Matar ki Kism : जाने मटर की किस्म का चुनाव कैसे करे
क्या इस बरसात के बाद आप अगस्त के बाद मटर बोने की सोच रहे हैं पर आप ये जानना चाहते हैं की मटर की कौनसी किस्म सबसे अच्छी हैं | मटर की किस्म का चुनाव कैसे करे और कौनसी किस्म की खेती करके आपको अच्छा उत्पादन और साथ में अच्छे फायदे मिले तो जरूर पढ़े हमारे इस ब्लॉग को जो आपको काफी फायदे मिलेंगे | जिसकी मदत से आप जान सकेंगे की कैसे आप Matar ki Kism का चुनाव करे और इसके अलावा आप खेती से जुड़े ब्लॉग के बारे में जानना चाहते हैं तो हमारी वेबसाइट से जुड़े रहे |
Matar ki Kism के बारे में जानिये
1. Arkel (अर्केल)
अर्केल मटर की जल्दी पकने वाली किस्म है, जो 60–65 दिनों में तैयार हो जाती है। इसके पौधे छोटे होते हैं और दाने नरम व मीठे स्वाद के होते हैं। यह किस्म सब्जी उत्पादन के लिए आदर्श मानी जाती है। सही देखभाल के साथ इसकी उत्पादन क्षमता लगभग 80–100 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक होती है।
2. Azad Pea-1 (आजाद मटर-1)
आजाद मटर-1 स्वादिष्ट और अच्छी उपज देने वाली किस्म है, जो 65–70 दिनों में फसल तैयार करती है। यह खासतौर पर उत्तर भारत की जलवायु के लिए उपयुक्त है। इस किस्म से किसान औसतन 90–110 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं, जिससे यह व्यावसायिक खेती के लिए लाभकारी है।
3. VL Matar-3
वीएल मटर-3 मुख्य रूप से पहाड़ी क्षेत्रों के लिए उपयुक्त किस्म है। इसके पौधे मध्यम ऊंचाई के होते हैं और 70–80 दिनों में फसल तैयार हो जाती है। यह ठंडी जलवायु में अच्छी पैदावार देती है। इस किस्म की औसत उत्पादन क्षमता 70–90 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है, जिससे यह किसानों में लोकप्रिय है।
4. Pant Matar-5
पंत मटर-5 उत्तर भारत में लोकप्रिय किस्म है, जिसमें गहरे हरे और स्वादिष्ट दाने पाए जाते हैं। यह मध्यम अवधि में तैयार होने वाली फसल है, जो 75–80 दिनों में पकती है। इसकी औसत उत्पादन क्षमता लगभग 100–120 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है, जो इसे व्यावसायिक खेती के लिए उपयुक्त बनाती है।
5. Pusa Pragati
पुसा प्रगति जल्दी पकने वाली किस्म है, जो लगभग 60 दिनों में तैयार हो जाती है। इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होती है, जिससे पैदावार स्थिर रहती है। यह विभिन्न क्षेत्रों में सफलतापूर्वक उगाई जा सकती है। इसकी उत्पादन क्षमता औसतन 90–100 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है, जो किसानों के लिए फायदेमंद है।
6. Pusa Shree
पुसा श्री उच्च उपज देने वाली मटर की किस्म है, जो रोगों के प्रति सहनशील होती है। इसके दाने बड़े, गहरे हरे और मीठे होते हैं, जिससे इसका बाजार मूल्य अच्छा मिलता है। यह विभिन्न क्षेत्रों में उगाई जा सकती है। सही प्रबंधन के साथ इसकी उत्पादन क्षमता 110–130 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पहुँच सकती है।
7. Jawahar Pea-1
जवाहर मटर-1 मध्य प्रदेश में लोकप्रिय किस्म है, जो 75–80 दिनों में तैयार होती है। इसका स्वाद अच्छा होता है और यह उपज में स्थिर रहती है। यह विभिन्न प्रकार की मिट्टी में उगाई जा सकती है। इसकी औसत उत्पादन क्षमता 80–100 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है, जो किसानों के लिए लाभकारी है।
8. Punjab-89
पंजाब-89 जल्दी पकने वाली मटर की किस्म है, जो पंजाब की जलवायु के लिए अनुकूल है। यह फसल कम समय में तैयार हो जाती है और इसका स्वाद बेहतरीन होता है। किसानों को इससे औसतन 90–105 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन मिल सकता है, जिससे यह प्रदेश में काफी लोकप्रिय है।
