Gram Farming : क्या हैं सही समय चने की खेती में सिंचाई का जाने अभी
क्या आप भी चने की खेती कर रहे हैं ,और सिंचाई की समस्या हो रही हैं, जिस से खेती को नुक्सान पहुंच रहा हैं तो चिंता ना करे और पढ़े हमारा Gram Farming : क्या हैं सही समय चने की खेती में सिंचाई का जाने अभी ब्लॉग ,जो आपको इसकी खेती में अधिक मदत दे पायेगा जिस से आप काफी उपज पा सकोगे | तो अभी पढ़े हमारा ये ब्लॉग जो आपको चने की खेती से जुडी हर समस्या को सुलझाएगा, और आपके फायदा पहुचायेगा | हमसे इंस्टाग्राम से जुड़े रहने के लिए यहाँ Click करे |
Gram Farming में सिंचाई करने के सबसे तरीका
जैसे की हम जानते हैं, कि हर खेती में पानी की आवश्यकता तो जरूर होती हैं जिस वजह से पेड़ों को उपज मिल पाती हैं | बात करे चने की खेती की तो अगर आप सिंचाई सही तरह रखेंगे तो आपको काफी फायदा होगा | नीचे दी गयी जानकरी को ध्यानपूर्वक पढ़े
Gram Farming Kaise Karen
- जमीन की तैयारी : सबसे पहले आप खेत को अच्छी तरह से जोत ले जिससे चने के बीज अच्छी तरह से उग सके
- बीज को चुनना और बोना : सबसे पहले ऐसे बीज को चुनो जो हाई क्वालिटी के साथ साथ रोग से मुक्त हो और इसको बोने के लिए 5 से 6 फीट का गड्ढा खोद ले और 40 से 50 सेंटीमीटर के दूरी पर बो दे
- पानी की जरूरत : चने की खेती को पानी की ज्यादा जरुरत नहीं होता हैं और अगर बरसात कम हुए हैं तो थोड़ा सा पानी इसकी खेती के लिए सही रहता हैं
- खाद और कीटनाशक का प्रयोग : इसमें समय समय पर बीडिंग देना बहुत आवशयक होता है और जरुरत पड़ने पर कीटनाशक का भी प्रयोग अवश्य करें
- फसल को काटना : यह से दिनों में पूरी तरह तैयार हो जाती हैं उसके बाद आप इसे काट सकते हैं और आप अगर ज्यादा समय लेते हैं तो फसल ख़राब भी हो सकती हैं
Gram Farming Ke Liye Mitti
चने की खेती के लिए सबसे अच्छी मिटटी बालुई मिट्टी और इसके अलावा दोम्मट मिटटी होती हैं ,जिससे इसकी खेती अच्छी मात्रा में होती हैं | ध्यान दे की जब मिटटी का चयन करे तो आपको वही मिटटी चुननी हैं जिसमे पानी ना भारी और जड़ों का नुक्सान होने से बच सके |
Chane ki kheti Mein Sinchai
चने की खेती के लिए सिंचाई करना बहुत आवश्यक हैं , इसी वजह से जब आप चने की खेती कर रहे हैं तो ध्यान दे की चने की खेती में आपको 3 बार ही सिंचाई करनी हैं | पहली सिंचाई आपको चने की खेती में 40 से 45 दिनों में करनी हैं अगली सिंचाई आपको 70 से 80 दिनों में और तीसरी सिंचाई आपको 105 से 110 दिनों में करनी हैं | इसके अलावा अगर आप खेती में अधिक सिंचाई करते हैं तो ये चने की खेती के लिए नुक्सान हो सकता हैं |
Gram Farming kis jagah jyada hoti hain
चने की खेती मुख्य रूप से मध्य प्रदेश ,महाराष्ट्र,उत्तरप्रदेश राजस्थान,कर्नाटक और आँध्रप्रदेश जैसे राज्यों में सबसे ज्यादा होती है, क्योंकि ये इसकी खेती के लिए अनुकूल परस्थिति प्रदान करते हैं | जिस वजह से ये इसके प्रमुख राज्य हैं और आकड़ो से देखे तो मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा होती हैं ,इसी वजह से मध्य प्रदेश को “चने के कटोरा” कहा जाता हैं |
FAQ’s Gram Farming
1. चने की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु और मिट्टी कौन सी होती है?
चना शुष्क और अर्ध-शुष्क जलवायु में अच्छी तरह उगता है। इसके लिए हल्की दोमट से लेकर काली कपासीय मिट्टी उपयुक्त होती है। जल निकासी अच्छी होनी चाहिए ताकि पानी जमा न हो।
2. चने की बुवाई का सही समय क्या है?
चना आमतौर पर रबी मौसम की फसल है। इसकी बुवाई अक्टूबर से नवंबर के बीच की जाती है, जब मिट्टी में पर्याप्त नमी होती है।
3. चने की उन्नत किस्में कौन-कौन सी हैं?
कुछ प्रमुख उन्नत किस्में हैं – जीजी-2, जीसी-3, पूसा-256, विजय, जेजी-315, और दहोड़ यलो। किसान अपनी जलवायु और मिट्टी के अनुसार उपयुक्त किस्म का चयन कर सकते हैं।
4. चने की खेती में कौन-कौन से कीट और रोग नुकसान पहुंचाते हैं?
चना की फसल को उखटा रोग, फ्यूजेरियम विल्ट और चना चूर्णिल आसिता रोग प्रभावित कर सकते हैं। वहीं, कटवर्म, चने की इल्ली और सफेद मक्खी प्रमुख कीट हैं। जैविक और रासायनिक उपायों से इनका प्रबंधन किया जा सकता है।
5. चने की अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए कौन-कौन सी उर्वरक एवं खाद का उपयोग करना चाहिए?
चना में नाइट्रोजन (20-25 किग्रा/हेक्टेयर), फास्फोरस (40-50 किग्रा/हेक्टेयर), पोटाश (20-30 किग्रा/हेक्टेयर) और जैविक खाद (गोबर की खाद या वर्मीकंपोस्ट) का प्रयोग करना चाहिए ताकि अच्छी पैदावार मिले।