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  • Onion Price: सस्ते प्याज़ ने निकले किसानों के आँसू जानिए क्या है कीमत

    Onion Price: सस्ते प्याज़ ने निकले किसानों के आँसू जानिए क्या है कीमत

    Onion Price: सस्ते प्याज़ ने निकले किसानों के आँसू जानिए क्या है कीमत

    Onion Price: खरीफ सीजन का प्याज स्टोर नहीं किया जाता क्योंकि यह जल्दी सड़ जाता है। इसलिए किसानों को खेत से इसे मंडी ले जाकर बेचना चाहिए। इससे मंडियों में आवक बढ़ी है। निर्यात पर रोक लगने से प्याज़ बाहर नहीं जा रहा है, इसलिए बाजार में बहुत अधिक प्याज बिक रहा है। इसलिए कीमतें इतनी कम हो गई हैं।

    Onion Price: एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगाने के बाद प्याज की कीमतें बहुत गिर गई हैं। Aug. में पहली बार प्याज का न्यूनतम मूल्य 1 से 5 रुपये प्रति किलो था। किसान इससे परेशान हैं। महाराष्ट्र, देश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक राज्य, की मंडियों में भाव गिरने से किसानों में सरकार के खिलाफ गुस्सा है। राज्य में इस समय खरीफ सीजन का प्याज़ आ रहा है। किसान उसे अपने खेतों से निकालकर सीधे मंडियों में बेचने के लिए ला रहे हैं, लेकिन उचित मूल्य नहीं मिलने से निराश हैं।

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    व्यापारी महंगाई को बढ़ावा दे रहे हैं

    किसानों का कहना है कि व्यापारी महंगाई को बढ़ावा दे रहे हैं। वह इसे किसानों से जिस कीमत पर खरीदता है उससे कम से कम चार या पांच गुना अधिक कीमत पर ग्राहकों को बेचता है। वे किसानों से 10 रुपये प्रति किलो के हिसाब से प्याज खरीदते हैं और ग्राहकों को 50-60 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचते हैं। इसलिए वे मुद्रास्फीति को बढ़ाते हैं। महाराष्ट्र कांदा उत्पादक संघ के अध्यक्ष भरत दिहोरे ने कहा कि सरकार व्यापारियों पर कार्रवाई करने के बजाय किसानों को परेशान कर रही है. यह किसानों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है. आप सहमत हों या असहमत किसानों की बात कोई नहीं सुनेगा.

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    कोसी मंडी कितना दाम देगी

    Onion Price

     

    25 दिसंबर को महाराष्ट्र एग्रीकल्चरल मार्केटिंग बोर्ड ने बताया कि सोलापुर मंडी में 39279 क्विंटल प्याज की आवक हुई। न्यूनतम 100 रुपये प्रति क्विंटल, अधिकतम 3400 रुपये और औसत 1600 रुपये प्रति क्विंटल था।

    25 दिसंबर को, प्याज के सबसे बड़े उत्पादक अहमदनगर की मंडी में 54383 क्विंटल की आवक हुई। यहां प्याज़ का औसत मूल्य 1450 रुपये प्रति क्विंटल था, जबकि न्यूनतम 150 रुपये था।

    25 दिसंबर को राहुरी मंडी में 6825 क्विंटल प्याज की आवक हुई। न्यूनतम 100 रुपये प्रति क्विंटल, अधिकतम 2000 रुपये और औसत 1200 रुपये प्रति क्विंटल था।

    5297 क्विंटल प्याज की आवक संगमनेर मंडी में हुई। न्यूनतम 300 रुपये प्रति क्विंटल, अधिकतम 2251 रुपये और औसत 1275 रुपये प्रति क्विंटल था।

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  • MFOI Samridh Kisan Utsav 2024: किसानों के लिए एक अद्भुत मंच

    MFOI Samridh Kisan Utsav 2024: किसानों के लिए एक अद्भुत मंच

    MFOI Samridh Kisan Utsav 2024: किसानों के लिए एक अद्भुत मंच

    MFOI Samridh Kisan Utsav 2024: महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्रों में आयोजित होने वाला ‘मफोई समृद्ध किसान उत्सव 2024’ एक महत्वपूर्ण पहल है जो किसानों के समृद्धि और विकास को बढ़ाने का माध्यम है। इस उत्सव का मुख्य उद्देश्य किसानों को नवीनतम कृषि प्रौद्योगिकी, सरकारी योजनाओं, बीमा, और अन्य सुविधाओं के बारे में जागरूक करना है।

    कुछ महत्वपूर्ण प्रसंस्‍कर्‍ता:

    • 23 फरवरी 2024: ‘मफोई समृद्ध किसान उत्सव 2024’ 23 फरवरी 2024 को 11:30 am से शुरू होने जा रहा है
    • लोकेशन: ‘महिंद्रा ट्रैक्टर’ महिंद्रा ट्रैक्टर, ‘हुंडाई’ कंपनी, ‘लाखीमपुर’ (Uttar Pradesh), ‘रायपुर’ (Chhattisgarh), ‘Gurugram’ (Haryana) में हुआ

    किसानों के लिए सुविधाएं:

    • कृषि प्रौद्योगिकी: महत्वपूर्ण सेशन जहाँ किसानों को सुलझाएं, प्रस्तुत करें, और सीखें कि कैसे नवीनतम प्रौद्योगिकी का उपयोग करके उनकी मेहनत में सुधार किया जा सकता है।
    • सरकारी योजनाएं: सरकारी सहायता, सुरक्षा, और सुनहरे मौके प्रस्तुत करने के लिए सेशन।
    • प्रमुख प्रसंसक: प्रमुख प्रसंसकों से मिलने, प्रेरित होने, और सीखने का मौका।
    • प्रतियोगिताएं: प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर पहली-प्रमुख होने का मौका प्राप्त करें।

    https://aapkikheti.com/agriculture-education/agri-tech-madhya-pradesh-2024/

    किसानों को लाभ :

    1. बीमा: किसानों के लिए बीमा के विषय में सेशन, जहाँ किसानों को बीमा के अनुप्रयोग के माध्यम से उनकी किसानों की सुधार किया जा सकता है।
    2. संरक्षण: किसानों के संरक्षण के लिए सेशन, जहाँ किसानों को संरक्षण के विषय में जानकारी प्रदान की जाती है।
    3. प्रशिक्षण: किसानों के लिए प्रशिक्षण के विषय में सेशन, जहाँ किसानों को नवीनतम कृषि प्रौद्योगिकी के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है।
    4. संपर्क: किसानों के साथ संपर्क के लिए सेशन, जहाँ किसानों को संपर्क करने वाले विभिन्न संस्थाओं के साथ मिलने का मौका प्रदान किया जाता है।
    5. समाज संरक्षण: समाज संरक्षण के लिए सेशन, जहाँ किसानों को समाज संरक्षण के माध्यम से उनकी समृद्धि को बढ़ाने का माध्यम प्रदान किया जाता है।

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    समापन:‘MFOI Samridh Kisan Utsav 2024’ में हिस्सा लेकर, किसान ही हमारी समृद्धि हैं, हमें सुनिश्चित करना होगा कि हम समृद्धि में सहायक हों, न कि हस्तक्षेप! इस उत्सव के मुख्य उद्देश्य किसानों के समृद्धि को बढ़ाने का है, जिसे महत्वपूर्ण प्रकार से प्रतिभागित करना चाहिए.

  • Side effects of Watermelon: तरबूज खाने के नुकसान सावधानी बरतें!

    Side effects of Watermelon: तरबूज खाने के नुकसान सावधानी बरतें!

    Side effects of eating Watermelon: तरबूज खाने के नुकसान सावधानी बरतें!

    Side effects of eating Watermelon: तरबूज गर्मियों के मौसम में एक लोकप्रिय फल है, जिसे लोग अपनी गर्मियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए खाते हैं। यह फल न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि इसमें विभिन्न पोषक तत्व भी होते हैं जो हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं। हालांकि, ज्यादा मात्रा में तरबूज खाने से कुछ गंभीर नुकसान हो सकते हैं। इस ब्लॉग में हम तरबूज खाने के नुकसानों के बारे में विस्तार से जानेंगे।

    1. तरबूज के नुकसान

      1. डायबिटीज: तरबूज में शक्कर की मात्रा बढ़ती है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए हानिकारक हो सकती है। डायबिटीज के मरीजों को तरबूज का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए।
      2. पाचन संबंधी समस्याएं: तरबूज में फाइबर की मात्रा बढ़ती है, जो पेट से संबंधित कई समस्याओं का कारण बन सकती है। इन समस्याओं में गैस, पेट फूलना और डायरिया जैसी समस्याएं शामिल होती हैं।
      3. लो ब्लड प्रेशर: तरबूज में पोटैशियम की मात्रा बढ़ती है, जो लो ब्लड प्रेशर वाले लोगों के लिए हानिकारक हो सकती है। इसलिए, लो ब्लड प्रेशर वाले लोगों को तरबूज का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए। Side effects of eating Watermelon
        1. ओवर-हाइड्रेशन: तरबूज में बहुत अधिक मात्रा में पानी होता है, जो अधिक सेवन करने से ओवर-हाइड्रेशन का खतरा होता है। इसलिए, तरबूज का सेवन संभलकर करना चाहिए।
        2. लीवर समस्याएं: तरबूज में मौजूद लाइकोपीन शराब के साथ रिएक्शन करके लिवर में सूजन पैदा कर सकता है। इसलिए, जो लोग जरूरत से ज्यादा अल्कोहल का सेवन करते हैं, उन्हें तरबूज का सेवन संभलकर करना चाहिए।
        3. ग्लूकोज लेवल: तरबूज में ग्लाइसेमिक इंडेक्स की मात्रा बढ़ती है, जो शरीर में ग्लूकोज लेवल में इजाफा कर सकती है। इसलिए, जो लोग शुगर के मरीज होते हैं, उन्हें तरबूज का सेवन संभलकर करना चाहिए।
        4. ग्रावसीटी: तरबूज में पोटेशियम का एक बड़ा स्रोत माना जाता है जो शरीर को हेल्दी रखने में बड़ी भूमिका निभाता है। यह इलेक्ट्रोलाइट फंक्शन को बनाए रखने में मदद करता है, लेकिन अधिक मात्रा में तरबूज का सेवन से हमारे शरीर में पानी का लेवल बढ़ सकता है। अगर एक्स्ट्रा पानी बाहर नहीं निकाला जाता है

