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Moong ki Kheti कैसे करे जानिये सम्पूर्ण जानकारी

Moong ki Kheti कैसे करे जानिये सम्पूर्ण जानकारी

क्या आप भी सोच रहे हैं कोई ऐसी फसल के बारे में जिसकी उपज जल्दी हो जाए और मुनाफ़ा भी हो जाए तो इस ब्लॉग की सहायता से आप इसकी खेती में होने वाली सभी जानकारी के साथ जुड़ेंगे तो पढ़ें हमारा ब्लॉग Moong ki Kheti और अगर आप हमारे इंस्टा चैनल से जुड़ना चाहते हैं तो यहां Click करें

  1. बीजों का चयन: उचित बीजों का चयन करें, जैसे Pant Moong और Pantura उरद।
  2. बुवाई और देखभाल: मूंग की बुवाई के लिए उचित समय चुनें, उचित खाद, जल, और उर्वरक का प्रयोग करें।
  3. रोग और कीट प्रबंधन: फसल को रोगों और कीटों से बचाने के लिए उचित उपाय अपनाएं।
  4. समय पर कटाई: मूंग की सही समय पर कटाई करें, उचित तरीके से फसल को संग्रहित करें।

इन उपायों का पालन करके, आप मूंग की खेती को सफलतापूर्वक कर सकते हैं।

Moong ki Kheti के लिए बीज की मात्रा

Moong ki Kheti

मूंग की खेती के लिए बीज की मात्रा और बीजोपचार के बाद कुछ महत्वपूर्ण तथ्य हैं। इसके अनुसार:

  • प्रति हेक्टेयर 25-30 किलो बीज की बुवाई के लिए पर्याप्त होगा।
  • बीज फफूंद नाशक दवा और कल्चर से उपचारित करना चाहिए।
  • मूंग की बुवाई 15 जुलाई तक कर देनी चाहिए।

इन तथ्यों के आधार पर, मूंग की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर 25-30 किलो बीज की बुवाई की जा सकती है

खेती के लिए मिट्टी

आप खेती कर रहे हैं तो इसके लिए मिट्टी आप हल्की दोमाट मिट्टी लो जो इसकी उपज के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है, जो पानी की निकासी में मदद करती हैं जिसकी सहायता से आप इसकी खेती सही से कर सकते हैं |

Moong ki Kheti के  फायदे

  • आर्थिक लाभ: मूंग की खेती से अच्छा उत्पादन होने से किसानों को आर्थिक लाभ मिलता है।
  • पोषण संदर्भ: मूंग एक पोषक दाल है जो उच्च पोषण मूल्य वाली भोजन सामग्री है।
  • पर्यावरण का संरक्षण: मूंग की खेती से पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचता और मिट्टी की उर्वरकता बनाए रखता है।
  • स्वास्थ्य लाभ: मूंग खाने से सेहत के लिए फायदेमंद होता है, क्योंकि इसमें प्रोटीन, विटामिन, और मिनरल्स होते हैं।

इस प्रकार, मूंग की खेती करने से किसानों को विभिन्न तरह के लाभ प्राप्त होते हैं।

Moong ki Kheti  कितने समय में होती है
  • मूंग की फसल एक कम अवधि में पकने वाली होती है, इसलिए दो धान्य फसलों के बीच की अवधि में उगाई जा सकती है
  • गंगोत्री (गंगा-8) जैसी किस्म लगभग 72 दिन में पक जाती है
  • एस.एम.एल. 668 किस्म जायद और खरीफ दोनों के लिए उपयुक्त है और 60 से 65 दिन में पकने वाली होती हैइसके आधार पर, मूंग की खेती कितने समय में होती है, इसका उत्तर विभिन्न किस्मों और उपयुक्त मौसम के आधार पर भिन्न हो सकता है।

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