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पपीता की खेती : कम मेहनत में ज्यादा मुनाफा

पपीता की खेती : कम मेहनत में ज्यादा मुनाफा

पपीता की खेती एक महत्वपूर्ण कृषि विषय है जो भारत में व्यापक रूप से की जाती है। पपीता एक प्रमुख फल है जो सेहत के लिए फायदेमंद होता है, और इसकी खेती से किसानों को संग्रहित मुनाफा प्राप्त होता है।
 एक लाभकारी कृषि व्यवसाय हो सकती है, जिसमें पर्याप्त मात्रा में जल और उर्वरक के साथ-साथ उचित मौसम की भी आवश्यकता होती है। पपीते को अधिकतर गर्म और उमस भरे क्षेत्रों में उत्पन्न किया जा सकता है। यदि आप हमारे इंस्टाग्राम चैनल से जुड़ना चाहते है तो यहाँ क्लिक करे

पपीता की खेती

1. पपीता की खेती कैसे करें

इसके लिए सबसे पहले आपको अच्छी जमीन का चयन करना होगा। मिट्टी हल्के अम्लीय (अम्लीय) और बलुई दोमट मिट्टी में पपीता की खेती अच्छी होती है। मिट्टी का pH स्तर 6 से 6.5 के बीच होना आवश्यक है। भूमि को अच्छी तरह से जोतने के बाद, उसमें कम्पोस्ट या जैविक खाद मिलाकर उसे खेती के लिए तैयार करना चाहिए।। पौधे को 2-3 मीटर की दूरी पर लगाया जाना चाहिए ताकि उन्हें पूरी धूप और हवा मिल सके।

2. पपीता के पोधे कैसे लगाएं

पपीता के बीज से सबसे पहले नर्सरी में पोधे तैयार किये जाते हैं। बीज को 2-3 दिन पानी में भीगो कर निकाला जाता है, फिर इसे अच्छी गुणवत्ता की मिट्टी में बोया जाता है। जब पोधे 15-20 सेमी लम्बे हो जाते हैं, तब उन्हें खेती के लिए चुने हुए खेत में ट्रांसफर कर दिया जाता है। लगाने के लिए 60 सेमी चौड़े और 60 सेमी गहरे गड्ढे बनाये जाते हैं, जिनमें पोधो को ध्यान से लगाना पड़ता है।

3.Papita ki kheti का समय

इसकी खेती का समय वहां के भागोलिक स्थिति पर निर्भर करता है। आम तौर पर, इसकी  लिए जून-जुलाई या फरवरी-मार्च का समय सबसे अच्छा माना जाता है। इस समय हवा और तापमान दोनों ही पपीता की अच्छी वृद्धि के लिए उपयुक्त होते हैं।

4. पपीता की खेती का मौसम

पपीता एक उष्णकटिबंधीय फल है, जो गरम और अधिक जलवायु में अच्छे से उगता है। पपीता के लिए 25°C से 30°C का तापमान सबसे बेहतर माना जाता है। ठंडी हवा और पला से पौधे को नुक्सान हो सकता है। ऐसे में, सर्दी के मौसम में पौधों की रक्षा के लिए उन्हें ढकना जरूरी होता है।

5. पपीता की उन्नत किसमें

पपीता की उन्नत किसमें उपलब्ध हैं, जो ज्यादा उत्पादन और अच्छी गुणवत्ता का फल देती हैं। कुछ प्रमुख किसमें हैं: पूसा बौना पूसा जाइंट पूसा नन्हा सीओ-1, सीओ-2 (तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित किसमें ) ये सभी किसमें जल्दी फल देती हैं और इनमें रोग प्रतिरोधक शामता भी होती है।

6. पपीता के पेड़ की देखभाल

पपीता के पेड़ को सुरक्षित और स्वस्थ बनाए रखने के लिए उनकी अच्छी देखभाल जरूरी है। समय पर पानी देना, खाद डालना और जानकारी के अनुसर की तजावीरी की ज़रुरत होती है। बीज बोये जाने के बाद पहले 6 महीने तक पौधे को अच्छे से पानी देना होता है, और मानसून के समय थोड़ा काम पानी भी देंगे तो चलेगा |

7. पपीता की खेती में लागत

इसकी खेती में लागत कम होती है लेकिन उत्पादन काफी जियादा होता है | 1 बीघा ज़मीन में पपीता के 800-1000 पौधे लगाए जा सकते है | लगभग 1- 1.5 लाख रुपये लागत अति है | इसमें बीज ,खाद ,पौधों की देखभाल और पानी की लगत शामिल होती है |

8. पपीता की खेती से लाभ

अगर आप इसकी करते हैं काफी मुनाफा होता है ,क्योंकि एक पेड़ से लगभग 40-50 kg तक फल प्राप्त हो सकते है | यदि अच्छी देखभाल कि जाये तो , तो इसकी खेती से 1 बीघा में 5-6 lakh तक का मुनाफा हो सकता है | पपीता का उपयोग जूस बनाने में , कॉस्मेटिक प्रोडक्ट बनाने में और फल के रूप में किया जाता है | पपीता खाना हमारी सेहत के लिए भीअच्छी होता हे | यह सभी कारण इसके व्यापर को बढ़ावा देते है |

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