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  • Biju krushak kalyan yojana: ऐसी योजना जो किसानों को देगी स्वास्थ्य संबंधित मदद जानिये कैसे

    Biju krushak kalyan yojana: ऐसी योजना जो किसानों को देगी स्वास्थ्य संबंधित मदद जानिये कैसे

    Biju krushak kalyan yojana: ऐसी योजना जो किसानों को देगी स्वास्थ्य से संबंधित मदद जानिये कैसे

    ओडिशा सरकार के द्वारा चलाई जा रही ये योजना जो स्वास्थ्य से जुडी समसया मे किसानो को हर तरह से अनुदान प्रदान करती है क्या आप जानना चाहते हैं तो जरूर पढ़ें हमारा ब्लॉग “Biju krushak kalyan yojana” जो आपको हर मुमकिन जानकारी प्रदान करेगा

    Biju krushak kalyan yojana

    Biju krushak kalyan yojana के बारे में

    यह योजना ओडिशा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने शुरू की थी, जो ये योजना ओडिशा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री, बीजू पटनायक, के नाम पर चलाई चलाई जा रही हैं| जिन्होंने सदैव राज्य के विकास के लिए कार्य किया, इस योजना का मुख्य कार्य किसानों एवं उनके परिवारों को उनके स्वास्थ्य से जुड़े मामलों में हर संभव सहायता प्रदान करना हैं|

    योजना के उद्देश्य

    इस योजना के प्रमुख उदेश्य किसानों को और उनके परिवार को स्वस्थ्य से जुडी हर मुमकिन मदद देना, जिस से वह अपने जीवन में आगे बढ़ सके इस योजना के कुछ मुख्य उदेश्य कुछ इस प्रकार हैं:

    स्वास्थ्य सुरक्षा: इसमे किसानो को स्वस्थ से जुडी हर मदद देना अरु वो भी बिना किसी आर्थिक दबाव के|

    स्वास्थ्य सेवाओं का प्रसार:अगर इस योजना से किसी को मदद हो रही है तो और लोगो को ये योजना की जानकारी मिले |

    आर्थिक सुरक्षा: किसान को धन से जुडी हर समस्या का समाधान करना जिस से उन्हें उसके बारे में ज्यादा सोचना ना पड़े|

    Biju krushak kalyan yojana

    योजना के फायदे

    निःशुल्क स्वास्थ्य बीमा: इस योजना में सरकार किसानों को मुफ्त बीमा उपलब्ध कराती है, ताकि उनकी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं दूर हो सकें। और हॉस्पिटल में ज्यादा खर्चा होने से बच सके |

    परिवार का उपचार: योजना में केवल किसान को ही नहीं बल्कि बालक किसान के परिवार को भी मदद प्रदान की जाती है ,जिस से वो भी इस योजना का लाभ उठा सके|

    सरल प्रक्रिया; क्या योजना में पंजीकरण कराना बहुत सरल है, और इसकी पंजीकरण की प्रक्रिया को हम आगे बताते हैं|

    ये योजना क्यों शुरू हुई?

    ओडिशा सरकार के द्वारा चलाई जा रही ये योजना इस वजह से चलाई गई ,क्योंकि वहां पर आए दिन किसानों की आत्माहत्या की खबर मिलती थी|  जो कि उनकी बीमारी और आर्थिक समस्याओं के वजह से होती थी तो सरकार ने ये योजना शुरू करने का फैसला लिया जिससे किसानो को मदत भी हुई ,और आत्माहत्या के किस्से भी काफी कम हुए हैं जो कि राहत की बात है|

    रजिस्ट्रेशन कैसे करें?

    योजना के लिए आपको सीएससी या बीजू कृषक कल्याण योजना केंद्र में जाना होगा, जहां पर आप आवेदन पत्र भर सकते हैं और अपनी व्यक्तिगत जानकारी दे सकते हैं | इसमे जरूरी दस्तावेज है आधार कार्ड, राशन कार्ड भूमि से जुडी कुछ दास्तावेज भी इसमें जोडने होते हैंइसकी प्रक्रिया खत्म हो जाने के बाद किसान को एक नोटिस आएगा और फिर आपको हेल्थ कार्ड दिया जाएगा|

    आपको ये योजना के बारे में जान कर अच्छा लगा होगा तो ऐसे ही कृषि से संबंधित जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट Aapkikhti.com जाएं और हमारे इंस्टाग्राम चैनल से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें

  • Broccoli ki kheti: जाने इस हरी भरी सेहतमंद सब्जी की खेती के बारे में

    Broccoli ki kheti: जाने इस हरी भरी सेहतमंद सब्जी की खेती के बारे में

    Broccoli ki kheti : जाने इस हरी भरी सेहतमंद सब्जी की खेती के बारे में

    आज हम बताने जा रहे हैं आपको एक ऐसी फसल के बारे में जो मुनाफ़ा तो देती पर उसके साथ ये काफ़ी फ़ायदों से भी भरपूर हैं क्योंकि ये रंग में तो हरा है पर ये पोषण से भी भरपूर हैं। तो चलिए जानते हैं हमारे इस ब्लॉग Broccoli ki kheti से इसकी खेती से जुड़ी हर बातें

    Broccoli ki kheti

    ब्रोकली क्या है?

