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Lemon farming : नींबू की खुशबू से भरें खेत

Lemon farming : नींबू की खुशबू से भरें खेत

नींबू एक बहुत ही लाभकारी फल है जो अपने खट्टे स्वाद और पोषक तत्वों के लिए जाना जाता है। इसकी खेती भारत में होती है और ये कृषि व्यवसाय के रूप में किसानों के लिए अच्छी कमाई का ज़रिया बन सकता है। Lemon farming आसान होती है, लेकिन इसमें सफलता के लिए कुछ जरूरी जानकारी होनी चाहिए। आइए, जानते हैं नींबू की खेती के बारे में।

1. नींबू की खेती कैसे करें

Lemon farming

Lemon farming के लिए पहले बीज या रोपाई का इंतजाम करें। बीज से नींबू के पौधे उगाना थोड़ा समय ले सकता है, इसलिए अक्सर रोपाई के माध्यम से ही पौधों को लगाया जाता है। पौधे को सही जगह और सही तरीके से लगाने से फसल उत्पादन बेहतर होता है।

2. जलवायु और मिट्टी

Lemon farming के लिए चना जलवायु सबसे बेहतर होती है। यदि ठंडी या अत्यधिक गर्मी होती है, तो फसल को नुक्सान हो सकता है। मिट्टी की बात करें तो ये रेतीली दोमट या चिकनी मिट्टी हो तो अच्छा होता है। मिट्टी का pH लेवल 5.5 से 7 होना चाहिए ताकि फसल अच्छी हो सके।

3. नींबू की खेती कोनसे मौसम में करें?

नींबू की खेती का समय मौसम पर निर्भर करता है। बसंत और शरद ऋतु में इसकी खेती सबसे अच्छी मानी जाती है। फरवरी-मार्च और अगस्त-सितंबर के महीने में पौधे लगाए जा सकते हैं, ताकि ये अच्छी तरह से बढ़ सकें।

4. निम्बू की प्रसिद्ध किस्मे

भारत में निम्बू की कई प्रकार की किस्मे उगाई जाति हैं जैसे कागजी निम्बू, गलगल निम्बू, यूरेका, और नेपाली नींबू। कागजी निम्बू सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है क्योंकि इसका रस अधिक होता है और ये काई व्यवसायिक प्रयोजन के लिए इस्तमाल होता है।

5. जमीन की तैयारी,

नींबू की खेती के लिए जमीन की अच्छी तरह से तैयारी जरूरी है। ज़मीन को गहराई में जोते और फिर जैविक खाद मिला कर मिट्टी को बेहतर बनाएं। ये पौधों को जरूरी पोषक तत्व मिलने के लिए सहायक होता है।

6. बिजाई (रोपण)

बिजाई के लिए दो मुख्य विधियां होती हैं: बीज के माध्यम से या फिर ग्राफ्टिंग और बडिंग की तकनीकों का उपयोग करके पौधों को लगाया जाता है। बीज को लगभग 2-3 सेमी गहराई में बोया जाता है और प्रत्येक पौधे के बीच 4-5 मीटर का अंतर रखें ताकि पौधों को अच्छी जगह मिल सके।

7. खाद (उर्वरक)

नींबू की अच्छी वृद्धि के लिए जैविक और अकार्बनिक खाद का उपयोग करें। दियारी खाद के साथ 200-250 ग्राम नाइट्रोजन, 150 ग्राम फास्फोरस और 50 ग्राम पोटाश प्रति दिन दिया जा सकता है। ये हर साल पेड़ों को खाद देना जरूरी होता है।

8. खरपतवार नियंतरण

Lamon farming में खरपतवार का नियंतरण बहुत जरूरी होता है। नियमित रूप से ज़मीन की गुड़ी करना और ज़रूरत पड़ेतो खरपतवार नियन्त्रक दवाइयों का इस्तमाल करना, निम्बू के पेड़ों को बेहतरीन तरह से उगने में मदद करता है।

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