Close Menu
aapkikheti

    Subscribe to Updates

    Get the latest creative news from FooBar about art, design and business.

    What's Hot

    Anaar Khane Ke Fayde : इन सर्दियों में जाने इस फल के खाने के फायदे

    Up Farming Equipments Subsidy : अब मिलेगी कृषि यंत्रों पर सब्सिडी अभी करे आवेदन

    Chhath Puja 2025 Dates: अभी नोट करे पहले दिन और आखिरी दिन की क्रिया

    Facebook X (Twitter) Instagram
    Facebook X (Twitter) Instagram
    aapkikheti
    Subscribe
    • मुख पृष्ठ
    • कृषि
      • जैविक
      • फसल
      • बागवानी
        • पुष्प
        • फल
        • सब्ज़ी
    • पशुपालन
      • गाय भैंस (Cow Buffalo Rearing)
      • पशु चारा(Animal Fodder)
      • बकरी पालन (Goat Farming)
      • मत्स्य पालन (Fisheries)
      • मुर्गी पालन (Poultry)
      • सूअर पालन (Piggery)
    • औषधीय पौधे
    • कृषि उपकरण
    • समाचार
    • सरकारी योजना
    • अन्य
      • कृषि एवं खाद्य मेले
      • खाद्य भंडारण और पैकेजिंग
      • कृषि शिक्षा
    • वेब कहानियाँ
    • हमारे बारे में
    • मैगजीन
    • संपर्क
    aapkikheti
    You are at:Home » Shatavari Ki Kheti : एक सम्पूर्ण मार्गदर्शक
    फसल

    Shatavari Ki Kheti : एक सम्पूर्ण मार्गदर्शक

    AapkikhetiBy AapkikhetiOctober 21, 2024No Comments5 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest Telegram LinkedIn Tumblr Email Reddit
    Shatavari Ki Kheti
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest WhatsApp Email

    Table of Contents

    Toggle
    • Shatavari Ki Kheti : एक सम्पूर्ण मार्गदर्शक
      • शतावरी की खेती कैसे करें
      • शतावरी की खेती के लिए जलवायु और मिट्टी
      • शतावरी की उन्नत किस्मे
      • शतावरी की खेती के लिए जमीन की तैयारी
      • बिजाई
      • खरपतवार नियन्त्रण
      • सिंचाई
      • शतावरी के पोधे की देखभाल
      • फसल की कटाई
      • शतावरी की खेती के लाभ
      • भारत में शतावरी की खेती

    Shatavari Ki Kheti : एक सम्पूर्ण मार्गदर्शक

    शतावरी एक औषधि पौधा है जो आयुर्वेद में अपने स्वास्थ्य लाभों के लिए मशहूर है। इसका इस्तमाल प्राचीन समय से कई रोग निवारण और महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए हो रहा है। आज के समय में शतावरी की मांग बढ़ रही है, और इसकी खेती किसानों के लिए फ़ायदेमंद साबित हो सकती है। इस कंटेंट में हम जानेंगे कि Shatavari Ki Kheti कैसे की जाती है और इसका व्यावसायिक उपयोग कैसे किया जा सकता है।

    शतावरी की खेती कैसे करें

    Shatavari Ki Kheti

    Shatavari Ki Kheti के लिए सबसे पहले आपको अच्छी मिट्टी और उपयुक्त जलवायु का ज्ञान होना चाहिए। इसकी खेती करने के लिए जैविक तरीके अपनाएं जा सकते हैं, क्योंकि शतावरी एक लचीला पौधा है जो अलग-अलग प्राकृतिक स्थितियों में उग सकता है। इसके अलावा बीज या रूठों के मध्यम से इसकी खेती की जाती है, और ये 18-24 महीनेमें तैयार हो जाती है।

    शतावरी की खेती के लिए जलवायु और मिट्टी

    शतावरी को अधिक से अधिक उपयुक्त गर्म और सुरक्षित बनाए रखता है। 25°C से 35°C तक का तापमान इसकी खेती के लिए उत्तम माना जाता है। मिट्टी की बात करें तो शतावरी की खेती के लिए रेतीली या बालू मिट्टी सबसे अच्छी होती है, जिसमें पानी की निकसी अच्छी होती है। मिट्टी का पीएच स्टार 6-8 के बीच हो तो बेहतर उत्पादन मिलता है।

