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    You are at:Home » Eastern Rajasthan canal project : एक परिचय
    सरकारी योजनाएँ

    Eastern Rajasthan canal project : एक परिचय

    AapkikhetiBy AapkikhetiDecember 18, 2024Updated:December 19, 2024No Comments3 Mins Read
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    Eastern Rajasthan canal project-Aapkikheti.com
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    Table of Contents

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    • Eastern Rajasthan canal project : एक परिचय
      • ईआरसीपी की आवश्यकता क्यों?
      • परियोजना का उद्देश्य
      • कैसे काम करेगी ईआरसीपी?
      • परियोजना की लागत और प्रगति
      • ईआरसीपी के लाभ
      • चुनौतियां और समाधान

    Eastern Rajasthan canal project : एक परिचय

    Eastern Rajasthan canal project (ERCP) एक महत्त्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य राजस्थान के पूर्वी हिस्सों में जल संकट का समाधान करना है। यह परियोजना राजस्थान के 13 जिलों—जैसे कोटा, बूंदी, झालावाड़, बारां, अजमेर, सवाई माधोपुर, करौली, दौसा, अलवर, भरतपुर, टोंक, जयपुर और नागौर—में सिंचाई और पेयजल की समस्याओं को दूर करने के लिए बनाई गई है।

    Eastern Rajasthan canal project-Aapkikheti.com

    ईआरसीपी की आवश्यकता क्यों?

    राजस्थान एक सूखा-प्रभावित राज्य है, जहां जल संकट हमेशा से बड़ी समस्या रही है। खासतौर पर पूर्वी राजस्थान के इलाके, जहां खेती और पीने के लिए पानी की भारी कमी है। ईआरसीपी के जरिए चंबल नदी और उसकी सहायक नदियों—परवन, काली सिंध, पार्वती—के अतिरिक्त जल को इस्तेमाल में लाया जाएगा। यह योजना न केवल जल की कमी को दूर करेगी, बल्कि कृषि उत्पादन को भी बढ़ावा देगी।

    परियोजना का उद्देश्य

            सिंचाई में सुधार:
    ईआरसीपी के तहत लगभग 2 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई का लाभ मिलेगा। इससे किसान आत्मनिर्भर बनेंगे और उनकी आय            में वृद्धि होगी।

            पेयजल आपूर्ति:
    इस परियोजना से 13 जिलों के लगभग 40 लाख लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा।

            भूजल स्तर का सुधार:
    चंबल नदी के अतिरिक्त पानी का इस्तेमाल कर भूजल स्तर को बढ़ाने की योजना है, जिससे सूखाग्रस्त क्षेत्रों को राहत मिलेगी।

    कैसे काम करेगी ईआरसीपी?

    इस परियोजना के तहत राजस्थान की नदियों को कैनाल नेटवर्क के जरिए जोड़ा जाएगा। चंबल नदी का अतिरिक्त पानी डैम और रिज़रवायर में संरक्षित किया जाएगा और पाइपलाइनों और नहरों के जरिए सिंचाई और पीने के लिए वितरित किया जाएगा।

    परियोजना की लागत और प्रगति

    Eastern Rajasthan canal project  की कुल लागत लगभग ₹40,000 करोड़ आंकी गई है। हालांकि इस परियोजना के लिए केंद्र और राज्य सरकार के बीच वित्तीय साझेदारी पर चर्चा जारी है।

    ईआरसीपी के लाभ

         खेती को बढ़ावा:
    परियोजना से कृषि योग्य भूमि की सिंचाई बेहतर होगी, जिससे फसलों की उत्पादकता बढ़ेगी।

         जल संकट का समाधान:
    ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पानी की स्थायी आपूर्ति होगी।

         पर्यावरण संरक्षण:
    यह योजना जल संरक्षण और सतत विकास के लिए उपयोगी साबित होगी।

    चुनौतियां और समाधान

    वित्तीय सहयोग: केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की मांग की जा रही है ताकि लागत का अधिकांश हिस्सा केंद्र वहन कर सके।

    पर्यावरणीय प्रभाव: परियोजना के निर्माण के दौरान पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने पर ध्यान देना होगा।

    पढ़िए यह ब्लॉग  Pm Kisan 19th Installment Date

    FAQs

    1. ईआरसीपी क्या है?
    ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ERCP) एक महत्त्वाकांक्षी योजना है, जो राजस्थान के पूर्वी हिस्सों में जल संकट का समाधान करने और सिंचाई तथा पेयजल की आपूर्ति बढ़ाने के लिए बनाई गई है।

    2. ईआरसीपी किन जिलों में लागू होगी?
    यह परियोजना राजस्थान के 13 जिलों—कोटा, बूंदी, झालावाड़, बारां, अजमेर, सवाई माधोपुर, करौली, दौसा, अलवर, भरतपुर, टोंक, जयपुर और नागौर—में लागू होगी।

    3. ईआरसीपी की कुल लागत कितनी है?
    इस परियोजना की कुल लागत लगभग ₹40,000 करोड़ आंकी गई है।

    4. ईआरसीपी से किसानों को क्या लाभ होगा?
    इस योजना से कृषि योग्य भूमि की सिंचाई में सुधार होगा, जिससे फसलों की उत्पादकता बढ़ेगी और किसानों की आय में वृद्धि होगी।

    5Eastern Rajasthan canal project . परियोजना से पर्यावरण को कैसे लाभ होगा?
    ईआरसीपी जल संरक्षण और सतत विकास में योगदान देगी, साथ ही भूजल स्तर को बढ़ाने में मदद करेगी।

    ईआरसीपी की आवश्यकता क्यों कैसे काम करेगी ईआरसीपी परियोजना का उद्देश्य
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