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  • Ayushman Card Apply :पाए 5 लाख तक की सरकारी मदत अभी करे आवेदन

    Ayushman Card Apply :पाए 5 लाख तक की सरकारी मदत अभी करे आवेदन

    Ayushman Card Apply :पाए 5 लाख तक की सरकारी मदत अभी करे आवेदन

    अगर आपको लगता हैं की आपकी बिमारी पर आपको किसी सरकारी मदत की जरुरत पड़ सकती है ,तो निश्चिंत हो जाय क्योंकि भारत सरकार की ये योजना आपको काफी मदत कर सकती हैं| जिसके लिए आपको हमारा Ayushman Card Apply ब्लॉग जरुर पढना चाहिए ,जो की आपको बीमारियों में होने वाले से लोगो को थोड़ी रहत मिल जाए | अगर आप भी हमारा ये ब्लॉग पढेंगे तो आपको रजिस्ट्रेशन , योजना और क्या फायदे ये सब जानने का मौका मिलेगा तो जरुर पढ़े | Instagram से जुड़ने के लिए यहाँ click करे

    Ayushman Card Apply और मुख्य जानकारी यहाँ पाय

    Ayushman Bharat Yojna

    आयुष्मान भारत योजना भारत सरकार की एक ऐसी पहल है जिसके माध्यम से गरीब और कमजोर वर्ग के लोगो की निशुल्क जाँच हो सके | इस योजना का दूसरा नाम प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना भी हैं,इस योजना के माध्यम से 12 करोड़ परिवारों को जो की 55 करोड़ लोगो के बराबर हैं फायदा पहुँचाया गया हैं | इस योजना में पंजीकरण करने वाले लोगो को बिमारियों में होने वाले खर्चे से राहत मिल जाती हैं |

    आयुष्मान भारत योजना कब शुरू हुई

    आयुषमान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना 23 सितम्बर 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गयी थी | इस योजना के माध्यम से उन गरीब लोगो को सहयता प्रदान की जाती है जो की इतना खर्चा करना के लिए समर्थवान नहीं हैं जिस वजह से सरकार उन्हें आर्थिक मदत ना देकर एक कार्ड Ayushman Card की सुविधा प्रदान करवाती हैं ,जिसकी मदत से वो बड़े बीमारियों में होने वाले खर्चे से बच पाय |

    Ayushman Card Online Apply

    आयुष्मान कार्ड के लिए ऑनलाइन एप्लीकेशन अप्लाई करने के लिए आपको सबसे पहले प्ले स्टोर पर जाकर आयुष्मान ऐप डाउनलोड करना है |फिर इसमें पूछी गई प्रक्रिया को पूरा करते हुए आप आयुष्मान कार्ड के अप्लाई करने वाले पेज पर पहुंच जाएंगे |
    जिसमें आपको देखने को मिलेगा स्कीम ,स्टेट ,सर्विस स्कीम,सर्च बाय ,और जिला का कॉलम जिसमें आपको उसमें पूछी गई जानकारी को अपने योजनाओं के अनुसार भरना है फिर उसमे आधार नंबर और कैप्चा को भरना हैं | फिर Search वाले बटन पर क्लिक करना हैं | फिर आपके नाम के अनुसार आप अपना आयुष्मान कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं |

    Ayushman Card ekyc

    Ayushman Card Apply-Aapkikheti.ciom

    सबसे पहले आयुष्मान भारत ऐप पर जाकर आपको
    फिर इसमें पूछी गई प्रक्रिया को पूरा करते हुए आप आयुष्मान कार्ड के अप्लाई करने वाले पेज पर पहुंच जाएंगे |
    जिसमें आपको देखने को मिलेगा स्कीम ,स्टेट ,सर्विस स्कीम,सर्च बाय ,और जिला का कॉलम जिसमें आपको उसमें पूछी गई जानकारी को अपने योजनाओं के अनुसार भरना है फिर उसमे आधार नंबर और कैप्चा को भरना हैं | फिर सच वाले बटन पर क्लिक करना हैं | फिर आपके नाम के अनुसार आप अपना आयुष्मान कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं |

    MP Viklang Yojana 

    अगर नहीं हुई हैं तो क्या करे

    सबसे पहले उ जब आप आयुष्मान कार्ड डाउनलोड करने जाएंगे, तो आपको उन आईडेंटिफाई दिखाई देगा जो कि आप खुद से नहीं कर सकते हैं | उसके लिए आपको किसी ऑनलाइन या किसी केंद्र पर जाकर करवाना पड़ेगा | अगर आपके उसमें आईडेंटिफाई लिखा है ,तो आप अपने आप ही खुद की केवाईसी कर सकते हैं चलिए जानते हैं कैसे :
    सबसे पहले डू ई केवाईसी के ऑप्शन पर क्लिक करना है, जिसमे आपको आधार ओटीपी वाले कॉलम पर क्लिक करना हैं, फिर उसमें आपको आधार नंबर डालना पड़ेगा, फिर उसे एक्सेप्ट करना है औरallow की बटन पर क्लिक करना है फिर एक ओटीपी जो कि आपके आधार नंबर से जुड़े नंबर पर आएगा | इसके बाद फिर से आपके पास ई केवाईसी वाला ऑप्शन आएगा, जो की आधार कार्ड डाउनलोड करने के लिए आएगा |
    फिर इसके बाद आपको अपना मोबाइल नंबर, रिलेशन और जन्म और पिन कोड को भरना है | इसकी स्टेट और कौन सा जिला लगता है और आप शहरी क्षेत्र में रहते हैं या ग्रामीण क्षेत्र में और फिर आपको सबमिट वाली बटन पर क्लिक करना है , फिर आपको डाउनलोड कार्ड करने का ऑप्शन दिखाएगा जिसमें जाकर आप अपना कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं |

    Ayushman Bharat App Download Here 

    Ayushman Card Benefits

    Ayushman Card Benefit-Aapkikheti.ciom

    1. मुफ्त और कैशलेस इलाज

    • योजना के तहत चयनित सरकारी और निजी अस्पतालों में इलाज पूरी तरह निःशुल्क है।
    • मरीज को अस्पताल में भर्ती होने के लिए कोई पैसा नहीं देना पड़ेगा।
    • इलाज के लिए कैशलेस और पेपरलेस प्रक्रिया अपनाई जाती है, जिससे मरीज को आर्थिक संकट न हो।

    2. ₹5 लाख तक का वार्षिक बीमा कवरेज

    • प्रत्येक पात्र परिवार को ₹5 लाख प्रति वर्ष तक का स्वास्थ्य बीमा दिया जाता है।
    • इस बीमा राशि का उपयोग गंभीर बीमारियों, सर्जरी, मेडिकल जांच, दवाइयाँ, और अस्पताल में भर्ती खर्चों के लिए किया जा सकता है।
    • परिवार के सदस्य की संख्या, उम्र या लिंग पर कोई प्रतिबंध नहीं है।

    3. सभी प्रकार के प्रमुख इलाज शामिल

    • योजना के अंतर्गत 1350 से अधिक मेडिकल प्रक्रियाएँ और बीमारियाँ कवर की गई हैं।
    • सामान्य बीमारियों से लेकर गंभीर रोगों का इलाज संभव है, जैसे:
      • हृदय रोग (Bypass Surgery, Stent लगाना)
      • कैंसर (कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी)
      • किडनी रोग (डायलिसिस, ट्रांसप्लांट)
      • अस्थि रोग (हड्डी और जोड़ प्रत्यारोपण)
      • नेत्र रोग (कैटरेक्ट सर्जरी)
      • न्यूरोलॉजिकल रोग (स्ट्रोक, ब्रेन सर्जरी)

    4. भर्ती से पहले और बाद की चिकित्सा सुविधाएँ

    • योजना के अंतर्गत भर्ती से 3 दिन पहले तक की जाँच और 15 दिन बाद तक का इलाज शामिल है।
    • इसमें डॉक्टर की सलाह, डायग्नोस्टिक टेस्ट, और दवाइयाँ शामिल होती हैं।

    5. पहले से मौजूद बीमारियों का भी इलाज

    • अगर किसी व्यक्ति को पहले से कोई गंभीर बीमारी है, तो उसका इलाज भी इस योजना के तहत किया जाएगा।
    • अन्य बीमा योजनाओं के विपरीत, इस योजना में पहले से मौजूद बीमारियों का इलाज शुरू से ही कवर होता है

    6. पूरे भारत में 24×7 इलाज की सुविधा

    • इस योजना से देशभर में 25,000 से अधिक सरकारी और निजी अस्पताल जुड़े हुए हैं
    • मरीज अपने राज्य या किसी अन्य राज्य में भी इस योजना का लाभ ले सकता है।
    • यह विशेष रूप से माइग्रेंट (प्रवासी) मजदूरों के लिए बहुत फायदेमंद है।

    7. महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को विशेष लाभ

    • महिलाओं, बुजुर्गों, बच्चों और दिव्यांगों को इस योजना में प्राथमिकता दी जाती है।
    • विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए मुफ्त प्रसव और नवजात शिशु देखभाल शामिल है।

    8. कोई आवेदन शुल्क नहीं

    • इस योजना के लिए कोई आवेदन शुल्क नहीं लिया जाता
    • पात्र व्यक्ति बिल्कुल मुफ्त में आयुष्मान कार्ड बनवा सकते हैं और योजना का लाभ ले सकते हैं।

    Ayushman Card Apply , Ayushman bharat yojna FAQ’s

    Q1. आयुष्मान कार्ड के लिए नया आवेदन कैसे करें?