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  • Agri Tech Madhya Pradesh 2024: एक नया कृषि क्रांति की शुरुआत

    Agri Tech Madhya Pradesh 2024: एक नया कृषि क्रांति की शुरुआत

    Agri Tech Madhya Pradesh 2024: एक नया कृषि क्रांति की शुरुआत

    Agri Tech Madhya Pradesh 2024: भारत एक कृषि प्रधान देश है जहां लगभग 60% लोग कृषि से जुड़े हुए हैं। इसलिए, कृषि उत्पादन और उसकी तकनीकों का विकास देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसी दिशा में, मध्य प्रदेश सरकार ने एक नई कृषि क्रांति की शुरुआत की है, जिसे “Agri Tech Madhya Pradesh 2024” के नाम से जाना जाता है। इस ब्लॉग में, हम इस कृषि क्रांति के बारे में विस्तार से जानेंगे और इसके लाभों के बारे में चर्चा करेंगे।

    Agri Tech Madhya Pradesh 2024 क्या है?

    Agri Tech Madhya Pradesh 2024 क्या है?

    Agri Tech Madhya Pradesh 2024 एक ऐसी पहल है जो मध्य प्रदेश के कृषि क्षेत्र को एक नया आयाम देने के लिए शुरू की गई है। इस पहल के तहत, मध्य प्रदेश सरकार ने कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नवीनतम तकनीकों का उपयोग करने का फैसला किया है। इसके अलावा, इस पहल के तहत कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नए उत्पादों का विकास भी किया जाएगा।

    Agri Tech Madhya Pradesh  के लक्ष्य

    Agri Tech के लक्ष्यों में निम्नलिखित शामिल हैं:

    1. कृषि उत्पादन को बढ़ावा देना।
    2. कृषि उत्पादों की गुणवत्ता को बढ़ाना।
    3. कृषि उत्पादों की नई तकनीकों का उपयोग करना।
    4. कृषि उत्पादों की नई विपणन रणनीतियों का विकास करना।
    5. कृषि उत्पादों की नई विपणन रणनीतियों का विकास करना।

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    Agri Tech के लाभ

    Agri Tech tripowe.com

    Agri Tech Madhya Pradesh के लाभों में निम्नलिखित शामिल हैं:

    1. कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने से लाभ होगा।
    2. कृषि उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार होगा।
    3. कृषि उत्पादों की नई तकनीकों का उपयोग करने से उत्पादकों को नए उत्पाद बनाने के लिए नए तरीकों का पता चलेगा।
    4. कृषि उत्पादों की नई विपणन रणनीतियों का विकास करने से उत्पादकों को अधिक बिक्री के अवसर मिलेंगे।
    5. इस पहल के तहत नए उत्पादों का विकास होगा जो उत्पादकों को अधिक लाभ प्रदान करेंगे।

    Agri Tech Madhya Pradesh 2024: नवीनतम तकनीकें 

    Agri Tech Madhya Pradesh एक ऐसी पहल है जो मध्य प्रदेश के कृषि क्षेत्र को एक नया आयाम देने के लिए शुरू की गई है। इस पहल के तहत, मध्य प्रदेश सरकार ने कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नवीनतम तकनीकों का उपयोग करने का फैसला किया है। इसके अलावा, इस पहल के तहत कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नए उत्पादों का विकास भी किया जाएगा।Agri Tech के तहत नवीनतम तकनीकों का उपयोग करने से कृषि क्षेत्र में निम्नलिखित लाभ होंगे:

    1. उत्पादन की वृद्धि: नवीनतम तकनीकों का उपयोग करने से कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी। नए उत्पादों का विकास भी इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
    2. गुणवत्ता में सुधार: नवीनतम तकनीकों का उपयोग करने से कृषि उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार होगा।
    3. नई तकनीकों का उपयोग: नवीनतम तकनीकों का उपयोग करने से उत्पादकों को नए उत्पाद बनाने के लिए नए तरीकों का पता चलेगा।
    4. नई विपणन रणनीतियों का विकास: नवीनतम तकनीकों का उपयोग करने से कृषि उत्पादों की नई विपणन रणनीतियों का विकास होगा।

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  • MP News: 20 फरवरी से शुरू हो रहा है मध्य प्रदेश में चना मसूर और सरसों की खरीद का पंजीकरण

    MP News: 20 फरवरी से शुरू हो रहा है मध्य प्रदेश में चना मसूर और सरसों की खरीद का पंजीकरण

    MP News: 20 फरवरी से शुरू हो रहा है मध्य प्रदेश में चना मसूर और सरसों की खरीद का पंजीकरण

    MP News: भारत में चना मसूर (स्प्लिट चना) और सरसों (मस्तर्द सीड) दो लोकप्रिय फसलों की खरीद के लिए फरवरी के महीने में एक नई उमंग शुरू होती है। इस साल की फसल 20 फरवरी से उपलब्ध होगी और विभिन्न बाजारों में खरीदारों के लिए विकल्पों की विस्तृत श्रृंखला प्रदान करेगी।

