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Mungfali ki kheti: एक ऐसी तिलहन फसल जो मुनाफे के साथ मिटटी की गुणवत्ता सही करती हैं

Mungfali ki kheti

Mungfali ki kheti: एक ऐसी तिलहन फसल जो मुनाफे के साथ मिटटी की गुणवत्ता सही करती हैं

आज आप जानेंगे ऐसे तिलहन के बारे में जिसकी खेती से किसानों को अच्छे दाम भी मिलते हैं और उसकी खेती खेत की उपजाउ छमता को बढ़ाने में महतावपूर्ण भूमिका प्रदान करता हैं तो जानते हैं हमारे ब्लॉग से है Mungfali ki kheti जो आपको हर जानकारी देगा जो कि खेती में जरूरी है

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मूंगफली के बारे में

मुंगफली जिसे ग्राउंडनट भी कहते हैं एक प्रमुख तिलहन फसल हैं जो अपने अलग-अलग प्रयोग के लिए जानी जाती हैं इसमें विटामिन और प्रोटीन पाए जाते हैं और ये किसानो की आय को बढ़ाने का अच्छा स्रोत हैं क्योंकि ये टेल में, स्नैक्स में, बेकरी प्रोडक्ट में भी इस्तेमाल होता है

Mungfali Ki Kheti Ke Liye Mitti

मुंगफली के लिए हल्की दोमत मिट्टी अच्छी होती है क्योंकि अगर मिट्टी अलग होती है तो ड्रेनेज सिस्टम अच्छा नहीं होगा जिस से फसल खराब होने के उतने मौके रहेंगे | ज़मीन में उगने की वजह से Mungfali ki kheti में ये जानना बहुत जरूरी हैइसकी उपज को ध्यान में रखते हुए मिट्टी का पी.एच लेवल 6 से 7 के बीच में होना चाहिए जिस से ये अच्छी तरह से उपज दे सके

Mungfali Ki Kheti Sabse Jyada Kahan Hoti Hain

मूंगफली की खेती की बात करे तो इसकी खेती गुजरात में सबसे अधिक मात्रा में गुजरात 42 % का योग्यदान देता इसके अलावा अन्य राज्य जैसे महाराष्ट्र , उत्तरप्रदेश ,आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में मूंगफली सबसे ज्यादा होती हैं, क्योंकि ये जगह इसकी खेती के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती हैं | मूंगफली की खेती भारत के कुछ इलाकों में शुरू हो चुकी हैं जिस से वो बरसात से पहले तैयार हो जाए और उसे सुखाने में कोई परेशानी न सामने आये

मूंगफली की खेती का समय

खेती की बात करे तो जून और जुलाई के महीने में मूंगफली की बुवाई करने सबसे अच्छा माना जाता हैं | इसके अलावा कुछ इलाकों में गर्मी में मूंगफली की खेती भी की जा सकती हैं | वही अगर बरसात आने तक इसकी बुवाई करते हैं ,तो इलाकों में ज्यादा बारिश की वजह से मूंगफली ख़राब भी हो सकती हैं |

Mungfali Ki Kheti Kaise Karen

मूंगफली को कैसे निकालें

मूंगफली की फसल 120-130 दिनों में पूरा ही जाता है जब उसके पत्ते पीले पढ़ने लगे तो उन्हें तोड ले फिर उसके बाद उन्हें कुछ दिनों के लिए धूप मे रखे पर जिमदारी के साथ क्योंकि इस समय में बारिश भी आती है तो ये याद में जरूर रखे और अगर एक बार झड़ जाती है तो उन्हें धूप मे डाल दे जिस से वो अच्छी तरह से पक जाएगी और उनकी सब मिट्टी साफ हो जाएगी फिर आप उसको बाजार में बेच सकते हैं

मूंगफली कितने दिन में पक्का तैयार होती है?