    उत्तर: आयुष्मान कार्ड के लिए नया आवेदन करने के लिए निम्नलिखित स्टेप्स फॉलो करें:

    ऑनलाइन पात्रता जांचें – https://pmjay.gov.in पर जाएं।
    “Am I Eligible” सेक्शन पर क्लिक करें और मोबाइल नंबर दर्ज करें।
    OTP डालकर अपनी पात्रता की पुष्टि करें।
    अगर पात्र हैं, तो नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर या सूचीबद्ध अस्पताल जाएं।
    आधार कार्ड और अन्य आवश्यक दस्तावेज जमा करें।
    सत्यापन के बाद आपका आयुष्मान कार्ड जारी कर दिया जाएगा।

    Q2. मोबाइल से आयुष्मान कार्ड कैसे निकाले?

    उत्तर: मोबाइल से आयुष्मान कार्ड डाउनलोड करने के लिए ये प्रक्रिया अपनाएं:

    आयुष्मान भारत योजना की वेबसाइट https://bis.pmjay.gov.in पर जाएं।
    लॉगिन करने के लिए अपना मोबाइल नंबर डालें और OTP वेरिफाई करें।
    आयुष्मान कार्ड डाउनलोड करने के लिए “Generate e-card” ऑप्शन पर क्लिक करें।
    आधार नंबर दर्ज करके e-KYC पूरा करें।
    सत्यापन के बाद अपना आयुष्मान कार्ड डाउनलोड करें और PDF सेव करें।

    Q3. आधार कार्ड से आयुष्मान कार्ड कैसे चेक करें?

    उत्तर: आधार कार्ड से आयुष्मान कार्ड की स्थिति चेक करने के लिए ये स्टेप्स अपनाएं:

    आधिकारिक वेबसाइट https://bis.pmjay.gov.in पर जाएं।
    “Beneficiary Identification System (BIS)” पोर्टल पर जाएं।
    आधार कार्ड नंबर दर्ज करें और OTP वेरिफाई करें।
    यदि आप पात्र हैं, तो आपकी आयुष्मान कार्ड की जानकारी स्क्रीन पर दिख जाएगी।
    यहीं से आप e-Card डाउनलोड भी कर सकते हैं।

    Q4. आयुष्मान कार्ड की पात्रता क्या है?

    उत्तर: आयुष्मान भारत योजना के तहत पात्रता निम्नलिखित है:
    👉 ग्रामीण क्षेत्रों में:

    कच्चे मकान में रहने वाले परिवार।
    भूमिहीन मजदूर।
    अनुसूचित जाति/जनजाति के लोग।
    दिव्यांग व्यक्ति।
    👉 शहरी क्षेत्रों में:

    दिहाड़ी मजदूर, फेरीवाले, रिक्शा चालक।
    सफाई कर्मचारी, घरेलू कामगार।
    ऑटो/टैक्सी ड्राइवर, दर्जी, मोची, प्लंबर आदि।

     

  • Watermelon Farming 2025 : कीजिये इस गर्मी में तरबूज की खेती 

    Watermelon Farming 2025 : कीजिये इस गर्मी में तरबूज की खेती 

    Watermelon Farming 2025 : कीजिये इस गर्मी में तरबूज की खेती 

    तरबूज एक मीठा और रसीला फल है जो गर्मी के मौसम में सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। इसमे अधिक मात्रा में पानी होता है जो शरीर को ठंडा और हाइड्रेट रखता है। अगर आप खेती से अच्छा मुनाफ़ा कमाना चाहते हैं तो तरबूज़ की खेती एक बढ़िया विकल्प हो सकती है। तरबुज की खेती सही तरीके से की जाए तो अच्छी पैदावार मिलती है। चलिए जानते हैं Watermelon Farming 2025 से जुड़ी मुख्य जानकारी।

    Watermelon Farming 2025 से जुडी हर जानकारी यहाँ से पाए

    1. तरबूज की खेती कैसे करें?

    तरबुज की खेती करने के लिए सही समय और उचित तकनीक का पता होना जरूरी है। तरबूज़ एक ख़रीफ़ फ़सल है जो गर्मी में बेहतर उगता है। इसके बीज सीधे जमीन में बोये जाते हैं और कुछ ही महीनों में तैयार हो जाते हैं। समय पर सिंचाई, बीजाई और खरपतवार नियन्त्रण से इसकी उपज बढाई जा सकती है।

    2.तरबूज की खेती के लिए मिट्टी और जलवायु

    तरबुज की खेती के लिए रेतीली दोमट या बालू मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है क्योंकि ये ज्यादा नम रखती है और बीज जल्दी अंकुरित होते हैं। इसकी खेती गरम और अधरशील जलवायु में बेहतर होती है। इसके लिए 25 -35°C तापमान अनुकूल माना जाता है।

    3. तरबूज की प्रसिद्ध किस्मे

    तरबुज की कई तरह की किस्मे होती है जो अलग-अलग इलाकों में उगती है। कुछ प्रसिद्ध किस्मे हैं:
    शुगर बेबी – छोटी और मीठी किसम
    क्रिमसन स्वीट – मध्यम आकार का तरबूज जिसमें ज्यादा रस होता है
    ब्लैक डायमंड – बड़े आकार और गहरे लाल रंग का होता है
    जुबली – लम्बी आकृति और बीजो वाली किस्म
    बीजरहित तरबूज – बीज रहित तरबूज़ जो बाज़ार में महँगा बिकता है

    4. Tarbooj ki kheti ke liye jameen ko kaise taiyaar kare

    Watermelon Farming 2025-Aapkikheti.com

    तरबूज़ की फ़सल के लिए ज़मीन की अच्छी तरह तयारी करनी पड़ती है।
    हल चलाना – जमीन को 2-3 बार हल से अच्छी तरह जोतो ताकि मिट्टी भुरा भुरा हो जाए।
    जैविक खाद मिलाना – गोबर खाद या खाद का प्रयोग करें ताकि मिट्टी की उपज बढ़ सके।
    रिज और बेड बनाना – बीजोन के लिए 1-1.5 फीट ऊंचा बेड या रिज बनाना जरूरी है।

    5. बिजाई

    तरबुज के बीज सीधे खेत में बोये जाते हैं।
    बीजो को 3-4 cm गहराई में डालना होता है
    हर पौधे के बीच 1-1.5 मीटर का अंतर रखना जरूरी है ताकि उनका विकास अच्छी तरह हो सके।
    एक एकड़ खेत में लगभग 1-1.5 किलो बीज की अवश्यकता होती है।

    6. सिंचाई

    तरबुज की खेती में समय पर पानी देना जरूरी होता है।
    पहली सिंचाई बीज बोए जाने के बाद करनी चाहिए।
    7-10 दिन के अंतर सिंचाई करनी होती है।
    पौधे में फूल और फल आने के समय पानी की मात्रा बढ़ानी पड़ती है ताकि फल अच्छा हो।
    ड्रिप सिंचाई तरिका अपनाया जाये तो पानी की बचत होती है और भुगतान भी बढ़ता है।

    7. खरपतवार नियन्त्रण

    खरपतवार फसल का पोषण चुरा लेते हैं इसलिए उनका नियंतरण जरूरी है।
    मल्चिंग करने से नुकसान कम होता है और मिट्टी की नमी भी बनी रहती है।
    हाथ से या कृषि यंत्र से खरपतवार हटा सकते हैं।
    रासायनिक खरपतवारनाशकों का भी उपयोग किया जा सकता है लेकिन सही मात्रा और सही समय पर।

    8.तरबूज की फसल की कटाई

    तरबुज काटने के लिए सही समय का पता होना जरूरी है।
    बीज बोये जाने के 75 -100 दिन बाद फल तैयार हो जाता है।
    जब तरबूज का रंग गहरा और उसका छिलका थोड़ा चमकदार हो जाए तो इसका मतलब है कि वो कटने के लिए तैयार है।
    तरबुज को तोड़ने से पहले हल्का थपथपा कर देखना चाहिए, अगर भीतर से खोकला आवाज आए तो तरबुज पक गया है।
    फल तोड़ने के बाद उन्हें 2-3 दिन के लिए धूप से दूर रखना चाहिए ताकि उनका स्वाद और भी बेहतर हो सके।

    पढ़िए यह ब्लॉग : Watermelon Benefits

    FAQs : Watermelon Farming 2025

    1: तरबूज की खेती के लिए सबसे अच्छा समय कौन सा है?

    तरबूज की खेती गर्मी के मौसम में की जाती है, इसकी बुवाई फ़रवरी से अप्रैल तक सबसे अच्छी मानी जाती है।

    2: तरबूज की खेती के लिए सबसे अच्छी मिट्टी कौन सी होती है?

    रेतीली दोमट या बालू मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है, क्योंकि यह अच्छी जल निकासी और नमी बनाए रखती है।

    3: एक एकड़ में तरबूज की खेती के लिए कितने बीजों की जरूरत होती है?

    लगभग 1-1.5 किलोग्राम बीज एक एकड़ खेत के लिए पर्याप्त होते हैं।

    4: तरबूज की फसल को तैयार होने में कितना समय लगता है?

    तरबूज की फसल 75-100 दिनों में पूरी तरह तैयार हो जाती है।

    5: तरबूज की पैदावार बढ़ाने के लिए कौन-कौन से उर्वरकों का उपयोग करें?