    चना मसूर दाल

    चना मसूर एक महत्वपूर्ण दाल है जो प्रोटीन, फाइबर, आयरन और फोलेट जैसे आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करती है। इसकी चटपटी स्वादिष्टता और स्वास्थ्य लाभ के कारण यह विश्वभर में लोकप्रिय हो गया है। दूसरी ओर, सरसों के बीज खाने के अलावा तेल उत्पादन से लेकर जैव ईंधन और उर्वरक जैसे औद्योगिक उपयोगों के लिए भी उपयोग किया जाता है। इन दो फसलों का संयोजन विभिन्न उत्पादों और ग्रामीण समुदायों के लिए विकल्पों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है।

    MP News

    MP News: भारत सरकार कृषि व्यापार को नियामित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है जिसे कृषि उत्पाद बाजार समिति (एपीएमसी) द्वारा नियंत्रित किया जाता है। खरीद और बिक्री के लिए व्यापार के स्थानों और मंडियों का प्रबंधन इस समिति के द्वारा किया जाता है। ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म ई-नाम (नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट) के शुभारंभ से खरीद और बिक्री की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और दक्ष बन गई है। इस पहल का उद्देश्य बिचौलियों को कम करना, किसानों की आय बढ़ाना और उपभोक्ताओं के लिए उचित मूल्य निर्धारित करना है।

    मध्य प्रदेश में किन किन जिलों में होगी मसूर की खरीद:

    मध्य प्रदेश में चना, मसूर और सरसों की खरीद का पंजीकरण 20 फरवरी से शुरू हो रहा है। इसके तहत, मसूर की खरीद की जाएगी। यह प्रक्रिया मध्य प्रदेश सरकार की प्राइस सपोर्ट स्कीम के अंतर्गत हो रही है, जिसमें सरकार किसानों से चना, मसूर और सरसों की खरीद करेगी।

    • अलीराजपुर
    • अनूपपुर
    • आशोकनगर
    • बालाघाट
    • बारवानी
    • भिंड
    • बुरहानपुर
    • छतरपुर
    • दतिया
    • देवास
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    • दिंडोरी
    • गुना
    • हरदा
    • होशंगाबाद
    • जाबलपुर
    • जबल्ली
    • जहाजपुर
    • जामशेदपुर
    • जांजगीर-चांपा
    • जौरा
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    • खगड़िया
    • खंडवा
    • खरगोन
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    • शहडोल
    • शाजापुर
    • शिवपुरी
    • सीधी
    • उज्जैन
    • उमरिया
    • विदिशा

    इन जिलों में किसान अपने नजदीकी उपार्जन केंद्र पर जाकर मसूर की खरीद के लिए पंजीकरण कर सकते हैं। इसके अलावा, ऑनलाइन भी आवेदन किया जा सकता है।

    मध्य प्रदेश में किन किन जिलों में होगी सरसों की खरीद:

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    • अलीराजपुर
    • अनूपपुर
    • आशोकनगर
    • बालाघाट
    • बारवानी
    • भिंड
    • बुरहानपुर
    • छतरपुर
    • दतिया
    • देवास
    • धार
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    मध्य प्रदेश में चना और सरसों की खरीद के लिए पंजीकरण का विवरण:

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    1. ई-उपार्जन पोर्टल: 20 फरवरी से 10 मार्च तक पंजीकरण कर सकते हैं.
    2. पंजीकरण की तरीके: किसान ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीकरण कर सकते हैं या ऑनलाइन भी आवेदन कर सकते हैं.
    3. पंजीकरण के लिए आवेदन: किसान नीली में कार्ड का संक्षेपक्रम करके अपना पंजीकरण करें.
    4. पंजीकरण के लिए जिले: पंजीकरण के लिए निम्नलिखित जिलों में किसान अपने नजदीकी उपार्जन केंद्र पर जा सकते हैं:
      • अलीराजपुर
      • अनूपपुर
    5. पंजीकरण के लिए समय: 20 फरवरी से शुरू होने के बाद, किसान अपना पंजीकरण कर सकते हैं.
    6. पंजीकरण के लिए समर्थन: किसानों को सरकार ने सहायता के रूप में पंजीकरण करने के लिए समर्थन दिया है.
    7. पंजीकरण के लिए समर्थन के विधांक: सरकार ने किसानों को पंजीकरण करने के लिए समर्थन दिया है, जिससे किसान अपने क्षेत्र में चना और सरसों की खरीद कर सकते हैं.
    8. पंजीकरण के लिए समर्थन की सूचना: किसानों को सरकार ने पंजीकरण के लिए समर्थन की सूचना प्रदान की है, जिससे किसान अपने क्षेत्र में चना और सरसों की खरीद कर सकते हैं.
    9. पंजीकरण के लिए समर्थन की रकम: किसानों को सरकार ने पंजीकरण के लिए समर्थन की रकम प्रदान की है.
    10. पंजीकरण के लिए समर्थन की प्रक्रिया: किसानों को सरकार ने पंजीकरण के लिए समर्थन की प्रक्रिया प्रदान की है, जिससे किसान अपने क्षेत्र में चना और सरसों की खरीद कर सकते हैं.

    https://aapkikheti.com/government-schemes/pradhan-mantri-kisan-maan-dhan-yojana/

  • Madhu Sudan kheti की खबरें: किसानों के सफलता की कहानियां

    Madhu Sudan kheti की खबरें: किसानों के सफलता की कहानियां

    Madhu Sudan kheti की खबरें: किसानों के सफलता की कहानियां

    Madhu Sudan kheti एक नवीनतम कृषि प्रवाह का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसके लिए किसानों और कृषि प्रेरकों के लिए अपडेटेड जानकारी की ज़रूरत है।

    Madhu Sudan kheti: एक संक्षिप्त परिचय

    मधुसूदन खेती एक प्रकृतिक कृषि प्रवाह है जिसमें प्राकृतिक तरीकों का उपयोग किसानों के खेती में किया जाता है। यह प्रवाह किसानों को प्रकृतिक विधियों का उपयोग करके उनकी खेती को सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने में मदद करता है.

