Makar Sankranti 2026 : कब हैं मकर संक्राति और जानें खिचड़ी पर स्नान-दान का मुहूर्त
Makar Sankranti 2026 आपके जीवन में काफी बदलाव ला सकती हैं , जिसके मुहूर्त और तारीख जानकार आप भी इस दिन सूर्य देवता की पूजा करके आप भी भगवान के अशीर्वाद ले सकते हैं | चलिए जानते हैं की कब हैं मकरसंक्राति और क्या हैं शुभ समय यहाँ जाने सभी जानकारी |
Makar Sankranti 2026
भारत में मनाए जाने वाले सभी त्योहारों में मकर संक्रांति का विशेष स्थान है। यह न केवल एक धार्मिक पर्व है बल्कि ऋतु परिवर्तन का प्रतीक भी है। इस दिन सूर्य देव अपनी दक्षिणायण यात्रा समाप्त कर उत्तरायण की ओर बढ़ते हैं, जिससे दिन बड़े और रातें छोटी होने लगती हैं। इसी के साथ मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है |
मकर सक्रांति पर किस देवता की पूजा होती है?
मकर संक्राति का दिन भगवान सूर्य देवता को समर्पित हैं , इस दिन सूर्य देवता को जल अर्पण करते हैं और सभी तिल की पूजा की पूजा की जाती हैं | इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रकट करते हैं , इस लिए इस दिन को सूर्य की पूजा होती हैं |
मकर संक्रांति का ज्योतिषीय महत्व
इस दिन सूर्य देव धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं। मकर राशि के स्वामी शनि देव हैं, जो सूर्य देव के पुत्र माने जाते हैं। पिता-पुत्र होने के बावजूद इनके बीच मतभेद की कथाएँ प्रसिद्ध हैं।
पौराणिक मान्यता के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव शनि देव से मिलने उनके घर जाते हैं। इसी कारण इस दिन सूर्य और शनि दोनों की आराधना का विशेष फल मिलता है।
Makar Sankranti Date and Time
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तिथि: 14 जनवरी 2026 (बुधवार)
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पुण्यकाल मुहूर्त: दोपहर 2:49 बजे से शाम 5:45 बजे तक
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महापुण्यकाल: दोपहर 2:49 बजे से 3:42 बजे तक
इस अवधि में स्नान, दान और सूर्य पूजा करना अत्यंत शुभ माना गया है।
मकर संक्रांति पर काले तिल का महत्व
काले तिल (तिलकुट) का मकर संक्रांति से गहरा संबंध है।
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार सूर्य देव ने गुस्से में शनि देव का घर जला दिया, जिससे सब कुछ भस्म हो गया। जब सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश कर शनि देव के घर पहुँचे, तो शनि देव ने काले तिल से उनका स्वागत किया। इससे प्रसन्न होकर सूर्य देव ने उन्हें कुंभ राशि प्रदान की, जो धन-धान्य से परिपूर्ण थी।
इसी कारण इस दिन काले तिल और गुड़ का प्रयोग शुभ व पवित्र माना जाता है।
मकर संक्रांति पर काले तिल से जुड़े 5 शुभ उपाय
1. स्नान में काला तिल मिलाएँ
मकर संक्रांति की सुबह स्नान करते समय जल में काला तिल मिलाएँ। इससे पापों का नाश होता है, शरीर शुद्ध होता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
2. तिल-गुड़ के लड्डू बनाकर परिवार संग खाएँ
इस दिन काले तिल और गुड़ से बने लड्डू बनाकर पूरे परिवार के साथ ग्रहण करें। इससे घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है तथा परिवार के सदस्य स्वस्थ रहते हैं।
3. सूर्य देव को जल अर्पित करें
स्नान के बाद तांबे के लोटे में जल लें और उसमें काले तिल मिलाकर सूर्य देव को अर्पित करें। इससे करियर और प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है और सूर्य की कृपा बनी रहती है।
4. तिल-गुड़ या खिचड़ी का दान करें
इस दिन दान करना अत्यंत पुण्यदायी होता है। काले तिल, गुड़, खिचड़ी, वस्त्र या अन्न का दान करने से सूर्य और शनि दोनों की कृपा प्राप्त होती है।
5. नजर दोष से मुक्ति के लिए उपाय
परिवार के सदस्यों की काले तिल से सात बार नजर उतारें और फिर उस तिल को उत्तर दिशा में फेंक दें। इससे बुरी नजर और नकारात्मकता दूर होती है।
निष्कर्ष
मकर संक्रांति न केवल सूर्य की उत्तरायण यात्रा की शुरुआत है, बल्कि यह दान, पुण्य और कृतज्ञता का पर्व भी है। इस दिन किए गए स्नान-दान और सूर्य पूजा से जीवन में सुख-शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि आती है।
काले तिल का प्रयोग हर रूप में शुभ है — चाहे वह स्नान में हो, दान में या भोजन में।
“तिल दान, सूर्य अराधन — जीवन में भरें प्रकाश और उन्नति।” 🌞