अगर आप मूंगफली की खेती कर रहे हैं तो माना जाता है कि अच्छी मूंगफली 100 से 130 दिन में पक जाती है , और एक हेक्टेयर में 25 से 30 क्विंटल मूंगफली का पैदावार हो रही है |

मूंगफली के फायदे

मूंगफली बहुत ही पौष्टिक होती है और इसमें प्रोटीन, विटामिन बी, विटामिन ई, और खनिज जैसे मैग्नीशियम और फास्फोरस होती है। ये ह्रदय के लिए अच्छी होती है और कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करती है। मूंगफली में एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं जो कैंसर से लड़ने में सहायक होते हैं। इसका नाश्ते में इस्तेमल करने से वजन कम करने में भी मदद मिलती है, क्योंकि इसमें फाइबर का अच्छा मात्रा होता है।

हमारे द्वारा बताई गइ जानकारी आपको इसकी खेती में जरूर मदद करेगी अगर आप खेती से जुड़ी और भी जानकारी जानना चाहते हैं तो हमारी वेबसाइट Aapkikheti.com पर जरूर जाएं जहां आपको खेती से जुड़ी हर जानकारी मिलेगी और अगर इंस्टाग्राम से भी जुड़ना चाहते हैं तो यहां पर क्लिक करें

FAQ’s Related to Mungfali ki kheti

किसानों के लिए मूंगफली  की खेती के मुख्य लाभ क्या हैं?

मूंगफली की खेती किसानों के लिए फायदेमंद है क्योंकि इससे न केवल बाजार में लाभकारी मूल्य मिलता है बल्कि मिट्टी की गुणवत्ता भी बढ़ती है। मूंगफली में विटामिन और प्रोटीन जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं, जो उन्हें खाद्य और तेल उत्पादन दोनों के लिए मूल्यवान बनाते हैं। इसके अतिरिक्त, मूंगफली उगाने से नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ने से मिट्टी की उर्वरता में सुधार होता है।

मूंगफली की खेती के लिए किस प्रकार की मिट्टी सबसे अच्छी है?

मूंगफली की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली हल्की दोमट मिट्टी आदर्श है। चूंकि मूंगफली जमीन के नीचे उगती है, इसलिए जलभराव को रोकने के लिए अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी का होना आवश्यक है, जो फसल को नुकसान पहुंचा सकती है। इष्टतम विकास सुनिश्चित करने के लिए मिट्टी का पीएच स्तर 6 से 7 के बीच होना चाहिए।

भारत में मूंगफली की खेती सबसे अधिक किस क्षेत्र में प्रचलित है?

मूंगफली की खेती राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश जैसे क्षेत्रों में अत्यधिक प्रचलित है। ये राज्य उपयुक्त जलवायु और मिट्टी की स्थिति प्रदान करते हैं, जो उन्हें मूंगफली की खेती के लिए आदर्श बनाते हैं।

मूंगफली के लिए आदर्श रोपण और अंतराल विधि क्या है?

मूंगफली के बीज बोने का सबसे अच्छा समय जून से जुलाई तक है। मिट्टी को गहराई से जोतना चाहिए, यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई बड़ा ढेर न बचे, और बीजों को 5-6 सेमी की गहराई पर बोना चाहिए, बीजों के बीच लगभग 20-25 सेमी की दूरी होनी चाहिए। स्वस्थ विकास के लिए नियमित सिंचाई भी आवश्यक है।

मूंगफली की कटाई कैसे और कब करनी चाहिए?

मूंगफली 120-130 दिनों के भीतर कटाई के लिए तैयार हो जाती है। जब पौधे की पत्तियाँ पीली पड़ने लगें, तो उन्हें उखाड़कर कुछ दिनों के लिए धूप में सूखने के लिए छोड़ देना चाहिए। इस दौरान बारिश से बचने का ध्यान रखना चाहिए। एक बार जब मूंगफली सूख जाती है और मिट्टी साफ हो जाती है, तो वे बिक्री के लिए तैयार हो जाती हैं।

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