Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojna (PMSY) मत्स्य पालन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक पहल है। इस योजना का उद्देश्य मछली उत्पादन, उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार करना, बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण करना, कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करना और मछुआरों और मछली किसानों की आय में वृद्धि करना है। यह टिकाऊ और जिम्मेदार मछली पकड़ने की प्रथाओं, जलीय कृषि को बढ़ावा देने और मत्स्य पालन क्षेत्र में शामिल लोगों के कल्याण को सुनिश्चित करने पर केंद्रित है। PMMSY को मत्स्य पालन क्षेत्र के समग्र विकास को बढ़ावा देने, खाद्य सुरक्षा, रोजगार सृजन और आर्थिक विकास में योगदान देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
1. परिचय
भारत में मछली पालन उद्योग को प्रोत्साहन देने और मछुआरों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2020 में Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojna की शुरुआत की। यह योजना आत्मनिर्भर भारत अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका मुख्य उद्देश्य मछली उत्पादन को बढ़ावा देना, मछुआरों की आय में वृद्धि करना और सतत मत्स्य पालन को प्रोत्साहित करना है। इस ब्लॉग में हम PMMSY के मुख्य बिंदुओं, इसके लाभों और इसके कार्यान्वयन के बारे में चर्चा करेंगे।
2. योजना का उद्देश्य
Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojna के निम्नलिखित प्रमुख उद्देश्य हैं:
- मछली उत्पादन में वृद्धि: वर्ष 2024-25 तक मछली उत्पादन को 22 मिलियन टन तक बढ़ाना।
- आय में वृद्धि: मछुआरों और मछली किसानों की आय को दोगुना करना।
- नौकरी के अवसर: 55 लाख से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा करना।
- सतत विकास: सतत और जिम्मेदार मछली पालन और मत्स्य प्रबंधन को बढ़ावा देना।
- निर्यात बढ़ाना: मछली और मछली उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देना और 2024-25 तक इसे 1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाना।
3. योजना की मुख्य विशेषताएँ
- वित्तीय सहायता: इस योजना के तहत मछुआरों, मछली किसानों, और अन्य संबंधित हितधारकों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इसमें मत्स्य पालन के लिए आधारभूत संरचना, जलीय कृषि, बीज उत्पादन, और बाजार सुविधाओं के लिए अनुदान शामिल हैं।
- आधारभूत संरचना का विकास: मत्स्य पालन के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे का विकास, जैसे कोल्ड स्टोरेज, प्रोसेसिंग यूनिट, मछली पकड़ने के हार्बर, और लैंडिंग सेंटर, पर विशेष ध्यान दिया गया है।
- तकनीकी सहायता और प्रशिक्षण: मछुआरों और मछली किसानों को आधुनिक तकनीकों, सतत प्रथाओं, और बेहतर प्रबंधन तकनीकों के बारे में प्रशिक्षण दिया जाता है।
- पोषण सुरक्षा: ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में मछली आधारित पोषण सुरक्षा को बढ़ावा देना, जिससे स्थानीय स्तर पर मछली की खपत को बढ़ावा मिल सके।
- सामुदायिक विकास: मछुआरा समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए सामुदायिक विकास कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
4. योजना के लाभ
- आर्थिक विकास: इसके माध्यम से मछुआरों की आय में वृद्धि होगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
- रोजगार के अवसर: मत्स्य पालन और संबद्ध गतिविधियों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, जिससे ग्रामीण बेरोजगारी की समस्या को कम किया जा सकेगा।
- निर्यात में वृद्धि: मछली और मछली उत्पादों के निर्यात में वृद्धि से देश के विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि होगी, जिससे राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
- सतत विकास: योजना के तहत सतत और जिम्मेदार मछली पालन को बढ़ावा दिया जाता है, जिससे प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण हो सके और पर्यावरण संतुलन बना रहे।
- पोषण सुरक्षा: ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में मछली आधारित पोषण सुरक्षा को बढ़ावा मिलने से कुपोषण की समस्या को दूर किया जा सकेगा।
- बजट में वृद्धि: वर्ष 2024-25 के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) के लिए 2,352 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं; यह आवंटन वर्ष 2023-24 के दौरान किए गए 1,500 करोड़ रुपये के आवंटन से 56% अधिक है।
5. निष्कर्ष
Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojna भारत के मछली पालन उद्योग में एक क्रांतिकारी कदम है। इससे न केवल मछली उत्पादन और निर्यात में वृद्धि होगी, बल्कि मछुआरों और मछली किसानों की आय में भी वृद्धि होगी। सतत और जिम्मेदार मछली पालन को प्रोत्साहित करके, यह योजना पर्यावरण संतुलन और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। कुल मिलाकर, PMMSY भारत के मछली पालन उद्योग को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।