    Madhu Sudan kheti की खबरें

    मधुसूदन खेती के बारे में नवीनतम खबरें में निम्नलिखित विषयों में से कुछ शामिल हैं मधुसूदन खेती के बारे में नवीनतम खबरों में किसानों के सफलता की कहानियां शामिल हैं, जिनमें प्रकृतिक विधियों का उपयोग करके उन्हें बड़ी मुनाफा मिलने की अनुमति मिल रही है।

    Madhu Sudan kheti

    मधुसूदन खेती के लिए नवीनतम तकनीकें : मधुसूदन खेती के लिए नवीनतम तकनीकें और उपकरण जारी हो रहे हैं, जिनका उपयोग किसानों को अपनी खेती को सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने में मदद करेंगे।

    मधुसूदन खेती के लिए सलाह और समाधान : मधुसूदन खेती के लिए सलाह और समाधान के बारे में नवीनतम खबरें मिल रही हैं, जिनके माध्यम से किसानों को अपनी खेती में प्रकृतिक विधियों का उपयोग करने में सहायता मिल रही है।

    मधुसूदन खेती के लिए नवीनतम प्रोजेक्टें : मधुसूदन खेती के लिए नवीनतम प्रोजेक्टें शुरू हो रही हैं, जिनके माध्यम से किसानों को अपनी खेती में प्रकृतिक विधियों का उपयोग करने की अवसर मिल रही है।

    मधुसूदन का तमाटर खेती का सफलता कार्यक्रम – यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो में, मधुसूदन ने तमाटर की खेती करके करोड़पति बन गए हैं।

    बाराबंकी के मधुसूदन: लागत 10 हजार और मुनाफा 3 लाख – बाराबंकी जिले के मधुसूदन ने अमरूद की खेती करके मुनाफा 3 लाख रुपए प्राप्त किया है।

    चत्तीसगढ़ के मधुसूदन: खेत छोड़ खाद के लिए सोसाइटी के चक्कर – भाजपा ने मधुसूदन को अपनी खेती के लिए नई तकनीकों का उपयोग करने की चेतावनी दी है।

    मध्य प्रदेश के मधुसूदन धकाद: वेजेटेबल फार्मिंग से 4 करोड़ रुपए की कमाई – मध्य प्रदेश के मधुसूदन ने वेजेटेबल फार्मिंग के माध्यम से 4 करोड़ रुपए की कमाई प्राप्त की है।

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  • Kheere ki kheti करके लाखों का मुनाफा कैसे कमाएं – जानिए उपाय

    Kheere ki kheti करके लाखों का मुनाफा कैसे कमाएं – जानिए उपाय

    Kheere ki kheti करके लाखों का मुनाफा कैसे कमाएं – जानिए उपाय

    Kheere ki Kheti: जायद फसलों का सीजन अब शुरू हो जाएगा। खीरा इस सीजन में एक महत्वपूर्ण फसल है। ऐसे में किसान खीरे की खेती से अच्छी कमाई कर सकते हैं। आइए इसकी खेती के बारे में विस्तार से चर्चा करें।

    Kheere ki Kheti: अब रबी सीजन अपने अंतिम प्रवेश पर है। विभिन्न फसलों की खेती का अगला सीजन जायद फसलों का है। खीरे की खेती भी कर सकते हैं अगर आप भी जायद सीजन में अच्छी कमाई करना चाहते हैं। जिसकी बुवाई अब हो सकती है। खीरा, जिसे जायद का हीरा भी कहा जाता है, इस सीजन की एक महत्वपूर्ण फसल है, और यह सिर्फ इसी सीजन में बोया जाता है।

    सलाद में उपयोग किए जाने वाले खीरों में एक एंजाइम होता है जिसे जैविक कणामुद्रा कहा जाता है, जो प्रोटीन को पचाने में सहायता करता है। खीरा का लगभग 96 प्रतिशत पानी एक अच्छा पानी स्रोत है। खीरा, इसलिए, गर्मियों में एक शाकाहारी फसल है। खिरा विटामिन ए, बी-1, बी-6, विटामिन सी, विटामिन डी और पोटैशियम, फॉस्फोरस और लोहा का एक अच्छा स्रोत है। खीरे के रस का नियमित सेवन हमारे शरीर को बाहर से और अंदर से मजबूत बनाता है। गर्मियों में खीरे की बहुत मांग होती है और इसके कई लाभ हैं। इसलिए इसका उपभोग भी बढ़ जाता है। आइए इसकी खेती के बारे में विस्तार से चर्चा करें।

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    उपयुक्त मिट्टी

    Kheere ki Kheti aapkikheti.com

    खीरे की खेती वैसे भी हर जगह की जा सकती है। हर तरह की मिट्टी इसमें काम करती है। हालाँकि, बलुई दोमट और मटासी मृदा सबसे अच्छी तरह से खेती की जाती है।

