Close Menu
aapkikheti

    Subscribe to Updates

    Get the latest creative news from FooBar about art, design and business.

    What's Hot

    Aam Pakane Ka Tarika : जानिये कच्चे आम को कैसे पकाए अपने घर पर ही

    BPL Card Ke Fayde: जाने कार्ड से जुडी महत्वपूर्ण जानकारी

    Jamun Khane Ke Fayde : शरीर को बनाएंगे तंदरुस्त जामुन के ये फायदे

    Facebook X (Twitter) Instagram
    Facebook X (Twitter) Instagram
    aapkikheti
    Subscribe
    • मुख पृष्ठ
    • कृषि
      • जैविक
      • फसल
      • बागवानी
        • पुष्प
        • फल
        • सब्ज़ी
    • पशुपालन
      • गाय भैंस (Cow Buffalo Rearing)
      • पशु चारा(Animal Fodder)
      • बकरी पालन (Goat Farming)
      • मत्स्य पालन (Fisheries)
      • मुर्गी पालन (Poultry)
      • सूअर पालन (Piggery)
    • औषधीय पौधे
    • कृषि उपकरण
    • समाचार
    • सरकारी योजना
    • अन्य
      • कृषि एवं खाद्य मेले
      • खाद्य भंडारण और पैकेजिंग
      • कृषि शिक्षा
    • वेब कहानियाँ
    • हमारे बारे में
    • संपर्क
    aapkikheti
    You are at:Home » मक्के में लगने वाले प्रमुख किट उनके रोकथम के उपाय
    कृषि

    मक्के में लगने वाले प्रमुख किट उनके रोकथम के उपाय

    AapkikhetiBy AapkikhetiDecember 12, 2023No Comments5 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest Telegram LinkedIn Tumblr Email Reddit
    मक्के में लगने
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest WhatsApp Email

    मक्के में लगने वाले प्रमुख किट उनके रोकथम के उपाय

    मक्के में लगने वाले किट

    मक्का एक बहपयोगी खरीफ ऋतु की फसल है एवं इसमें कार्बोहाइड्रेट 70. प्रोटीन 10 और तेल 4 प्रतिशत पाया जाता है. जिसके कारण इसका उपभोग मनुष्य के साथ-साथ पशु आहार के रूप में भी किया जाता है. बात अगर औद्योगिक दृष्टिकोण से करें तो भी इसका उपयोग मुर्गी दाना में भी किया जाता है. लेकिन इन तमाम गुणों के होते हुए भी अन्य फसलों की तरह इसे हानिकारक कीटों द्वारा खतरा है। मक्का एक बहपयोगी खरीफ ऋतु की फसल है एवं इसमें कार्बोहाइड्रेट 70, प्रोटीन 10 और तेल 4 प्रतिशत पाया जाता है, जिसके कारण इसका उपभोग मनुष्य के साथ-साथ । पशु आहार के रूप में भी किया जाता है. बात अगर औद्योगिक दृष्टिकोण से करें तो भी इसका उपयोग मुर्गी दाना में भी किया जाता है. लेकिन इन तमाम गुणों के होते हुए भी अन्य फसलों की तरह इसे हानिकारक कीटों द्वारा खतरा है। मक्के को कीटों से बचाने के लिए जरूरी यह है कि किसान भाइयों को मक्का फसल सही समय पर बोने, उन्नत किस्मों का चुनावह करने, उपयुक्त खाद देने और समय पर कीट। रोकथाम करने के उपाय आने चाहिए, जिन कृषक बंधु ने मक्के की बुवाई की है, उन्हें मक्के में लगने वाले कीटों, रोगों वह उनके उपचार के बारे में जानना बहुत जरूरी है ताकि समय रहते वहह कीट को पहचान कर उचित उपचार कर सकें।

    तना छेदक कीट : तना भेदक सुंडी तने में छेद करके उसे अंदर से खाती है. जिससे गोभ एवं तना सूख जाता है. यह मक्के के लिए सबसे अधिक हानिकारक कीट है, ध्यान देने वाली बात यह है कि इसकी सुण्डियां 20-25 मि.मी. लम्बी और स्लेटी सफेद रंग की होती है. जिसका सिर काला होता है और चार लम्बी भूरे रंग की लाइन होती है। इसकी सुंडिया तनों में सुराख करके पौधों को खा जाती है. जिससे छोटी फसल में पौधों की गोभ सूख जाती है, बड़े पौधों में ये बीच के पत्तों पर सुराख बना देती है। इस कीट के आक्रमण से पौधे कमजोर हो जाते हैं, और पैदावार बहुत कम हो जाती है।