    ब्रोकोली एक ऐसी सब्जी की फसल जिसमें भरपूर मात्रा में पोषक तत्व होते हैं ,जो कि इसे स्वस्थमंद सब्जी बनाती हैं| इसमें विटामिन सी, विटामिन के, फाइबर और एंटी-ऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं। ये सब्जी फ़ायदेमंद होने के साथ किसानों के लिए मुनाफ़ा देने वाली फ़सल भी है|

    Broccoli ki kheti के लिए मिट्टी

    इसकी खेती के लिए बलुई दोमट और चिकनी दोमट मिट्टी सबसे बेहतर होती है ,जिस से इसकी खेती अच्छी उपज देती है | खेती के लिए मिट्टी का पीएच मान 6 से 7 के बीच में होना चाहिए, इसकी खेती भी अच्छी रहती है, क्योंकि ब्रोकोली के लिए मिट्टी का न्यूट्रल वैल्यू होना चाहिए, इसकी खेती में दर्द से बढ़ना चाहिए और पोषक तत्व मिल सकते हैं।

    खेती सबसे ज्यादा होती है?

    भारत में ब्रोकली की खेती पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में सबसे ज्यादा होती है। ये सभी क्षेत्र ठंडी हवाओं और उपयुक्त जलवायु परिस्थितियों के लिए प्रसिद्ध हैं, जो ब्रोकोली के पौधों के लिए सबसे अच्छे होते हैं जो इसकी खेती में मदद करते हैं |

    Broccoli ki kheti

    किस महीने में करें खेती?

    इसकी खेती के लिए ठंडा मौसम बहुत उपयोगी होता है, इसी वजह से अक्टूबर से दिसंबर तक खेती के लिए अच्छा मौसम होता है | इसकी सही तरह से खेती करने के लिए आपको जुलाई में ही बीज उगाना शुरू कर देना चाहिए, जिस से ये आसानी से अक्टूबर तक ट्रांसप्लांट किया जा सके|

    Broccoli ki kheti कैसे करें?

    इसकी खेती के लिए सबसे पहले खेत की मिट्टी को नरम करना पड़ता है ,वो कैसी से भी कर सकती है |अच्छी तरह से होने के बाद, ब्रोकोली के बीज को रोपाई में बदलने के लिए नर्सरी बेड में पौधा लगाना चाहिए,  रोपाई में 4-6 सप्ताह के बाद मुख्य खेत में रोपाई करनी होती है। पंक्तियों के बीच की दूरी 45-60 सेमी और पौधों के बीच 30-45 सेमी का अंतर रखना चाहिए, ताकि हर पौधे को बढ़ने के लिए पर्याप्त जगह मिल सके।

    किसानों को होने वाले फायदे

    यह किसानों के लिए एक ऐसी फसल है जिसकी मांग बाजार में बहुत ज्यादा है। अगर किसी ने इसकी अच्छी खेती की है तो आप आसानी से इसका लाभ उठा सकते हैं। अगर ब्रोकली को जैविक खेती के जरिए उगाया जाए तो किसान काफी लाभ उठा सकते हैं, ब्रोकोली की शेल्फ लाइफ भी अच्छी होती है, जिसका किसान इसे आसानी से बाजार में बेच सकता है। इसके अलावा, ब्रोकोली बाहर भी मागं रहती हैं, जो किसानो के लिए एक और आय स्रोत हो सकता है।

    हम आशा करते हैं कि आपका हमारा ये ब्लॉग पसंद आया होगा और ऐसे ही कृषि से जुड़ी जानकारी के लिए हमारी वेबसाइटAapkikheti.com पर जाएं और हमारे इंस्टाग्राम चैनल से जुड़ने के लिए Click Here

  • Soil Health Card Scheme: एक ऐसी योजना जिसका कार्ड बताएगा आपकी मिट्टी का स्वास्थ्य

    Soil Health Card Scheme: एक ऐसी योजना जिसका कार्ड बताएगा आपकी मिट्टी का स्वास्थ्य

    Soil Health Card Scheme: एक ऐसी योजना जिसका कार्ड बताएगा आपकी मिट्टी का स्वास्थ्य

    सरकार की एक ऐसी पहल जिस से किसान अपने खेत की मिट्टी की गुड़वता को जान पाएंगे और उसमें होने वाली समस्या से बच पाएंगे पढ़िए इस ब्लॉग को Soil Health Card Scheme वो जानकरी देगा जिसकी आपको जरूरत होगी

    Soil Health Card

    इस योजना का परिचय

    Soil health Card Scheme एक ऐसी योजना जिसका मुख्यमंत्री उद्देश किसानो के खेत की मिट्टी की गुड़वत्ता का पता करना है जिसमें उन्हें कार्ड दिया जाता है जिसमें उनके मिट्टी की सभी तरह की जानकारी मिलती है | इसकी मदद से किसान सही फैसला लेकर अपनी फसल में बदलाव कर सकते हैं

