Lemongrass ki kheti के लाभ, उपयोग, और उत्पादन की जानकारी। इस घास की खेती से किसानों को सालाना अच्छी कमाई की संभावना है। जानिए लेमनग्रास की खेती करने के उत्तम तरीके और उसके विभिन्न पहलुओं के बारे में।”
Lemongrass ki kheti: लेमनग्रास को आमभाषा में नींबू घास कहा जाता है। भारतीय लेमनग्रास के तेल में विटामिन ए और सिंट्राल की अधिकता होती है। लेमनग्रास से निकलने वाले तेल की बाजार में बहुत मांग है। लेमन ग्रास से निकले तेल को कॉस्मेटिक्स, साबुन और तेल और दवा बनाने वाली कंपनियां खरीद लेती हैं। यही वजह है कि किसानों का इस फसल की ओर रूझान भी बढ़ा है। किसान इसकी खेती करके मालामाल हो रहे हैं। खास बात यह है कि इस पर आपदा का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। इसकी फसल को पशु नहीं खाते हैं, इसलिए यह रिस्क फ्री फसल है।
इसकी रोपाई के बाद सिर्फ एक बार निराई करने की जरूरत पड़ती है, तो वहीं सिंचाई भी साल में 4 से 5 बार ही करनी पड़ती है। इसलिए इसकी काफी मांग बनी रहती है। 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने के वादे को पूरा करने की कवायद में जुटी भारत सरकार ने एरोमा मिशन के तहत जिन औषधीय और सगंध पौधों की खेती का रकबा बढ़ा रही है उसमें एक लेमनग्रास भी है। लेमन ग्रास का पौधा लगाने के बाद यह लगभग छह महीने में तैयार हो जाता है. उसके बाद हर 70 से 80 दिनों पर किसान इसकी कटाई कर सकते हैं। साल भर में इस पौधे की पांच से छह कटाई की जा सकती है
Lemongrass ki kheti के लाभ
- लेमनग्रास की खेती से किसानों को हर साल अच्छी कमाई की संभावना है।
- उन्नत तकनीकियों का उपयोग करके उचित देखभाल देने से उत्पादन में वृद्धि होती है।
- लेमनग्रास की खेती से न केवल किसानों को आर्थिक लाभ होता है, बल्कि यह उन्हें नए और सुदृढ़ व्यापारिक अवसरों का भी द्वार खोलती है।
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Lemongrass ki kheti के उपयोग
- मनग्रास की खेती करके किसानों को अच्छी कमाई की संभावना होती है।
- लेमनग्रास का उपयोग खुशबूदार तेल के रूप में होता है, जो सुगंधित प्रसाधनों में प्रमुख सामग्री के रूप में प्रयोग होता है।
- लेमनग्रास की पत्तियों का प्रयोग चाय, सूप, और पकोड़े में स्वादिष्ट स्वाद के लिए किया जाता है।