Garadu Ki Kheti : गराडू है सर्दियों के मौसम का खास फल
गराडू, जो एक प्रकार का शकर कंद है, भारत के मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में लोगों की पसंदीदा फसल है। इसकी खेती से किसान अच्छा मुनाफ़ा कमा सकते हैं। Garadu Ki Kheti करना आसान है अगर आप सही तरीके और ध्यान के साथ इसे करें। आइए, जानें गराडू की खेती के महत्वपूर्ण पहलू के बारे में।
1. गराडू की खेती कैसे करें
Garadu Ki Kheti के लिए सबसे पहले किसान को सही समय और जगह का चयन करना होता है। ये फसल अक्सर रबी मौसम में लगती है। इसकी खेती के लिए शीतोष्ण मौसम की अवश्यकता होती है। ठंडी और सुखद मिट्टी इस फसल के लिए बेहतर होती है।
2. गराडू की खेती के लिए ज़मीन की तयारी
गराडू की खेती के लिए ज़मीन की अच्छी तैयारी ज़रूरी है। ज़मीन को गहरी जूताई के बाद 2 – 3 बार सुखने दिया जाता है। मिट्टी को अच्छे से पीसकर एक समान सतह बनाई जाती है। ज़मीन का pH 6 – 7 के बीच हो तो बेहतर होता है। मिट्टी की उपजौ शक्ति बढ़ाने के लिए गोबर या जैविक खाद का उपयोग करें।
3. उन्नत किस्में
गराडू की खेती के लिए कुछ उन्नत किस्मे हैं जो उचित पैदावार देती है:
जी 1
जी 2
मध्य प्रदेश स्थानीय किस्म
इन किस्मो का चयन करते समय उनकी पैदावार और रोग के प्रतिकार शक्ति का विशेष ध्यान रखें।
4. बिजाई
गराडू की बिजाई अक्टूबर से नवंबर के महीने में की जा सकती है। इसके बीज को लगाने से पहले 24 घंटे तक पानी में भीगोया जाता है, ताकि उनका अंकुरण अच्छा हो। बीजोन को 5 – 6 सेमी की गहराई में 30 – 35 सेमी के अंतर पर लगाया जाता है।
5.खाद
गराडू की अच्छी फसल के लिए मात्रा में खाद का उपयोग जरूरी है। नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम का संतुलित प्रमाण मिट्टी में मिलने से फसल की वृद्धि अच्छी होती है। इसके लिए किसान 10-12 टन प्रति हेक्टेयर में जैविक खाद का इस्तमाल करते हैं।
6. खरपतवार नियन्त्रण
गराडू की खेती में खरपतवार नियन्त्रण भी एक महत्वपूर्ण कदम है। खरपतवार फसल की वृद्धि को रोकते हैं। इसके लिए हाथ से निकालना या रासायनिक खरपतवार नाशकों का उपयोग किया जाता है।
7. गराडू की खेती में सिंचाई
गराडू की खेती के लिए नियमीत सिंचाई की आवश्यकता होती है। पहले पानी फसल के लगाने के तुरंत बाद दिया जाता है। उसके बाद हर 10 – 15 दिन के अंतराल पर सिंचाई की जाती है। अत्यधिक पानी से बचने के लिए ड्रेनेज सिस्टम अच्छा होना चाहिए।
8. फसल की कटाई
गराडू की फसल लगभग 3 – 4 महीने में तैयार हो जाती है। जब पौधों के पत्ते पीले होने लगते हैं, तो फसल काटने का समय होता है। फसल की कटाई हाथ से या मैन्युअल उपकरणों की मदद से की जाती है। कटाई के बाद गराडू को धूप में सुखा कर स्टोर किया जाता है।
पढ़िए यह ब्लॉग Ganne ki kheti kaise karen: जाने खेती से जुडी हर जरुरी जानकारी हमारे इस ब्लॉग से
FAQs :
1 गराडू की खेती के लिए सबसे उपयुक्त मौसम कौन सा है?
गराडू की खेती रबी मौसम में की जाती है, क्योंकि इसे ठंडा और सुखद मौसम पसंद है।
2 गराडू की खेती के लिए मिट्टी का pH स्तर कितना होना चाहिए?
गराडू की खेती के लिए मिट्टी का pH स्तर 6-7 के बीच होना चाहिए।
3 गराडू की बिजाई का सही समय क्या है?
गराडू की बिजाई का सही समय अक्टूबर से नवंबर के बीच होता है।
4 गराडू की खेती के लिए कौन-कौन सी उन्नत किस्में हैं?
गराडू की खेती के लिए जी-1, जी-2 और मध्य प्रदेश की स्थानीय किस्में उपयुक्त मानी जाती हैं।
5 गराडू की खेती में खाद का उपयोग कैसे करें?
गराडू की खेती में जैविक खाद का उपयोग करें और नाइट्रोजन, फास्फोरस व पोटेशियम का संतुलित मात्रा में उपयोग करें।