    किसानों को अच्छी किस्मों की खेती से अधिक मुनाफा मिल सकता है। इसके लिए उन्हें खीरे की उन्नत प्रजातियों की जानकारी होनी चाहिए। पूसा संयोग, पाइनसेट, खीरा-90, टेस्टी, मालव-243, गरिमा सुपर, ग्रीन लॉंग, सदोना, NC-2 रागिनी, संगिनी, मंदाकिनी, मनाली, US-6125, US-6125, US-249 खीरे की उन्नत किस्मों में शामिल हैं।

    kheere ki kheti के बीज बोने का सही समय क्या है

    फरवरी के मध्य से मार्च के पहले सप्ताह तक बीज बोना चाहिए। एक हेक्टेयर खेत के लिए 2.5 से 3.0 किग्रा बीज की आवश्यकता होती है. बीज को उपचारित करने के लिए बीज को चौड़े मुंह वाले मटके में डालें और 2.5 ग्राम थाइरम दवा प्रति किलोग्राम बीज के मूल्य से मिलाएं. ठीक से मिश्रित करने के लिए मटका में बीज और दवा को दोनों हाथों से कई बार ऊपर-नीचे करें।

    बुवाई का तरीका

    खेत में बुवाई का एक महत्वपूर्ण तरीका है कि हम तैयार किए गए थालों को खेत में रख दें। 2-4 बीज थाले के चारों तरफ बोएं और बोने की गहराई 2-3 सेंटीमीटर रखें। ककड़ी भी नाली में बुवाई जाती है। 60 सेंटीमीटर चौड़ी नालियों पर ककड़ी के बीज बोए जाते हैं। नालियों के बीच दो मीटर की दूरी रखें। इसके अलावा, एक नक्काशी से दूसरी नक्काशी के बीच 60 सेंटीमीटर की दूरी बनाए रखें। चरणगत ऋतु में, बीज बोने से पहले 12 से 8 घंटे तक पानी में भिगोकर रखें, ताकि बीज बेहतर अंकुरण कर सकें।बीज बोने के लिए प्रत्येक पौधे में 1.0 मीटर की दूरी और 50 सेंटीमीटर की दूरी रखें। इस फसल को ककड़ी के पौधों से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए सहारा देना आवश्यक है।

    एक हेक्टेयर खेत में 30 टन गोबर खाद का उपयोग करें। प्रति हेक्टेयर 100 किलोग्राम यूरिया, 125 किलोग्राम NPK और 30 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश का उपयोग करें। फसल में फल लगने के शुरू होने पर एक या दो तुड़ाई के बाद यूरिया घोल का एक प्रतिशत छिड़काव करें. इससे पौधों की बढ़वार और फलत अधिक समय तक मिलती है। खीरे के पौधे को अधिक फल देने के लिए वृद्धि नियामक हार्मोन का उपयोग किया जा सकता है। इसके लिए 250 पीपीएम सान्द्रता वाले मिश्रण का घोल बनाकर,जिससे खीरे के पौधों में अधिक मादा पुष्प मिलते हैं। तथा अधिक फल लगने से उपज बढ़ी है।

    सिंचाई

    खीरे की खेती में सींचाई एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस तरह की सींचाई पर विशेष ध्यान दें। फसल में फूल आने के बाद प्रत्येक पांच दिन में सिंचाई करें। वहीं, पानी की कमी वाले क्षेत्रों में ड्रिप इरिगेशन का इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे खेत में पर्याप्त नमी बनी रहती है और सिंचाई के लिए कम जल की आवश्यकता होती है।

    सिंचाई के बाद कटाई और पैदावार

    खीरे की फसल प्रति हेक्टेयर 100-150 क्विंटल उत्पादन देती है और 45-75 दिनों की अवधि होती है। ग्लास घरों में खीरे की अप्रिय फसल उगाकर अच्छी कमाई की जा सकती है। यह एक ऐसी फसल है कि छोटे किसान भी लाखों रुपये कमाने में सक्षम हैं।

     

     

  • PM Kisan Yojna: प्रधानमंत्री किसान योजना की E-KYC 10 दिन में होगी गांवों में लगेंगे कैंप जानें पूरी जानकारी

    PM Kisan Yojna: प्रधानमंत्री किसान योजना की E-KYC 10 दिन में होगी गांवों में लगेंगे कैंप जानें पूरी जानकारी

    PM Kisan Yojna: प्रधानमंत्री किसान योजना की E-KYC 10 दिन में होगी गांवों में लगेंगे कैंप जानें पूरी जानकारी

    PM Kisan Yojna: के तहत सरकार देश भर के किसानों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने के लिए 12 से 21 फरवरी 2024 तक गांवों में शिविर आयोजित करेगी। प्रधानमंत्री किसान योजना के लिए ई-केवाईसी और योजना से जुड़े कई अन्य काम इस दौरान पूरे किए जाएंगे.

    PM Kisan Yojna उन योजनाओं में से एक है जो देश के किसानों के लिए बहुत फायदेमंद है। इन सरकारी योजनाओं के तहत किसानों को उनकी आर्थिक स्थिति सुधारने में मदद की जाती है। पीएम किसान सम्मान निधि को हम सभी पीएम किसान योजना और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के नाम से जानते हैं। भारत सरकार भी इस योजना के तहत समय-समय पर कई महत्वपूर्ण फैसले लेती है। इसी क्रम में सरकार ने देशभर के करीब 76 लाख किसानों को योजना का समुचित लाभ पहुंचाने के लिए विशेष अभियान चलाने का फैसला किया है.

