Kakoda ki kheti : कम लागत में ज़ियादा कमाई
Kakoda ki kheti एक मुनाफ़ा देने वाली खेती का विकल्प है जिसमें लागत कम और लाभ ज़्यादा मिलते हैं। ककोड़ा की सब्जी हमारी सेहत के लिए भी काफी लाभदायक होती है आइये आज हम जानेंगे इस लेख में ककोड़ा की खेती कैसे करते है |
1. ककोड़ा की खेती कैसे करें
Kakoda ki kheti करने के लिए सबसे पहले अच्छी गुणवत्ता के बीज चुनें। बीज को जैविक तरीके से उगाने के लिए, ध्यान देना होता है कि मिट्टी की उर्वरता अच्छी हो। ककोड़ा को बेहतर विकास के लिए धूप और अच्छी ड्रेनेज वाली ज़मीन चाहिए होती है। इसके बीज सीधे खेत में या नर्सरी में उगे जा सकते हैं। पानी का अच्छा प्रबंध जरूरी होता है ताकि पौधे जल्दी बढ़े।
2. ककोड़ा का उत्पादन
ककोड़ा की फसल का उत्पादन अच्छी देखभाल और अनुकूल जलवायु पर निर्भर करता है | एक एकड़ जमीन पर 80-100 क्विंटल तक ककोड़ा का उत्पादन हो सकता है। फसल की अच्छी देखभाल और समय पर खाद पानी देना उत्पादन में वृद्धि करता है। इसकी खेती में अच्छा मुनाफ़ा मिलता है क्योंकि बाज़ार में इसकी मांग बढ़ती जा रही है।
3. ककोड़ा की खेती के फायदे
Kakoda ki kheti के कई फायदे है | इसकी खेती में कम खर्चा होता है और उत्पादन जियादा होता है | ककोड़ा की सब्जी हमारी सेहत के लिए काफी लाभदायक है यह हमें कई बीमारियो से बचाती है | इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो इसकी मांग को बाजारों में बढ़ाते है | ककोड़ा की खेती एक अच्छी आय स्रोत बन सकती है, क्योंकि इसकी कीमत बाजार में काफी अच्छी होती है।
4. ककोड़ा की उन्नत किस्में
ककोड़ा की कई उन्नत किस्मे है जैसे की :
पूसा विशाल
कवच काकोड़ा
हरियाणा लोकल
ये किस्में जल्दी उगती है और कम समय में अच्छी फसल देती है | इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता भी होती है जो ककोड़ा की खेती को सफल बनाती है |
5. ककोड़ा की खेती का तरीका
Kakoda ki kheti के लिए सबसे पहले अच्छी तैयारी करनी होती है। मिट्टी की अच्छी जांच और तय्यारी करने के बाद बीज को 1-2 इंच गहरा बोया जाता है। पौधों के बीच 2-3 फीट का फासला रखना जरूरी होता है ताकि विकास अच्छी तरह हो सके। पौधे उगने के बाद इन्हें समय पर पानी देना और घूर देना होता है ताकि कोई अवांछित घास न उग सके।
6. ककोड़ा की खेती का समय
ककोड़ा की खेती का समय फरवरी से मार्च का होता है | ठन्डे मौसम से बचने के लिए गरम और सर्द जलवायु वाले महीने इसकी खेतीं के लिएअच्छे होते है | ककोड़ा की खेती उन क्षेत्रों में अच्छी होती है जहां पर मध्यम तापमान हो और बारिश का अनुपात भी ठीक हो।
7. ककोड़ा की बुवाई कब करें
ककोड़ा की बुआई का सही समय फरवरी के आखिरी हफ्ते से मार्च के पहले हफ्ते तक का होता है। बीज को सीधे ज़मीन में भी बोया जा सकता है या फिर नर्सरी में भी उगाया जा सकता है |
8. ककोड़ा की खेती के लिए जलवायु और भूमि
ककोड़ा की खेती के लिए गरम और सर्द मावस का बैलेंस जरूरी होता है। मध्यम काली या बलुई दोमट मिट्टी इसके लिए सबसे अच्छी मानी जाती है। इसके अलावा, ज़मीन की जल निकासी अच्छी होनी चाहिए ताकि पानी जाम न हो। मिट्टी का pH 6-7 के बीच होना चाहिए ताकी फसल अच्छी तरह से उग सके।
9. खाद की मात्रा
ककोड़ा की खेती के लिए नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटैशियम की सही मात्रा देना जरूरी है। इसमे प्रति एकड़ 50-60 किलो नाइट्रोजन, 40-50 किलो फास्फोरस और 30-40 किलो पोटैशियम डालना चाहिए। जैविक खाद का भी उपयोग किया जा सकता है जो फसल को स्वस्थ बनाता है और जमीन की प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है।
10. ककोड़ा की कटाई
ककोड़ा के फलों को उगने के 3-4 महीने बाद काटा जा सकता है। जब फल हरे रंग के और थोड़े मुलायम हों, तब उन्हें तोड़ना चाहिए। कटाई का सही समय सुबह या शाम का होता है ताकि फसल की ताज़गी बनी रहे।
11. ककोड़ा की खेती में लागत
ककोड़ा की खेती में कुल लागत 20,000-30,000 रूपये प्रति एकड़ आ सकती है , जो बीज , खाद , पानी और खेती के अन्य उपकारों पर निर्भर करती है | इस खेती में कम लागत होती है | यदि इसकी खेती को सही तरीके से किया जाये तो इससे कई मुनाफा मिल सकता है |
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