    जैविक खाद (गोबर खाद, कम्पोस्ट) और संतुलित मात्रा में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश उर्वरक का उपयोग करना चाहिए।

     

  • Antyodaya Anna Yojana : यह योजना है गरीबो का बड़ा सहारा

    Antyodaya Anna Yojana : यह योजना है गरीबो का बड़ा सहारा

    Antyodaya Anna Yojana : यह योजना है गरीबो का बड़ा सहारा

    भारत एक विकासशील देश है जिसमे गरीबी एक बड़ा संकट बनी हुई है। गरीब परिवार को सस्ती और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वार कई योजना चलायी जा रही है। उनमें से एक अंत्योदय Antyodaya Anna Yojana भी है, जो गरीब से गरीब लोगो तक सस्ता अनाज पहुंचाने का काम करती हैं।इस योजना का मुख्य लक्ष्य भारत के सबसे गरीब लोगों की भोजन सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

    Antyodaya Anna Yojana जाने योजना के बारे में

    1. अंत्योदय अन्न योजना क्या है?

    अंत्योदय अन्न योजना एक केन्द्रीय सरकार द्वारा चलाई जा रही है राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसए) का एक हिस्सा है, जिसे 25 दिसंबर 2000 को लॉन्च किया गया था। इस योजना का उद्देश्य गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) जीने वाले परिवार को बहुत ही कम दाम पर राशन प्रदान करना है। इस योजना के तहत गरीब परिवार को 35 किलो अनाज (20 किलो गेहूं और 15 किलो चावल) सिर्फ Rs2-Rs3 प्रति किलो की दर से दिया जाता है। इसका मुख्य लक्ष्य भारत के सबसे गरीब, निराश्रित और मजदूर वर्ग के लोगों के भोजन की गारंटी को पूरा करना है।

    2. अंत्योदय अन्न योजना के उद्देश्य

    अंत्योदय अन्न योजना का प्रमुख उद्देश्य देश के सबसे गरीब परिवार को भोजन सुरक्षा उपलब्ध कराना है, जिससे कोई भी भूखा न रहे। इस योजना के मुख्य उदेश्य निम्लिखित हैं |
    गरीब परिवार की मदद – इस योजना का उद्देश्य सबसे गरीब लोगों को सस्ता अनाज उपलब्ध कराना है।
    भूख और कुपोषण को कम करना  –इस योजना के माध्यम से गरीब और समर्थ लोगों को पोषण आहार दिया जाता है।
    समाज में समानता लाना – गरीब और अमीर के बीच खाद्य सुविधाओं का अंतर कम करने के लिए इस योजना को शुरू किया गया है।
    आर्थिक मदद – इस योजना के माध्यम से गरीब परिवार राशन पर कम खर्च करके अपनी अन्य आर्थिक जरूरतों को पूरा कर सकते हैं।

    3. अंत्योदय अन्न योजना के लिए जरूरी दस्तावेज

    अगर कोई भी व्यक्ति या परिवार इस योजना का लाभ उठाना चाहता है तो उन्हें कुछ जरुरी दस्तावेज जमा करने होते हैं।
    आय प्रमाण पत्र –योजना का लाभ लेने के लिए प्रार्थी का गरीब या बीपीएल वर्ग से होना अनिवार्य है।
    आधार कार्ड –पहचान की पुष्टि के लिए आधार कार्ड आवश्यक होता है
    राशन कार्ड – इस योजना का लाभ लेने के लिए राशन कार्ड की आवश्यकता होती है।
    निवासी प्रमाण पत्र – व्यक्ति के निवास स्थान की पुष्टि के लिए ये दस्तवेज अनिवर्य है।
    पासपोर्ट साइज फोटो – योजना के फॉर्म भरने के लिए एक नई पासपोर्ट साइज फोटो जरूरी होती है।

    4. Antyodaya Anna Yojana Ke Fayde

    Antyodaya Anna Yojana-Aapkikheti.com

    अंत्योदय अन्न योजना के लाभ हैं जो गरीब परिवारों को सहायता प्रदान करते हैं। कुछ मुख्य लाभ ये हैं:
    सस्ता और पौष्टिक अनाज – इस योजना के माध्यम से गरीब परिवार सिर्फ Rs 2/किलो गेहूं और Rs 3/किलो चावल पर प्राप्त कर सकते हैं।
    भूख और गरीबी में कमी – इस योजना से गरीब वर्ग के लोगों की भोजन सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
    कुपोषण की समस्या दूर करना – इस योजना के माध्यम से बच्चों और महिलाओं को पोषण आहार मिलता है, जो उनकी सेहत के लिए फ़ायदेमंद है।
    सामाजिक और आर्थिक सुधार – गरीब परिवार राशन पर कम खर्च करके अन्य जरूरी चीजों पर अपना ध्यान दे सकते हैं।
    सरकारी मदद का लाभ – इस योजना से गरीब और मजदूर वर्ग के लोग अपनी जिंदगी बेहतर बना सकते हैं।

    5.अंत्योदय अन्न योजना के लिए पंजीकरण कैसे करें

    पात्रता जांच करें – पहले ये देखें कि आप आय के लिए पात्र हैं या नहीं। ये योजना गरीब परिवार के लिए होती है।
    आवश्यक दस्तावेज तैयार करें – आपका आधार कार्ड, राशन कार्ड, आय प्रमाण पत्र, और पते का प्रमाण जरूरी होगा।
    स्थानीय राशन कार्यालय में आवेदन करें – अपने निकटतम राशन कार्यालय या तहसील में जाकर एएवाई पंजीकरण फॉर्म लें।
    फॉर्म को भर कर जमा करें – सभी आवश्यक विवरण भर कर दस्तावेजों के साथ सबमिट करें।
    सत्यापन प्रक्रिया का इंतजार करें – सरकारी अधिकारी आपके दस्तावेजों का सत्यापन करेंगे।
    राशन कार्ड मिलने पर लाभ उठायें – अनुमोदन के बाद AAY राशन कार्ड मिलेगा, जिसे आप सस्ता राशन ले सकेंगे।

    पढ़िए यह ब्लॉग : MP Viklang Pension Yojana

    FAQs : Antyodaya Anna Yojana

    1. अंत्योदय अन्न योजना क्या है?
    अंत्योदय अन्न योजना एक सरकारी योजना है जो बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) परिवार को बहुत ही कम दाम पर राशन प्रदान करती है।

    2. इस योजना का उद्देश्य क्या है?
    इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के सबसे गरीब परिवार को भोजन सुरक्षा देना और भूख और कुपोषण को कम करना है।

    3. इस योजना का लाभ कौन उठा सकता है?
    ये योजना उन लोगों के लिए है जो बीपीएल श्रेणी में आते हैं और जिनके पास इस योजना के लिए आविष्कार दस्तावेज हैं।

    4. अंत्योदय अन्न योजना के लिए कौनसे दस्तावेज जरूरी हैं?
    आधार कार्ड, राशन कार्ड, आय प्रमाण पत्र, निवासी प्रमाण पत्र और पासपोर्ट साइज फोटो जरूरी हैं।

    5. इस योजना के तहत कितना राशन मिलता है?
    इस योजना के अंतर्गत 35 किलो अनाज मिलता है, जिसमें 20 किलो गेहूं और 15 किलो चावल शामिल है।

  • Carrot Farming : 90 दिनों में कमाए गाजर की खेती करके बम्पर मुनाफा

    Carrot Farming : 90 दिनों में कमाए गाजर की खेती करके बम्पर मुनाफा

    Carrot Farming : 90 दिनों में कमाए गाजर की खेती करके बम्पर मुनाफा

    गाजर, जिसे Carrot भी कहा जाता है, एक पौष्टिक और लोकप्रिय जड़ वाली सब्जी है जो भारत के लगभग हर कोने में उगती है। ये विटामिन ए, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट का एक समृद्ध स्रोत है, जो इसे स्वास्थ्य के लिए एक सुपरफूड बनाता है। गाजर की खेती एक लाभदायक कृषि पद्धति है, जो सही तकनीक और प्रबंधन के साथ-साथ अच्छी आय दे सकती है। आइए, जानते हैं Carrot Farming कैसे करे |

    Carrot Farming से जुडी हर जानकारी आप यहाँ से पढ़िए

    1. Gajar Ki Kheti Kaise Karen ?

    गाजर की खेती के लिए आपको खेत की सही तरह से जुताई करनी हैं , और जमीन समतल करना हैंध्यान दे की कोई पत्थर न बचे | खेत को जुतवाने के बाद लाइन की दूरी 45 सेंटीमीटर होनी चाहिए, जिस से पेड़ों में पानी सही तरह से पहुंच सके | खाद का इस्तेमाल भी आपको सोच समझ के ही करना हैं ताजा खाद का इस्तेमाल करने से बचे |

    2. जलवायु

    गाजर की खेती मध्यम जलवायु में सबसे अच्छी होती है। 16°C से 24°C का तापमान इसकी वृद्धि के लिए आदर्श होता है। अत्यधिक गर्मी और ठंड से फसल की गुणवत्ता प्रभावित होती है।

    3. गाजर की खेती के लिए मिट्टी की तयारी

     

    गाजर की खेती के लिए रेतीली दोमट मिट्टी अच्छी जल निकास वाली सबसे अच्छी होती है। मिट्टी का पीएच 6 – 7 के बीच होना चाहिए। मिट्टी को अच्छे से जुताई और जैविक खाद या खाद मिलाना जरूरी है, जो जड़ विकास को समर्थन देता है।

    4. Gajar ki kism

    गाजर की उन्नत किस्म उत्पादकता और रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए चुनी जाती है। लोकप्रिय किस्मों में नैनटेस, पूसा केसर, अर्ली नैनटेस और कुरोदा शामिल हैं। इन्हें जलवायु और मिट्टी के अनुसार चयन करना चाहिए।

