Polyhouse Farming: इस तकनीक से किसी भी मौसम में कर सकते हैं खेती
क्या आपको भी खेती में मौसम के बदलाव होने के अनुसार काफी नुक्सान होता हैं , जिसमे आपको सर्दियों में पाला और कभी गर्मियों में कड़ी धुप होने की वजह से फसलों को काफी नुक्सान होता हैं , और वही कभी कीट पतंगे , तो कभी प्राकर्तिक आपदा जिसकी वजह से किसानो को भी काफी नुक्सान होता हैं और उनकी बनी बनाई फसल बर्बाद हो जाती हैं , तो कभी कभी आपके एरिया में किसी चीज़ की खेती ज्यादा होने से उसके दाम घट जाते हैं | जिसकी वजह से किसान अपनी मेहनत से करी गयी खेती का अच्छा दाम नहीं मिल पाता इस वजह से किसान अपनी खेती से खुश नहीं हो पता हैं | पर हमारा ये ब्लॉग polyhouse farming आपको इस तरह की खेती के बारे में हर जानकारी प्रदान करेगा जिसकी मदत से आप इसके बारे में और अधिक जानकारी पा सकेंगे |
Polyhouse Farming के बारे में जाने अधिक से अधिक से जानकारी
पॉलीहाउस में कौन-कौन सी खेती की जा सकती है?
पॉलीहाउस खेती एक आधुनिक और उन्नत तकनीक है, जिसके माध्यम से मौसम की मार से बचकर नियंत्रित वातावरण में फसलों की शानदार उपज ली जा सकती है। इसमें तापमान, नमी, प्रकाश और कीट नियंत्रण को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। आइए जानते हैं पॉलीहाउस में कौन-कौन सी फसलें सबसे अधिक सफलतापूर्वक उगाई जा सकती हैं।
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सब्जियों की खेती
पॉलीहाउस में सब्जियों की खेती बेहद लाभकारी मानी जाती है। इसमें कम समय में अधिक उपज मिलती है, साथ ही फसलों की गुणवत्ता भी बेहतरीन होती है। मुख्य सब्जियां:
- टमाटर (Tomato) – उच्च गुणवत्ता और रोगमुक्त उत्पादन
- शिमला मिर्च (Capsicum) – रंगीन किस्मों की विशेष मांग
- खीरा (Cucumber) – कम समय में तैयार होने वाली फसल
- बैंगन (Brinjal) – नियंत्रित वातावरण में बेहतर आकार और स्वाद
- लेट्यूस और पत्तेदार सब्जियां – सलाद की खेती के लिए उपयुक्त
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फूलों की खेती
फूलों की खेती पॉलीहाउस में करने से उनकी गुणवत्ता और सौंदर्य में वृद्धि होती है। यह खेती निर्यात और फूलों के व्यापार के लिए बेहद लाभदायक है।
- गुलाब – लंबे समय तक ताजगी बनाए रखने वाला
- गेंदा – धार्मिक और सजावटी उपयोग में लोकप्रिय
- जर्बेरा (Gerbera) – आकर्षक रंग और आकार के कारण मांग में
- ग्लैडियोलस (Gladiolus) – सजावट और गुलदस्तों में प्रयोग
- कार्नेशन (Carnation) – विशेष अवसरों के लिए आदर्श फूल
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फलों की खेती
पॉलीहाउस में कुछ फलों की खेती भी बेहद सफलतापूर्वक की जाती है, विशेष रूप से उन फलों की जो नाजुक होते हैं या विशेष जलवायु की मांग रखते हैं।
- स्ट्रॉबेरी – मीठा स्वाद और आकर्षक रंग, उच्च बाजार मूल्य
- अंगूर (Grapes) – बीज रहित किस्में पॉलीहाउस में आसानी से उगाई जा सकती हैं
- अंजीर (Fig) – सीमित स्थान में भी अच्छी उपज
- कीवी (Kiwi) – ठंडी जलवायु में पॉलीहाउस में सफलतापूर्वक उगाई जाती है
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औषधीय पौधों की खेती
पॉलीहाउस में औषधीय पौधों की खेती करने से उनकी शुद्धता बनी रहती है और उत्पादन में स्थिरता रहती है।
- तुलसी (Tulsi) – आयुर्वेदिक औषधियों में अत्यधिक उपयोगी
- एलोवेरा (Aloe Vera) – कॉस्मेटिक और औषधीय उद्योग में मांग
- अश्वगंधा – शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी
- स्टीविया (Stevia) – प्राकृतिक मिठास का स्रोत, डायबिटिक रोगियों के लिए फायदेमंद
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हाइड्रोपोनिक और हाई–टेक खेती
पॉलीहाउस में हाइड्रोपोनिक तकनीक अपनाकर बिना मिट्टी के फसलों को उगाया जा सकता है। इससे जल की काफी बचत होती है और पौधे तेजी से बढ़ते हैं।
- पालक, मेथी, धनिया और लेट्यूस जैसी पत्तेदार सब्जियां
- सूक्ष्म साग (Microgreens) – सुपरफूड की श्रेणी में आते हैं
- सलाद पत्ते – रेस्तरां और निर्यात बाजार में भारी मांग
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पॉलीहाउस खेती के फायदे
- मौसम पर निर्भरता कम होती है
- फसलें रोगों से सुरक्षित रहती हैं
- जल और उर्वरकों की बचत
- साल भर उत्पादन की सुविधा
