Moong ki Kheti कैसे करे जानिये सम्पूर्ण जानकारी
आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि Moong ki Kheti Kaise kare और आप जानते हैं कि मूंग की खेती से क्या लाभ है अगर नहीं जानते तो इस लेख को पूरा पढ़े या जाने मूंग की खेती करने से आपको क्या लाभ हो सकता है
- बीजों का चयन: उचित बीजों का चयन करें, जैसे Pant Moong और Pantura उरद।
- बुवाई और देखभाल: मूंग की बुवाई के लिए उचित समय चुनें, उचित खाद, जल, और उर्वरक का प्रयोग करें।
- रोग और कीट प्रबंधन: फसल को रोगों और कीटों से बचाने के लिए उचित उपाय अपनाएं।
- समय पर कटाई: मूंग की सही समय पर कटाई करें, उचित तरीके से फसल को संग्रहित करें।
इन उपायों का पालन करके, आप मूंग की खेती को सफलतापूर्वक कर सकते हैं।
Moong ki Kheti के लिए बीज की मात्रा
मूंग की खेती के लिए बीज की मात्रा और बीजोपचार के बाद कुछ महत्वपूर्ण तथ्य हैं। इसके अनुसार:
- प्रति हेक्टेयर 25-30 किलो बीज की बुवाई के लिए पर्याप्त होगा।
- बीज फफूंद नाशक दवा और कल्चर से उपचारित करना चाहिए।
- मूंग की बुवाई 15 जुलाई तक कर देनी चाहिए।
इन तथ्यों के आधार पर, मूंग की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर 25-30 किलो बीज की बुवाई की जा सकती है।
Moong ki Kheti के फायदे
- आर्थिक लाभ: मूंग की खेती से अच्छा उत्पादन होने से किसानों को आर्थिक लाभ मिलता है।
- पोषण संदर्भ: मूंग एक पोषक दाल है जो उच्च पोषण मूल्य वाली भोजन सामग्री है।
- पर्यावरण का संरक्षण: मूंग की खेती से पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचता और मिट्टी की उर्वरकता बनाए रखता है।
- स्वास्थ्य लाभ: मूंग खाने से सेहत के लिए फायदेमंद होता है, क्योंकि इसमें प्रोटीन, विटामिन, और मिनरल्स होते हैं।
इस प्रकार, मूंग की खेती करने से किसानों को विभिन्न तरह के लाभ प्राप्त होते हैं।
Moong ki Kheti कितने समय में होती है
- मूंग की फसल एक कम अवधि में पकने वाली होती है, इसलिए दो धान्य फसलों के बीच की अवधि में उगाई जा सकती है
- गंगोत्री (गंगा-8) जैसी किस्म लगभग 72 दिन में पक जाती है
- एस.एम.एल. 668 किस्म जायद और खरीफ दोनों के लिए उपयुक्त है और 60 से 65 दिन में पकने वाली होती हैइसके आधार पर, मूंग की खेती कितने समय में होती है, इसका उत्तर विभिन्न किस्मों और उपयुक्त मौसम के आधार पर भिन्न हो सकता है।