घरेलू भण्डारण में सुरक्षा के श्री उपाय एवं रोकथाम
हमारे देश की तेजी से बढ़ती हुई जनसंख्या तथा किसान वर्ग की खुशहाली के लिये अधिक से अधिक अनाज उत्पादन बहुत महत्वपूर्ण है परन्तु इसके साथ-सा अनाज के सुरक्षित भी उतना ही महत्व भण्डारण का है। सर्वेक्षण इंगित करते हैं की अधिकांश • गाँवों में कीट रहित अनाज भंडारण के गोदाम नहल है घरेलू भण्डारण में सुरक्षा तथा अनाज का उचित ढंग से भण्डारण न होने के कारण हर वर्ष कम से कम 10 प्रतिशत अनाज गोदामों में कीड़ों इत्यादि द्वारा नष्ट हो जाता है। खेती के कार्य में 60 से 70 प्रतिशत योगदान षक महिलाओं का रहता है एवं घर के अन्दर अनाज – भंडारण तथा संरक्षण की मुख्य जिम्मेदारी महिलाओं की होती है। इसलिये सुरक्षित अनाज भण्डारण की पूर्ण जानकारी महिलाओं? को। होनी आवयश्क है । अनाज को मुख्यतः नुकसान निम्नलिखित कारणों से होता है ।
1. नमी अनाज के अन्दर की नमी तथा बाहर की नमी दोनों भण्डारित अनाज को हानि पहुँचाती है। नमी से अनाज में कीड़े का प्रकोप अधिक होता है, क्योंकि नमी उनकी वृद्धि के लिये अनुकूल होती हैं, जिससे अनाज सड़ जाता है तथा अंकुर निकल आते हैं। दाने एक दुसरे से जुड़ जाते है और दुर्गन्ध आने लगती है तथा फफूँदी भी लग जाती है जिससे अनाज काला व सफेद पड़ जाता है ।
2. कीड़े मकोड़े : कीड़े अनाज भण्डारों में अनाज के साथ ही रहते हैं और अनाज को बाहर और अन्दर से खाकर खोखला कर तुकार करते हैं। इससे अनाज की मात्रा व पोषक तत्त्वों के गुणों को कम करते है और साथ ही साथ अनाज को अगली बिजाई के उपयुक्त भी नहल छोड़ते क्योंकि कीडे लगा अनाज का उगना असम्भव होता है ।
3. चूहे : चूहे मनुष्य के स्वास्थ्य और खाद्य सामग्री को बहुत नुकसान पहुँचाते हैं। गोदामों में चूहे अनाज को काटकर खाते हैं और जितना अनाज ये खाते हैं उससे कई गुणा अनाज काटकर बेकार कर देते हैं। ऐसा अनाज उगाने या खाने योग्य नहल रहता है, इसलिये चूहों की रोकथाम जरूरी है।