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Chakori ki kheti : एक ऐसी फसल जिसकी खेती आलू से ज्यादा की जा रही है

Chakori ki kheti : एक ऐसी फसल जिसकी खेती आलू से ज्यादा की जा रही है

Chakori ki kheti : एक ऐसी खेती जो आलू से ज्यादा की जा रही है, इसकी खेती में आपको मुनाफ़ा ज़्यादा और घाटा काम होता है | ये फसल अब आलू को टककर दे रही हैं जानिये हमारे इस ब्लॉग से जो आपको चकोरी से जुड़ी हर जानकारी प्रदान करेगा

Chakori Ki Kheti-Aapkikheti.com

चकोरी क्या होती है?

चकोरी एक तरह की फसल जो बहुमुखी है इसकी फसल आलू की फसल से ज्यादा उपयोगी साबित हो रही है क्योंकि इसकी               फसल कम समय में ज्यादा फायदा देती है और इसको हम स्टोर रूम में स्टोर भी करके रख सकते हैं और इसकी मांग हर वक्त           रहती है|

चकोरी का दूसरा नाम

चकोरी को हम दूसरे “कासनी” नाम से भी जाना जाता हैं , और इसके अलावा CHICORY के नाम से भी जाना जाता हैं |

चकोरी किस जगह ज्यादा होती है?

इसकी खेती ज्यादातर उन क्षेत्रों में की जाती है जहां तापमान 15 से 25 डिग्री के बीच होता है। मुख्य रूप से भारत के उत्तर और पश्चिमी राज्यों में होती है, जैसे उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, और हरियाणा। इसके  अलावा, यह पौधा यूरोप, उत्तरी अफ्रीका, और एशिया के कुछ हिस्सों में भी पाया जाता है।

चकोरी खेती के लिए मिट्टी

Chakori ki kheti  के लिए दोमत मिट्टी बहुत उपयोगी मानी जाती है जिसकी जल निकासी अच्छी होती है |लेकिन मिट्टी की पीएच स्तर 5.5 से 7.5 के बीच होनी चाहिए। इसके अलावा, मिट्टी में जैविक पदार्थों की अच्छी मात्रा होना भी आवश्यक है जिससे पौधे को आवश्यक पोषक तत्व मिल सकें।

Chakori ki kheti ke fayde

चकोरी की फसल किसान को कम नुकसान और ज्यादा लाभ देती हैं, और ये कम पानी में भी अच्छी उपज देती हैं इसकी मांग हर्बल उत्पादों और औषधीय उद्देश्यों के लिए बढ़ती जा रही है, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा मिल सकता है।ऐसी चकोरी की खेती हर तरह से आपको फ़ायदा देती है क्योंकि ये विभिन्न रूप में प्रयोग करती है ,जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।

चकोरी से क्या बनता है

चकोरी भारत की ऐसी खेती हैं , जिसके बारे ज्यादा लोगो को नहीं पता हैं , चलिए जानते हैं चकोरी का प्रयोग किस किस में किया जाता हैं |

इसके अलावा इसका प्रयोग खाद सामग्री और वाइन के स्प्राउट्स में भी किया जाता हैं |

चकोरी की खेती का समय

खेती के लिए जुलाई से सितंबर का समय सबसे उपयुक्त माना जाता है। इस समय में बारिश के कारण मिट्टी में पर्याप्त नमी होती है, जो पौधे के अच्छे विकास के लिए जरूरी होती है। इसे बुवाई के 4-5 महीने बाद फसल के रूप में काटा जा सकता है।

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Chakori ki kheti kaise karen

FAQ Chakori ki kheti

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