    PM Kisan Yojna

    सरकार का यह अभियान 12 फरवरी 2024 से 21 फरवरी 2024 तक चलेगा. इस दौरान प्रधानमंत्री किसान योजना से जुड़ी किसानों की कई समस्याओं का समाधान किया जाएगा.

    प्रधानमंत्री E-KYC किसान योजना द्वारा शुरू किए गए इस विशेष अभियान में योजना में उल्लिखित किसान इसे समय पर पूरा करेंगे। यहां तक ​​कि कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने भी राज्य को प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए 10 दिनों के भीतर गांवों में शिविर आयोजित करने के लिए पत्र लिखा है. ताकि किसान इस सरकारी कार्यक्रम से आसानी से लाभान्वित हो सकें।

    https://www.instagram.com/reel/C3KQ4SdsK6h/?igsh=NWx4Z3pvbDJjZzgz

    उन्होंने यह भी लिखा कि 19 राज्यों में अधिकांश किसानों ने अभी तक पीएम किसान योजना की ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी नहीं की है जिसके तहत सबसे अधिक संख्या उत्तर प्रदेश के किसानों की है। संख्या 25 लाख से ज्यादा है और उसके बाद दूसरे स्थान पर राजस्थान के किसान हैं जिनकी संख्या 7 लाख से ज्यादा है. गुजरात और अन्य राज्यों के नाम भी शामिल हैं. इस अभियान को चलाने का सरकार का मुख्य उद्देश्य यह है कि इन 19 राज्यों के किसानों के लिए ई-केवाईसी पूरा करके उन्हें 2024 तक प्रधान मंत्री किसान योजना भुगतान का लाभ आधा योजना प्रदान किया जा सकता है।

    PM Kisan Yojna

    प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना

    प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि/PM Kisan Yojna निधि योजना भारत सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्त पोषित एक नई केंद्रीय क्षेत्र की योजना है। यह योजना देश भर में छोटे और सीमांत किसान परिवारों को प्रति वर्ष तीन किस्तों में 6000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

  • Kisan Andolan: दिल्ली बॉर्डर पर धारा 144 लागू होने के बाद हरियाणा के कई जिलों में सेवाएं बंद कर दी गई हैं.

    Kisan Andolan: दिल्ली बॉर्डर पर धारा 144 लागू होने के बाद हरियाणा के कई जिलों में सेवाएं बंद कर दी गई हैं.

    Kisan Andolan: दिल्ली बॉर्डर पर धारा 144 लागू होने के बाद हरियाणा के कई जिलों में सेवाएं बंद कर दी गई हैं.

    Kisan Andolan: किसानों के Delhi Chalo Abhiyaan के खिलाफ दिल्ली-हरियाणा सरकार हाई अलर्ट पर है. इसके अलावा रविवार से दिल्ली से लगती भारत की सीमा पर निषेधाज्ञा संख्या 144 जारी कर दी गई है और दिल्ली की सीमा को पूरी तरह से ब्लॉक कर दिया गया है. इसलिए किसान संगठन दिल्ली में प्रवेश नहीं कर सकते.

    Kisan Andolan: किसान संगठनों की एक रैली तेजी से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की ओर बढ़ रही है. दरअसल किसानों ने मंगलवार 13 फरवरी 2024 को दिल्ली मार्च निकाला है. रविवार को दिल्ली पुलिस ने किसानों के खिलाफ और राष्ट्रीय राजधानी में शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबंध आदेश 144 लागू कर दिया. मालूम हो कि दिल्ली में 11 मार्च 2024 तक यानी पूरे एक महीने तक धारा 144 लागू रहेगी.

    किन किन चीज़ों पर लगा है प्रतिबन्ध

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    मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल्ली की सीमाओं पर लोगों का कोई भी जमावड़ा अवैध माना जाएगा। इसके अलावा धारा 144 लागू होने के बाद ट्रैक्टर ट्रॉलीबस वाणिज्यिक वाहन घोड़े आदि वाहनों को रोक दिया जाएगा। उन्हें दिल्ली की सीमाओं से खदेड़ दिया गया। इसके अलावा दिल्ली की सीमाओं के बाहर से आने वाले लोगों को तलवार और लाठी जैसे हथियार ले जाने पर रोक है। यदि कोई व्यक्ति इस आदेश का उल्लंघन करता पाया गया तो उसे भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 188 के तहत गिरफ्तार किया जाएगा।

    कमर्शियल वाहनों पर प्रतिबंध

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    ट्रैफिक पुलिस की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक दिल्ली से जुड़े सिंगू नाका पर कमर्शियल वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. यह भी कहा जा रहा है कि मंगलवार 13 फरवरी को दिल्ली बॉर्डर पूरी तरह से बंद रहेगा. ऐसे में आम लोगों को भी आने-जाने में परेशानी होती है. अप्सरा भोपरा ग़ाज़ीपुर आपको बता दें कि किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए गाजियाबाद सीमा पर पुलिस की मौजूदगी और बैरिकेडिंग बढ़ा दी गई है। इसलिए किसान संघ ने दिल्ली में प्रवेश नहीं किया.

