Azolla Farming : अब आप भी करें घर पर ही पशुओं के चारे की तैयारी
अजोला घास, जिसे ‘पानी की फर्न’ के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रकार का जल-आधारित पौधा है जो पानी में तैरता है। इसमें नाइट्रोजन और प्रोटीन की प्रचुरता होती है, जिससे यह पशुओं के लिए पोषण का बेहतरीन स्रोत बनता है। इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से पशु चारे के रूप में किया जाता है। आइए जानते हैं कि Azolla Farming कैसे करे, अजोला घास की खेती कैसे करें, इसके फायदे क्या हैं, यह कितने दिन में तैयार होती है और इससे जुड़ी कुछ अन्य जानकारियाँ।
कैसे करे Azolla Farming जिस से पशुओं के लिए चारा बने
1. अजोला घास क्या है?
अजोला एक प्रकार की जल फर्न है जो पानी में तैरती है और बहुत तेजी से बढ़ती है। इसका रंग हरा होता है और यह पौधा प्रोटीन, अमीनो एसिड, विटामिन और खनिजों से भरपूर होता है। इसके नियमित सेवन से पशुओं की सेहत में सुधार होता है, जिससे उनकी दूध उत्पादन क्षमता में भी वृद्धि होती है। अजोला घास पर्यावरण के अनुकूल होती है और खेती में लागत कम होती है।
2. अजोला घास की खेती कैसे करें?
अजोला की खेती करने के लिए आपको एक साधारण और छोटा तालाब या गड्ढा बनाना होगा। इसे तैयार करने के लिए निम्नलिखित स्टेप्स को फॉलो करें:
- गड्ढा बनाना: लगभग 6 फीट लंबा, 4 फीट चौड़ा और 1 फीट गहरा गड्ढा खोदें। इस गड्ढे के तल में प्लास्टिक की शीट बिछाएँ ताकि पानी रिसे नहीं।
- पानी भरें: गड्ढे में लगभग 6 इंच पानी भरें। इसमें 100-200 ग्राम सुपरफॉस्फेट डालें ताकि अजोला के लिए पोषक तत्व मिले।
- अजोला बीज डालें: पानी में 1-2 किलोग्राम अजोला के बीज डालें। बीज डालने के बाद, इसे रोजाना पानी का छिड़काव करके नम बनाए रखें।
- ध्यान दें: अजोला को सीधी धूप से बचाएँ, इसके लिए गड्ढे के ऊपर छाया देने की व्यवस्था करें। इसकी देखभाल में ज्यादा मेहनत नहीं होती, बस हर दिन पानी का स्तर सही बनाए रखें और समय-समय पर पानी बदलते रहें।
3. अजोला घास के फायदे
अजोला घास के कई फायदे हैं जो इसे पशुपालन और कृषि में एक महत्वपूर्ण संसाधन बनाते हैं:
- पोषण का अच्छा स्रोत: अजोला में 25-30% प्रोटीन, कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम और विटामिन ए, बी12 जैसे पोषक तत्व होते हैं। यह पशुओं के पोषण के लिए काफी लाभदायक है।
- दूध उत्पादन में वृद्धि: अजोला का सेवन करने से पशुओं में दूध उत्पादन क्षमता बढ़ती है, जिससे किसानों की आय में भी सुधार होता है।
- खर्च कम करता है: अजोला का उत्पादन कम लागत में होता है, जिससे किसानों का चारा खर्च कम होता है।
- पर्यावरण के अनुकूल: अजोला पौधे में नाइट्रोजन फिक्सेशन की क्षमता होती है, जिससे यह जल में नाइट्रोजन संतुलन बनाए रखने में मददगार होता है और मिट्टी की उर्वरता बढ़ाता है।
4. अजोला घास कितने दिन में तैयार हो जाती है?