    इसके फायदे क्या है

    इस कार्ड के माध्यम से किसान अपने खेत की मिट्टी की गुणवत्ता का पता लगा सकते हैं जिससे वे अपनी फसलों के लिए उचित खाद तैयार कर सकते हैं जिससे किसानों को सही फसल मिल सकती है। अगर हम मिट्टी के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए खेती करते हैं तो यह हमारे लिए फायदेमंद है क्योंकि मिट्टी का अच्छा होना बहुत जरूरी है। सही मिट्टी के इस्तेमाल से पानी की भी बचत होती है और अगर हमारे पास यह कार्ड है तो हम बेकार खाद का इस्तेमाल नहीं करेंगे |

    Soil Health Card Scheme

    योजना के मुख्य उद्देश्य

    मिट्टी की जानकारी: किसानों को उनके खेतों की मिट्टी के तत्वों के बारे में जानकारी प्रदान करना।

    उचित पोषण: इसके मध्यम से किसान मिट्टी का सही पोषण कर सकता है सही खाद का चयन करके|

    फसल उत्पादन में सुधार: योजना की सहायता हम सही खाद का चयन करके अपने उत्पादन को बढ़ा सकते हैं

    पर्यावरण सुरक्षा: इसमें हम मिट्टी और पानी की सुरक्षा पर ध्यान देते हैं

    योजना में क्या करना होता है

    क्या योजना की मदद से किसान अपने खेत की मिट्टी की सरकार बना सकते हैं लैब्स में जांच करवाते हैं | नमूना जमा होने के बाद उसका विश्लेषण होता है |फिर मृदा स्वास्थ्य कार्ड तैयार किया जाता है जो किसान को उसके खेत की मिट्टी की गुड़वता को जान ने में मदद करता है

    कैसे करें पंजीकरण

    इसके लिए आप अपना पास कृषि सेवा केंद्र में जा सकते हैं जहां पर आप अपने खेत की मिट्टी का सैंपल लेकर पंजिकरण करवा सकते हैं और इसके अलावा आप ओनलाइन राजिसटेशन के लिए किसानों को अपना आधार नंबर, भूमि विवरण और फसल की जानकारी दे सकते हैं जिस से वो पंजीकरण करवा सकता है

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  • Khurma ki kheti: जाने फायदे और खेती से जुड़ी बातें

    Khurma ki kheti: जाने फायदे और खेती से जुड़ी बातें

    Khurma ki kheti :जाने फायदे और खेती से जुड़ी बातें

    आज हम बताने जा रहे हैं एक ऐसे फल के बारे में जो बिल्कुल टमाटर की तरह लगता है तो क्या आप जानना चाहते हैं इस फल के बारे में और इसकी खेती से जुड़ी बात को तो पढ़ें इस ब्लॉग को Khurma ki kheti

     

    खुरमा क्या है ?

    खुरमा जिसका नाम (persimmon) भी कहा जाता है, एक जापानी फल है जो अपने स्वाद और सेहत के बारे में जाना जाता है| इस फल के दो प्रकार होते हैं, जिसमें एक को बिना पकाये कहा जाता है जिसका नाम Astringent khurma और एक जिसको पका के कहा जाता है उसका नाम हैं  on-astringent khurma |  

    इसके फायदे क्या है

    इसमे  एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और आहार फाइबर होते हैं जो शरीर में बीमारियों से बचाव करते हैं, इसमें पोटैशिमा और मैग्नीशियम बार्पूर मात्रा में होता है, जो दिल की बीमारी से बचाता है। और बूढे लोगो के लिए ये फल काफी प्रभावी हैं|

    खुरमा की खेती कब करें ?

    खुरमा की खेती के लिए सबसे अच्छा समय शरद ऋतु होता है। बीज से पोधे उगाने के लिए सितंबर से अक्टूबर के बीच का समय सबसे अच्छा होता है। खुरमा का पौधा 7-8 सालों में फाल देना शुरू करता है।इसकी खेती के लिए आपको पानी की ज्यादा मात्रा होनी चाहिए, जिस से इनकी खेती अच्छी तरह से हो सके और ये अच्छे फल दे सके|

    Khurma ki kheti

    सबसे अच्छी मिट्टी

    इसकी खेती के लिए मिट्टी का पीएच 6.0 से 7.5 के बीच होना चाहिए। रेतीली दोमट या अच्छी जल निकास वाली मिट्टी सबसे उत्तम मानी जाती है। अगर खेती में भारी मिट्टी का प्रयोग हो जो पानी को रोके वो मिटे इसकी खेती के लिए हानिकारक हो सकती है ,क्योंकि इसके पेड़ को पानी की अधिक जरूरत होती है |

