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    Stevia Ki Kheti : मिठास भी और स्वास्थ्य भी

    AapkikhetiBy AapkikhetiOctober 22, 2024No Comments5 Mins Read
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    Stevia Ki Kheti
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    Table of Contents

    Toggle
    • Stevia Ki Kheti : मिठास भी और स्वास्थ्य भी
      • स्टीविया की खेती कैसे करें
      • स्टीविया की खेती के लिए मिट्टी और जलवायु
      • स्टीविया की उन्नत किस्में
      • स्टीविया की खेती के लिए ज़मीन की तैयारी
      • बिजाई
      • सिंचाई
      • खरपतवार नियंतरण
      • स्टीविया के पौधे की देखभाल
      • फसल की कटाई
      • स्टीविया की खेती के फायदे

    Stevia Ki Kheti : मिठास भी और स्वास्थ्य भी

    स्टीविया एक प्राकृतिक मिठास देने वाला पौधा है जिसे चीनी का बेहतर विकल्प माना जाता है। स्टीविया के पत्तों में प्राकृतिक मिठास होती है जो मधुमेह के मरीज़ और उन लोगों के लिए फ़ायदेमंद होती है जो चीनी का उपयोग कम करना चाहते हैं। Stevia Ki Kheti भारत में धीरे-धीरे लोगों के बीच लोकप्रिय हो रही है, क्योंकि इसकी मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।

    स्टीविया की खेती कैसे करें

    Stevia Ki Kheti काफी आसान है। इसके लिए पहले स्टीविया के बीज या पौधों को चुनना पड़ता है। स्टीविया के पौधों को अंकुर के रूप में तैयार किया जा सकता है या सीधा प्रत्यारोपण भी किया जा सकता है। स्टीविया का पौधा हरित परिवार का होता है और 60-70 दिनों में तैयार हो जाता है।

    स्टीविया की खेती के लिए मिट्टी और जलवायु

    स्टीविया के लिए सबसे अच्छी मिट्टी हलकी बालू मिट्टी या दोमट मिट्टी होती है जो अच्छी जल निकासी वाली हो। अम्लीय या रेतीली मिट्टी स्टीविया की खेती के लिए उपयुक्त नहीं होती। स्टीविया के पौधों को मध्यम से ले कर थोड़ी गरम जलवायु की ज़रुरत होती है। 15°C से 30°C तक का तापमान स्टीविया की वृद्धि के लिए अनुकूल होता है। अत्यधिक गर्मी या ठंड पौधों की वृद्धि को प्रभावित कर सकती है।

    स्टीविया की उन्नत किस्में

    Stevia Ki Kheti

    स्टीविया की कई उन्नतकिस्में होती हैं जो अलग-अलग जलवायु और मिट्टी के हिसाब से उगाई जाती हैं। इनमें से कुछ प्रमुख किस्मे हैं स्टीविया रेबाउडियाना, स्टीविया ओवाटा, और स्टीविया सेरा। स्टीविया रेबाउडियाना सबसे ज्यादा लोकप्रिय किसम है, क्योंकि इसमें सबसे ज्यादा मिठास होती है।

    स्टीविया की खेती के लिए ज़मीन की तैयारी

    Stevia Ki Kheti के लिए सबसे पहले ज़मीन को अच्छी तरह से गुत्थी करनी होती है। मिट्टी को 2-3 बार हल चलाकर या रोटावेटर का उपयोग करके भली भांति झुकाया जाता है ताकि मिट्टी हल्की और भूरी हो जाए। जमीन में जैविक खाद मिला कर मिट्टी को और उपजौ बनाया जाता है।

    बिजाई

    स्टीविया के पौधे लगाने के लिए 15-20 दिन के बीजोन का इस्तमाल किया जाता है। बीजों को नर्सरी में उगाया जाता है और जब पौधे 5-6 इंच तक के हो जाते हैं, तो उन्हें खेत में ट्रांसफर किया जाता है। बिजाई के लिए 30-40 सेमी की दूरी पर पौधे लगाए जाते हैं।

