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Mustard Varieties : अक्टूबर में सरसों की इन चार किस्मों की करें खेती, बंपर होगी पैदावार

Mustard Varieties : अक्टूबर में सरसों की इन चार किस्मों की करें खेती, बंपर होगी पैदावार

Mustard Varieties भारत में मस्टर्ड या सरसों एक मुख्य तिलहन फसल है, जो तेल उत्पादन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। सरसों की खेती लगभग हर राज्य में की जाती है, और इसकी अलग-अलग किस्में किसानों के मध्य काफी लोकप्रिय हैं। हर किस्म की अपनी खुबियाँ होती हैं, जो किसानों को उनके स्थान परिवेश और खेती की स्थिति के अनुरूप चयन करने में मदद करती हैं। यहां कुछ प्रसिद्ध सरसों की किस्मे और उनकी विशिष्टताओं का वर्णन किया गया है।

आरएच 725 किस्म

आरएच 725 किसानो में काफी लोकप्रिय किस्म है। ये वैरायटी अपनी उचित भुगतान और उन्नत तेल उत्पादन के लिए प्रशंसित है। इसका फसल लगभग 130-135 दिन में तयार हो जाती है। इसकी पैदावार 22-25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक हो सकती है। यह विविधता उन क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है जहां थोड़ी अधिक गर्मी हो और मिट्टी की निकल बेहतर हो। इस वैरायटी में पेस्ट और बिमारियों से लड़ने की शमता भी होती है, जो किसानों के लिए इसे एक अच्छी पसंद बनती है।

राज विजय सरसों-2

राज विजय सरसों-2 एक और उत्कृष्ट किस्म है जो मुख्य रूप से मध्य प्रदेश और राजस्थान के क्षेत्रों में उगती है। इसकी पैदावार 20-23 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक हो सकती है। इस किस्म का मुख्य विशेष रूप इसकी अच्छी मात्रा और स्वस्थ अनाज है। ये वैरायटी मिड सीजन में खेती के लिए उपयुक्त है और इसमें फसल के रोग से बचाव का भी अच्छा प्रबंध होता है।

आरएच-761 किस्म

आरएच-761 एक अधिक उपज देने वाली किस्म है जो किसानों के बीच अपनी अच्छी पैदावार के लिए प्रसिद्ध है। इसकी फसल 135-140 दिन में तयार हो जाती है और 24-26 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की पैदावार दे सकती है। ये किस्म भी कीट और बीमारियों के प्रति काफी सहनशील होती है, जो इसे जैविक खेती के लिए एक अच्छा विकल्प बनाती है। इसकी फसल का अच्छा दाना आकृति और तेल की मात्रा इसको व्यवसायिक रूप से सफल बनाती है।

पूसा बोल्ड किस्म

Mustard Varieties

पूसा बोल्ड सरसों की एक प्रसिद्ध क़िस्म है जो भारत के कई राज्यों में खेती के लिए प्रचलित है। इसकी फसल 145-150 दिनों में पक जाती है। ये किस्म काफी अधिक पैदावार देती है जो 25-28 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक हो सकती है। पूसा बोल्ड वैरायटी तेल के उत्पादन के लिए खास मानी जाती है क्योंकि इसमें तेल की अधिक मात्रा होती है। इसमें बिमारियों से लड़ने की शामता भी होती है, जो इसके फूल और दाने को सुरक्षित रखती है।

आर एच 30 किस्म

आर एच 30 एक और बेहतर किस्म है जो ठंडी जलवायु के क्षेत्रों में खेती के लिए उपयुक्त है। इसकी फसल 140-145 दिनों में तैयार होती है और फसल 22-24 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हो सकती है। क्या विविधता में उन्नत गुणवत्ता के दाने होते हैं जो तेल उत्पादन में काफी फायदे होते हैं। ये वैरायटी पेस्ट और बिमारियों से काफी हद तक सुरक्षित रहती है और किसानों को अच्छी खेती का अनुभव देती है।

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