    इस तरह करें तना छेदक कीट से मक्के का बचाव: मक्के की फसल लेने के बाद, बचे हुए अवहशेषों, खरपतवार और दूसरे पौधों को नष्ट कर दें. ग्रसित हुए पौधे को निकालकर नष्ट कर दें. कीट के नियंत्रण हेतु 5-10 ट्राइकोकार्ड का प्रयोग करना चाहिये। रासायनिक नियंत्रण हेतु क्लोरपाइरीफास 20 प्रतिशत, ई0सी0 1. 50 लीटर अथवा क्यूनालफास 25 प्रतिशत, ई0सी0 1.50 लीटर अथवा मोनोक्रोटोफास 36 प्रतिशत, एस०एल० की 1.25 लीटर मात्रा को प्रति हे0 की दर से 500-600 लीटर पानी में घोलकर छिड़कावह करना चाहिये। 20 लीटर गौमूत्र में 5 किलो नीम की पत्ती 3 किलो धतुरा की पत्ती और 500 ग्राम तम्बाकू की पत्ती, 1 किलो बेशर्म की पत्ती, 2 किलो अकौआ की पत्ती, 200 ग्राम अदरक की पत्ती (यदि नही मिले तो 50 ग्राम अदरक) 250ग्राम लहसुन, 1 किलो गुड, 25 ग्राम हींग एवं 150 ग्राम लाल मिर्च डाल कर तीन दिनों के लिए छाया में रख दें. यह घोले 1 एकड़ के लिए तैयार है. इस घोल का दो बार में 7-10 दिनों के तक छिड़काव करना है. प्रति 15 लीटर पानी में 3 लीटर घोल मिलाकर छिड़काव करना होगा।

    मक्के में लगने वाले किट

    मक्का का कटुआ कीट: कटुआ कीड़ा काले रंग की सूंडी है, जो दिन में मिट्टी में छुपती है. रात को नए पौधे मिट्टी के पास से काट देती है. ये कीट जमीन में छुपे रहते हैं और पौधा उगने के तुरन्त बाद नुकसान करते हैं. कटुआ कीट की गंदी भूरी सुण्डियां पौधे के कोमल तने कोमिट्टी के धरातल के बराबर वाले स्थान से काट देती है और इससेफसल को भारी हानि पहुंचती है. सफेद गिडार पौधों की जड़ों कोनुकसान पहुंचाते हैं तथा इनके व्यस्क भृगद्ध पौधो के फूलों वह पत्तों परपलते हैं।

    कटुआ कीट की रोकथाम :कटुआ कीट की रोकथामके लिए गली सड़ी खाद का ही प्रयोग करें एवं बीजाई के समय 2 लीटर क्लोरपाइरीफास तथा 20 ई.सी. को 25 कि.ग्रा सुखी रेत में मिलाकर प्रति हेक्टेयर के हिसाब सें खेत में डालें, कटे पौधे की मिट्टी खोदे, सुंडी को बाहर निकालकर नष्ट करें एवं स्वस्थ पौधों की मिट्टी को क्लोरोपायरीफास 10 ई सी 3 मिलीलीटर लीटर पानी से भिगोएँ ।

    मक्का की सैनिक सूडी : सैनिक संडी हल्के हरे रंग की, पीठ पर धारियाँ और सिर प्रति पीले भूरे रंग का होता है. बड़ी सुंडी हरी भरी और पीठ पर गहरी धारियाँ होती हैं. यह कुड मार के चलती है. सैनिक सुंडी ऊपर के पत्ते और बाली के नर्म तने को काट देती है। अगर सही समय पर सूडी की रोकथाम न की तो फसल में 3 से 4 क्विटल झाड़ कम कर देती है. अगर 4 सैनिक सूंडी प्रति वहगेफूट मिलें तो इनकी आवहश्क हो जाती है।

    सेकका सुंडी का नियंत्रण : सैनिक सुंडी को रोकने के लिए 100 ग्राम कार्बरिल, 50 डब्लूपी या 40 मिलीलीटर फेनवेलर, 20 ईसी या 400 मिलीलीटर क्वीनालफास 25 प्रतिशत ईसी प्रति 100 लीटर पानी प्रति एकड़ छिड़के ।

    25 का का छाले वाला भृग : मक्का फसल की यह सुंडी मध्यम आकार की 12 से 25 सहा मीटर लम्बी चमकीले नीले, हरे, काले या भूरे रंग की होती है. छेड़ने पर ये अपने फीमर के अन्तिम छोर से कैन्ध्रडिन युक्त एक तरल पदार्थ निकालती है, जिस के त्वचा पर लगने से छाले पड़ जाते हैं. इनके प्रौढ़ फूलों और पत्तियों को खाकर नुकसान पहुंचाते है, इनकी सूंड़ियां का विकास टिड्डे तथा मधुमक्खियों के अण्डों पर होता है।

    कैसे करे बचाव : इन कीटों से बचाव के लिए जरूरी है कि खेत में पड़े पुराने खरपतवार एवं अवहशेषों को नष्ट किया जाए एवं इमिडाक्लोप्रिड 6 मिलीण्धिकग्राण बीज का शोधन किया जाए. वहीं संतुलित मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग करें।

