती है?
उत्तर: बेर की फसल की कटाई अक्टूबर-नवंबर में की जाती है जब फल पूरी तरह पक जाते हैं।