नवंबर में की जाने वाली खेती : इस नवंबर उगाये अपने खेत में इन चीज़ों को
क्या आप जानना चाहते हैं कि नवंबर के महीने में कौनसी फसलों की खेती करनी चाहिए जिससे ठंड के मौसम में आपको अच्छा उत्पादन और मुनाफा दोनों मिल सके? तो पढ़िए हमारा ये ब्लॉग नवंबर में की जाने वाली खेती, जिसमें हम बताएंगे कि नवंबर में कौनसी फसल बोने से किसानों को अधिक लाभ मिलता है। भारत में नवंबर का महीना खेती के लिहाज से बेहद खास माना जाता है क्योंकि इस समय रबी फसलों की बुवाई शुरू होती है। मौसम ठंडा, मिट्टी में नमी, और सिंचाई की बेहतर सुविधा होने से कई प्रकार की फसलों की खेती सफलतापूर्वक की जा सकती है। चलिए जानते हैं नवंबर में की जाने वाली प्रमुख फसलों के बारे में
जाने नवंबर में की जाने वाली खेती के बारे में
1. गेहूं
गेहूं नवंबर में बोई जाने वाली सबसे प्रमुख रबी फसल है, इसे ठंडा मौसम और उपजाऊ दोमट मिट्टी बेहद पसंद होती है। बुवाई के लिए नवंबर का पहला पखवाड़ा सबसे उपयुक्त समय है। बीज की मात्रा प्रति हेक्टेयर लगभग 100–125 किलोग्राम होती है , कटाई मार्च–अप्रैल में की जाती है। गेहूं में प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट और खनिज पदार्थ भरपूर होते हैं। यह भारत की प्रमुख खाद्यान्न फसल होने के साथ किसानों के लिए स्थायी आय का स्रोत है।
2. जौ
जौ की खेती भी नवंबर में शुरू होती है और यह गेहूं के समान मौसम में अच्छी पनपती है। यह फसल ठंडे और सूखे क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है। इसकी फसल लगभग 120 दिनों में तैयार हो जाती है, जौ का उपयोग बीयर, दलिया, बिस्किट और पशु आहार के रूप में किया जाता है। कम लागत और कम सिंचाई में बेहतर उत्पादन देने के कारण यह किसानों के लिए लाभदायक फसल है।
3. चना
चना एक प्रमुख दलहन फसल है जो मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाती है। इसे दोमट या हल्की दोमट मिट्टी की आवश्यकता होती है। चना नवंबर के पहले सप्ताह में बोना सर्वोत्तम रहता है।इसकी फसल लगभग 4 महीने में तैयार होती है।चना प्रोटीन का मुख्य स्रोत है और इसका दाल, बेसन, और हरा चना के रूप में प्रयोग किया जाता है। कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाली फसलों में चना अग्रणी है।
4. सरसों
सरसों की खेती नवंबर में करना बहुत लाभकारी रहता है क्योंकि यह ठंडे मौसम में अच्छी उपज देती है। इसे जल निकासी वाली दोमट मिट्टी पसंद होती है। बीज की मात्रा लगभग 5–6 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर रखनी चाहिए। फसल लगभग 120 दिनों में तैयार होती है।सरसों से तेल, खली, और पशु चारा तैयार किया जाता है। यह किसानों के लिए एक नकदी फसल (Cash Crop) के रूप में प्रसिद्ध है।
5. अलसी
अलसी की खेती नवंबर में रबी फसल के रूप में की जाती है। यह फसल ठंडे और शुष्क मौसम में अच्छी बढ़ती है। इससे तेल निकाला जाता है जो हृदय और त्वचा के लिए लाभदायक होता है।इसके अलावा अलसी के बीज का उपयोग औषधियों और कॉस्मेटिक उद्योग में भी होता है। कम लागत में अधिक उत्पादन देने वाली यह एक महत्वपूर्ण तिलहन फसल है।
6. प्याज
नवंबर में प्याज की बुवाई करने से मार्च–अप्रैल तक कटाई हो जाती है। यह फसल गर्म और ठंडे दोनों मौसम को सहन कर सकती है।
बीज की मात्रा लगभग 10 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर रखनी चाहिए। प्याज का उपयोग सब्जी, अचार और मसाले के रूप में किया जाता है।
यह फसल किसानों के लिए आय का स्थिर स्रोत बन सकती है।
7. आलू
आलू की बुवाई नवंबर के पहले सप्ताह में करने से बेहतर उपज मिलती है। ठंडा मौसम और नमी इस फसल के लिए आदर्श है।
यह 90 से 100 दिनों में तैयार हो जाती है। आलू एक बहुपयोगी फसल है जो पूरे साल बाजार में बिकती है।इसकी खेती से किसान आसानी से मुनाफा कमा सकते हैं।
8. मसूर दाल
मसूर की खेती नवंबर में की जाती है और यह कम पानी वाली फसलों में आती है, यह मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में मदद करती है। फसल 100–120 दिनों में तैयार होती है। मसूर प्रोटीन से भरपूर होती है और इसके दाने का उपयोग दाल व स्नैक्स में किया जाता है।कम लागत और उच्च पोषण मूल्य वाली यह फसल किसानों के लिए उत्तम विकल्प है।
9. गन्ना
गन्ना एक प्रमुख नगदी फसल है, जिसकी बुवाई नवंबर से लेकर फरवरी तक की जा सकती है, लेकिन नवंबर का महीना इसकी शुरुआती बुवाई के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। यह गर्म और नमी वाली जलवायु में अच्छी तरह बढ़ता है, लेकिन बुवाई के समय हल्की ठंड गन्ने की जड़ों को मजबूती देती है। गन्ने की खेती के लिए गहरी दोमट या जल निकासी वाली मिट्टी सर्वोत्तम होती है।
इसके लिए खेत को अच्छी तरह जोतकर गोबर की खाद या जैविक खाद डाली जाती है। बुवाई के लिए गन्ने के टुकड़े (सेट्स) इस्तेमाल किए जाते हैं जिनमें 2–3 आँखें (buds) होती हैं। बीज की मात्रा लगभग 25–30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रखनी चाहिए। गन्ने की फसल 10 से 12 महीनों में तैयार हो जाती है। इस दौरान सिंचाई और निराई-गुड़ाई नियमित रूप से करनी चाहिए। कटाई के बाद गन्ने से गुड़, शक्कर, शीरा (molasses) और इथेनॉल जैसे कई उत्पाद बनाए जाते हैं। गन्ना न केवल किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाता है, बल्कि इसके अवशेष (Bagasse) का उपयोग बिजली उत्पादन और कागज उद्योग में भी किया जाता है।
इसलिए गन्ने की खेती को “हर मौसम की मुनाफेदार खेती” कहा जाता है।