Dairy Farming in India : डेयरी फार्मिंग व्यवसाय, दूध उत्पादन, डेयरी योजना, पशुपालन से कमाई
भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहाँ किसानों की आय का एक बड़ा हिस्सा पशुपालन से आता है। डेयरी फार्मिंग यानी दूध उत्पादन का व्यवसाय आज ग्रामीण भारत में किसानों के लिए स्थायी और लाभकारी रोजगार का प्रमुख साधन बन चुका है। यह व्यवसाय न केवल दूध के उत्पादन तक सीमित है बल्कि इससे जुड़े अनेक उत्पाद जैसे पनीर, घी, दही, और मक्खन भी किसानों की आमदनी बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं।पर क्या आप सही तरीका जानते हैं अगर नहीं तो पढ़े हमारा Dairy Farming in India ब्लॉग
डेयरी फार्मिंग क्या है?
डेयरी फार्मिंग वह प्रक्रिया है जिसमें गाय, भैंस या अन्य दूध देने वाले पशुओं को वैज्ञानिक ढंग से पालकर उनसे दूध और उससे बने उत्पादों का उत्पादन किया जाता है। इसमें पशुओं की सही देखभाल, संतुलित आहार, नियमित टीकाकरण, और साफ-सफाई का विशेष ध्यान दिया जाता है।
भारत में यह व्यवसाय न केवल बड़े स्तर पर बल्कि छोटे किसानों द्वारा भी सफलतापूर्वक किया जा रहा है। खास बात यह है कि डेयरी व्यवसाय शुरू करने के लिए बहुत बड़ी ज़मीन या पूंजी की जरूरत नहीं होती।
डेयरी फार्मिंग व्यवसाय के फायदे
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निरंतर आय का स्रोत –
डेयरी फार्मिंग एक ऐसा व्यवसाय है जो सालभर आय प्रदान करता है। फसल की तरह यह मौसम पर निर्भर नहीं होता, इसलिए किसान को नियमित आमदनी मिलती रहती है। -
कृषि के साथ पूरक –
पशुओं से मिलने वाले गोबर और मूत्र का उपयोग खेतों में जैविक खाद के रूप में किया जा सकता है। इससे खेतों की उपजाऊ शक्ति बढ़ती है और रासायनिक खादों पर खर्च घटता है। -
रोजगार के अवसर –
डेयरी व्यवसाय ग्रामीण युवाओं के लिए स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ाता है। छोटे स्तर पर भी परिवार के सभी सदस्य इस कार्य में सहयोग दे सकते हैं। -
सरकारी सहायता और योजनाएं –
केंद्र और राज्य सरकारें डेयरी फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही हैं, जिनके तहत सब्सिडी और सस्ते ऋण की सुविधा मिलती है।
डेयरी फार्मिंग कैसे शुरू करें?
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सही नस्ल का चयन करें –
गायों में जर्सी, साहीवाल, गीर, रेड सिंधी और भैंसों में मुर्रा, निली रवि जैसी नस्लें अधिक दूध देती हैं। -
फार्म की योजना बनाएं –
फार्म को हवादार, सूखा और साफ-सुथरा होना चाहिए। पशुओं के रहने की जगह पर पानी की सुविधा और उचित निकासी व्यवस्था जरूरी है। -
पोषक आहार दें –
पशुओं को हरियाली चारा, सूखा चारा और दाना संतुलित मात्रा में देना चाहिए। इससे दूध की मात्रा और गुणवत्ता दोनों में सुधार होता है। -
स्वास्थ्य की देखभाल –
पशुओं का नियमित टीकाकरण, स्नान और सफाई बेहद जरूरी है ताकि बीमारियों से बचाव हो सके। -
दूध की मार्केटिंग और बिक्री –
स्थानीय डेयरी, सहकारी समितियों या खुद के ब्रांड के माध्यम से दूध और उससे बने उत्पादों की बिक्री की जा सकती है।
डेयरी फार्मिंग से कमाई
अगर कोई किसान 10 गाय या भैंस से शुरुआत करता है, तो औसतन हर दिन 100–120 लीटर दूध प्राप्त किया जा सकता है। यदि दूध का औसत मूल्य ₹40 प्रति लीटर माना जाए, तो रोज़ाना की आमदनी ₹4000–₹4800 तक हो सकती है। महीने में यह कमाई ₹1 लाख से अधिक पहुँच सकती है।
इसके अलावा, गोबर से जैविक खाद या बायोगैस बनाकर भी अतिरिक्त आय प्राप्त की जा सकती है।
डेयरी फार्मिंग से जुड़ी सरकारी योजनाएं
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राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NDDP) –
इस योजना के तहत किसानों को उच्च नस्ल के पशुओं की उपलब्धता, पशु स्वास्थ्य सेवाएं, और दूध की गुणवत्ता सुधारने के लिए सहायता दी जाती है। -
डेयरी उद्यमिता विकास योजना (Dairy Entrepreneurship Development Scheme – DEDS) –
NABARD द्वारा संचालित इस योजना में पशुपालन हेतु 25% से 33% तक की सब्सिडी दी जाती है। -
प्रधानमंत्री मत्स्य एवं पशुधन विकास योजना –
यह योजना ग्रामीण युवाओं को पशुपालन क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखती है। इसके तहत प्रशिक्षण, ऋण और तकनीकी सहायता दी जाती है। -
गोकुल मिशन योजना –
देशी नस्लों के संरक्षण और सुधार के लिए सरकार द्वारा यह योजना चलाई जा रही है। इससे उच्च गुणवत्ता वाले पशुओं की संख्या बढ़ाई जाती है।
डेयरी व्यवसाय में सफलता के लिए महत्वपूर्ण सुझाव
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पशुओं के लिए हमेशा साफ पानी और स्वच्छ वातावरण रखें।
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दूध निकालने से पहले और बाद में सफाई पर ध्यान दें।
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हर 6 महीने में पशु का स्वास्थ्य परीक्षण कराएं।
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बीमा योजना का लाभ लें ताकि पशु हानि की स्थिति में नुकसान कम हो।
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स्थानीय बाजार और डेयरी यूनियनों से जुड़े रहें ताकि निरंतर बिक्री हो सके।
FAQs dairy farming in india
1. डेयरी फार्मिंग शुरू करने के लिए कितनी लागत आती है?
👉 छोटे स्तर पर 5–10 पशुओं से शुरुआत करने के लिए लगभग ₹4–6 लाख की जरूरत होती है।
2. क्या सरकार डेयरी व्यवसाय पर सब्सिडी देती है?
👉 हाँ, NABARD और राज्य सरकारें 25–33% तक सब्सिडी प्रदान करती हैं।
3. कौन-सी नस्लें सबसे ज्यादा दूध देती हैं?
👉 गायों में साहीवाल, जर्सी, गीर और भैंसों में मुर्रा सर्वोत्तम मानी जाती हैं।
4. क्या डेयरी व्यवसाय पूरे साल किया जा सकता है?
👉 हाँ, यह एक सालभर चलने वाला व्यवसाय है क्योंकि दूध की मांग हमेशा बनी रहती है।