Anjeer ki kheti : कम मेहनत में इस खेती से पाएं सोने सा मोल
Anjeer ki kheti एक पुरानी और लाभदायक खेती है जो किसानों के लिए अच्छी आय का स्रोत बन सकती है। इसका फल स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है क्योंकि इसमें बहुत सारे विटामिन, खनिज और फाइबर होते हैं। गर्म और शुष्क जलवायु वाले क्षेत्रों में इसकी सबसे अच्छी पैदावार होती है। अंजीर की खेती के लिए सही मिट्टी और जलवायु का चयन बहुत जरूरी है। यदि आप अंजीर की खेती से जुडी जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो पढ़िए पूरा लेख और हमारे इंस्टाग्राम चैनल से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे |
अंजीर का उत्पादन
भारत के कई राज्यों में अंजीर का उत्पादन होता है, जहां का पर्यावरण गरम है। 3-4 साल के अंदर पेड़ फल देना शुरू कर देते हैं और एक पेड़ से 20-30 किलो तक का उत्पादन मिल सकता है। इसे सूखा कर या ताजा बेच कर किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं।
भारत में अंजीर की खेती करने वाले प्रमुख राज्य
भारत में कई प्रमुख राज्य है जहा Anjeer ki kheti की जाती है , वे है महाराष्ट्र ,गुजरात तमिलनाडु ,कर्नाटक और आंध्र प्रदेश | महाराष्ट्र में अंजीर की खेती सबसे जियादा की जाती है जिसमे पुणे और सतारा के क्षेत्र में सबसे जियादा उत्पादक होता है इसका |
अंजीर की अनेक किस्में
अंजीर की कई मुख्य किस्में हैं जैसे ब्लैक मिशन, कडोटा, कैलिमिरना और एड्रियाटिक, जो अपने खास स्वाद, आकार और रंग के लिए लोकप्रिय हैं। व्यापारी इन किस्मों के आधार पर फलों का व्यापार करते हैं।
अंजीर के पोधे
अंजीर के पोधे छोटे या मध्यम आकार के पेड़ होते हैं, जो 10-20 फीट की ऊंचाई तक जा सकते हैं। इनके पत्ते बड़े और चौड़े होते हैं और फल गोल और नरम होते हैं। ये पोधे गरम और थोड़ी सी शुष्क जलवायु में अच्छे से उगते हैं और इनमें अधिक पानी की जरुरत नहीं होती।
अंजीर उगाने का तारिका
अंजीर उगाने के लिए सबसे पहले आपको मिट्टी का सही चयन करना होता है। रेतिली या दोमत मिट्ति बेहतरीन मानी जाती है। ठंडे मौसम में पोधे लगना उचित होता है। बीज या कटाव को 6-8 इंच गहरायी में बोया जाता है और 15-20 फीट की दूरी पर पोधे लगाए जाते हैं।
अंजीर के पोधे की कीमत
अअंजीर की फली की कीमत राज्य और किस्म के हिसाब से अलग-अलग होती है। एक आम अंजीर की पौधा 50 से 200 रुपये में मिल जाता है और इसे ऑनलाइन या नर्सरी से खरीदा जा सकता है।
पोधे की सिंचाई
अंजीर के पत्तों को कम पानी की ज़रूरत होती है। गर्मी के मौसम में हफ़्ते में एक या दो बार पानी देना काफ़ी होता है। सर्दियों में और भी कम पानी की ज़रूरत होती है। सिंचाई तभी करनी चाहिए जब मिट्टी सूख जाए, ताकि जड़ों को सुरक्षा मिले।
फल की तोड़ाई
फल जब नरम और पक जाता है, तब उसकी तोड़ाई की जाती है। इस समय फल का रंग भी बदल जाता है। तोड़ाई सुबह या शाम के समय करनी चाहिए, ताकी फल को तुरंत सुखा कर बाजार में बेचा जा सके।
अंजीर की खेती के लाभ
अंजीर पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है और बाजार में उचित मूल्य पर बिकता है।
इसका उत्पादन कम लागत और कम पानी से संभव है।
इसे सुखाकर या ताजा बेचा जा सकता है।
आयुर्वेदिक उपचार में इसके इस्तेमाल से इसका व्यापार भी बढ़ता है।
इसमें विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं, जो इसे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद बनाते हैं।
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