    5. Gajar ke beej ko kaise boye

    Carrot Farming - Aapkikheti.com

    गाजर के बीज को बोने के लिए आपको सबसे पहले बाजार से गाजर के बीज को लेकर आना हैं | इसके बाद आपको बीजों को 12 से 13 घंटों के लिए पानी में भिगो के रखना हैं ,फिर उनको निकाल कर खेत में लगा देना हैं | अगर आपका खेती 1 हेक्टेयर का हैं तो 5 से 6 किलो बीज की जरुरत होगी , बीज को खेत में लगाने के बाद 12 दिनों में बीज अंकुरित हो जाते हैं | बीज को लगाते समय ध्यान दे कि लाइन की दूरी 45 सेंटीमीटर होनी चाहिए और पौधे के बीच की दूरी 7.5 सेंटीमीटर होनी चाहिए | अगर आप चाहते हैं की बीजों को बुवाई सही से हो तो बीज को 1.5 गहराई में बोना हैं और बोने के बाद सिंचाई भी करना हैं |

    6. खरपतवार नियंतरण

    खरपतवार गाजर की वृद्धि और उपज को कम कर सकते है। मैनुअल निराई या मल्चिंग से खरपतवार का नियंत्रण किया जाता है। जैविक शाकनाशी का भी उपयोग किया जा सकता है।

    7. Gajar Ki Fasal Ko Kab Kaate

    गाजर की फसल 90 -120 दिनों में तैयार होती है, विविधता और जलवायु पर निर्भर करता है। जब जड़ें पूरी तरह से विकसित हो जाएं और उनका रंग चमकीला नारंगी हो, तब फसल कटाई करनी चाहिए। कटाई के लिए हाथ के औजार या यांत्रिक खुदाई करने वालों का उपयोग किया जाता है।

    8. Gajar ki kheti में सिचाई कब करे

    गाजर की खेती के लिए आपको इसकी सिंचाई पर अधिक ध्यान देना हैं , क्योंकि सर्दियों और गर्मियों में सिंचाई का तरीका बदल जाता हैं | गर्मियों में 5-6 दिन के अंतराल पर सिंचाई करनी चाहिए ,और सर्दियों में 10 से 11 दिन के अंतराल पर इसकी सिंचाई करनी चाहिए |

    9. गाजर की खेती के लाभ

    उच्च लाभप्रदता: गाजर की मांग बाजार में हमेशा ऊंची होती है, जो किसानों के लिए अच्छी आय सुनिश्चित करता है।
    कम निवेश: गाजर की खेती में ज्यादा खर्च नहीं होते, लेकिन रिटर्न अच्छा मिलता है।
    स्वास्थ्य लाभ: गाजर एक स्वस्थ फसल है जो बाजार में लोगों के बीच लोकप्रिय है।
    एकाधिक उपयोग: गाजर को ताजा, प्रसंस्कृत (जूस, अचार), और संरक्षित (जैम) रूप में उपयोग किया जाता है, जो किसानों के लिए कई राजस्व धाराएँ बनाता है।

    पढ़िए यह ब्लॉग  Nashpati Benefits

    FAQs : Carrot Farming

    1. गाजर की खेती के लिए सबसे अच्छा समय क्या है?

    गाजर की खेती के लिए अक्टूबर से दिसंबर का समय सबसे अच्छा माना जाता है।

    2. गाजर की खेती के लिए कौन-सी मिट्टी उपयुक्त होती है?

    रेतीली दोमट मिट्टी, जिसका पीएच 6-7 के बीच हो और जिसमें अच्छी जल निकासी हो, गाजर की खेती के लिए उपयुक्त होती है।

    3. गाजर की उन्नत किस्मों के नाम क्या हैं?

    गाजर की उन्नत किस्मों में नैनटेस, पूसा केसर, अर्ली नैनटेस, और कुरोदा शामिल हैं।

    4. गाजर की फसल कितने दिनों में तैयार होती है?

    गाजर की फसल 90-120 दिनों में तैयार हो जाती है, जो विविधता और जलवायु पर निर्भर करती है।

    5. गाजर की फसल की कटाई कैसे की जाती है?

    गाजर की कटाई हाथ के औजारों या यांत्रिक खुदाई करने वाले उपकरणों से की जाती है।

     

  • Gram Farming : क्या हैं सही समय चने की खेती में सिंचाई का जाने अभी

    Gram Farming : क्या हैं सही समय चने की खेती में सिंचाई का जाने अभी

    Gram Farming : क्या हैं सही समय चने की खेती में सिंचाई का जाने अभी

    क्या आप भी चने की खेती कर रहे हैं ,और सिंचाई की समस्या हो रही हैं, जिस से खेती को नुक्सान पहुंच रहा हैं तो चिंता ना करे और पढ़े हमारा Gram Farming : क्या हैं सही समय चने की खेती में सिंचाई का जाने अभी ब्लॉग ,जो आपको इसकी खेती में अधिक मदत दे पायेगा जिस से आप काफी उपज पा सकोगे | तो अभी पढ़े हमारा ये ब्लॉग जो आपको चने की खेती से जुडी हर समस्या को सुलझाएगा, और आपके फायदा पहुचायेगा | हमसे इंस्टाग्राम से जुड़े रहने के लिए यहाँ Click करे |

    Gram Farming में सिंचाई करने के सबसे तरीका

    जैसे की हम जानते हैं, कि हर खेती में पानी की आवश्यकता तो जरूर होती हैं जिस वजह से पेड़ों को उपज मिल पाती हैं | बात करे चने की खेती की तो अगर आप सिंचाई सही तरह रखेंगे तो आपको काफी फायदा होगा | नीचे दी गयी जानकरी को ध्यानपूर्वक पढ़े

    Gram Farming Kaise Karen

    Gram Farming-Aapkikheti.com

    • जमीन की तैयारी : सबसे पहले आप खेत को अच्छी तरह से जोत ले जिससे चने के बीज अच्छी तरह से उग सके
    • बीज को चुनना और बोना : सबसे पहले ऐसे बीज को चुनो जो हाई क्वालिटी के साथ साथ रोग से मुक्त हो और इसको बोने के लिए 5 से 6 फीट का गड्ढा खोद ले और 40 से 50 सेंटीमीटर के दूरी पर बो दे
    • पानी की जरूरत : चने की खेती को पानी की ज्यादा जरुरत नहीं होता हैं और अगर बरसात कम हुए हैं तो थोड़ा सा पानी इसकी खेती के लिए सही रहता हैं
    • खाद और कीटनाशक का प्रयोग : इसमें समय समय पर बीडिंग देना बहुत आवशयक होता है और जरुरत पड़ने पर कीटनाशक का भी प्रयोग अवश्य करें
    • फसल को काटना : यह से दिनों में पूरी तरह तैयार हो जाती हैं उसके बाद आप इसे काट सकते हैं और आप अगर ज्यादा समय लेते हैं तो फसल ख़राब भी हो सकती हैं

    Gram Farming Ke Liye Mitti

    चने की खेती के लिए सबसे अच्छी मिटटी बालुई मिट्टी और इसके अलावा दोम्मट मिटटी होती हैं ,जिससे इसकी खेती अच्छी मात्रा में होती हैं | ध्यान दे की जब मिटटी का चयन करे तो आपको वही मिटटी चुननी हैं जिसमे पानी ना भारी और जड़ों का नुक्सान होने से बच सके |

    Chane ki kheti Mein Sinchai

    चने की खेती के लिए सिंचाई करना बहुत आवश्यक हैं , इसी वजह से जब आप चने की खेती कर रहे हैं तो ध्यान दे की चने की खेती में आपको 3 बार ही सिंचाई करनी हैं | पहली सिंचाई आपको चने की खेती में 40 से 45 दिनों में करनी हैं अगली सिंचाई आपको 70 से 80 दिनों में और तीसरी सिंचाई आपको 105 से 110 दिनों में करनी हैं | इसके अलावा अगर आप खेती में अधिक सिंचाई करते हैं तो ये चने की खेती के लिए नुक्सान हो सकता हैं |

    Gram Farming kis jagah jyada hoti hain

    चने की खेती मुख्य रूप से मध्य प्रदेश ,महाराष्ट्र,उत्तरप्रदेश राजस्थान,कर्नाटक और आँध्रप्रदेश जैसे राज्यों में सबसे ज्यादा होती है, क्योंकि ये इसकी खेती के लिए अनुकूल परस्थिति प्रदान करते हैं | जिस वजह से ये इसके प्रमुख राज्य हैं और आकड़ो से देखे तो मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा होती हैं ,इसी वजह से मध्य प्रदेश को “चने के कटोरा” कहा जाता हैं |

    FAQ’s Gram Farming

    1. चने की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु और मिट्टी कौन सी होती है?

    चना शुष्क और अर्ध-शुष्क जलवायु में अच्छी तरह उगता है। इसके लिए हल्की दोमट से लेकर काली कपासीय मिट्टी उपयुक्त होती है। जल निकासी अच्छी होनी चाहिए ताकि पानी जमा न हो।

    2. चने की बुवाई का सही समय क्या है?

    चना आमतौर पर रबी मौसम की फसल है। इसकी बुवाई अक्टूबर से नवंबर के बीच की जाती है, जब मिट्टी में पर्याप्त नमी होती है।

    3. चने की उन्नत किस्में कौन-कौन सी हैं?

