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Shimlamirch ki kheti :जाने कैसे करे इस सब्जी की खेती

Shimlamirch ki kheti : जाने कैसे करे इस सब्जी की खेती

Shimlamirch ki kheti  शिमला मिर्च की वैज्ञानिक खेती से किसान लाखों रुपये कमा सकते हैं। पौधा रोपाई के 75 दिन बाद उत्पादन देना शुरू कर देता है। 300 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन होता है। औसत मूल्य प्रति किलो लगभग 100 रुपये है।

इसकी खेती आम सब्जियों की तरह हर तरह की जलवायु में होती है। किसानों को अच्छी फलत से भरपूर आय मिलती है। किसान ने बताया कि एक हेक्टेयर खेत में गोबर की खाद डालने के बाद में उसकी जुताई की। उसके बाद, खरपतवार को बाहर निकालने, पाटा लगाने, बैक्टीरिया नाशक दवाओं का छिड़काव करने और शिमला मिर्च की खेती शुरू करने का काम किया गया।

shimla mirch ki kheti

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ड्रिप इरीगेशन का उपयोग

खेती के लिए यह सबसे अच्छा सिंचाई उपाय है। उनका कहना था कि किसान धीरे-धीरे पारंपरिक पानी लगाने की प्रणाली से बाहर आ रहे हैं। इस प्रक्रिया को लागू करने के बाद, पानी की बचत की जा सकती है और आवश्यकतानुसार पानी लगाया जा सकता है। उत्पादन अच्छा होता है और खर्च बचता है। इस तरह हम खाद का सही इस्तेमाल कर सकते हैं। इस प्रक्रिया पर सरकार बहुत अधिक छूट दे रही है।

Shimlamirch ki kheti mein samay kitna lagta hain 

नियमित रूप से सही खाद, पानी और कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करके अच्छी फसल मिली है। शिमला मिर्च की खेती करने के लिए जमीन का pH 6 होना चाहिए। रोपाई के लगभग 75 दिन बाद, शिमला मिर्च का पौधा पैदावार देना शुरू कर देता है और 40 डिग्री तक का तापमान सह सकता है। एक हेक्टेयर में लगभग 300 क्विंटल शिमला मिर्च लगती है।

उत्तर प्रदेश में शिमला मिर्च की खेती

शिमला मिर्च अक्सर दूसरी सब्जियों की तुलना में अधिक महंगा होता है। जिन किसानों ने यह समझ लिया है, वे आज अच्छी कमाई कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में शिमला मिर्च की खेती करने वाले बहुत से किसान हैं। यहां के किसानों ने बनाई शिमला मिर्च दिल्ली से आगरा तक पहुंचती है

शिमला मिर्च की खेती का समय

इसकी खेती का समय मुख्य रूप से मानसून के शुरुवात होने से जो जाती हैं जिसमे पहली बुआई जून से जुलाई के महीने में, दूसरी बुआई अगस्त से सितंबर के महीने में और तीसरी बुआई नवंबर से दिसंबर के महीने में

शिमला मिर्च की खेती कहां होती है

शिमला मिर्च की खेती वैसे तो सभी राज्यों में होती हैं पर ये राज्य इसकी खेती के लिए ससेब अच्छा वातावरण प्रदान करते हैं पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, हरियाणा, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश

शिमला मिर्च की खेती कैसे करें

सबसे पहले आप शिमला मिर्च के बीज को चुने और ध्यान दे की वो अच्छी क्वालिटी के होने चाहिए फिर बीज को नर्सरी में 6 हफ्ते के लिए बोदे उसके बाद जब पौधे तैयार हो जाये तो उन्हें निकल कर खेती में लगा दे | शिमला मिर्च के पौधे की रोपाई के समय, इसकी लंबाई करीब 16 से 20 सेंटीमीटर और इसमें 4-6 पत्तियां होनी चाहिए | आप पौधे को लगाकर नियमित रूप से सिंचाई देते रहे और याद रहे गर्मी में पानी ज्यादा दे बल्कि सर्दियाँ में कम क्योंकि सर्दियों में जयादा पानी लगाने से फसल ख़राब हो सकती हैं |

पेदावर कितनी होगी

जब पौधों के पत्तों में छिद्र होते हैं, तो वे पेड़ों पर पर्याप्त मात्रा में सल्फर डालते हैं। तना छेदक, मोजेक रोग और उकठा रोग जैसे फफूंद कीट फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। समय से देखरेख करने से पौधे स्वस्थ रहते हैं। किसान ने बताया कि फिलहाल वह लगभग 300 क्विंटल फसल खरीदने के लिए तैयार हैं। लेकिन मौसम की मदद से यह पांच सौ क्विंटल तक जा सकता है।

Shimlamirch ki kheti ke fayde

शिमला मिर्च की खेती से किसानों को अच्छी कमाई होती है. बाज़ार में इसकी कीमत आम तौर पर दूसरी सब्ज़ियों से ज़्यादा होती है | शिमला मिर्च में कई औषधीय गुण होते हैं. इसमें विटामिन ए, विटामिन सी, पोटैशियम, कैल्शियम, लौह, और अन्य खनिज तत्व पाए जाते हैं | शिमला मिर्च की खेती के लिए ज़मीन का पीएच मान 6 होना चाहिए, इसकी 40 डिग्री तक के तापमान को सह सकता है 

इस समय कीमत कितनी है?

इस पौधे का बहुत बड़ा आकार है। यह फल बहुत जल्दी नहीं सड़ता। इस समय 100 किलो शिमला मिर्च की बिक्री होती है। फसल हाथों-हाथ खरीदी जा रही है। इससे लाखों रुपये मिल रहे हैं। यह पैदावार लगभग छह महीने तक जारी रहती है। पौधों को संभालने के लिए लगभग हर महीने एक गुड़ाई आवश्यक है। इससे पौधे हरियाली रखते हैं। खरपतवारों को नियंत्रित करने से पौधों की फलत और सुंदरता बरकरार रहती है।

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