    जहाँ इसकी खेती अधिक होती है

    खेती के लिए अच्छा मौसम और नरम मिट्टी अच्छी होती है,भारत में इसकी मुख्य खेती की जगह है|  हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड, और उत्तर प्रदेश के कुछ पहाड़ी क्षेत्र जहां ये अच्छी तरह से होती हैं क्योंकि वहां इसके लिए उच्च पर्यावरण होता है | इन राज्यों में खुरमा के पेड़ अच्छे से फाल्ते-फूलते हैं ,और इनका फल अच्छी गुणवत्ता का होता है जो बाजार में ऊंचे दाम पर बिकता है।

    बाज़ार में भाव

    खुरमा का बाजार मूल्य उसकी उपज से निधारित होता है ,वैसे इसका मूल्य 100 से लेकर 300 तक होता है लेकिन बाद में क्या मांग है और इसकी उपज वो भी मायने रखते हैं|

    और कृषि से संबंधित जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट Aapkikheti.com पर आए

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  • Bihar Madhumakhi Paalan Yojna 2024: क्या हैं योजना और रजिस्टर कैसे करें

    Bihar Madhumakhi Paalan Yojna 2024: क्या हैं योजना और रजिस्टर कैसे करें

    Bihar Madhumakhi Paalan Yojna 2024 : जाने क्या हैं ये योजना और रजिस्टर कैसे करें

    Bihar Madhumakhi Paalan Yojna 2024 इस योजना का मुख्य कारण किसानों को आय का एक स्रोत प्रदान करना है। इस योजना के तहत सरकार किसानों को मधुमक्खी पालन में उपयोग होने वाले उपकरण ,जैसे बक्से और मधुमक्खी के छत्ते उपलब्ध कराती है जो इसके पालन में मदद करते हैं। इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देना और किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारना है।

    Bihar Madhumakhi Paalan Yojna 2024

    इस योजना के फायदे

    इस योजना के कुछ मुख्य फायदे हैं जैसे किसानों को आय का एक साधन प्रदान करना जिससे वो समर्थवान बनते हैं| इसके अलावा किसान शहद के निर्यात भी कर सकते हैं, उन्हें उनके बिजनेस में मदद मिलेगी, और निर्यात बढ़ाने से राज्य की अर्थव्यवस्था अच्छी हो जाएगी| योजना के माध्यम से किसानो को नई ताकत सीखने को मिलेगी जिससे वो और समर्थवान हो सकेंगे और नई जानकारी प्राप्त करेंगे|

    योजना में क्या करना है?

    इस योजना में किसानों को मधुमक्खी पालन के लिए आवश्यक उपकरण और सामग्री जैसे कि मधुमक्खी के बक्से, सुरक्षा उपकरण, और प्रशिक्षण प्राप्त करने की आवश्यकता होती है। किसानों को सरकार द्वारा आयोजित प्रशिक्षण सत्रों में भाग लेना होगा, जहां उन्हें मधुमक्खी पालन की आधुनिक तकनीकों के बारे में जानकारी दी जाएगी।

    Bihar Madhumakhi Paalan Yojna 2024

     

    योजना में पंजीकरण कैसे करें?

    Bihar Madhumakhi Paalan Yojna 2024 में पंजीकरण करना बहुत ही सरल है। इस योजना के लिए पंजीकरण करने के लिए किसानों को सबसे पहले अपने नजदीकी कृषि विभाग या सरकारी कृषि कार्यालय में जाना होगा। वहां पर उन्हें एक पंजीकरण फॉर्म भरना होगा जिसमें उनकी व्यक्तिगत जानकारी और कृषि संबंधी जानकारी होगी। इसके अलावा, किसान ऑनलाइन भी इस योजना के लिए पंजीकरण कर सकते हैं। इसके लिए, उन्हें सरकारी कृषि वेबसाइट पर जाना होगा और वहां उपलब्ध पंजीकरण फॉर्म को भरकर सबमिट करना होगा। रजिस्ट्रेशन के लिए आप यहां Click करें

    अन्य महत्वपूर्ण बातें

    इस योजना के तहत किसानों को शहद उत्पादन के साथ-साथ मधुमक्खियों की रक्षा पर भी विशेष ध्यान देना होता है|  इसके लिए, उन्हें समय-समय पर मधुमक्खी के बक्सों की जांच करनी होती हैं और सुनिश्चित करना होता है  कि मधुमक्खियों को पर्याप्त मात्रा में पौष्टिक भोजन मिल रहा है। इसके अलावा, सरकार किसानों को शहद के विपणन के लिए भी सहायता प्रदान करेगी, ताकि वे अपने उत्पाद को उचित मूल्य पर बेच सकें। जैसे इस योजना में किसान को अधिक से अधिक 20 और काम से कम 10 बक्शे प्रदान किये जायेंगे मधुमक्खी बक्सा एवं कॉलोनी की इकाई दर ₹4000 हैं तथा मधु निष्कासन इकाई की इकाई दर ₹20000 हैं जिस पर 75% अनुदान है।