    कुछ प्रमुख उन्नत किस्में हैं – जीजी-2, जीसी-3, पूसा-256, विजय, जेजी-315, और दहोड़ यलो। किसान अपनी जलवायु और मिट्टी के अनुसार उपयुक्त किस्म का चयन कर सकते हैं।

    4. चने की खेती में कौन-कौन से कीट और रोग नुकसान पहुंचाते हैं?

    चना की फसल को उखटा रोग, फ्यूजेरियम विल्ट और चना चूर्णिल आसिता रोग प्रभावित कर सकते हैं। वहीं, कटवर्म, चने की इल्ली और सफेद मक्खी प्रमुख कीट हैं। जैविक और रासायनिक उपायों से इनका प्रबंधन किया जा सकता है।

    5. चने की अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए कौन-कौन सी उर्वरक एवं खाद का उपयोग करना चाहिए?

    चना में नाइट्रोजन (20-25 किग्रा/हेक्टेयर), फास्फोरस (40-50 किग्रा/हेक्टेयर), पोटाश (20-30 किग्रा/हेक्टेयर) और जैविक खाद (गोबर की खाद या वर्मीकंपोस्ट) का प्रयोग करना चाहिए ताकि अच्छी पैदावार मिले।

     

  • Watermelon Benefits : गर्मियों में खाये तरबूज़

    Watermelon Benefits : गर्मियों में खाये तरबूज़

    Watermelon Benefits : गर्मियों में खाये तरबूज़

    तरबूज़ एक रसीला और स्वादिष्ट फल है जो गरमियों में सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। ये सिर्फ स्वाद में ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभदायक होता है। इसमे पानी की मात्रा अधिक होती है जो शरीर को हाइड्रेटेड रखने से लेकर हडियो को मजबूत बनाने तक कई तरह से फायदा पहुंचाता है। चलो, जानते हैं Watermelon Benefits

    1. बॉडी को हाइड्रेटेड रखें

    तरबूज़ लगभग 90% पानी से भरा होता है जो बॉडी की हाइड्रेशन को बनाए रखने में मदद करता है। गरमियों में पानी की कमी से बचने और ठंडा महसुस करने के लिए ये एक शानदार विकल्प है। ये डिहाइड्रेशन को रोकता है और एनर्जी लेवल को बनाये रखता है।

    2. एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर

    तरबूज़ में लाइकोपीन, बीटा-कैरोटीन और विटामिन सी जैसे शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो फ्री रेडिकल्स से बचाव करते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट्स त्वाचा को सुंदर और जवान बनाए रखने के साथ-साथ बिमारियों से लड़ने की शक्ति भी देते हैं।

    3. तनाव से राहत दिलाये

    आज के तेज़ रफ़्तार जीवन में तनाव एक आम समस्या है। तरबूज़ में अमीनो एसिड सिट्रुलिन होता है जो रक्त संचार को सुधारता है और तनाव को कम करने में मदद करता है। ये आदमी और शरीर दोनों को शांत और ताज़ा महसूस करने में मदद करता है।

    4. हडियों को रखे मजबूत

    तरबूज़ में कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे महत्त्वपूर्ण खनिज होते हैं जो हडियो की मज़बूती को बढ़ाने में मदद करते हैं। ये गठिया और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी हडियू से जुडी समस्याओं से बचाव करता है और उनका विकास सुधारने में सहायक होता है।

    5. पाचन में करे मदद

    इसमें फाइबर और पानी की अच्छी मात्रा होती है जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करती है। ये कब्ज को दूर करता है, मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाता है और आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाता है। तरबूज़ का नियम सेवन आपके पालतू जानवर को हल्का और स्वस्थ रख सकता है।

    6. हृदय के लिये लाभदायक

    तरबूज़ दिल के स्वास्थ्य के लिए एक बेहतर फल है। इसमें लाइकोपीन और अमीनो एसिड सिट्रुलिन होता है जो रक्तचाप को नियंत्रित करता है और दिल के दौरे का जोखिम कम करता है। ये धमनियों को साफ रखने और स्वस्थ रक्त प्रवाह बनाए रखने में मदद करता है।

    पढ़िए यह ब्लॉग : Pineapple Benefits

    FAQs :  Watermelon Benefits 

    1. तरबूज़ खाने का सबसे अच्छा समय क्या है?

    तरबूज़ खाने का सबसे अच्छा समय सुबह या दोपहर में होता है, ताकि शरीर इसे आसानी से पचा सके और हाइड्रेशन बनाए रखे।

    2. क्या तरबूज़ वजन कम करने में मदद करता है?

    हाँ, तरबूज़ में कम कैलोरी और अधिक पानी होता है, जिससे यह वजन घटाने में सहायक होता है।

    3. क्या डायबिटीज़ के मरीज तरबूज़ खा सकते हैं?

    डायबिटीज़ के मरीज सीमित मात्रा में तरबूज़ खा सकते हैं, क्योंकि इसमें नैचुरल शुगर होती है। डॉक्टर की सलाह लेना बेहतर होगा।

    4. क्या तरबूज़ खाने से त्वचा चमकदार बनती है?

    हाँ, तरबूज़ में एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन C होता है, जो त्वचा को स्वस्थ और ग्लोइंग बनाए रखने में मदद करता है।

    5. क्या तरबूज़ पाचन तंत्र के लिए अच्छा है?

    बिल्कुल, इसमें फाइबर और पानी की भरपूर मात्रा होती है, जिससे यह पाचन को सुधारता है और कब्ज़ से राहत दिलाता है।

  • MP Viklang Pension Yojana :अब 18 से 70 साल के विकलांगों को मिलेंगे प्रति माह 600 आवेदन करे

    MP Viklang Pension Yojana :अब 18 से 70 साल के विकलांगों को मिलेंगे प्रति माह 600 आवेदन करे

    MP Viklang Pension Yojana : अब 18 से 70 साल के विकलांगों को मिलेंगे प्रति माह 600 आवेदन करे

    अगर आप भी मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं , वही आप विकलांग हैं तो निश्चिंत हो जाइये क्योंकि मध्यप्रदेश सरकार की इस योजना से आपको काफी मदत मिल सकती हैं जिसकी सहायता से आप अपना जीवन यापन कर सकते हैं | इन सभी जानकारी के लिए पढ़े हमारा MP Viklang Pension Yojana ब्लॉग जो आपको इसमें रजिस्ट्रेशन से लेकर, योजना के फायदे से जुडी हर जानकार मिलेगी | अगर आप हमसे जुड़ा रहना चाहते हैं तो वेबसाइट पर दिखा रही नोटिफिकेशन को क्लिक करे और आपको सबसे हमारी नोटिफिकेशन मिल जायेगी जिस से आपको हर जानकारी समय से मिल जाएगी |

    MP Viklang Pension Yojana में कैसे और किस तरह आवेदन करे

    MP Viklang Pension Yojana Kya Hain

    MP Viklang Pension Yojana मध्यप्रदेश सरकार की एक ऐसी पहल हैं, जिसके माध्यम से राज्य में रह रहे ,उन दिव्यांग नागरिकों को मदत पहुंच सके जिन्हे आर्थिक सहायता की बेहद जरुरत हैं | इसलिए ये योजना उन विकलांगों को आर्थिक मदत पहुंचती हैं ,जिन्हे इसकी शख्त जरुरत हैं , और जिससे उन्हें अपनी आवश्यकता को पूरा करने का मौका मिल सके और समाज कुछ काम कर सके |

    MP Viklang Pension Yojana Objectives

    इस योजना को लागू करने का मुख्य उद्देश्य दिव्यांग व्यक्तियों को आर्थिक रूप से सहयोग देना और उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है। इसके प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं:

    1. आर्थिक सहायता प्रदान करना: दिव्यांग नागरिकों को मासिक पेंशन देकर उनकी वित्तीय कठिनाइयों को कम करना।
    2. स्वतंत्र जीवन जीने में मदद करना: इस सहायता से वे अपनी जरूरतों को स्वयं पूरा कर सकते हैं।
    3. सामाजिक समावेशन: दिव्यांग व्यक्तियों को समाज में आत्मनिर्भर बनाना और उनकी जीवनशैली को सुधारना।
    4. गरीबी उन्मूलन: विकलांग नागरिकों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करके उन्हें गरीबी से बाहर निकालना।

    Instagram 

    MP Viklang Pension Yojana के लाभ

    • राज्य सरकार पात्र दिव्यांग नागरिकों को मासिक वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
    • यह राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है।
    • लाभार्थियों को किसी भी प्रकार की सरकारी सहायता एवं सुविधाओं में प्राथमिकता दी जाती है।
    • योजना के अंतर्गत ऑनलाइन आवेदन की सुविधा उपलब्ध है, जिससे आवेदन करना आसान हो गया है।
    • इस योजना से गरीब एवं असहाय दिव्यांग नागरिकों को जीवनयापन में मदद मिलती है।

    MP Viklang Pension Yojana Pension Amount

    मध्यप्रदेश विकलांग पेंशन योजना के तहत लाभार्थी को इस हिसाब से मासिक पेंशन दी जाती है :

    • 40% से अधिक दिव्यांगता वाले नागरिकों को ₹600 प्रतिमाह की पेंशन प्रदान की जाती है।
    • 80% से अधिक दिव्यांगता वाले नागरिकों को ₹1000 प्रतिमाह की पेंशन प्रदान की जाती है।
    • गंभीर दिव्यांगता वाले नागरिकों को अधिक सहायता प्रदान की जाती है, जिसकी जानकारी जिले के सामाजिक न्याय विभाग से प्राप्त की जा सकती है।

