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Muli Ki Kheti : कैसे करें खेती और क्या हैं इसके करने के तरीके

Muli Ki Kheti : कैसे करें खेती और क्या हैं इसके करने के तरीके

मूली, एक ऐसी सब्जी है जो ना सिर्फ स्वाद में अच्छी होती है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फ़ायदेमंद है। इसकी खेती से किसानो को अच्छी आमदनी मिल सकती है। आइए Muli ki kheti ब्लॉग में हम जानेंगे मुली की खेती के बारे में और इसे कैसे बेहतर बनाया जा सकता है।Muli ki kheti

Muli Ki Kheti Kaise Kare

मूली की खेती करने के लिए सबसे पहले सही जगह का चयन करना जरूरी है। मुली की खेती के लिए थोडे ठंडे मौसम की जरुरत होती है, क्योंकि सर्दी के महीने, जैसे अक्टूबर से मार्च तक, इसकी खेती करना सबसे अच्छा होता है। खेती से पहले, जमीन को अच्छे से तैयार करें और खेतों में गड्ढे खोदकर उन्हें बीजने के लिए तैयार करें।

Muli ki kheti ke liye mitti

मूली की खेती के लिए जलवायु ठंडा होना चाहिए। इसके लिए 15-20 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान बेहतर होता है। मिट्टी का चयन करते समय, दोमट या रेतीली दोमट मिट्टी बेहतर होती है। मिट्टी की pH 6.0 से 7.0 के बीच होनी चाहिए, जिससे मूली की अच्छी खेती हो सके।

Muli ki kism

मूली की खेती के लिए उन्नत किस्मो का चयन करना जरूरी है। हरियाणा पूसा, पूसा पत्तागोभी और व्हाइट आइसिकल जैसे हाइब्रिड बीज बेहतर होते हैं। इनसे आपको बेहतर कमाई मिलेगी और इनका स्वाद भी अच्छा होता है।

मूली की खेती कैसे करें

जमिन की तयारी करते वक्त, पहले गड्ढे खोद कर उन्हें 20-30 सेमी की गहराई तक खोदना है। फिर, मिट्टी को अच्छे से खोदकर उसमें जैविक खाद या खाद मिलाना चाहिए, जिससे जमीन की उपजाऊ शक्ति बढ़ सके। इससे ज़मीन की पोषक तत्व वैल्यू भी सुधर जाती है।

मूली के बीज

मूली के बीज लगभग 1-2 सेमी गहरा डालना चाहिए। बीजोन का गैप 15-20 सेमी होना चाहिए। बीज लगाते समय ध्यान रहे कि बीज अच्छे और स्वस्थ होने चाहिए, जिससे उनकी अच्छी खेती हो सके।

मूली के लिए खाद

मूली के लिए खाद का इस्तमाल करना जरूरी है। रासायनिक खाद का उचित समय, एनपीके (नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम) का सही मात्रा में उपयोग करें। जैविक खाद, जैसा वर्मीकम्पोस्ट या गाय का गोबर, भी बेहतर होता हैं और ये जमीन के लिए स्वस्थ होते हैं।

मूली की खेती

मूली की खेती में कीट प्रबंधन भी जरूरी है,एफिड्स, बीटल्स और व्हाइटफ्लाइज़ जैसे कीट अकरक्षण करते हैं। इनसे बचने के लिए, नीम का तेल या जैविक कीटनाशक का उपयोग बेहतर होता है। नियमित रूप से खेतों का जाइज़ा लेना भी जरूरी है।

 Paani kab lagaye

सिंचाई मूली की खेती में सिंचाई का ध्यान रखना भी बहुत महत्वपूर्ण है। पानी की कमी से मुली का स्वाद ख़राब हो सकता है। सिंचाई करने के लिए ड्रिप सिंचाई या स्प्रिंकलर सिस्टम का इस्तमाल करना अच्छा रहता है, जिसमें पानी की बचत भी होती है।

Muli ki kataai kab kare

जब मूली की जड़ें अच्छे से विकसित हो जाएं, तब इनकी कटाई का समय आ जाता है। मुली की कटाई करने का सही समय 25-30 दिन बाद होता है, जब उनकी साइज अच्छी हो जाएगी। कटाई के समय, एक अच्छी तेज़ चाकू या कटर का इस्तमाल करें, ताकी मुली बिना किसी नुक्सान के निकाली जा सके।

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