    कृषि से संबंधित जानकारी जानने के लिए हमारी वेबसाइट पर Aapkikheti.com जा कर  ब्लॉग पढ़ सकते हैं जहां पर आपको हर जानकारी मिलेगी

  • Salgam ki kheti: कैसे करें खेती जाने हर बात यहां पर

    Salgam ki kheti: कैसे करें खेती जाने हर बात यहां पर

    Salgam ki kheti kaise karein: जाने खेती से जुड़ी हर बात यहां पर

    एक ऐसी सब्जी की फसल की खेती करके आप काम समय में भी अच्छी फसल प्राप्त करके रूपया भी कमा सकते हैं क्या चाहते हैं इस फसल को करना तो पढ़ें हमारे इस ब्लॉग को “Salgam ki kheti : कैसे करें खेती जाने हर बात यहां पर”

    सलगम क्या है?

    सलगम (Turnip) एक महत्वपूर्ण रबी फसल है, जिसे सब्जी और सलाद के रूप में उपयोग किया जाता है। यह एक जड़ वाली सब्जी है, जिसकी जड़ें गोल और सफेद या बैंगनी रंग की होती हैं। सलगम में विटामिन C, फाइबर, और कई अन्य पोषक तत्व होते हैं, जो सेहत के लिए लाभकारी हैं। इसे सीधे खाने के साथ-साथ अन्य व्यंजनों में भी प्रयोग किया जाता है।

    इसमे प्रयोग होने वाली मिट्टी

    खेती के लिए बलुई दोमट (sandy loam) मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है। मिट्टी का pH स्तर 6.0 से 7.5 के बीच होना चाहिए। ऐसी मिट्टी में जल निकासी की अच्छी सुविधा होनी चाहिए ताकि जड़ें सड़ने न पाएँ। अगर मिट्टी बहुत भारी हो तो इसमें रेत मिलाकर इसे हल्का किया जा सकता है।

     किस महीने में होती है खेती ?

    खेती का सही समय अक्टूबर से नवंबर के बीच का होता है। यह समय उपयुक्त होता है क्योंकि ठंड के मौसम में सलगम की वृद्धि अच्छी होती है और इसकी जड़ों में बेहतर स्वाद आता है। अधिक गर्मी या ठंड से बचाने के लिए इसे ठंड के मौसम में उगाना चाहिए।

    कैसे करें  खेती?

    सलगम की खेती करने के लिए पहले खेत को अच्छी तरह से तैयार करना जरूरी है। खेत को 2-3 बार हल चलाकर और पाटा चलाकर समतल कर लें। इसके बाद 2-3 सेमी गहरी क्यारियाँ बनाएं और इसमें सलगम के बीज बो दें। बीजों को बोने के बाद हल्की सिंचाई करें। पौधों की उचित वृद्धि के लिए समय-समय पर निराई-गुड़ाई करते रहें और आवश्यकतानुसार पानी देते रहें।

    किसान को क्या लाभ होते हैं?

    इसकी खेती से किसानों को अच्छे आर्थिक लाभ मिलते हैं। यह फसल कम समय में तैयार हो जाती है और बाजार में इसकी मांग भी अच्छी होती है। इसके अलावा, सलगम की खेती में पानी की जरूरत कम होती है, जिससे जल की बचत होती है। सलगम को बेमौसम भी उगाया जा सकता है, जिससे किसान साल भर आय प्राप्त कर सकते हैं

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  • Bihar Udyami Yojna 2024-25 : समय निकल रहा है जल्दी आवेदन करें पाएं रोजगार

    Bihar Udyami Yojna 2024-25 : समय निकल रहा है जल्दी आवेदन करें पाएं रोजगार

    Bihar Udyami Yojna 2024-25 : समय निकल रहा है जल्दी आवेदन करें पाएं रोजगार

    भारत में रोजगार की समस्या कोई आम बात नहीं है, क्योंकि बेरोजगारी युवाओं की बढ़ते कदम को रोकती है |तो उसे देखते हुए बिहार सरकार लाई है Bihar Udyami Yojna 2024-25 जो युवाओं के जीवन को फायदा देगी जानकारी के लिए यहां प|

    योजना के बारे में जानकारी

    यह योजना उद्यमिता और रोजगार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस योजना के तहत बिहार सरकार युवाओं को व्यवसाय शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता और प्रशिक्षण प्रदान करती है, ताकि वे सही निर्णय ले सकें। बिहार नागरिक जो खुद का व्यापार शुरू करना चाहते है |वो उद्यमी योजना बिहार के लिए आवेदन कर सकते है ,और 10 लाख रूपये तक का लोन देगी |जिसमें की 50% तक की सब्सिडी भी दी जाएगी जिसका मतलब यह है की आपका 5 लाख रूपये तक का ऋृण माफ कर दिया कर जायेगा।

    योजना की आवश्यकता

    बिहार भारत का सबसे महत्वपूर्ण राज्य है और यहां बढ़ती बेरोजगारी को देखते हुए बिहार सरकार ने इस योजना की शुरुआत की जिसके माध्यम से युवाओं को मदद मिलती है और वे आत्मनिर्भर भी बनते हैं।

