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अंगूर की खेती : कीजिये इसकी खेती और पाइये बड़ा मुनाफा

अंगूर की खेती

अंगूर की खेती : कीजिये इसकी खेती और पाइये बड़ा मुनाफा

आज के समय में अंगूर की खेती एक लाभदायक व्यवसाय है जो किसानों को अच्छी आय दे सकती है। इस फल की मांग देश और विदेश दोनों में है, इसलिए इसका उत्पादन और व्यापार एक बेहतर विकल्प बन गया है। ग्रैपस एक ऐसा फल है जो वाइन, रस, और खाने के लिए प्रमुख रूप से उपयोग किया जाता है। इसकी खेती को सफल बनाने के लिए विशेष जानकारी जरूरी होती है।  यदि आप अंगूर की खेती से जुडी जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो पढ़िए पूरा लेख और हमारे इंस्टाग्राम चैनल से जुड़ने की लिए यहाँ क्लिक करे

अंगूर की खेती कैसे करें

ग्रैपस फार्मिंग करने के लिए सबसे पहले उपयुक्त भूमि और जलवायु का चयन करना जरूरी है। रेतीली दोमट मिट्टी इस खेती के लिए सर्वोत्तम होती है, क्योंकि ये मिट्टी पानी का सही निष्कासन करती है और ज्यादा पानी को रोकने में मदद करती है। इस की खेती के लिए गरम और सूखी जलवायु अनुकूल होती है। बीजो को बोने के बाद प्रत्येक पौधे के बिच कम से कम 6 से 7 फीट की दूरी होनी चाहिए ताकि पौधे अच्छे से बढ़ सकें।

अंगूर के पौधे

अंगूर के पौधे खरीदते समय अच्छी गुणवत्ता का ध्यान देना चाहिए। पौधे मजबूत और रोग मुक्त होना चाहिए ताकि उनका वृद्धि दर उत्तम हो। पौधों की लगावत का सही समय फरवरी से मार्च के बीच होता है जब गर्मी थोड़ी ज्यादा होती है। अंगूर के पौधे लगाने के बाद उनकी व्यवहारिक रूप से देखभाल और पानी का निरीक्षण जरूरी होता है ताकि पौधे अच्छे से जम सकें।

अंगूर उत्पादन तकनीक

अंगूर के उत्पादन के लिए प्रमुख रूप से दो तकनीक उपयोग की जाती है एक है “बैंगन सिस्टम” और दूसरा है “हेड सिस्टम”। बैंगन सिस्टम में एक प्रमुख ताना होता है जिसके साइड से डालियां निकलती हैं, जबकी हेड सिस्टम में एक प्रधान ताना और उसके चारों ओर से डालियां निकलती हैं। अंगूरों के अच्छे उत्पादन के लिए सूरज की रोशनी का विशेष महत्व होता है। इसके अलावा, जैविक और रसायनिक खादों का उपयोग भी उत्पादन बढ़ाने में मददगार होता है।

अंगूर की फसल

अंगूर की फसल 1.5 से 2 साल में तैयार हो जाती है ,लेकिन फल तीसरे साल में लगना शुरू होते है। फसल का प्रबंधन और सुरक्षा करना किसानों के लिए अच्छा है, क्योंकि रोगन और कीटन से फसल को नुक्सान हो सकता है। फ़सलों को संभालने के लिए पर्याप्त रूप से जल सिंचन, किरो की रोकथम और समय पर फ़लों की तोड़ाई की जाति है।

भारत में अंगूर की खेती

भारत के कुछ प्रमुख राज्य जहाँ अंगूर की खेती होती है उनमें महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश शामिल हैं। महाराष्ट्र को खेती का मुख्य केंद्र माना जाता है, जहां नासिक और पुणे के इलाके इसके लिए मशहूर हैं | ये राज्य अंगूर का उत्पादन करते है जो देश और विदेश में निर्यात किये जाते है

अंगूर की खेती के फायदे

Angur ki kheti किसानों के लिए काफी लाभदायक साबित हो सकती है। इससे उन्हें उत्तम आर्थिक लाभ मिलता है, क्योंकि इसकी मांग पुरे वर्ष बनी रहती है। अंगूर का व्यापार आज के समय में व्यापक है और इसमें रोजगार के नये अवसर मिलते हैं। इसकी खेती के लिए पानी की मात्रा कम लगती है |

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