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Potato crop disease : पहचान और रोकथाम

Potato crop disease : पहचान और रोकथाम

Potato crop disease

आलू, भारत में सबसे अधिक उगाई जाने वाली फसलों में से एक है, लेकिन इसे कई प्रकार के रोग प्रभावित करते हैं। इन रोगों की सही जानकारी और उनकी रोकथाम फसल की अच्छी पैदावार के लिए बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं Potato crop disease, उनकी पहचान और रोकथाम के उपाय।

1. अर्ली ब्लाइट (झुलसा रोग)

लक्षण:

1. पत्तियों पर गहरे भूरे रंग के गोल धब्बे।
2. रोग बढ़ने पर पत्तियां झड़ने लगती हैं।

रोकथाम:

1. प्रतिरोधी किस्मों का चयन करें।
2.फसल पर मैनकोज़ेब या क्लोरोथालोनिल का छिड़काव करें।

2. लेट ब्लाइट (देरी से झुलसा)

लक्षण:

1. पत्तियों और तनों पर पानी जैसे गीले धब्बे।
2. संक्रमित हिस्से काले होकर सड़ने लगते हैं।

रोकथाम:

1. रोग रोधी किस्में उगाएं।
2. मेटालेक्सिल और मैनकोज़ेब का छिड़काव समय पर करें।
3. खेत में पानी जमा न होने दें।

3. काला सड़न (ब्लैक स्कर्फ)

लक्षण:

1. कंदों की सतह पर काले धब्बे।
2. धों की वृद्धि रुक जाती है।

रोकथाम:

1. स्वस्थ बीजों का उपयोग करें।
2. खेत में फसल चक्र अपनाएं।
3. कार्बेन्डाज़िम का छिड़काव करें।

4. वायरस जनित रोग

लक्षण:

1. पौधों में पत्तियां मुरझा जाती हैं और आकार छोटा हो जाता है।
2. आलू के कंद छोटे और खराब हो जाते हैं।

रोकथाम:

1. वायरस मुक्त बीजों का चयन करें।
2. सफेद मक्खी और अन्य कीटों पर नियंत्रण रखें।
3. कीटनाशकों का उपयोग करें।

5. पाउडरी स्कैब

लक्षण:

1. कंदों पर धूल जैसे दानेदार धब्बे।
2. मिट्टी में फंगस का प्रकोप।

रोकथाम:

1.  प्रभावित मिट्टी में आलू की खेती से बचें।
2. खेत में जल निकासी सुनिश्चित करें।

6. जड़ गलन रोग

लक्षण:

1. पौधों की जड़ें गल जाती हैं।
2. पौधे पीले पड़ने लगते हैं और धीरे धीरे सूख जाते हैं।

रोकथाम:

1. फसल चक्र अपनाएं।
2. ट्राइकोडर्मा आधारित जैविक उपचार का प्रयोग करें।
3. फसल की देखभाल के सुझाव
4. खेत में जल निकासी का ध्यान रखें।
5. समय-समय पर खेत की निगरानी करें।
6. पौधों के बीच पर्याप्त दूरी रखें।
7. संतुलित उर्वरकों का उपयोग करें।
8. बीजों को फफूंदनाशक से उपचारित करके बोएं।

पढ़िए यह ब्लॉग  Aloo Bukhara Ki Kheti Kaise karen : जिसके फायदे और खेती से जुडी बातें यहाँ जानें

FAQs : Potato crop disease

आलू की फसल में सबसे सामान्य रोग कौन-कौन से हैं?
उत्तर: आलू की फसल में अर्ली ब्लाइट, लेट ब्लाइट, काला सड़न, वायरस जनित रोग, पाउडरी स्कैब और जड़ गलन रोग सामान्य हैं।

अर्ली ब्लाइट रोग को रोकने के लिए क्या करें?
उत्तर: प्रतिरोधी किस्मों का चयन करें और मैनकोज़ेब या क्लोरोथालोनिल का छिड़काव करें।

लेट ब्लाइट रोग की रोकथाम के लिए कौन-कौन से उपाय हैं?
उत्तर: रोग रोधी किस्में उगाएं, मेटालेक्सिल और मैनकोज़ेब का छिड़काव करें, और खेत में पानी जमा न होने दें।

काला सड़न से बचाव के लिए क्या करना चाहिए?
उत्तर: स्वस्थ बीजों का उपयोग करें, फसल चक्र अपनाएं, और कार्बेन्डाज़िम का छिड़काव करें।

आलू की फसल को वायरस जनित रोगों से कैसे बचाया जा सकता है?
उत्तर: वायरस मुक्त बीजों का चयन करें, सफेद मक्खी और कीटों पर नियंत्रण रखें, और कीटनाशकों का उपयोग करें।

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