Site icon aapkikheti

Shimlamirchi ki kheti kaise kare जानें मुनफा और कमाई

Shimlamirchi ki kheti kaise kare जानें मुनफा और कमाई

Shimlamirchi ki kheti kaise kare शिमला मिर्च की वैज्ञानिक खेती से किसान लाखों रुपये कमा सकते हैं। पौधा रोपाई के 75 दिन बाद उत्पादन देना शुरू कर देता है। 300 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन होता है। औसत मूल्य प्रति किलो लगभग 100 रुपये है।

शिमला मिर्च अक्सर दूसरी सब्जियों की तुलना में अधिक महंगा होता है। जिन किसानों ने यह समझ लिया है, वे आज अच्छी कमाई कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में शिमला मिर्च की खेती करने वाले बहुत से किसान हैं। यहां के किसानों ने बनाई शिमला मिर्च दिल्ली से आगरा तक पहुंचती है। कमल भी किसान हैं। उनका कहना है कि यह खेती अधिक मुनाफा देती है। इसकी खेती से किसानों की आय बढ़ती है।

इसकी खेती आम सब्जियों की तरह हर तरह की जलवायु में होती है। किसानों को अच्छी फलत से भरपूर आय मिलती है। किसान ने बताया कि एक हेक्टेयर खेत में गोबर की खाद डालने के बाद में उसकी जुताई की। उसके बाद, खरपतवार को बाहर निकालने, पाटा लगाने, बैक्टीरिया नाशक दवाओं का छिड़काव करने और शिमला मिर्च की खेती शुरू करने का काम किया गया।

हमारे इंस्टाग्राम चैनल पर जायें https://www.instagram.com/aapki_kheti?igsh=MWl5cGd3dGd5cXloOA==

ड्रिप इरीगेशन का उपयोग

खेती के लिए यह सबसे अच्छा सिंचाई उपाय है। उनका कहना था कि किसान धीरे-धीरे पारंपरिक पानी लगाने की प्रणाली से बाहर आ रहे हैं। इस प्रक्रिया को लागू करने के बाद, पानी की बचत की जा सकती है और आवश्यकतानुसार पानी लगाया जा सकता है। उत्पादन अच्छा होता है और खर्च बचता है। इस तरह हम खाद का सही इस्तेमाल कर सकते हैं। इस प्रक्रिया पर सरकार बहुत अधिक छूट दे रही है।

कितना समय लगता है

नियमित रूप से सही खाद, पानी और कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करके अच्छी फसल मिली है। शिमला मिर्च की खेती करने के लिए जमीन का pH 6 होना चाहिए। रोपाई के लगभग 75 दिन बाद, शिमला मिर्च का पौधा पैदावार देना शुरू कर देता है और 40 डिग्री तक का तापमान सह सकता है। एक हेक्टेयर में लगभग 300 क्विंटल शिमला मिर्च लगती है।

पेदावर कितनी होगी

जब पौधों के पत्तों में छिद्र होते हैं, तो वे पेड़ों पर पर्याप्त मात्रा में सल्फर डालते हैं। तना छेदक, मोजेक रोग और उकठा रोग जैसे फफूंद कीट फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। समय से देखरेख करने से पौधे स्वस्थ रहते हैं। किसान ने बताया कि फिलहाल वह लगभग 300 क्विंटल फसल खरीदने के लिए तैयार हैं। लेकिन मौसम की मदद से यह पांच सौ क्विंटल तक जा सकता है।

सब्जियों की खेती करने वालों को कितना अनुदान मिलता है

हरदोई जिला उद्यान अधिकारी सुरेश कुमार ने बताया कि सब्जियों की खेती करने वाले किसानों को बीज और अनुदान मिल रहे हैं। उद्यान विभाग सब्जी उत्पादक किसानों को 70% तक का अनुदान देता है। शिमला मिर्च उत्पादक किसानों को प्रति हेक्टेयर करीब ३७५०० का अनुदान दिया जाता है, जो खेती और किसान के लिए लाभकारी होता है। इसका लाभ उठाने के लिए अधिकांश किसान उद्यान विभाग में आते रहते हैं।

इस समय कीमत कितनी है?

इस पौधे का बहुत बड़ा आकार है। यह फल बहुत जल्दी नहीं सड़ता। इस समय 100 किलो शिमला मिर्च की बिक्री होती है। फसल हाथों-हाथ खरीदी जा रही है। इससे लाखों रुपये मिल रहे हैं। यह पैदावार लगभग छह महीने तक जारी रहती है। पौधों को संभालने के लिए लगभग हर महीने एक गुड़ाई आवश्यक है। इससे पौधे हरियाली रखते हैं। खरपतवारों को नियंत्रित करने से पौधों की फलत और सुंदरता बरकरार रहती है।

और भी ब्लॉग पढ़े https://aapkikheti.com/featured/kisan-andolan/

 

Exit mobile version