    सिंचाई

    स्टीविया की खेती में सिंचाई काफी जरूरी होती है। पौधे लगाने के तुरंत बाद पहली सिंचाई करनी चाहिए और उसके बाद हर 7-10 दिन में पानी देना चाहिए। गरम मौसम में सिंचाई का अंतर कम करना पड़ता है ताकि पानी में नमी बनी रहे। ड्रिप सिंचाई का उपयोग स्टीविया की खेती में व्यवहारिक होता है।

    खरपतवार नियंतरण

    स्टीविया की खेती के दौरान, खरपतवार का नियन्त्रण करना जरूरी होता है क्योंकि ये पौधों की वृद्धि को प्रभावित करते हैं। मैनुअल या मैकेनिकल तरीकों का उपयोग करके खरपतवार को निकालना चाहिए। मल्चिंग भी एक प्रभावी तरीका है जिससे खरपतवार का विकास रोका जा सकता है।

    स्टीविया के पौधे की देखभाल

    स्टीविया के पौधे की अच्छी देखभाल करनी चाहिए। इसमे समय-समय पर पानी देना, खाद डालना, और पौधों को कीड़ों से बचाना शामिल है। जैविक कीटनाशकों का उपयोग करके कीटों को नियंत्रित किया जा सकता है। स्टीविया के पौधे को नुक्सान पहुंचाने वाले कीटाणु और रोग को दूर करने के लिए अच्छी खेती अपनानी चाहिए।

    फसल की कटाई

    स्टीविया की फसल लगभग 3-4 महीने में तैयार हो जाती है। जब पौधों की पत्नियां पूरी तरह से विकसित हो जाती हैं तब उन्हें काटा जाता है। पत्तों को ध्यान से काट कर सुखाया जाता है ताकि उनका स्वाद और मिठास बरकरार रहे।

    स्टीविया की खेती के फायदे

    स्टीविया की खेती से प्राकृतिक मिठास प्राप्त होती है, जो मधुमेय के लिए फ़ायदेमंद है।

    स्टीविया के इस्तमाल से चीनी की खपत कम होती है, जो स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।

    इसकी खेती से किसान अच्छी आय प्राप्त कर सकते हैं, क्योंकि स्टीविया के पत्तों की मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है।

    स्टीविया पौधे कम जल से टिकाऊ रहते हैं, इसलिए इसकी खेती पानी की कमी वाले शेत्रों में भी की जा सकती है।

    ये प्राकृतिक मधुरक होने के कारण रसायन से दूर है, इसलिए ये जैविक खेती के लिए भी उपयुक्त है।

    पढ़िए यह ब्लॉग Giloy Ki Kheti

    FAQs

    प्रश्न 1: स्टीविया की खेती के लिए कौन सी मिट्टी सबसे अच्छी होती है?
    उत्तर: स्टीविया की खेती के लिए हल्की बालू मिट्टी या दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है, जो अच्छी जल निकासी वाली हो।

    प्रश्न 2: स्टीविया के पौधे को विकसित होने में कितना समय लगता है?
    उत्तर: स्टीविया के पौधे को 60-70 दिनों में पूरी तरह से विकसित होने में समय लगता है।

    प्रश्न 3: स्टीविया की खेती के लिए सबसे उपयुक्त जलवायु क्या है?
    उत्तर: स्टीविया की खेती के लिए मध्यम से गर्म जलवायु उपयुक्त होती है, और 15°C से 30°C तक का तापमान इसकी वृद्धि के लिए अनुकूल है।

    प्रश्न 4: स्टीविया की सबसे लोकप्रिय किस्म कौन सी है?
    उत्तर: स्टीविया रेबाउडियाना सबसे लोकप्रिय किस्म है क्योंकि इसमें सबसे अधिक मिठास होती है।

    प्रश्न 5: स्टीविया की कटाई कब की जाती है?
    उत्तर: स्टीविया की फसल लगभग 3-4 महीनों में तैयार हो जाती है और पत्तों के पूरी तरह से विकसित हो जाने पर उन्हें काटा जाता है।

    स्टीविया की उन्नत किस्में स्टीविया की खेती के फायदे स्टीविया की खेती कैसे करें
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