    शतावरी की उन्नत किस्मे

    शतावरी की कई प्रकृतियां हैं जो आजकल खेती में इस्तेमाल की जाती हैं। इसमे मुख्य रूप से “शतावरी ऑफिसिनालिस” और “शतावरी एड्सेन्डेंस” प्रमुख हैं, लेकिन “शतावरी रेसमोसस” की मांग सबसे ज्यादा होती है क्योंकि इसमें अधिक औषधि गुण पाये जाते हैं।

    शतावरी की खेती के लिए जमीन की तैयारी

    शतावरी की खेती के लिए जमीन को पहले अच्छे से हल चलाकर तैयार करना होता है। मिट्टी को नरम बनाने के लिए गर्माहट तक हल चलाना आवश्यक होता है। जैविक खाद का इस्तमाल जमीन की उपजौ शक्ति को बढ़ाता है। 25-30 टन गोबर की खाद प्रति हेक्टेयर ज़मीन में मिलती है।

    बिजाई

    शतावरी की बिजाई के लिए छोटे पोधे या रूठों का इस्तमाल किया जाता है। इन्हें 30-40 सेमी के फासले पर लगाया जाता है और प्रति पोधे के बीच का फासला 1 मीटर तक होना चाहिए। बिजाई का समय वर्षा के बाद, अक्टूबर-नवंबर तक सबसे बेहतर होता है।

    खरपतवार नियन्त्रण

    शतावरी की खेती में खरपतवार एक बड़ी समस्या हो सकती है, इसलिए इसका नियन्त्रण आवश्यक है। मलचिंग या हाथों से निकला जा सकता है खरपतवार को । इसके अलावा जैविक शाकनाशी का भी उपयोग किया जा सकता है।

    सिंचाई

    शतावरी के पोषण को विकास के लिए समय पर सिंचाई की जरूरत होती है। रेतीली मिट्टी होने के कारण पानी जल्दी सुख जाता है, इसलिए प्रति सप्ताह एक बार सिंचाई जरूरी होती है। ड्रिप सिंचाई का उपयोग भी शतावरी की खेती में फ़ायदेमंद होता है।

    शतावरी के पोधे की देखभाल

    शतावरी के पोधे को खास देखभाल की जरूरत होती है, खासकर उनकी जड़ो के आस-पास। समय पर खाद देना और खरपतवार का नियन्त्रण करना इसकी अच्छी उपज शक्ति के लिए जरूरी है। पोधे को कभी-कभी फंगल संक्रमण भी हो सकता है, जिसका इलाज जैविक कवकनाशी से किया जा सकता है।

    फसल की कटाई

    शतावरी की फसल 18 से 24 महीने में तैयार हो जाती है। जब पोधे के मूल से सफेद जड़ें उबरने लगती हैं, तब उन्हें निकाल कर सफाई कर दी जाती है। इन जड़ो को ध्यान से निकालना होता है ताकि पोधो को नुकसान ना हो । सफ़ाई के बाद इन्हें सुखा कर बेचा जाता है।

    शतावरी की खेती के लाभ

    शतावरी की खेती से कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं, जैसे इसकी मांग औषधि बाजार में लगातार बढ़ रही है। शतावरी को आयुर्वेद में महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण उपचार माना जाता है। इसके अलावा, शतावरी की खेती किसानो को अच्छा मुनाफ़ा देती है क्योंकि इसकी उपज कम होती है और बिकरी उचित दाम पर होती है।

    भारत में शतावरी की खेती

    भारत में Shatavari Ki Kheti आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में होती है। राज्य की जलवायु और मिट्टी शतावरी के विकास के लिए अनुकूल होती है, और ये किसानों के लिए एक लाभदायक फसल साबित होती है।

    पढ़िए यह ब्लॉग Benefits of Drinking Coconut Oil

    FAQs

    1. शतावरी की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु क्या है?
    शतावरी की खेती के लिए 25°C से 35°C का तापमान सबसे उपयुक्त होता है।

    2. शतावरी की फसल कब तैयार होती है?
    शतावरी की फसल 18 से 24 महीने में तैयार होती है।

    3. शतावरी की बिजाई का सही समय क्या है?
    बिजाई का सबसे सही समय वर्षा के बाद, अक्टूबर-नवंबर तक होता है।

    4. शतावरी की खेती में खरपतवार नियंत्रण कैसे किया जा सकता है?
    खरपतवार नियंत्रण के लिए मलचिंग, हाथ से निकालना या जैविक शाकनाशी का उपयोग किया जा सकता है।