9. HFP-4 Aparna
एचएफपी-4 या अपर्णा उच्च उपज देने वाली मटर की किस्म है। इसके दाने गहरे हरे और आकर्षक होते हैं, जो बाजार में अच्छी कीमत दिलाते हैं। यह विभिन्न जलवायु में सफलतापूर्वक उगाई जा सकती है। इसकी उत्पादन क्षमता 100–120 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है, जो व्यावसायिक खेती के लिए उपयुक्त है।
10. Kashi Nandini
काशी नंदिनी मटर की किस्म सब्जी उत्पादन के लिए उपयुक्त है और शीतल जलवायु में बेहतर प्रदर्शन करती है। इसका स्वाद अच्छा होता है और पौधे मजबूत होते हैं। यह किस्म 85–100 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन देती है, जिससे किसान अच्छी आय प्राप्त कर सकते हैं।
मटर की सबसे अच्छी किस्म कौन सी है
मटर की कई उच्च गुणवत्ता वाली किस्में उपलब्ध हैं, जिनमें काशी उदय, काशी शक्ति, हरभजन, आर्केल और जाग्रति विशेष रूप से लोकप्रिय हैं। ये किस्में 60 से 75 दिनों के भीतर फलने लगती हैं और स्वाद व गुणवत्ता के साथ अच्छी उपज देती हैं। उचित देखभाल और अनुकूल जलवायु में इनसे किसान भरपूर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।
Matar Ki Kheti Sabse Kheti Kahan Hoti Hain
भारत में मटर (Green Pea) की सबसे ज्यादा खेती उत्तर प्रदेश में होती है।
इसके बाद मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, पंजाब और हरियाणा भी प्रमुख मटर उत्पादक राज्य हैं। मुख्य कारण यह है कि इन राज्यों में सर्दियों का मौसम (रबी सीजन) लंबा और ठंडा रहता है, जो मटर की फसल के लिए आदर्श होता है। उत्तर प्रदेश अकेले देश के कुल मटर उत्पादन में सबसे बड़ा हिस्सा रखता है।
मटर की खेती के लिए सबसे अच्छा समय
मटर की खेती के लिए सबसे अच्छा समय सितंबर से अक्टूबर के के अंत तक बोई जाती हैं , जिसमे किसान को ज्यादा से ज्यादा खेती का उत्पादन देखने को मिलता हैं | खासकर इन महीने में बरसात की नमी और आने वाले सर्दी के मौसम की ओस भी इसकी खेती के लिए थोड़ी फायदेमंद मानी जाती हैं | कुछ किसान ज्यादा कमाई पाने के चक्कर में इसकी खेती समय से कर देते हैं |
मटर की खेती आज की समय में आपको अच्छी कमाई दे सकती हैं और इसको पकने में समय भी काम लगता हैं और मुनाफा भी देती हैं | खेती करने के लिए यहाँ पर जरूर करे Click Here
FAQ’s Matar ki kism
1. मटर की जल्दी पकने वाली किस्में कौन-सी हैं?
👉 मटर की जल्दी पकने वाली किस्मों में अर्केल, पुसा प्रगति, पंजाब-89 और VL मटर-3 शामिल हैं। ये 60–70 दिनों में तैयार हो जाती हैं और जल्दी कमाई चाहने वाले किसानों के लिए उपयुक्त हैं।
2. मटर की सबसे ज्यादा उपज देने वाली किस्म कौन-सी है?
👉 पुसा श्री (110–130 क्विंटल/हेक्टेयर) और एचएफपी-4 अपर्णा (100–120 क्विंटल/हेक्टेयर) उच्च उपज देने वाली मटर की किस्में हैं। इनका स्वाद भी अच्छा होता है और बाजार में अच्छा दाम मिलता है।
3. मटर की खेती के लिए सबसे अच्छा समय कौन-सा है?
👉 मटर की बुवाई का सही समय सितंबर से अक्टूबर के अंत तक है। इस समय बरसात की नमी और सर्दी की शुरुआत फसल के विकास के लिए आदर्श मानी जाती है।
4. मटर की खेती सबसे ज्यादा कहाँ होती है
👉 भारत में मटर की खेती सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में होती है। इसके बाद मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, पंजाब और हरियाणा प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।
5. मटर की कौन-सी किस्म व्यावसायिक खेती के लिए सबसे उपयुक्त है?
👉 व्यावसायिक खेती के लिए आजाद मटर-1, पंत मटर-5, पुसा श्री, एचएफपी-4 अपर्णा और काशी नंदिनी किस्में सबसे उपयुक्त मानी जाती हैं क्योंकि इनसे अच्छी उपज और बेहतर बाजार मूल्य मिलता है।