Mulching Tomatoes Farming Technique: जाने कैसे करे इस विधि से खेती
क्या आप भी टमाटर की खेती करना चाहते हैं जिससे आप घर में ही अच्छी फसल तैयार कर सकते हैं और उसे बाजार में भी बेच सकते हैं | क्योंकि टमाटर के दाम के बारे में आए दिन खभर आती रहती हैं जिस से परेशान होकर लोग काफी गलत कदम उठाते हैं तो अभी तो अभी पढ़े हमारा Mulching Tomatoes Farming Technique ब्लॉग जो आपको टमाटर की खेती में मदत करेगा |
Mulching Tomatoes Farming Technique जाने क्या हैं
Mulching Technique kya hain
टमाटर की खेती के लिए ये तरीका काफी अच्छा हैं जिसमें लगे हुए पौधों को अधिक पोषण मिले इसके लिए उनमे मल्चिंग की जाती हैं जिसका मतलब हैं कि पौधों की जड़ों को बड़ी प्लास्टिक शीट से ढक दिया जाता हैं जिस से पेड़ की जड़ों को सही हिसाब से उन प्लास्टिक शीट से ढक दिया जाता हैं जो उन्हें होने वाली सर्दी से भी बचाता है |
Mulching Technique Ke Faayde
- मिट्टी को धूप कम लगती है, इससे मिट्टी में नमी बनी रहती है।
- बीज अच्छी तरह से उगते हैं और जड़ों को भी मदत मिलती हैं
- तेज हवाओं एवं बारिश से पेड़ों को बचाने में मदत मिलती हैं
- बारिश एवं तेज हवा के कारण मिट्टी का कटाव कम होता है।
- क्योंकि प्लास्टिक की शीट के होने से पेड़ से गिरे टमाटर ख़राब भी नहीं होते हैं
- खरपतवारों के पनपने की संभावना बहुत कम हो जाती है।
- प्लास्टिक मल्चिंग का उपयोग करने से खेती में भी वृद्धि होती है।
- बारिश के दौरान पानी की बूंदें मल्चिंग शीट की निचली सतह पर इकठ्ठा होती है और पौधों को मिलती है। जिससे सिंचाई के समय पानी की बचत होती है।
- सूखी घास से मल्चिंग करने पर कुछ समय बाद यह सड़ कर खाद बन जाती है। जिससे मिट्टी अधिक उपजाऊ बनती है।
टमाटर में मल्चिंग बिछाने का तरीका
सबसे पहले आप जिस खेती में मल्चिंग का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो उसे पहले जोत ले फिर उसके बाद उसमे 8 से 10 क्विंटल गोबर खाद का इस्तेमाल करे जिस से आपको बाहरी खाद की आवशयकता ना पड़े | अब धीरे -धीरे क्यारियों से मेड़ों को बनाए ड्रिप सिंचाई के लिए पाइप लाइन बिछा दे | अब 25 से 30 माइक्रोन प्लास्टिक को अच्छी तरह से बिछा दे , फिर इसके बाद प्लास्टिक शीट में छेद करले जिससे पेड़ आसानी से सके |
Mulching Technique me tamatar ke saath kiski kheti kare
मल्चिंग विधि में टमाटर की खेती के साथ साथ मिर्च की खेती अधिक तौर पर की जाती हैं | क्योंकि मिर्च की खेती इससे टमाटर के पौधों में पानी कम लगता है,और मिट्टी में शीतलता बनी रहती है| वहीं पौधों के आस-पास खरपतवार नहीं लगती है, इस तकनीक से टमाटर पौधे की वृद्धि तेज़ी से होती है | किसान ने बताया कि टमाटर के पौधे को लगाते वक्त ,एक पौधे से दूसरे पौधे की दूरी का ध्यान रखना चाहिए |
FAQ’s Mulching Tomatoes Farming Technique
1. मल्चिंग क्या है और टमाटर की खेती में इसका क्या महत्व है?
मल्चिंग एक प्रक्रिया है जिसकी खेती के क्षेत्र पर मल्च (जैविक या सिंथेटिक सामग्री जैसे प्लास्टिक शीट, पराली, या घंस) बिछा कर मिट्टी को ढका जाता है। इसका महत्व टमाटर की खेती में है:
मिट्टी की सरधन को बचाता है.
गरमी या ठंड से पौध का संरक्षण करता है।
घास-फूस और खरपतवार को उगने से रोकता है।
पौधो की पानी की जरुरत कम होती है।
2. मल्चिंग करने के लिए कौन सा समय उत्तम है?
टमाटर की खेती के लिए मल्चिंग रोपनी के तुरेंट बाद या पौधे लगाने से पहले करनी चाहिए। ये पौधो की जड़ को सुरक्षित करता है और उनके विकास को बढ़ावा देता है।
3. मल्चिंग के लिए कौन सा मटेरियल उपयुक्त है?
मल्चिंग के लिए अलग-अलग सामग्री का उपयोग किया जा सकता है:
जैविक सामग्री: पराली, घन, नारियल के छिलके, या खाद।
सिंथेटिक सामग्री: काली प्लास्टिक शीट या बायो-डिग्रेडेबल शीट जो टमाटर की खेती में अधिक उपयोगी होते हैं।
4. टमाटर की खेती में मल्चिंग कैसे करें?
खेत को अच्छी तरह से जोतो और बीज की क्यारी बना लो।
मल्चिंग मटेरियल को पूरी फसल के आस-पास बिछा दो।
ऑर्गेनिक मल्च को जमीन के ऊपर 2-3 इंच की मोटाई में लगाना चाहिए।
प्लास्टिक मल्च को पौधे लगाने के लिए छोटे छोटे छेद करके बिछाया जाता है।
5. मल्चिंग के क्या फायदे हैं टमाटर की कीमत के लिए?
- टमाटर की कीमत 20-30% तक बढ़ जाती है।
- पानी और खाद का इस्तमाल कम होता है।
- पौधो में रोग और कीड़े लगाने की संभावना कम होती है।
- मिट्टी की उपजौ शक्ति बनी रहती है |