    इसका मुख्य उद्देश्य है।

    राज्य में रोजगार के अवसरों को बढ़ाना,युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित करना और उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करना। राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाना,विभिन्न क्षेत्रों में नए व्यवसायों की स्थापना करना।

    योजना के लाभ

    वित्तीय सहायताइस योजना के तहत उन युवाओं को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है जो अपनी व्यावसायिक गतिविधियों का उचित प्रबंधन करने में असमर्थ हैं।
    प्रशिक्षण: योजना के अंतरगत सरकार द्वारा युवाओं को बिजनेस सिखाने के लिए उन्हें प्रशिक्षण दिया जाता है जिस से वो काम को अच्छी तरह से सीखे
    मार्केटिंग सहायता: युवाओं को इस योजना से सहायता दी जाती है जिस से वो अपने काम को दूसरे तक पहुंचने में मदद करते हैंतकनीकी सहायता: इसके माध्यम से युवाओं को तकनीक के साथ काम करना सिखाया जाता है ताकि वे अपना काम सही ढंग से कर सकें और उसका लाभ उठा सकें।

    पंजीकरण प्रक्रिया

    आवेदन करने के लिए आपको  udyami.bihar.gov.in आपको जाना है जहां आप फॉर्म भर सकते हैं और उसे जमा कर सकते हैं |आवेदन के साथ आवश्यक दस्तावेज़ जैसे पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र, और शैक्षणिक प्रमाण पत्र जमा करने होंगे | इसके बाद आपको उम्मीदवर का चयन होगा,और चयन हुए उम्मीदवार को ट्रेनिंग के लिए बुला लिया जाएगा|

    अंतिम तिथि

    बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा मुख्यमंत्री उद्यमी योजना की शुरुआत की जिसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन 01 जुलाई 2024 से शुरू हो चुके है| इस स्कीम के लिए आवेदन की अंतिम तारीख 16 अगस्त निर्धारित की गयी है तो जितना जल्दी हो सके फॉर्म भरे दे  लिंक से जिससे आप इस योजना का फ़ायदा उठा सकें और कृषि से जुड़ी और भी जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट पर जाएं Aapkikheti.com

  • MSP For Kharif Crops: खरीफ क्रॉप्स के लिए  केंद्र सरकार की नई घोषणा

    MSP For Kharif Crops: खरीफ क्रॉप्स के लिए केंद्र सरकार की नई घोषणा

    MSP For Kharif Crops: खरीफ क्रॉप्स के लिए एमएसपी केंद्र सरकार की नई घोषणा

    MSP For Kharif Crops: केंद्र सरकार ने हाल ही में खरीफ क्रॉप्स के लिए नई मिनिमम सपोर्ट प्राइस (एमएसपी) घोषित की है। एमएसपी के लिए केंद्र सरकार ने कुल 14 क्रॉप्स के लिए प्राइस सेट किया है, जिसमें paddy, maize, millets, pulses, oilseeds, cotton,जैसे प्रमुख क्रॉप्स शामिल हैं।

    MSP For Khareef Crops

    खरीफ क्रॉप्स क्या हैं?

    खरीफ क्रॉप्स उन क्रॉप्स को कहा जाता है जो बारिश के मौसम में बोए जाते हैं, जिसका मतलब है जून से सितंबर के बीच। इन क्रॉप्स में प्रमुख क्रॉप्स paddy, maize, millets, pulses, oilseeds, cotton, sugarcane शामिल हैं।

    MSP एमएसपी क्या है?

    एमएसपी क्रॉप्स के लिए सरकार द्वारा निर्धारित एक न्यूनतम प्राइस है जिसके तहत सरकार क्रॉप्स की खरीद के लिए किसानों को एक निश्चित राशि देती है। एमएसपी का उद्देश्य किसानों को संतोषजनक मूल्य प्राप्त करना है और क्रॉप डिवेर्सिफिकेशन को प्रोत्साहित करना है।

    एमएसपी के लिए केंद्र सरकार की घोषणा

    केंद्र सरकार ने एमएसपी के लिए कुल 14 क्रॉप्स के लिए प्राइस सेट किया है। इन क्रॉप्स के लिए एमएसपी में 5.3 से 10.35% की वृद्धि हुई है। प्रमुख क्रॉप्स जैसे green gram (moong) और sesamum में सबसे अधिक वृद्धि देखी गई है।

    किसानों की चिंताएं

    किसानों ने एमएसपी की वृद्धि में कुछ चिंताएं जताई हैं। उन्होंने कहा कि एमएसपी की गणना में केवल कुछ ही लागतें शामिल हैं, जैसे कि किसानों द्वारा किए गए खर्च जैसे भूमि का किराया, ऋण की राशि, परिवार का श्रम, आदि। किसानों ने एमएसपी की गणना में सभी लागतें शामिल करने की मांग की है, जैसा कि स्वामीनाथन आयोग द्वारा सुझाया गया है।