    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Reddit WhatsApp Telegram Email
    Previous Articleअनाज के सुरक्षित भण्डारण के लिए किसान अपनाये ये सुझाव
    Next Article अफ़ीम की खेती कैसी होती है
    Aapkikheti
    • Website

    Related Posts

    Aam Pakane Ka Tarika : जानिये कच्चे आम को कैसे पकाए अपने घर पर ही

    May 15, 2025

    Mungfali ki kheti: एक ऐसी तिलहन फसल जो मुनाफे के साथ मिटटी की गुणवत्ता सही करती हैं

    April 28, 2025

    Lauki Ki Kheti : गर्मियों में 3 महीनो में उगाये और पाए बेहतरीन मुनाफा

    April 21, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    शीर्ष पोस्ट

    Aam Pakane Ka Tarika : जानिये कच्चे आम को कैसे पकाए अपने घर पर ही

    May 15, 2025

    BPL Card Ke Fayde: जाने कार्ड से जुडी महत्वपूर्ण जानकारी

    May 7, 2025

    Jamun Khane Ke Fayde : शरीर को बनाएंगे तंदरुस्त जामुन के ये फायदे

    May 1, 2025

    Mungfali ki kheti: एक ऐसी तिलहन फसल जो मुनाफे के साथ मिटटी की गुणवत्ता सही करती हैं

    April 28, 2025
    इसे मत चूको!
    फल May 15, 2025

    Aam Pakane Ka Tarika : जानिये कच्चे आम को कैसे पकाए अपने घर पर ही

    Aam Pakane Ka Tarika : जानिये कच्चे आम को कैसे पकाए अपने घर पर ही…

    BPL Card Ke Fayde: जाने कार्ड से जुडी महत्वपूर्ण जानकारी

    Jamun Khane Ke Fayde : शरीर को बनाएंगे तंदरुस्त जामुन के ये फायदे

    Mungfali ki kheti: एक ऐसी तिलहन फसल जो मुनाफे के साथ मिटटी की गुणवत्ता सही करती हैं

    हमसे जुड़ें
    • Facebook
    • Twitter
    • Instagram
    • YouTube

    श्रेणियाँ

    • Featured
    • Featured Stories
    • Uncategorized
    • अन्य
    • एमपी न्यूज़
    • औषधीय पौधे
    • औषधीय पौधे
    • कृषि
    • कृषि उपकरण
    • कृषि एवं खाद्य मेले
    • कृषि शिक्षा
    • कृषि समाचार
    • खाद्य भंडारण और पैकेजिंग
    • गाय भैंस (Cow Buffalo Rearing)
    • जैविक
    • जैविक खेती
    • ट्रेंडिंग पोस्ट
    • पशुपालन
    • पुष्प
    • फल
    • फसल
    • बकरी पालन (Goat Farming)
    • बागवानी
    • मत्स्य पालन (Fisheries)
    • मुर्गी पालन (Poultry)
    • सब्ज़ी
    • सरकारी योजनाएँ

    अभी के पोस्ट

    Aam Pakane Ka Tarika : जानिये कच्चे आम को कैसे पकाए अपने घर पर ही

    BPL Card Ke Fayde: जाने कार्ड से जुडी महत्वपूर्ण जानकारी

    Jamun Khane Ke Fayde : शरीर को बनाएंगे तंदरुस्त जामुन के ये फायदे

    Mungfali ki kheti: एक ऐसी तिलहन फसल जो मुनाफे के साथ मिटटी की गुणवत्ता सही करती हैं

    हमारे बारे में
    हमारे बारे में

    Aapkikheti में आपका स्वागत है - टिकाऊ खेती, आधुनिक कृषि तकनीकों और फसल की पैदावार को अधिकतम करने से संबंधित हर चीज के लिए आपका पसंदीदा मंच। हम पर्यावरण को संरक्षित करते हुए किसानों को स्वस्थ फसलें उगाने में मदद करने के लिए जैविक खेती, स्मार्ट सिंचाई और नवीन तरीकों पर विशेषज्ञ सलाह प्रदान करते हैं।

    Facebook X (Twitter) Pinterest YouTube WhatsApp
    हमारी पसंद

    Aam Pakane Ka Tarika : जानिये कच्चे आम को कैसे पकाए अपने घर पर ही

    BPL Card Ke Fayde: जाने कार्ड से जुडी महत्वपूर्ण जानकारी

    Jamun Khane Ke Fayde : शरीर को बनाएंगे तंदरुस्त जामुन के ये फायदे

    सबसे लोकप्रिय

    Sitafal ki kheti कैसे करें ?

    February 2, 2023

    Neem एक Fayde अनेक किसान का अनुभव

    December 7, 2023

    अफ़ीम की खेती कैसी होती है ?अफ़ीम की खेती का लाइसेंस,कमाई

    December 8, 2023
    © 2025 Aapkikheti. Designed by Mobdigital.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

    Ad Blocker Enabled!
    Ad Blocker Enabled!
    Our website is made possible by displaying online advertisements to our visitors. Please support us by disabling your Ad Blocker.
    Go to mobile version