Makhane ki kheti : इसकी खेती से लाखो में कैसे कमाए
Makhane ki kheti किस तरह से करें जिस से आपको इसकी उपज से फ़ायदे हो सके तो पढ़ें झमारे यह ब्लॉग है जो आपकी बिल्कुल सही जानकारी देता है
मखाना के बारे में
मखाना जो गोंगुरा के नाम से भी जाना जाता है मखाना इस तरह का पौधा है जो पानी में होता है यह भारत में अधिक प्रयोग होने वाली चीज है जो उपास के दौरान देखने को मिल जाता है। और इसे अलग अलग तरह से हम मिठाई नमकीन के रूप में भी खाते हैं
Makhane ki kheti कैसे करें
इसकी खेती पानी और तालाब में होती है, और इसकी खेती के लिए सबसे पहले आपको पानी की उच्च व्यवस्था और खेत को अच्छी तरह से तैयार करना होगा, जिससे आप इसकी अच्छी तरह से खेती कर पाएंगे। मखाने के बीज को जुलाई-अगस्त के महीने में पानी में डाल दिया जाता है। पौधों की वृद्धि के बाद, अक्टूबर-नवंबर में इसके फूल खिलते हैं और दिसंबर-जनवरी में मखाने के बीज तैयार होते हैं। बीजों को एकत्रित कर धूप में सुखाया जाता है और फिर मखाने के दानों को बाहर निकाला जाता है।
इसकी खेती के लिए मिट्टी
खेती में इस्तेमाल की जाने वाली मिट्टी दलदली किस्म की होनी चाहिए जो जमीन में नमी बनाए रखे और इसकी फसल के लिए फायदेमंद हो। मिट्टी का पीएच 6.5 से 7.5 होना चाहिए। अगर मिट्टी अच्छी है तो इससे पौधे को बढ़ने में मदद मिलती है और फिर वह अच्छे से बढ़ता है।
इसकी खेती का मुख्य क्षेत्र
भारत में इसकी खेती के मुख्य क्षेत्र उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल हैं। ये सबसे ज्यादा बिहार के मिथलांचल इलाके में पाए जाते हैं। यहाँ की मिट्टी इसकी खेती के लिए उपयुक्त है, जिससे इसकी खेती में काफी मदद मिलती है।
मखाना के लिए उपयुक्त महीना
जुलाई से अगस्त तक का महीना इस खेती के लिए सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि इस दौरान बारिश के कारण फसल अच्छी होती है।इसके बाद अक्टूबर-नवंबर में मखाने के पौधों में फूल आते हैं और दिसंबर-जनवरी में मखाने के बीज तैयार हो जाते हैं। इस प्रकार, मखाने की खेती के लिए मानसून का समय सर्वोत्तम होता है।
किसानों को मखाने की खेती से होने वाले फायदे
आर्थिक लाभ: इसकी खेती से किसानों को अच्छा मुनाफ़ा होता है क्योंकि बाज़ार में इसके अच्छे मूल्य मिलते हैं औरइसके मांग बाज़ार में लगतार बनी रहती हैं
स्वास्थ्य लाभ: मखाना एक आहार है जो स्वास्थ्य से भरा हुआ है इसको हम अलग-अलग तरह से उपयोग कर सकते हैं जो कि किसानों को विभिन्न प्रकार से इसे बेचने के अवसर देता है
पर्यावरण लाभ: इसकी खेती जल-जमीन में होती है, जिससे जल-संरक्षण में मदद मिलती है। यह खेती पर्यावरण के अनुकूल होती है,और इससे भूमि की उर्वरता भी बनी रहती है।
रोजगार के मौके
रोजगार के मौके मखाना की खेती से हम ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार में अवसर बढ़ते हैं जिस से ग्रामीणों को मदद मिलती है
Makhane ki kheti एक ऐसी फसल है जो किसानों की मदद कर सकती है तो आपको अगर करना है तो हमारे द्वारा दी गई जानकारी मदद कर सकती है और ऐसी ही जानकारी के लिए आप हमारी Aapkikheti.com पर आए इस विडियो को जरूर देखें Click here