    MP Viklang Pension Yojana Eligibility

    इस योजना का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित पात्रता शर्तें आवश्यक हैं:

    1. निवासी: आवेदक को मध्य प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए।
    2. दिव्यांगता प्रमाण पत्र: आवेदक के पास 40% या उससे अधिक दिव्यांगता प्रमाण पत्र होना चाहिए।
    3. आय सीमा:
      • ग्रामीण क्षेत्र के आवेदक की वार्षिक आय 56,000 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
      • शहरी क्षेत्र के आवेदक की वार्षिक आय 60,000 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
    4. अन्य सरकारी पेंशन: यदि आवेदक पहले से किसी अन्य सरकारी पेंशन योजना का लाभ उठा रहा है, तो वह इस योजना के लिए पात्र नहीं होगा।
    5. बैंक खाता: लाभार्थी के पास बैंक खाता होना अनिवार्य है, क्योंकि राशि सीधे बैंक खाते में जमा की जाएगी।

    MP Viklang Pension Yojana Online Registration

    MP Viklang Pension Yojana-Aapkikheti.com

    यदि आप इस योजना के तहत आवेदन करना चाहते हैं, तो आप ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीकों से आवेदन कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया इस प्रकार है:

    1. आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं
      • सबसे पहले, आपको मध्य प्रदेश सरकार की सामाजिक सुरक्षा पेंशन पोर्टल http://socialsecurity.mp.gov.in पर जाना होगा।
    2. पंजीकरण करें
      • वेबसाइट पर ‘ऑनलाइन आवेदन’ का विकल्प चुनें।
      • वहां आपको अपनी व्यक्तिगत जानकारी, आधार कार्ड नंबर, बैंक खाता विवरण और दिव्यांगता प्रमाण पत्र अपलोड करना होगा
    3. फॉर्म भरें और दस्तावेज अपलोड करें
      • अपना नाम, पता, आयु, आय प्रमाण पत्र, दिव्यांगता प्रमाण पत्र आदि की जानकारी भरें।
      • आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
    4. आवेदन सबमिट करें
      • सभी जानकारी भरने के बाद ‘सबमिट’ बटन पर क्लिक करें।
      • आपका आवेदन संबंधित विभाग को भेज दिया जाएगा।
    5. स्थिति की जांच करें
      • आवेदन की स्थिति जानने के लिए उसी वेबसाइट पर जाकर ‘Application Status’ पर क्लिक करें और अपना आधार नंबर या पंजीकरण नंबर दर्ज करें

    MP Viklang Pension Yojana documents

    आवेदन के समय निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:

    • आधार कार्ड
    • निवास प्रमाण पत्र
    • बैंक पासबुक की कॉपी
    • दिव्यांगता प्रमाण पत्र
    • पासपोर्ट साइज फोटो
    • आय प्रमाण पत्र

    MP Viklang Pension Yojana Offline Registration

    यदि कोई व्यक्ति ऑनलाइन आवेदन करने में असमर्थ है, तो वह निकटतम पंचायत, नगर निगम या सामाजिक न्याय विभाग के कार्यालय में जाकर ऑफलाइन आवेदन कर सकता है

    1. संबंधित कार्यालय से आवेदन पत्र प्राप्त करें।
    2. सभी आवश्यक जानकारी भरें और दस्तावेज संलग्न करें।
    3. फॉर्म को जमा करें और प्राप्ति रसीद लें।
    4. स्वीकृति के बाद पेंशन राशि सीधे बैंक खाते में भेजी जाएगी।

    निष्कर्ष

    मध्य प्रदेश विकलांग पेंशन योजना दिव्यांग नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है, जो उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान कर आत्मनिर्भर बनाने में मदद करती है। यदि आप या आपके परिवार का कोई सदस्य इस योजना के लिए पात्र है, तो जल्द से जल्द आवेदन करें और इस सरकारी लाभ का फायदा उठाएं।

    अगर आपको इस योजना से संबंधित कोई समस्या होती है, तो आप हेल्पलाइन नंबर: 1800-233-4397 पर संपर्क कर सकते हैं।

  • Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana :अब गर्भवती महिलाओं को मिलेगी सरकार मदत जाने कैसे करे आवेदन

    Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana :अब गर्भवती महिलाओं को मिलेगी सरकार मदत जाने कैसे करे आवेदन

    Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana :अब गर्भवती महिलाओं को मिलेगी सरकार मदत जाने कैसे करे आवेदन

    क्या आप भी गर्भवती हैं और आपको खुदकी और आपके बच्चे की देखभाल के लिए सही तरह से राशि इक्कट्ठी नहीं हो पा रही हैं ,तो निश्चिंत रहे क्योंकि भारत की ये योजना आपको इस तरह की परिस्थिति में लड़ने के लिए सहायता राशि प्रदान करेगी जिसके लिए आपको हमारे द्वारा दी गयी इन जानकारियों को ध्यान से पढ़ना हैं जिस से आप भारत सरकार की इन योजनाओं से ज्यादा से ज्यादा फायदा उठा सकते है | अभी पढ़े हमारा Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana ब्लॉग जिस से आपको काफी मदत मिल पायेगी , और अगर हमसे Instagram पर जुड़ना चाहते हैं तो इस लिंक पर क्लिक करे |

    Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana की आवेदन और योजना से जुडी जानकारी

    Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana Kya Hai

    Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana-Aapkikheti.com

    भारत सरकार की प्रधानमंत्री  मातृ वंदना योजना उन महिलाओं के लिए हैं जो की पहली बार गर्भवती हुई हैं और स्तनपान करवाने के लिए भारत सरकार से आर्थिक राशि में 5000 रुपये की मदत मिलती हैं जिसको वो 3 किस्तों में बांटते है | इस योजना की मदत से होना वाला बच्चा स्वास्थ हो सके और उसकों मिलने वाले पोषण में कोई कम ना हो इस वजह से सरकार उन्हें आर्थिक मदत प्रदान करती हैं |

    Mukhyamantri Udyam Kranti Yojana 

    Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana Objective

    1: योजना किसके लिए है : इस योजना में उन गर्भवती महिलाएं को राशि प्रदान की जाती हैं जो की पहली बार गर्भवती हुई हैं और उनके पास बच्चे को स्वास्थ रखने के लिए उच्चित खाद्य सामग्री नहीं हैं जिस से उनका पालन हो सके इसी वजह से सरकार उन महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करवाती हैं जो की असमर्थ हैं जिसकी मदत से बच्चे को भी अच्छी तरह से पालन पोषण हो सके |

    2. आर्थिक मदत : इस योजना के अंतर्गत महिलाओं में 5000 रुपए को तीन किस्तों में बाटां जाता हैं , जो की हैं :

    • पहली क़िस्त : पहली किस्त गर्भवती महिला जब रेजिस्ट्रेशन करती हैं तब 1000 रूपए मिलती हैं 
    • दूसरी क़िस्त : इसकी दूसरी क़िस्त नोवे महीने पर मिलती हैं , 2000 रूपए 
    • तीसरी क़िस्त : तीसरी क़िस्त पहले और जन्म के बाद रुपए 2000 

    3.कौन लाभ नहीं ले सकता : इस योजना का फायदा वही गर्भवती महिलाएं ले सकती हैं , जो किसी सरकारी योजना का हिस्सा न हो और ना ही सरकारी जॉब हो

    4. अगर दो बच्चे हो तो : इस योजना में आपको एक बच्चे के जन्म पर 5000 तीन किस्तों में दिए जाते हैं , और अगर आपकी दूसरा बच्चा लड़की हुई तो इसमें 6000 मिलेंगे |

     प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना फॉर्म Online

    • इस योजन में आवेदन करने के लिए आपको सबसे पहले PMMVY. wcd.gov.in पर जाना है ,इसके बाद आपको Appliciant Login पर क्लिक करना है ,जो कि आपको होम पेज पर दिख जाएगा | उसके बाद आपको दिए गए मोबाइल नंबर पर अपना मॉडिफाई करना है ,फिर उसके बाद एक आपके पास ओटीपी आएगा | 
    • मोबाइल नंबर डालकर इसके बाद आपको इसमें आप अपना नाम और स्टेट , जिला और एरिया चुनना है, जो की ग्रामीण और शहरी के हिसाब से होना चाहिए | फिर इसके बाद ब्लॉक , विलेज और रिलेशनशिप विद बेनिफिशियरी मतलब जो गर्भवती महिला है उसके साथ आपका क्या संबंध है ,फिर उसके बाद आप अपना अकाउंट बना सकते हैं |
    • इसके बाद आपको फिर से एजेंट लॉगिन वाले आइकॉन पर क्लिक करना है ,फिर आपकी वही नंबर जो आपने पहले रजिस्ट्रेशन करने के टाइम डाला उसको डालना है फ्री ओटीपी आएगा फिर आपको वैलिडेट वाली बटन पर क्लिक करना है | इसके बाद आपके पास आपका यूजरनेम और पासवर्ड आ जाएगा |

    Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana Beneficiary Registration

    Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana-Aapkikheti.com

    • इस योजना बेनेफिशरी रजिस्ट्रेशन करने के लिए आपको सबसे पहले लॉगिन करना पड़ेगा फिर उसके बाद आपको डाटा एंट्री में दिख रही है ,बेनिफिशियल रजिस्ट्रेशन बटन पर क्लिक करके आप रजिस्ट्रेशन फॉर्म पर जाना होगा |
    • फिर वह पेज आपको बेनिफिशियरी रजिस्ट्रेशन फॉर्म पर ले जाएगा ,जिसमें आपको सभी जानकारी भरनी हैं जैसे : बेनिफिशियरी किसी सरकारी जॉब में काम तो नहीं करती हैं | फिर अगर आप पहले बच्चे के लिए अप्लाई कर रहे हैं तो उसमें आपको क्लिक करना है अथवा अगर आपकी दूसरी बच्चे यानी अगर लड़की है, तो उसमें सरकार आपको ₹6000 भी देगी |
    • महिलान के पास कितने बच्चे हैं ये भी जानकारी देना आवश्यक हैं और महिला के पास आधार कार्ड हैं या नहीं |
    • फिर इसके बाद आपको दी गई जानकारी जैसे ,नाम आधार कार्ड नंबर ,जन्म तिथि कैटेगरी और मोबाइल नंबर ,एलजीबीटी क्राइटेरिया के साथ आपको कोई डॉक्यूमेंट लगाना होगा जो की इस योजना के अन्तर्गत माँगा जाएगा | इसी के साथ ही आप इस योजना में दी गयी जानकारी को ध्यान पूर्वक पढ़ सकते हैं | सबमिट पर क्लिक करके आपके पास 40 से 45 दिनों उसकी राशि आजयेगी |

    प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना राजस्थान

    राजस्थान सरकार भारत सरकार के साथ इस योजना को चला रही हैं , जिसके माध्यम से गर्भवती महिलाएं अपने होने वाले बच्चे को सही तरह से स्तनपान करा सके और उन्हें सही मात्रा में पोषण मिल सके | आवेदन करने के लिए ऊपर दी गयी जानकारी को पढ़े |

    FAQ’S Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana

    1. प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना क्या है?

    प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही एक योजना है, जिसके तहत पहली बार गर्भवती महिलाओं को 5000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है, ताकि वे अपने बच्चे की सही देखभाल और पोषण कर सकें।

    2. इस योजना के तहत मिलने वाली राशि कितनी है और इसे कैसे प्राप्त किया जाता है?

    इस योजना के तहत कुल 5000 रुपये की आर्थिक सहायता तीन किस्तों में दी जाती है:

    • पहली किस्त: गर्भवती महिला के रजिस्ट्रेशन के समय – ₹1000
    • दूसरी किस्त: गर्भावस्था के नौवें महीने में – ₹2000
    • तीसरी किस्त: बच्चे के जन्म के बाद – ₹2000

    3. प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लिए कौन आवेदन कर सकता है?

    इस योजना के लिए केवल वे महिलाएं आवेदन कर सकती हैं:

    • जो पहली बार गर्भवती हैं।
    • जिनका कोई सरकारी नौकरी या अन्य सरकारी योजना से जुड़ा लाभ नहीं मिल रहा है।
    • जो आर्थिक रूप से कमजोर और सरकारी सहायता की पात्र हैं।

    4. क्या इस योजना का लाभ दूसरी संतान के लिए भी मिलता है?

    इस योजना के तहत पहली संतान के लिए ₹5000 की सहायता दी जाती है। यदि दूसरी संतान लड़की होती है, तो सरकार ₹6000 की सहायता राशि प्रदान करती है।

    5. प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लिए आवेदन कैसे करें?

    • आधिकारिक वेबसाइट PMMVY.wcd.gov.in पर जाएं।
    • “Applicant Login” पर क्लिक करें और मोबाइल नंबर दर्ज करें।
    • OTP दर्ज करके अपनी प्रोफाइल बनाएं और आवश्यक जानकारी भरें।
    • आधार कार्ड, बैंक डिटेल्स और अन्य दस्तावेज अपलोड करें।
    • फॉर्म सबमिट करने के 40-45 दिनों के भीतर सहायता राशि खाते में आ जाएगी।
  • Chai ki kheti :अपनाए चाय की खेती ये प्रमुख तरीके और हो जाइये मालामाल

    Chai ki kheti :अपनाए चाय की खेती ये प्रमुख तरीके और हो जाइये मालामाल

    Chai Ki kheti: अपनाए चाय की खेती ये प्रमुख तरीके और हो जाइये मालामाल

    जैसा कि हम सभी जानते हैं कि चाय का मार्केट कितना बड़ा हैं , और Chai ki kheti काफी फ़ायदेमदं भी रहती है | पर अगर आप भी करना चाहते हैं खेती ,तो आपको हमारा ये ब्लॉग जरूर पढ़ना चाहिए ,जो की आपको इसकी खेती से जुडी हर जानकारी प्रदान करेगा |  जैसे खेती कैसे करें , खेती के लिए मिटटी , और पानी की सिंचाई ये सभी जानकारी आपकों इस ब्लॉग में मिल जायेगी ,तो जरूर पढ़े इस ब्लॉग को और जानकारी अच्छे लगे ,तो नोटिफिकेशन को ऑन जरूर करे जिस से आपको समय समय पर खेती से जुडी मिलती रहे |

    Chai ki kheti -Aapkikheti.com

    Chai Ki kheti करने के लिए यह ब्लॉग पढ़ें

    भारत में चाय की खेती कहां होती है

    जैसा की हम सभी जानते हैं , की चाय की खेती में भारत की सबसे ज्यादा उत्पादन असम राज्य में होता हैं जिस वजह से उसे “चाय का बागान “भी कहते हैं | असम भारत का 52 % यानि 625 मिलियन किलोग्राम तक उत्पादन करता हैं जिस वजह से भारत चीन के बाद दूसरा सबसे ज्यादा चाय की खेती करने वाला देश हैं |

    Chai ki kheti Ki Mitti

    चाय की खेती के लिए सबसे अच्छी मिट्टी लेटराइट मिट्टी होती है,क्योकि इसकी के लिए 4.5 से लेकर 5 तक पीएच वैल्यू होना चाहिए, जो की मिट्टी को जो क्षमता प्रदान करता है इसी के साथ में ध्यान दें कि जब आप इसकी खेती कर रहे हैं तो मिट्टी ऐसी ना हो जिसमें पानी रुके अगर पानी रुकता हैं तो ये खेती के लिए नुक्सान दायक हो सकता हैं |

    Chai Ki Kheti Ka Samay

    चाय की खेती का सबसे अच्छा समय वैसे ,तो मानसून के तुरंत बाद का होता है ,क्योंकि तब इसकी खेती के लिए मिटटी में पर्याप्त नमी मिलती हैं। पर इसकी खेती अलग जगह अलग समय पर की जाती हैं जैसे जून से अगस्त, मार्च से मई और सितंबर से नवंबर के बीच होता है | इस बीच में अगर आप चाय की खेती करते हैं तो आपको खेती से सही मुनाफा मिल पायेगा |

    Chai ki kheti kaise kare

    इसकी खेती करने के लिए आपको ये जरुरी काम करने चाहिए :

    • सबसे पहले आपको खेत को अच्छी तरह से जोतना है और अगर जैसे आप किसी ढलान वाले क्षेत्र में इसकी खेती कर रहे हैं तो यह आपकी खेती के लिए सबसे अच्छी बात हैं |
    • इसकी खेती के लिए सबसे अच्छा समय 13 डिग्री सेल्सियस से लेकर 30 डिग्री सेल्सियस के बीच में होना चाहिए जो कि इसकी खेती के लिए उपयुक्त होता है
    • इसकी खेती के लिए 150 से 300 सेंटीमीटर तक की बारिश अच्छी रहती हैं जिस वजह से आपको असम , दार्जीलिंग और पश्चिम बंगाल के और भी छेत्रों इसकी खेती देखने को मिलती हैं
    • इसके बीजों को खेत के किसी हिस्से में बोदे और वो जब बड़े हो जाए तो उन्हें निकाल कर खेत में लगा दे |
    • लगाने के समय ध्यान दे की कतारों के बीच 90 से 120 सेमी की दूरी होनी चाहिए |
    • एक पौधे से दूसरे पौधे के बीच 45 से 60 सेमी की दूरी होनी चाहिए जिस से पेड़ों के बीच में थोड़ी जगह हो सके |

    Pista ki kheti 

    Chai ki kisme

    भारत में चाय के इन किस्मों की वजह से पूरा भारत चाय की खेती में दूसरे नंबर पर आता हैं | उनसे सबसे पहली किस्म हैं ,असम टी जो असम क्षेत्र में प्रचलित। दूसरी किस्म हैं दर्जिलिंग टी जो उच्च गुणवत्ता वाली काली चाय होती हैं | तीसरी निलगिरी टी जो दक्षिण भारत में उगाई जाने वाली चाय प्रसिद्ध किस्म हैं । कांगड़ा टी ये चाय की किस्म हिमाचल प्रदेश में लोकप्रिय।

    भारत में चाय की खेती कहां से आरंभ हुई

    भारत में सबसे पहले चाय की खेत ब्रिटिश साम्राज्य के समय दार्जीलिंग के पहाड़ी इलाकों में 1850 सन में हुई थी | जिसके बाद से चाय की खेती इस जगह काफी अधिक मात्रा में की जाने लगी |

    चाय की कटाई कब करें?

