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    Neem एक Fayde अनेक किसान का अनुभव

    AapkikhetiBy AapkikhetiDecember 7, 2023Updated:January 29, 2024No Comments4 Mins Read
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    नीम एक फायदे अनेक
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    Neem एक Fayde अनेक किसान का अनुभव

    Neem ke Fayde

    Neem ke Fayde:- नीम का फूल बसंत में फूलता है। हवा से संयोग कर पर्यावरण को पवित्र । करता हैं। इसके सारे जड़ डाल, तना, अंग, प्रत्यंग फल, फूल खेती में खाद्य कीटनाशक आदि रूप में परंपरागत रूप से व्यवहार होते आ रहें है। मानव मे होने वाले रोगों में कार्य करते है। श्रावण मास में कृष्ण पक्ष पंचमी जो इस वर्ष फिर से आयेगा को पडेगा ‘नागपंचमी’ त्यौहार में लोग नीम के पत्ते खाते । हैं। मान्यता है कि इससे खून शुद्ध होता है। टहनी को घर में खोंस देने से। वास्तु देवता खुश होते है।

    अंदर के वातारण की शुद्धि होती है। अतः यह वृद्ध पर्व त्यौहार से भी जुड़ा होता है। नीम के कई प्रजातियों के फल को लोग खाते है। नीम का नौरा भी होता है। बीज से तेल निकाला जाता है।। बचा हुआ भाग खली होता है। यह सर्वोत्तम जैविक खाद है। रसायन मुक्त । खेती के लिए रामबाण है। हमारे ऋषि उसका प्रयोग करते थे। वैज्ञानिक भी ! नीम के गुण-धर्म को पहचानने में सफल हुए है। यह वृक्ष आम का आम और गुठली का दाम प्रदान करने वाला है। वैज्ञानिक मत यह है कि अब तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार नीम का उपयोग बाकी सभी कीटनाशकों के मुकाबले संरक्षित खेती हेतु सुरक्षित पाया गया है। यह भारत वर्ष के लिए अत्यंत उपयोगी है। यह किसी भी प्रकार की स्थलाकृति !

    (Geomorphology) पर बिना किसी खास देखभाल के सरलता से उगाया जा सकता है। यह एक बहुवर्षीय पेड़ है तथा एक बार उगने के बाद। इसकी देखभाल की कोई आवश्यकता नहीं होती हैं। मैंने कई पेड़ लगाये ।। और अन्य किसानों से भी लगवाये है। यह पेड़ सौ वर्ष से भी अधिक वर्ष तक ! फल देता है। भारत सरकार के द्वारा नीम कोटेट यूरिया का प्रचलन लाभदायक रहा है। इसके उपयोग में करता आ रहा हूं। नीम के बने कीटनाशक पर्यावरण के मित्र कहे जाते है। ये पीड़क कीटों के जीवी और परभक्षियों के लिए सुरक्षित हे। इनका केचुओं पर भी अच्छा प्रभाव पड़ता है।। ये औस्ट्रोकेंड की मात्रा का स्थिर रखने में सहायता प्रदान करता है और इस ! प्रकार भूमि की उर्वरकता कायम रहतीर है। संशोषित कीटनाशकों के मुकाबले नीम से बने कीटनाशकों का प्रयोग कर रहा हूं। इनमें बहुत से यौगिक होते है जिनका प्रभाव भिन्न-भिन्न होता है। फलस्वरूप इनके। उपयोग से पीड़क कीटों में प्रतिरोधी क्षमता पैदा होने की संभावना काफी  कम रहती है।

    नीम किसानों के लिए एक अतिरिक्त आय का एक सम्मानित । साधन है। कीटों की रोकथाम के लिए नीम के बीज के कीटनाशक घोल ! तैयार करने की विधिः– नीम के फलों का गूदा उतार कर बीजों को धूप में। अच्छी तरह सुखा लें। सूख जाने से प्राप्त बीजों की दो मुट्ठी भर गिरि (200-300 ग्राम) लेकर उसका दरदरा चूर्ण बना ले। उस चूर्ण को बाल्टी में । डालकर 10 लीटर पानी डालें तथा जोर-जोर से हिलायें। अब एक मिश्रण । को 6-15 घंटे तक इसी प्रकार रहने दे। (सुबह प्रयोग करने के लिए यह। घोल शाम को तैयार कर) अब इसे 20 मिनट तक हिलाये तथा कणरहित घोल प्राप्त करने के लिए इसे मारकीन या अन्य किसी सुती कपड़े से छान ले।

    https://aapkikheti.com/animal-husbandry/sarkari-naukri/

    इस प्रकार प्राप्त दूधिया घोल प्रयोग के लिए तैयार है। इस घोल का। किसी भी अन्य कीटनाशक की तरह छिड़काव करें फसल की किस्म और । आकार के अनुसार 500-1000 लीटर घोल एक हैक्टेयर के लिए काफी होता है। पांच-छः दिनों के बाद ए क | छिड़ काव  और करें। परिणाम की प्रतिक्षा इक्करें प्रयोग से कीट उसी समय मरते नहीं है बल्कि यह उसे क्योंकि इसके पुण्येन तथा उनकी बढ़वार को रोकने में मदद करता है। यह फसल खाने, अंडे है। रसायन मुक्त, पर्यावरण हितैषी खेती का पहला कदम है। ऐरक अवन और कार्य कृषि से जुड़ा रहा। हल (ट्रेक्टर) चलाना और कलम चलाने की संगति आज भी बरकरार है।

    https://www.instagram.com/aapki_kheti?igsh=Yndzcm5mYzJrNzd6

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