    5. शतावरी के पोधों की देखभाल में क्या महत्वपूर्ण है?
    पोधों को समय पर खाद देना, खरपतवार का नियंत्रण करना और फंगल संक्रमण से बचाना महत्वपूर्ण है।

    भारत में शतावरी की खेती शतावरी की खेती के लाभ
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Reddit WhatsApp Telegram Email
    Previous ArticleBamboo Farming :पढ़ो ये ब्लॉग और पाओ इस से जुड़ी हर मुमकिन जानकारी
    Next Article Giloy Ki Kheti : गिलोय जो रखे सवास्थ्य का ध्यान
    Aapkikheti
    • Website

    Related Posts

    Garadu Ki Kheti 2025 : गराडू है सर्दियों के मौसम का खास फल 

    October 13, 2025

    Ganne ki kheti kaise karen: जाने खेती से जुडी हर जरुरी जानकारी हमारे इस ब्लॉग से

    September 30, 2025

    Akhrot Ki Kheti : जाने इस दिसंबर कैसे करे अखरोट की खेती की शुरुवात

    September 23, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    शीर्ष पोस्ट

    Anaar Khane Ke Fayde : इन सर्दियों में जाने इस फल के खाने के फायदे

    October 17, 2025

    Up Farming Equipments Subsidy : अब मिलेगी कृषि यंत्रों पर सब्सिडी अभी करे आवेदन

    October 16, 2025

    Chhath Puja 2025 Dates: अभी नोट करे पहले दिन और आखिरी दिन की क्रिया

    October 16, 2025

    सर्दियों के मौसम में कौनसे 10 फल खाये : जाने अभी

    October 15, 2025
    इसे मत चूको!
    फल October 17, 2025

    Anaar Khane Ke Fayde : इन सर्दियों में जाने इस फल के खाने के फायदे

    Anaar Khane Ke Fayde : इन सर्दियों में जाने इस फल के खाने के फायदे…

    Up Farming Equipments Subsidy : अब मिलेगी कृषि यंत्रों पर सब्सिडी अभी करे आवेदन

    Chhath Puja 2025 Dates: अभी नोट करे पहले दिन और आखिरी दिन की क्रिया

    सर्दियों के मौसम में कौनसे 10 फल खाये : जाने अभी

    श्रेणियाँ

    • Featured
    • Featured Stories
    • Uncategorized
    • अन्य
    • एमपी न्यूज़
    • औषधीय पौधे
    • औषधीय पौधे
    • कृषि
    • कृषि उपकरण
    • कृषि एवं खाद्य मेले
    • कृषि शिक्षा
    • कृषि समाचार
    • खाद्य भंडारण और पैकेजिंग
    • गाय भैंस (Cow Buffalo Rearing)
    • जैविक
    • जैविक खेती
    • ट्रेंडिंग पोस्ट
    • पशुपालन
    • पुष्प
    • फल
    • फसल
    • बकरी पालन (Goat Farming)
    • बागवानी
    • मत्स्य पालन (Fisheries)
    • मुर्गी पालन (Poultry)
    • सब्ज़ी
    • सरकारी योजनाएँ

    अभी के पोस्ट

    हमारे बारे में
    हमारे बारे में

    Aapkikheti में आपका स्वागत है - टिकाऊ खेती, आधुनिक कृषि तकनीकों और फसल की पैदावार को अधिकतम करने से संबंधित हर चीज के लिए आपका पसंदीदा मंच। हम पर्यावरण को संरक्षित करते हुए किसानों को स्वस्थ फसलें उगाने में मदद करने के लिए जैविक खेती, स्मार्ट सिंचाई और नवीन तरीकों पर विशेषज्ञ सलाह प्रदान करते हैं।

    Facebook X (Twitter) Pinterest YouTube WhatsApp
    हमारी पसंद

    Anaar Khane Ke Fayde : इन सर्दियों में जाने इस फल के खाने के फायदे

    Up Farming Equipments Subsidy : अब मिलेगी कृषि यंत्रों पर सब्सिडी अभी करे आवेदन

    Chhath Puja 2025 Dates: अभी नोट करे पहले दिन और आखिरी दिन की क्रिया

    सबसे लोकप्रिय

    Sitafal ki kheti कैसे करें ?

    February 2, 2023

    Neem एक Fayde अनेक किसान का अनुभव

    December 7, 2023

    अफ़ीम की खेती कैसी होती है ?अफ़ीम की खेती का लाइसेंस,कमाई

    December 8, 2023
    © 2025 Aapkikheti. Designed by Mobdigital.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

    Go to mobile version