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पराली के बदले गोवंश खाद योजना: पराली के बदले गोबर की खाद दे रही सरकार जाने

'पराली के बदले गोवंश खाद योजना-Aapkikheti.com

पराली के बदले गोवंश खाद योजना: पराली के बदले गोबर की खाद दे रही सरकार जाने

उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की समस्या हर साल प्रदूषण का बड़ा कारण बनती है। खासकर फसल कटाई के मौसम में हवा जहरीली हो जाती है। इसी समस्या से निपटने के लिए यूपी सरकार ने एक बेहद सकारात्मक और अनोखी योजना की शुरुआत की है। अब किसानों को पराली जलाने पर सज़ा नहीं, बल्कि उसका फायदा मिलेगा! ये ब्लॉग जरूर पराली के बदले गोवंश खाद योजना

पराली के बदले गोवंश खाद‘ योजना में क्या है खास?

इस नई योजना के तहत किसानों से खेतों में बची पराली इकट्ठा करके गोशालाओं में देने के लिए कहा गया है। जिस से पशुओं के लिए खाने के लिए भूषा भी बना सकते हैं , इसके बदले किसानो को उच्च गुणवत्ता वाली गोबर खाद उपलब्ध कराई जाएगी , जिसका प्रयोग वो खेती की उपजाऊ छमता बढ़ाने के लिए कर सकते हैं | जिस से ना ही प्रदुषण होगा और पशुओं की भी मदत होगी

गोशालाओं में पराली का उपयोग:

इससे पराली जलाने की ज़रूरत खत्म होगी और प्रदूषण भी कम होगा।

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किसानों को कैसे मिलेगा फायदा?

सरकार का मकसद किसानों को समझाना है कि पराली कोई कचरा नहीं, बल्कि लाभदायक संसाधन है।

सरकार की सख्ती और तैयारी

लखनऊ में हुई समीक्षा बैठक में पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं:

इसके अलावा सीएसआर फंड से गोशालाओं में “गो काष्ठ-मोक्ष दंडिका” बनाने वाली मशीनें लगाई जाएंगी।
यह गोबर से लकड़ी का विकल्प तैयार करेगी – जिससे पर्यावरण को अतिरिक्त लाभ मिलेगा।

पशुपालन को आधुनिक बनाने की तैयारी

 योजना के फायदे

यूपी सरकार की यह पहल प्रदूषण नियंत्रण के साथ-साथ किसानों की आय बढ़ाने और खेतों की मिट्टी सुधारने के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। पराली जलाना बंद हो संसाधन का सदुपयोग बढ़े — तो प्रकृति और किसान दोनों की जीत होगी! 🌍💚

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