    चाय की खेती कर रहे हैं तो आपको ये बात जानना बहुत जरुरी हैं की चाय की पत्तियों की पहली तुड़ाई तीसरे वर्ष से शुरू हो जाती हैं | जिसमे चाय की युवा और कोमल पत्तियों को ही तोड़ा जाता है। और जब 3 साल का समय हो जाए तो आपको हर 7 से 10 दिन में कटाई करनी चाहिए , हाथ से तोड़ने के बजाय आधुनिक मशीनों का उपयोगी भी किया जा सकता हैं |

    Chai ki kheti ke fayde

    1. आर्थिक लाभ : चाय की मांग पूरी दुनिया में लगातार बनी रहती है, जिसके कारण इसकी खेती से किसानों को अच्छा मुनाफा होता है।
    चाय एक नकदी फसल है, जिससे किसानों को नियमित आय होती है।
    2. रोज़गार के अवसर : चाय की खेती, प्रसंस्करण एवं विपणन से हजारों लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार मिलता है।
    3. जलवायु अनुकूल : चाय की खेती के लिए पहाड़ी और नम क्षेत्र उपयुक्त होते हैं, जिसके कारण यह खेती पर्यावरण के अनुकूल मानी जाती है।
    यह भूमि के कटाव को रोकने और हरियाली को बनाए रखने में मदद करता है।
    4. निर्यात के अवसर : भारत दुनिया के प्रमुख चाय उत्पादक देशों में से एक है और यहां की चाय अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी बहुत लोकप्रिय है। निर्यात से विदेशी मुद्रा अर्जित होती है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है।
    5. स्वास्थ्य लाभ :चाय में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं।
    चाय की विभिन्न किस्में जैसे ग्रीन टी, हर्बल टी स्वास्थ्य के प्रति जागरूक उपभोक्ताओं के बीच लोकप्रिय हैं।

    FAQ’S

    1. चाय की खेती के लिए सबसे उपयुक्त मिट्टी कौन-सी होती है?

    चाय की खेती के लिए लेटराइट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है। इसकी pH वैल्यू 4.5 से 5 के बीच होनी चाहिए। यह मिट्टी अच्छी जल निकासी वाली होनी चाहिए, क्योंकि पानी रुकने से पौधों को नुकसान हो सकता है।

    2. चाय की खेती करने का सबसे अच्छा समय कौन-सा होता है?

    चाय की खेती के लिए मानसून के तुरंत बाद का समय सबसे अच्छा माना जाता है। यह अलग-अलग जगहों पर विभिन्न समयों में की जाती है, जैसे—

    • जून से अगस्त
    • मार्च से मई
    • सितंबर से नवंबर

    3. चाय के पौधों की कटाई कब और कैसे करनी चाहिए?

    चाय के पौधों की पहली तुड़ाई तीसरे वर्ष से शुरू होती है।

    • युवा और कोमल पत्तियों को हर 7 से 10 दिन में तोड़ा जाता है।
    • कटाई हाथ से या आधुनिक मशीनों की सहायता से की जा सकती है।

    4. भारत में चाय की खेती सबसे ज्यादा कहां होती है?

    भारत में चाय की खेती मुख्य रूप से निम्नलिखित राज्यों में होती है—

    • असम (भारत का सबसे बड़ा चाय उत्पादक राज्य, 52% उत्पादन)
    • पश्चिम बंगाल (दार्जिलिंग, डूअर्स, तराई क्षेत्र)
    • तमिलनाडु (नीलगिरी क्षेत्र)
    • केरल और कर्नाटक
    • हिमाचल प्रदेश (कांगड़ा चाय के लिए प्रसिद्ध)

    5. चाय की खेती से किसानों को क्या लाभ होता है?

    चाय की खेती के कई लाभ हैं—

    • आर्थिक रूप से फायदेमंद – चाय की मांग हमेशा बनी रहती है, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा होता है।
    • रोजगार के अवसर – इस क्षेत्र में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हजारों लोगों को रोजगार मिलता है।
    • निर्यात का अवसर – भारतीय चाय अंतरराष्ट्रीय बाजार में बहुत लोकप्रिय है, जिससे विदेशी मुद्रा अर्जित होती है।
    • पर्यावरण के लिए अनुकूल – चाय के बागान मिट्टी के कटाव को रोकते हैं और हरियाली बनाए रखते हैं।
  • Kanya Sumangla Yojana : उत्तरप्रदेश सरकार दे रही हैं अब कन्या के जन्म पर आर्थिक मदत 

    Kanya Sumangla Yojana : उत्तरप्रदेश सरकार दे रही हैं अब कन्या के जन्म पर आर्थिक मदत 

    Kanya Sumangla Yojana : उत्तरप्रदेश सरकार दे रही हैं अब कन्या के जन्म पर आर्थिक मदत

    उत्तरप्रदेश सरकार की Kanya Sumangla Yojana जिसमे सरकार दे रही हैं,गरीब कन्याओं को आर्थिक मदत अगर आपको भी इस योजना में आवेदन करना हैं तो आपको हमारा ये ब्लॉग जरूर पढ़ना चाहिए | जिसमे आप इस योजना से इस योजना से जुडी हर छोटी और बड़ी जानकारी मिल जाएगी और अगर आप हमसे Instagram पर जुड़ना चाहते हैं तो अभी क्लिक करे | 

    Kanya Sumangla Yojana पूरी जानकारी यहाँ प्राप्त करे |

    Kanya Sumangla Yojana Kitne Paise Milte Hain

    बालिका का जन्म होने पर ₹5000 और उसके बाद दूसरी किस्त बालिका को 1 वर्ष तक टीके की पूर्ति के लिए 2000 तक रुपए | पहली कक्षा में प्रवेश होने पर बालिका को ₹3000 तक की राशि मिलती हैं, कक्षा 6 में बालिका की प्रवेश की ₹3000, कक्षा 9 में बालिका की प्रवेश के उपरांत ₹5000 तथा 12वीं क्लास एसी में बालिकाएं जिन्होंने कक्षा दसवीं और बारहवीं करके स्नातक डिग्री या कम से कम 2 वर्षी डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश लिया है तो उन्हें ₹7000मिलेगा |

    Kanya Sumangla Yojana Registration

    आपको सबसे पहले kanya sumangla yojna की वेबसाइट पर जाना है , जिसमे आपको वहां पर दी गयी शर्तों को पढ़ना हैं जो की बहुत जरुरी होता हैं | आपकों सहमत बटन पर क्लिक करना हैं जिसके बाद वहां दिए गए आवेदन के बॉक्सेस में हाँ या ना का ऑप्शन टिक करना हैं जिसके बाद | आपको फिर उसके बाद बालिका के साथ आवेदक का संबंध ,आपको उसका संबंध बताना है ,आवेदक का नंबर ,आवेदन का नाम आवेदक के पिता या पति का नाम आवेदक की लाभार्थी परिवार की कुल संख्या ,उसके बाद आवेदक का प्रकार ,जिला ,पासवर्ड और कहां के रहने वाले हैं ध्यान में रखे अगर आप उत्तर प्रदेश के हैं तो यह आपको यह योजना मिलेगा |

    Kanya Sumangla Yojana Objectives

    • असमानता को दूर करना : इस योजना की मदत से ग्राम छेत्र में लड़कियों के साथ होने वाले भेदभाव को कम करने का मौका मिलेगा जिसकी मदत से लड़कियों को समाज में एक इज्जत मिले |
    • बाल विवाह को रोकना : इस योजना के माध्यम से बच्चियों को पढ़ने का अवसर मिलेगा जिससे बाल विवाह जैसे अपराध में रोक होगी
    • रोजगार के अवसर : इस योजना के माध्यम से लड़कियों को शिक्षा प्राप्त करने का मौका मिलेगा , और वो आगे चलकर खुद का काम भी खोल सकती हैं |
    • कन्या हत्या को रोकना : इस योजना के माध्यम से कन्या हत्या को रोक पाना आसान हो गया हैं के माध्यम से इंसान कन्याओं को पढ़ाने पर ज्यादा जोर देता हैं |

    Kanya Sumangla Yojana Eligibility

    Kanya Sumangala Yojana-Aapkikheti.com

    योजना की पात्रता कुछ इस प्रकार हैं : 

    • कन्या सुमंगला योजना का लाभ वही परिवार ले सकता है जिनकी आय सीमा 3 लाख तक है या उससे काम है
    • इसके अलावा अगर नागरिक उत्तर प्रदेश का है तो ही वह इस योजना का फायदा ले सकता है
    • अगर एक परिवार में दो बेटियां हैं ,तो उसे परिवार को इस योजना का लाभ मिलेगा ,इसके अलावा अगर आपकी पहली संतान के रूप में जुड़वा बेटियां होती है ,तो तीसरी बेटी को भी योजना का लाभ मिलेगा |
    • यदि माता-पिता में से कोई भी राज्य सरकार या केंद्र सरकार या किसी सार्वजनिक उपक्रम में है, तो वह इस योजना के आवेदन नहीं कर सकता हैं |
    • बच्ची के जन्म की 6 महीने की भीतर ही आपको आवेदन करना होगा ,यदि बच्ची स्कूल में प्रवेश कर चुकी है, तो उसी स्तर के अनुसार आवेदन किया जा सकता है |
    • लाभार्थी कन्या के पास बैंक खाता होना चाहिए, जो किसी सरकारी बैंक में हो और आधार से लिंक हो

    Kanya Sumangala Yojana Helpline Number

    उत्तर प्रदेश सरकार की इस योजना में अगर आप किसी भी तरह की परेशान का सामना करना पढ़ रह है ,तो निश्चिंत हो जाइये क्योंकि उत्तरप्रदेश सरकार ने इस योजना के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी कर दिया हैं जिससे आप उस नंबर पर कॉल करके सारी परेशानी बता सकते हैं | Number – 1800 1800 300

    अगर आपकी कन्या विवाह योग्य हैं ,तो योजना में आवेदन जरूर करे यहाँ पर जाए