अजोला घास की खेती का सबसे बड़ा लाभ इसकी तीव्र विकास दर है। अजोला बीज डालने के बाद 7-10 दिनों में पहली कटाई के लिए तैयार हो जाती है। इसके बाद हर 2-3 दिनों में अजोला की कटाई की जा सकती है। सही देखभाल और पोषण के साथ अजोला पूरे साल भर बढ़ता रहता है और नियमित रूप से पशु चारे के लिए उपलब्ध रहता है।
5. Azolla Farming more information
- पानी की गुणवत्ता: अजोला की अच्छी वृद्धि के लिए पानी का पीएच स्तर 5.5 से 7 के बीच होना चाहिए। अगर पानी बहुत खारा है तो इसमें सामान्य जल मिलाकर इसकी गुणवत्ता को संतुलित करें।
- रोग प्रबंधन: अजोला पर रोग का प्रभाव कम होता है, लेकिन अगर पानी में अत्यधिक दूषित तत्व हों तो इसकी वृद्धि धीमी हो सकती है। पानी को साफ और संतुलित रखना आवश्यक है।
- नियमित कटाई: हर 2-3 दिन में अजोला की कटाई करते रहें। इससे पौधा लगातार नई वृद्धि करता रहेगा और आप नियमित रूप से ताजे चारे का लाभ उठा सकेंगे।
Azolla Farming Uses
1. पशु चारे के रूप में प्रयोग
दूधारू पशुओं के लिए: अजोला घास में उच्च प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व होते हैं, जो गाय, भैंस, बकरी जैसे दूधारू पशुओं के आहार के लिए बहुत फायदेमंद हैं। इसे नियमित चारे के साथ मिलाकर देने से दूध उत्पादन में वृद्धि होती है।
Poultry Farming : मुर्गियों के लिए भी अजोला एक अच्छा आहार है। इसे मुर्गियों के भोजन में मिलाने से उनके अंडों की गुणवत्ता और उत्पादन क्षमता में सुधार आता है।
मत्स्य पालन में: मछलियों के आहार के रूप में भी अजोला का उपयोग किया जाता है, विशेषकर उन मछलियों के लिए जिन्हें शाकाहारी भोजन की आवश्यकता होती है।
2. जैविक खाद के रूप में प्रयोग
अजोला नाइट्रोजन फिक्सेशन में सहायक होता है, जिससे यह मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाता है। इसे जैविक खाद के रूप में मिट्टी में मिलाने से मिट्टी का स्वास्थ्य अच्छा रहता है और फसल की गुणवत्ता में सुधार होता है।
धान की खेती में इसका उपयोग विशेष रूप से किया जाता है। इसे धान के खेतों में पानी के ऊपर उगाकर, नाइट्रोजन की कमी को पूरा किया जाता है, जिससे रासायनिक उर्वरकों की आवश्यकता कम होती है।
3. मिट्टी और जल संरक्षण में प्रयोग
अजोला जल में उगाया जाता है और इसका घना आवरण पानी के वाष्पीकरण को कम करता है, जिससे पानी की बचत होती है। यह विशेषकर उन क्षेत्रों में लाभदायक है जहां जल की कमी होती है।
अजोला के प्रयोग से मिट्टी का कटाव भी कम होता है, जिससे जल स्रोतों का संरक्षण होता है।
4. पर्यावरण में नाइट्रोजन संतुलन बनाए रखने में
अजोला में नाइट्रोजन फिक्सेशन की क्षमता होती है, जो वातावरण में नाइट्रोजन का संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। यह वातावरण को भी साफ रखता है और नाइट्रोजन युक्त पौधा होने के कारण पर्यावरण अनुकूल माना जाता है।
5. इकोनॉमिक्स लाभ
अजोला की खेती बहुत कम लागत में की जा सकती है और इसे बार-बार कटाई के लिए तैयार किया जा सकता है। इसके इस्तेमाल से चारे की लागत में कमी आती है, जिससे पशुपालकों को आर्थिक लाभ होता है।