    एमएसपी का उद्देश्य

    एमएसपी का उद्देश्य किसानों को संतोषजनक मूल्य प्राप्त करना है और क्रॉप डिवेर्सिफिकेशन को प्रोत्साहित करना है। एमएसपी की वृद्धि केंद्र सरकार द्वारा की गई है और इसका उद्देश्य किसानों के लिए संतोषजनक मूल्य प्राप्त करना है।

    केंद्र सरकार की प्राथमिकताएं

    केंद्र सरकार ने एमएसपी की वृद्धि में कुछ प्राथमिकताएं रखी हैं। सरकार ने एमएसपी की वृद्धि को केंद्रीय बजट 2018-19 के अनुसार निर्धारित किया है, जिसके अनुसार एमएसपी का स्तर किसानों की लागत से कम से कम 1.5 गुना होना चाहिए। सरकार ने एमएसपी की वृद्धि को किसानों के लिए संतोषजनक मूल्य प्राप्त करने के लिए किया है और क्रॉप डिवेर्सिफिकेशन को प्रोत्साहित करने के लिए किया है।

    इस बजट में बदलाव

    वर्ष 2024-25 के बजट में सरकार ने एमएसपी में बदलाव किया है। कुछ प्रमुख फ़सलों के लिए एमएसपी में वृद्धि की गई है। ये वृद्धि किसान की लगत और उनकी आय को ध्यान में रख कर गई है। सरकार ने नए फ़सलों को भी एमएसपी की सोची में शामिल किया है, जो किसानो के हित में महत्व पूर्ण कदम है।

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  • Makhane ki kheti : इसकी खेती से लाखो में कैसे कमाए

    Makhane ki kheti : इसकी खेती से लाखो में कैसे कमाए

    Makhane ki kheti : इसकी खेती से लाखो में कैसे कमाए

    Makhane ki kheti किस तरह से करें जिस से आपको इसकी उपज से फ़ायदे हो सके तो पढ़ें झमारे यह ब्लॉग है जो आपकी बिल्कुल सही जानकारी देता है

    मखाना के बारे में

    मखाना जो गोंगुरा के नाम से भी जाना जाता है मखाना इस तरह का पौधा है जो पानी में होता है यह भारत में अधिक प्रयोग होने वाली चीज है जो उपास के दौरान देखने को मिल जाता है। और इसे अलग अलग तरह से हम मिठाई नमकीन के रूप में भी खाते हैं

    Makhane ki kheti कैसे करें

    इसकी खेती पानी और तालाब में होती है, और इसकी खेती के लिए सबसे पहले आपको पानी की उच्च व्यवस्था और खेत को अच्छी तरह से तैयार करना होगा, जिससे आप इसकी अच्छी तरह से खेती कर पाएंगे। मखाने के बीज को जुलाई-अगस्त के महीने में पानी में डाल दिया जाता है। पौधों की वृद्धि के बाद, अक्टूबर-नवंबर में इसके फूल खिलते हैं और दिसंबर-जनवरी में मखाने के बीज तैयार होते हैं। बीजों को एकत्रित कर धूप में सुखाया जाता है और फिर मखाने के दानों को बाहर निकाला जाता है।
    इसकी खेती के लिए मिट्टी

    खेती में इस्तेमाल की जाने वाली मिट्टी दलदली किस्म की होनी चाहिए जो जमीन में नमी बनाए रखे और इसकी फसल के लिए फायदेमंद हो। मिट्टी का पीएच 6.5 से 7.5 होना चाहिए। अगर मिट्टी अच्छी है तो इससे पौधे को बढ़ने में मदद मिलती है और फिर वह अच्छे से बढ़ता है।

    इसकी खेती का मुख्य क्षेत्र

    भारत में इसकी खेती के मुख्य क्षेत्र उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल हैं। ये सबसे ज्यादा बिहार के मिथलांचल इलाके में पाए जाते हैं। यहाँ की मिट्टी इसकी खेती के लिए उपयुक्त है, जिससे इसकी खेती में काफी मदद मिलती है।

    मखाना के लिए उपयुक्त महीना

    जुलाई से अगस्त तक का महीना इस खेती के लिए सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि इस दौरान बारिश के कारण फसल अच्छी होती है।इसके बाद अक्टूबर-नवंबर में मखाने के पौधों में फूल आते हैं और दिसंबर-जनवरी में मखाने के बीज तैयार हो जाते हैं। इस प्रकार, मखाने की खेती के लिए मानसून का समय सर्वोत्तम होता है।

    किसानों को मखाने की खेती से होने वाले फायदे

    आर्थिक लाभ: इसकी खेती से किसानों को अच्छा मुनाफ़ा होता है क्योंकि बाज़ार में इसके अच्छे मूल्य मिलते हैं औरइसके मांग           बाज़ार में लगतार बनी रहती हैं