    इंटरनेट सेवाएं बंद

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    किसान संगठनों द्वारा दिल्ली में मार्च की घोषणा के बाद रविवार को हरियाणा के लगभग 15 जिलों में निषेधाज्ञा संख्या 144 जारी की गई। इसके अलावा कल (रविवार) सुबह 6 बजे से हरियाणा के कई इलाकों जैसे अंबाला कुरूक्षेत्र कैथल जिंद हिसार फतेहाबाद और सिरसा में इंटरनेट सेवाएं बाधित हैं। बताया जा रहा है कि इन इलाकों में 13 फरवरी तक इंटरनेट सेवाएं बंद की जा सकती हैं।

    https://aapkikheti.com/trending-post/farmers-protest/

    Delhi Chalo March – 13 February 2024

    उत्तर प्रदेश हरियाणा और पंजाब के किसान संगठनों ने 13 फरवरी 2024 को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है। किसान मोर्चा यूनियन और किसान मजदूर मोर्चा ने 13 फरवरी को दिल्ली चलो मार्च की घोषणा की है। मार्च में 200 से अधिक किसान संगठनों के शामिल होने की उम्मीद है.

    https://www.instagram.com/aapki_kheti?igsh=MWl5cGd3dGd5cXloOA==

  • Liquor License: शराब का लाइसेंस कहां और कैसे मिल सकता है? यहां सब कुछ जानें

    Liquor License: शराब का लाइसेंस कहां और कैसे मिल सकता है? यहां सब कुछ जानें

    Liquor License: शराब का लाइसेंस कहां और कैसे मिल सकता है? यहां सब कुछ जानें।

    Liquor License ki jaankari: आजकल हर कोई बिजनेस शुरू करके अमीर बनना चाहता है। यदि आप कम समय में अधिक पैसा कमाना चाहते हैं तो शराब की दुकानें/डिस्पेंसरी एक अच्छा विकल्प हैं। ऐसे में कृपया मुझे बताएं कि शराब की दुकान खोलने की अनुमति कहां और कैसे प्राप्त करें?

    आपने देश के कई हिस्सों में शराब बेचने वालों को यह दावा करते हुए देखा होगा कि उनके यहां अंग्रेजी शराब उपलब्ध है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बार खोलने के लिए व्यक्ति को क्या नहीं करना चाहिए? शराब के कारोबार में हजारों रुपये खर्च करने पड़ते हैं और ठेके की सुरक्षा के प्रति भी हमेशा सचेत रहना पड़ता है. यदि आप कोई व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं और कुछ ही दिनों में अधिक पैसा कमाना चाहते हैं तो शराब व्यवसाय में काम करना आपके लिए एक अच्छा विकल्प है।

    Daru ka Theka: आपको बता दें कि शराब का कारोबार कभी न खत्म होने वाला कारोबार है। अगर आप यह बिजनेस खोलना चाहते हैं तो आज हम आपके साथ शराब के बिजनेस से जुड़ी सारी जानकारी साझा करेंगे। तो आप आसानी से शराब की दुकान खोल सकते हैं.

    जानें Daru ka Theka दारू का ठेका कैसे खोले

    Liquor License

    हमारे देश में शराब बेचने के लिए हमारे पास लाइसेंस होना चाहिए जो कि सरकार की अनुमति होती है। इस परमिट को पाने के लिए आपको उत्पाद शुल्क विभाग से लाइसेंस प्राप्त करना होगा। यह कोई आसान काम नहीं है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक व्यक्ति को शराब का लाइसेंस लेने के लिए 50 हजार रुपये से लेकर 5 लाख रुपये से ज्यादा तक खर्च करने पड़ते हैं.

    अब आप सोच रहे होंगे कि हम शराब कहीं भी बेच सकते हैं जिसके लिए सरकार की इजाजत हो और ये गलत है. शराब रेस्तरां बार लाइसेंस होटल बार लाइसेंस सिविक क्लब रिज़ॉर्ट बार लाइसेंस आदि के लिए। आपको अलग-अलग तरीकों से आवेदन करना होगा और अलग-अलग रकम का भुगतान करना होगा।

    Daru ke Theke ke liye Aavedan kaise Kare ?

    घरेलू शराब की दुकान/शराब की दुकान के लिए आवेदन करने के लिए आपको अपने राज्य के कर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना चाहिए। लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आपको ऑनलाइन आवेदन करना होगा। यदि आपको ऑनलाइन काम करना मुश्किल लगता है तो आप शराब बिक्री अनुबंध के लिए ऑफ़लाइन आवेदन कर सकते हैं लेकिन ऑफ़लाइन आपको कर्मचारियों से बात करने के लिए व्यक्तिगत रूप से विभाग में जाना होगा।

    अगर उठाना चाहते हैं आप और भी योजना के लाभ तो पढिये ये ब्लॉग

    इसके बाद आपको अपने शहर में कंपनी या नगर पालिका से स्टोर लाइसेंस प्राप्त करना होगा और आपको जीएसटी नंबर भी प्राप्त करना होगा। इसके अलावा आपको अपनी शराब की दुकान का रजिस्ट्रेशन भी कराना होगा या किसी एमएसएमई के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर करना होगा। इसके लिए आपको एमएसएमई प्रमाणपत्र भी प्राप्त करना होगा।

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