Dragon Fruit ki Kheti: एक पूर्ण जानकारी
ड्रैगन फ्रूट, यानि की पपीता, एक बहुत ही पौष्टिक और अनोखा फल है। इसकी खेती दुनिया भर में बढ़ रही है, और भारत में भी इसकी मांग काफी बढ़ गई है। ड्रैगन फ्रूट का स्वाद और रंग उसे एक विशेष पहचान देते हैं। अगर आप Dragon Fruit ki Kheti करना चाहते हैं, तो पढ़िए पूरा ब्लॉग
Dragon Fruit Ki Kheti Kaise Kare
ड्रैगन फ्रूट की खेती करने के लिए सबसे पहले आपको बीज या पौधे का चुनाव करना होगा। आपको इन्हे खेतों में 3-4 मीटर के इंटरवल पर लगाना है । ड्रैगन फ्रूट की बेलों को समर्थन की ज़रूरत होती है, इसलिए इन्हें ट्रेलिस पर लगाना अच्छा होता है। इसकी खेती बहुत आसान है और इसे आप पौधे में भी उगाने की कोशिश कर सकते हैं
ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए मिट्टी
ड्रैगन फ्रूट को रेतीली दोमट मिट्टी या अच्छी जल निकास वाली मिट्टी की जरुरत होती है। मिट्टी का pH लेवल 6-7 के बीच होना चाहिए। अगर मिट्टी में अच्छी जल निकासी नहीं होती है, तो इसकी जड़ों को नुकसान हो सकता है। इसलिए, पौधे लगाने से पहले मिट्टी को अच्छे से तैयार करना चाहिए।
ड्रैगन फ्रूट की प्रसिद्ध किस्मे
ड्रैगन फ्रूट की कुछ प्रसिद्ध किस्मे हैं: सफेद गूदा ड्रैगन फ्रूट
लाल गूदा ड्रैगन फ्रूट
पीला ड्रैगन फ्रूट
ये किसमें अलग-अलग स्वाद और पोषक तत्व मूल्य प्रदान करती हैं, जो इसकी खेती को और भी लाभदायक बनाती हैं।
ड्रैगन फ्रूट की बुवाई का समय
ड्रैगन फ्रूट की बुवाई का समय गर्मी में होता है, जो अप्रैल से जून तक होता है। इस समय मौसम गरम और नरम होता है, जो ड्रैगन फ्रूट के लिए आदर्श है। इस समय बीज लगाने से आपको बेहतर उपज मिलती है।
ड्रैगन फ्रूट की सिंचाई
ड्रैगन फ्रूट को सिंचाई की आवश्यकता होती है, परंतु इसमें अधिक पानी नहीं देना चाहिए। बीज लगाने के बाद 2 हफ्ते तक नियमित सिंचाई करना होता है। उसके बाद, जब पौधे अच्छे से विकास हो जाए, तब हर 10 दिन में पानी देना चाहिए। बारिश के महीने में सिंचाई का ध्यान रखना चाहिए।
खरपतवार नियंत्रन
ड्रैगन फ्रूट की खेती में खरपतवार को समय पर नियंतरित करना जरूरी होता है। नियमित निराई-गुड़ाई करना या गीली घास का इस्तमाल करना इसके लिए अच्छा तरीका है। खरपतवार से पोधे की वृद्धि प्रभावित होती है, इसलिए इन्हें समय पर साफ करना चाहिए।
ड्रैगन फ्रूट के लिए खाद
ड्रैगन फ्रूट की खेती में ऑर्गेनिक खाद का इस्तमाल करना बहुत फायदेमंद होता है। गोबर की खाद, वर्मीकम्पोस्ट, या खाद का इस्तमाल करना चाहिए। इनके अलावा, 20-20-20 एनपीके उर्वरक का इस्तमाल भी कर सकते हैं, जो पोधों की अच्छी वृद्धि में मदद करेगा।
ड्रैगन फ्रूट की तोड़ाई
ड्रैगन फ्रूट की तोड़ाई तब होती है जब फ्रूट का रंग बदल जाता है और वो पक जाता है। ये आम तौर पर 30-50 दिनों के बाद होता है जब फल खिलते हैं। तोड़ते समय ध्यान रहे कि फलों को धीरे से तोड़े, ताकि इनका नुक्सान ना हो।
Dragon Fruit Farming in India
भारत में ड्रैगन फ्रूट की खेती बहुत तेजी से बढ़ रही है। ये महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे राज्यों में खूब की जा रही है। इसकी खेती से किसानों को अच्छा मुनाफ़ा मिल रहा है, क्योंकि इसकी मांग हर जगह बढ़ रही है। ड्रैगन फ्रूट को जैविक रूप से उगाना काफी लाभदायी है और इसकी उपज काफी अच्छी होती