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Orange Farming: इसकी अहम बातें जो आपको खेती करने में मदद करेगी

Orange farming: इसकी अहम बातें जो आपको खेती करने में मदद करेगी

क्या आप भी किसे फल की खेती करना चाहते हैं तो सबसे अच्छा विकल्प है संतरा क्योकि ये अपने अलग अलग पोषण तत्वों के साथ अपने प्रयोग से भी जाना जाता है और किसान को इसकी खेरी करके मुनाफा भी होता हैं सोच रहे हैं तो पढ़े ब्लॉग  Orange Farming: इसकी अहम बातें जो आपको खेती करने में मदद करेगी तो जरूर पढ़ें और अगर आप भी हमारे इंस्टाग्राम चैनल से जुड़ना चाहते हैं तो यहां Click करे

Orange Farming

Orange farming से जुडी हर जानकारी

संतारे के बारे में

संतरा जिसे हम ऑरेंज के नाम से भी जानते हैं ये स्वाद में खट्टा होता हैं जो की इसमें पाए जाने वाले सीट्रिक एसिड की वजह से होता हैं इसके साथ इसमें पाए जाने वाला विटामिन सी इसके फायदों को और बढ़ाता हैं संतरे के विभिन्न प्रकार होते हैं जैसे नाभि, वालेंसिया, ब्लड ऑरेंज और मंदारिन।

इसकी खेती के लिए मिटटी

अगर आप Santre ki kheti कर रहे हैं तो इसके लिए लाल दोमट मिट्टी बढ़ती है क्योंकि वो अच्छी तरह से पानी निकाल देती है और पेड़ को खराब होने से बचाती है | इसकी खेती के लिए मिट्टी का पीएच 5.5 से 7.5 तक होना चाहिए जो इसकी खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है,और अगर मिटटी का पीएच ज्यादा हैं तो उसे कैल्शियम कार्बोनेट दाल कर सही कर सकते हैं |

किस महीने में करें खेती

Santre ke ped लगाने का सबसे अच्छा समय अगस्त के बीच में होता है क्योंकि इसका फल नवंबर और दिसंबर तक पकने लग जाते हैं लेकिन वो महत्व रखता है कि उसकी वैरायटी कैसी है

किस जगह प्रसिद्ध है संतरा

भारत में Orange Farming के लिए मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र राज्य बहुत पसंद है जबकी महाराष्ट्र के नागपुर को ऑरेंज सिटी के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यहां पर उगने वाली वेरायटी सबसे अलग और सबसे स्वादिष्ट होती हैं मध्य प्रदेश के बुरहानपुर और छिंदवाड़ा में santre ki kheti के लिए बहुत प्रसिद्ध है

खेती कैसे करें?

इसकी खेती के लिए बाजार से बीज ले या फिर बाजार में मिलने वाले पौधे से भी कर सकते हैं अगर आप बीज लेते हैं तो उनको कुछ दिनों के लिए तैयार कर लें फिर उनके हर पेड़ पर 5 सेमी की दूरी पर लगायें जिस से वो अच्छी तरह से उग सके फिर उसके बाद आपको उनको अच्छी तरह से पानी देना जिस से वो सही तरह से पनपे और ये बात का विशेष ध्यान रखना है कि उन्हें सूरज की रोशनी सही तरह से मिलनी चाहिए अगर ये नहीं होता है तो ज्यादा पानी की वजह से वो खराब भी हो सकते हैं

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