- छोटे क्षेत्र में अधिक उत्पादन
- बेहतर गुणवत्ता वाली उपज
Polyhouse cost for 1 acre
अगर आपके पास एक एकड़ खेत हैं और आप उसमे पोलीहाउस लगाना चाहते हैं जिससे खेती में बढ़ोंतरी मिल सके , तो जाने की एक एकड़ की कीमत 32 लाख से लेकर 44.5 लाख तक का खर्चा आता हैं और बात करे polyhouse cost per sq ft की तो ये लगबग 600 से 4000 sq मीटर पड़ता हैं जो की प्रकार के ऊपर निर्भर करता हैं |
Polyhouse Farming Onilne Registration Process
- कृषि विभाग की वेबसाइट या नजदीकी कृषि कार्यालय/हॉर्टिकल्चर विभाग में जाएं , जहाँ आपको इसकी जानकारी मिलेगी
- इसके बाद आपको सरकार की ऑनलाइन वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना हैं ध्यान रहे सरकार की और राज्य के पोर्टल अलग होते हैं |
- इसके बाद आपको अपने सभी दस्तावेज अपलोड करने हैं और प्रोजेक्ट रिपोर्ट संलग्न करें।
- आवेदन सबमिट होने के बाद आपको कृषि विभाग की अधिकारी साइट का निरीक्षण करना हैं आपको आगे की सभी जानकारी प्राप्त होगी
- आपके आवेदन की स्वीकृति मिलने परआपको पॉलीहाउस लगाने की अनुमति मिल जायेगी जिसमे आपको सब्सिडी भी मिलेगी
- पॉलीहाउस पूरा होने के बाद निरीक्षण होगा और फिर सब्सिडी की राशि आपके बैंक खाते में भेजी जाएगी।
पोलीहॉउस में कितनी सब्सिडी मिलती हैं
पोलीहॉउस में सब्सिडी का अहम् हो जाता हैं क्योंकि आज के समय में पोलीहॉउस की कीमत 40 से 50 लाख तक तो जाती ही हैं पर कीमत खेती के अनुसार भी बदल सकती हैं | इसमें सरकार निम्न रूप से अलग अलग रूप से सब्सिडी भी देती हैं | जिसमे अगर मानों तो सरकार 40 लाख की कीमत में 20 लाख की सब्सिडी भी देती हैं |
Types of Polyhouse Farming in India
भारत में पॉलीहाउस खेती तेजी से लोकप्रिय हो रही है, क्योंकि यह किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, कीटों और मौसम के उतार-चढ़ाव से बचाकर बेहतर उत्पादन की सुविधा देती है। आइए जानते हैं भारत में इस्तेमाल किए जाने वाले प्रमुख पॉलीहाउस के प्रकार
Naturally Ventilated Polyhouse
यह सबसे सामान्य और किफायती प्रकार का पॉलीहाउस होता है, जिसमें तापमान, नमी और प्रकाश प्राकृतिक रूप से नियंत्रित होते हैं। इसमें बिजली या किसी विशेष नियंत्रण प्रणाली की आवश्यकता नहीं होती।
उपयुक्त उपयोग:
- छोटे और मध्यम किसान
- सब्जियों व फूलों की पारंपरिक खेती
इसके मुख्य लाभ
- कम लागत में तैयार
- रखरखाव आसान
- प्राकृतिक वेंटिलेशन से पौधों की अच्छी वृद्धि
Fully Controlled Environment Polyhouse
यह अत्याधुनिक पॉलीहाउस होता है जिसमें तापमान, आर्द्रता, प्रकाश, वेंटिलेशन और सिंचाई की संपूर्ण व्यवस्था सेंसर और कंट्रोल सिस्टम के माध्यम से होती है। इसे ‘हाई-टेक पॉलीहाउस’ भी कहा जाता है।
उपयुक्त उपयोग:
- विदेशी सब्जियाँ, फूलों व फलों की खेती
- निर्यात और व्यवसायिक खेती करने वाले किसान
इसके मुख्य लाभ
- पूरे साल उत्पादन की सुविधा
- उच्च गुणवत्ता और अधिक उपज
- श्रम की आवश्यकता बहुत कम
Shade Net House
इसमें पॉली शीट की बजाय नेट का प्रयोग किया जाता है जो पौधों को तेज धूप, बारिश और कीटों से सुरक्षा प्रदान करता है। यह संरचना विशेष रूप से छायादार वातावरण के लिए उपयुक्त होती है।
उपयुक्त उपयोग:
- नर्सरी, फूलों की खेती
- कुछ खास सब्जियाँ जैसे धनिया, पालक आदि
इसके मुख्य लाभ
- नियंत्रित छाया और बेहतर प्रकाश प्रवाह
- कम लागत में टिकाऊ विकल्प
- रोगों और कीटों से सुरक्षा
Low Tunnel Polyhouse
यह छोटे आकार की सुरंग जैसी संरचना होती है, जो खासकर पौधों की शुरुआती अवस्था में उन्हें मौसम की मार से बचाने के लिए बनाई जाती है।
उपयुक्त उपयोग:
- शुरुआती सब्जियों की खेती – टमाटर, ककड़ी, तरबूज आदि
- रबी सीजन में बीज अंकुरण के लिए
इसके मुख्य लाभ
- सर्दी या गर्मी से सुरक्षा
- अंकुरण दर में सुधार
- निर्माण लागत बेहद कम
Walk-in Tunnel Polyhouse
यह लो टनल से अधिक ऊँचाई वाला होता है, जिसमें किसान खड़े होकर आराम से खेती का सारा कार्य कर सकते हैं। यह संरचना अच्छी वेंटिलेशन और कार्य सुविधा के लिए बनाई जाती है।
उपयुक्त उपयोग:
- मध्यम स्तर की खेती
- उन किसानों के लिए जो कम लागत में संरक्षित खेती करना चाहते हैं
इसके मुख्य लाभ :
- कार्य करने में आसानी
- बेहतर वेंटिलेशन
- रोग और कीट नियंत्रण में मददगार