शहतूत की खेती : जानें सर्दियों में सबसे ज्यादा खाए जाने वाली इस फल की खेती के बारे में
जानें सर्दियों में सबसे ज्यादा खाए जाने वाली शहतूत की खेती के बारे में जिस से आप हो सकते हैं मालामाल तो अब आप भी करे इस फल की खेती और जानने के लिए पढ़े हमारा ये शहतूत की खेती : जानें सर्दियों में सबसे ज्यादा खाए जाने वाली इस फल की खेती के बारे में जो आपको इसकी खेती से जुडी हर जानकारी के लिए प्रदान करेगा जिस से आपकी खेती करके कई फायदे उठा सकते हैं |
शहतूत की खेती कैसे करे और क्या हैं महत्वपूर्ण बात जानिये इस ब्लॉग में
शहतूत के बारे में जाने
शहतूत जिसे मलबरी भी कहा जाता हैं , ये मीठा और पोषण से भरा फल हैं जो अपने बेहतरीन स्वाद के लिए जाना जाता हैं | शहतूत का प्रयोग आमतौर पर रेशम के कीड़ों के आहार के लिए किया जाता हैं ,क्योंकि ये इनका प्रमुख आहार होते हैं | शहतूत में गर्मी और हलकी शर्दी में उगने की काफी अच्छी विशेषता भी होती हैं , जो इसे इन मौसम में सर्वाधिक खेती करके देते है |
शहतूत की खेती के लिए मिट्टी
शहतूत की खेती के लिए मिट्टी का प्रयोग सबसे जरुरी होता हैं जिस वजह से इसकी खेती में सबसे अच्छी मिटटी हलकी अम्लीय मिटटी होती हैं जिसका पीएच 5.5 से 6 के बीच में होना चाहिए जो इसके लिए काफी अच्छा माना जाता हैं क्योंकि ये मिटटी पानी को रुकने का मौका जिसकी मदत से पेड़ की जड़ों में सदन नहीं होती हैं और पेड़ को बढ़ने का अच्छा अवसर मिलता हैं |
शहतूत के पेड़ों के प्रकार
सफेद शहतूत : सफ़ेद शहतूत को सबसे ज्यादा उगाया जाता हैं. क्योंकि इसे रेशम के कीड़ों के आहार के रूप में प्रयोग किया जाता हैं |
काला शहतूत :इस प्रकार के शहतूत के फल गहरे बैगनी से काले रंग के होते हैं और इसके स्वाद को मीठा और स्वादिष्ट माना जाता है।
लाल शहतूत : शहतूत का यह प्रकार काफी मीठा होता हैं, पर ये पहले कच्चा रहता हैं फिर कुछ दिन पक जाता हैं |
Shahtoot ki kheti kaise kare
अगर आप शहतूत की करना चाहते हैं ,तो यहाँ दी गयी प्रमुख बातों को जरूर ध्यान दे जिस से आपको इसकी खेती करने में आसानी होगी:
- शहतूत की खेत के लिए आपके पास उच्च बीज की क्वालटी होनी चाहिए , जिससे खेती में उपज सही तरह से हो सके |
- शहतूत को लगाने का सबसे अच्छा समय गर्मियों में बारिश का सीजन रहता हैं, जुलाई सितम्बर का महीना होता हैं | वही सर्दियों में इसकी खेती फरवरी में होती हैं |
- वही जब अगर आप शहतूत के बीज या फिर नर्सरी से लाए पौधे को लगाते हैं ,तो आपको ये बात ध्यान में रखनी हैं, की इसके पौधे की दूरी 4 से 5 सेंटीमीटर तक होनी चाहिए | और उसके गड्ढे की गहराई भी आपको 3 सेंटीमीटर तक ही रखनी हैं जिस से पेड़ की जड़ अच्छी तरह से बढ़ सके |
- पौधे लगाने के बाद नियमित रूप से इसके पौधों में 2 साल तक पानी की पूरी अच्छी तरह से व्यवस्था होनी चाहिए |
- इसके खेत में आपको रोगों से बचने के लिए नीम आयल का उसे करना पड़ेगा जिससे इसके पौधे में कोई रोग न लगे |
FAQ’s शहतूत की खेती
1. शहतूत की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु कौन सी है?
- शहतूत गर्म और शीतोष्ण दोनों प्रकार की जलवायु में उगाया जा सकता है।
- 24-30°C तापमान और 600-2500 मिमी वार्षिक वर्षा सबसे उपयुक्त होती है।
2. शहतूत के लिए कौन सी मिट्टी सबसे अच्छी होती है?
- हल्की दोमट मिट्टी, जिसका pH स्तर 6.2-7.5 के बीच हो।
- जल निकासी वाली मिट्टी उपयुक्त है; पानी रुकने से पौधे को नुकसान हो सकता है।
3. शहतूत के पौधे की रोपाई कब करनी चाहिए?
- बरसात के मौसम में जून से अगस्त के बीच रोपाई करना सबसे अच्छा समय होता है।
- सर्दियों में दिसंबर-जनवरी के दौरान भी पौधे लगाए जा सकते हैं।
4. शहतूत की खेती में कौन-कौन सी किस्में लोकप्रिय हैं?
- भारत में प्रमुख किस्में:
- बम्बायपुर
- थाई ड्वार्फ
- काशी श्वेता
- शाही किंग
- मल्टीपर्पस (कृषि के साथ रेशम उद्योग के लिए भी)।
5. शहतूत के पौधे को कितनी दूरी पर लगाना चाहिए?
- पौधों के बीच 6-8 फीट और कतारों के बीच 10-12 फीट की दूरी रखें।
- यदि पौधों का उपयोग रेशम उद्योग के लिए किया जा रहा है, तो घनत्व कम रखें।
6. शहतूत के पौधे को कितना पानी चाहिए?
- गर्मियों में 7-10 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें।
- बरसात के मौसम में सिंचाई की आवश्यकता कम होती है।
- जड़ों में पानी रुकने से बचें।
7. शहतूत के पौधे में कौन-कौन से रोग और कीट लग सकते हैं?
- रोग: पाउडरी मिल्ड्यू, लीफ स्पॉट, रूट रॉट।
- कीट: तना छेदक, फली छेदक।
- बचाव के लिए जैविक कीटनाशक और रोगनाशक का उपयोग करें।
8. शहतूत की कटाई कब और कैसे करें?
- पौधे लगाने के 2-3 साल बाद फल देना शुरू करता है।
- फल पकने के बाद गहरे लाल या काले हो जाते हैं, तब उन्हें तोड़ा जाता है।
9. शहतूत के फलों का उपयोग कैसे किया जा सकता है?
- शहतूत का उपयोग जूस, जैम, सिरप, और औषधीय उत्पाद बनाने में किया जाता है।
- सूखे शहतूत का उपयोग पोषण और मिठाई के लिए किया जाता है।
10. शहतूत की खेती से कितनी आय हो सकती है?
- एक हेक्टेयर में शहतूत की खेती से औसतन 50,000 से 1,50,000 रुपये वार्षिक आय हो सकती है।
- रेशम उत्पादन के लिए उपयोग करने पर अधिक लाभ मिलता है।