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Oats Farming : कीजिए फायदेमन्द खेती

Oats Farming : कीजिए फायदेमन्द खेती

जई यानी की ओट्स की खेती एक फायदे का व्यापार है जो आजकल लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो रहा है। ओट्स एक पौष्टिक अनाज है जो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। ये ना सिर्फ इंसानों के लिए बल्की पशुओं के लिए भी उपयोगी है। अगर आप खेती में नए हैं या एक नई फसल की तलाश कर रहे हैं, तो जई की खेती एक अच्छा विकल्प हो सकती है। चलिए समझते हैं कि Oats Farming कैसे करें और इससे कैसे फ़ायदा उठाएं।

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1.Oats ki kheti kaise karen

जई की खेती करने के लिए सबसे पहले एक अच्छी ज़मीन और बीज का चयन करना ज़रूरी है। इसकी फसल के लिए अनुकूल मिट्टी और जलवायु को समझना होगा। इसके लिए नीव तैयार करना जरूरी है, जैसे ज़मीन की तैयारी, बीजाई का समय और सिंचाई की प्रक्रिया।

2. जई की प्रसिद्ध किस्में

जई की खेती के लिए कुछ प्रसिद्ध किस्मे हैं जो उत्पादन में बेहतर मानी जाती हैं:
केंट
एचएफओ-114
जेएचओ-822
यूपीओ-94
किस्मो को अपने शेत्र के जलवायु और मिट्टी के हिसाब से चुनें।

3. जई की खेती के लिए भूमि की तैयारी

जई की खेती के लिए ज़मीन की तैयारी बहुत महत्वपूर्ण है।ज़मीन को 2 से 3 बार हल चलाकर अच्छे से बारोबार करें।
जैविक खाद या खाद का उपयोग करें।मिट्टी का पीएच स्तर 5.5 – 7 होना चाहिए।

4. जलवायु और मिट्टी

जई की खेती के लिए ठंडी और शीतल मौसम सबसे अनुकूल होता है। यह 15 से 25 डिग्री सेल्सियस तापमान में अच्छे से बढ़ती है।
मिट्टी: हल्के बालू मिट्टी से लेकर दोमट मिट्टी तक जई उगाई जा सकती है। मिट्टी की जल निकासी अच्छी होनी चाहिए।

5.बिजाई

समय:जई की बीजाई अक्टूबर से नवंबर के बीच करनी चाहिए।
बीजाई की मात्रा:एक हेक्टेयर भूमि के लिए 80 से 100 किलोग्राम बीज पर्याप्त होता है।
बिजाई का तरीका : लाइन में बुआई विधि सबसे अच्छी होती है |

6. सिंचाई

बीजाई के 20 दिन बाद पहली सिंचाई करें। दूसरी सिंचाई 40 से 50 दिनों के अंतराल पर कीजिए। अतिरिक्त पानी की दिक्कत से बचने के लिए उचित जल निकासी व्यवस्था लगाएं।

7. खरपतवार नियंत्रण

जई की खेती में खरपतवार को नियंतृत करना जरूरी है।
खरपतवार नियंत्रण के लिए हाथ से निराई-गुड़ाई करें और आवश्यक होने पर 2,4-डी जैसे शाकनाशी का उपयोग करें।
हर 15 दिन पर खेत की सफाई करें।

8. फ़सल की कटाई

फसल की कटाई 120-140 दिन के बाद की जाती है, जब जई के दाने सूख जाएं और हल्की पीली रंगत ले लें।
कटिंग के लिए हंसिया या कंबाइन हार्वेस्टर का उपयोग करें।

9. जई की खेती का लाभ

सेहत के लिए: ओट्स एक पौष्टिक अनाज है जो फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होता है।
व्यापारिक लाभ: बाजार में इसकी मांग हमेशा ऊंची रहती है।
पशुओ के लिए: ये एक अच्छा चारा है जो पशुओ की सेहत के लिए फायदेOats Farming मंद है।
मिट्टी सुधार: ओट्स की खेती मिट्टी की प्रजनन क्षमता को सुधारने में मदद करती है।

पढ़िए यह ब्लॉग Barley farming 

FAQs : Oats Farming 

1. जई की खेती के लिए सबसे उपयुक्त समय क्या है?
जई की बीजाई अक्टूबर से नवंबर के बीच करनी चाहिए।

2. जई के लिए सबसे अच्छी मिट्टी कौन सी है?
जई हल्की बालू मिट्टी से लेकर दोमट मिट्टी तक उगाई जा सकती है, लेकिन मिट्टी की जल निकासी अच्छी होनी चाहिए।

3. एक हेक्टेयर भूमि के लिए कितने बीज की आवश्यकता होती है?
एक हेक्टेयर भूमि के लिए 80 से 100 किलोग्राम बीज पर्याप्त होता है।

4. जई की फसल को कितनी बार सिंचाई की जरूरत होती है?
बीजाई के 20 दिन बाद पहली सिंचाई करें और दूसरी सिंचाई 40 से 50 दिनों के अंतराल पर करें।

5. जई की फसल की कटाई कब की जाती है?
जई की फसल की कटाई 120-140 दिन के बाद की जाती है, जब दाने सूख जाएं और हल्की पीली रंगत ले लें।

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