     स्वास्थ्य लाभ: मखाना एक आहार है जो स्वास्थ्य से भरा हुआ है इसको हम अलग-अलग तरह से उपयोग कर सकते हैं जो कि                किसानों  को विभिन्न प्रकार से इसे बेचने के अवसर देता है

      पर्यावरण लाभ: इसकी खेती  जल-जमीन में होती है, जिससे जल-संरक्षण में मदद मिलती है। यह खेती पर्यावरण के अनुकूल होती    है,और इससे भूमि की उर्वरता भी बनी रहती है।

    रोजगार के मौके

    रोजगार के मौके मखाना की खेती से हम ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार में अवसर बढ़ते हैं जिस से ग्रामीणों को मदद मिलती है

    Makhane ki kheti एक ऐसी फसल है जो किसानों की मदद कर सकती है तो आपको अगर करना है तो हमारे द्वारा दी गई जानकारी मदद कर सकती है और ऐसी ही जानकारी के लिए आप हमारी Aapkikheti.com पर आए इस विडियो को जरूर देखें Click here 

  • Mukhyamantri Kisan Kalyan Yojana 2024 : किसानों का फ़ायदा जानिए कैसे

    Mukhyamantri Kisan Kalyan Yojana 2024 : किसानों का फ़ायदा जानिए कैसे

    Mukhyamantri Kisan Kalyan Yojana 2024 : किसानों का फ़ायदा जानिए कैसे

    Mukhyamantri Kisan Kalyan Yojana  भारत के राज्यों में चलाई जा रही एक योजना है जो किसानों की मदद करती है। यह योजना प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत  काम करती है जिसका मुख्य उद्देश्य किसानों को आय प्रदान करना है।

    उद्देश्य

    वित्तिय सहायता : मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना का मुख्य उद्देष्य किसानो को वित्त मदत करना जिससे वो खेती कर सके

    अनाज की सुरक्षा मिलती है : इस योजना के सहायता से अनाज की सुरक्षा प्रदान करना है

    नई कृषि जानकारी इस योजना के तहत किसानों को खेती में बदलाव लाने वाले तरीके को बताया जाता है

    किसानों का कर्ज कम करना: इस योजना की मदद से किसानों को कर्ज के दबाव से राहत मिलती है।

     

    ज़रूरी दस्तावेज

    मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना का लाभ उठाने के लिए, किसानों को कुछ पात्रता मानदंडों को पूरा करना होगा, जिनमें आम तौर पर शामिल हैं:

    निवास: आवेदक को संबंधित राज्य का निवासी होना चाहिए।

    व्यवसाय: आवेदक को एक सक्रिय किसान होना चाहिए।

    भूमि स्वामित्व: किसान के पास राज्य के भीतर कृषि भूमि होनी चाहिए।

    आय सीमा: यह सुनिश्चित करने के लिए कि लाभ जरूरतमंद किसानों तक पहुँचे, एक आय सीमा हो सकती है।

    इस योजना के अंतरगत किसानो को सीधे तरह से वित्त सहायता दी जाती है जिस वो अपनी खेती की उपज बढ़ा सके। और जो राशि मिलती है वो किसान के खेत को देखते हुए और उसकी जरुरत को देखते हुए की जाती हैं

    आधुनिक कृषि कार्य

    आधुनिक कृषि से हम अपने कृषि तकनीक को सुधारने और उनको प्रोत्साहित करते हैं ,जिसमें उच्च उपज वाली फसल और रोग प्रतिरोधी फसल को बढ़ावा देना होता है| सही सिंचाई तकनीक का प्रयोग करना जो आपकी खेती में सहयोग दे |मशीनों का खरीदना जिससे श्रम लागत काम हो सके और मशीन का प्रयोग ज्यादा जिस काम जल्दी हो सके | नई कृषि तकनीक को जानने के लिए कार्यशालाएं रखना जिससे किसानो को नई योजनाओं और तकनीक को जानने में मदद हो|

    प्रभाव और लाभ

    इस  का किसानों के जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है। इसके मुख्य लाभ हैं:

    बढ़ी हुई आय: वित्तीय सहायता और आधुनिक प्रथाओं के कारण कृषि उत्पादकता और आय में वृद्धि हुई है।

    कर्ज का बोझ कम हुआ: कर्ज राहत उपायों ने किसानों पर वित्तीय तनाव कम किया है।

    ज्ञान में वृद्धि: प्रशिक्षण और कार्यशालाओं ने किसानों के ज्ञान और कौशल में सुधार किया है।

    टिकाऊ कृषि: टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा देने से दीर्घकालिक कृषि उत्पादकता और पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित हुआ है।

    निष्कर्ष

    Mukhyamantri Kisan Kalyan Yojana एइस योजना के अंतरगत किसानो को सीधे तरह से वित्त सहायता दी जाती है जिस वो अपनी खेती की उपज बढ़ा सके। और जो राशि मिलती है वो किसान के खेत को देखते हुए और उसकी जरुरत को देखते हुए की जाती हैं

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