Arbi Ki Kheti: पढ़े ये ब्लॉग और जाने अरबी की खेती के तरीके
क्या आपको लगता हैं की आपकी खेती में अच्छा मुनाफा नहीं हो पा रहा हैं और आपको इसकी वजहें फसलों में काफी नुक्सान भी देखने मिलता हैं और बरसात भी आ चुकी हैं तो इस बरसात Arbi Ki Kheti आपको काफी फायदा पहुंचा सकती हैं जिसके माध्यम से आप बरसात में भी अच्छी खेती कर सकते हैं | जानकारी के लिए हमारा ब्लॉग जरूर पढ़े और जाने अधिक जानकारी |
अरबी क्या है?
अरबी एक जड़ वाली सब्जी है जो गुहिया के नाम से भी जानी जाती है ये एक मात्र ऐसी फसल है जिसके पत्ते की भी सब्जी बनती है | अरबी में खनिज और विटामिन की अच्छी मात्रा होती है जो कि इसे एक अच्छी फसल बनाती है
अरबी की खेती सबसे ज्यादा कहा होती हैं
अरबी की खेती सबसे ज्यादा भारत के केरल, तमिलनाडु, बिहार और पश्चिम बंगाल मैं होती हूं जहां इसे अच्छी तरह से पानी मिलता है, क्योंकि अरवी की खेती उचित पानी की व्यवस्था होना जरूरी है, जिसकी खेती जल्दी हो सके और कोई परेशान भी न आए।
अरबी की खेती का सही समय
अरबी की खेती के लिए फरवरी और मार्च के साथ जून जुलाई का महीना सबसे उपयुक्त माना जाता हैं क्योकि फरवरी में ठंडक और जून जुलाई का महीना बरसात का होता हैं | इस वजह से अरबी जिसे हम गुहिया भी कहते हैं उसकी खेती इस मौसम में सबसे ज्यादा खेती होती हैं और इसके अलावा ये जून से सितंबर के बीच ये फसल उगाई जाती है,जिस वजह से आप इसकी खेती कर रहे हैं तो ध्यान रखें कि इसकी खेती में पानी की मात्रा सही होनी चाहिए |
Arbi ki kheti ke liye mitti
इसकी खेती के लिए दोमट या रेतीली मिट्टी सबसे ज्यादा अच्छी होती हैं क्योंकि ये मिट्टी की पानी सूखने की क्षमता अधिक होती है, जिससे पानी को भरना नहीं देती हैं, जिस से जड़ो में होने वाली अरवी जल्दी होती हैं और इसकी पैदावार भी अधिक हो जाती है, इसकी खेती के लिए मिट्टी का पी.एच. 5.5 से 6.5 के बीच में होना चाहिए जो इसकी खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है
1 एकड़ में अरबी कितनी निकलती है?
एक एकड़ में औसतन 60 -90 क्विंटल अरबी निकलती है, कृषि वेबसाइट के अनुसार. कुछ उन्नत किस्मों में 100 क्विंटल प्रति एकड़ तक भी पैदावार हो सकती है
Arbi Ki Kheti Kaise Kare
अरबी की खेती करने के लिए आपको हमारे द्वारा दी गयी ये जानकारी जरूर पढ़नी चाहिए
- सबसे पहले अरबी की खेती के लिए आपको उसके कंद की जरुरत होती हैं , जिसको लेकर आप गुहिया की खेती कर सकते हैं
- इसकी खेती के लिए आपको सबसे पहले आपको खेत की अच्छे से जुताई करने की आवश्यकता हैं ध्यान में रहे खेती करते समय मिटटी में कोई भी तरह के पत्थर नहीं बचने चाहिए |
- खेत में मेड को बनाकर गुहिया के कंद को 5 से 6 सेंटीमीटर की गहराई में बोये जिससे पेड़ को बढ़ने में आसानी होती हैं और पत्ते अच्छे से बढत्ते हैं |
- खेत में हफ्ते में दो बार पानी लगाएं जिस से फसल को बढ़ने का मौका आसानी से मिल सके |
- खेत में अगर 100-150 क्विंटल गोबर की खाद प्रति एकड़ डालेंगे तो फसल अच्छे से और भारी मात्रा में आएगी |
Arbi Ki Kheti Ke Fayde
अरबी की खेती में किसानों को अच्छा मुनाफा हो सकता है, खासकर यदि वे उन्नत किस्में और सही खेती तकनीक अपनाएं। आमतौर पर एक हेक्टेयर (लगभग 2.5 एकड़) में 150-250 क्विंटल तक अरबी की उपज प्राप्त की जा सकती है। बाजार में अरबी की कीमत ₹25 से ₹30 प्रति किलो के बीच रहती है। इस हिसाब से अगर आप 1 हेक्टेयर से 200 क्विंटल अरबी भी निकालते हैं, और ₹25 किलो के औसत भाव से बेचते हैं, तो आपको लगभग ₹5,00,000 तक की आमदनी हो सकती है।
Arbi ki kismein kaun kaunsi hain
भारत में कई उन्नत किस्में विकसित की गई हैं जो अधिक उत्पादन देने वाली होती हैं, रोग-प्रतिरोधक होती हैं और जल्दी तैयार होती हैं। यहाँ कुछ प्रमुख किस्में दी गई हैं:
(a) नरेन्द्र अरवी-1 (Narendra Arvi-1):
यह किस्म उत्तर प्रदेश में पाई जाती है और इसके कंद बड़े आकार के होते हैं। इसकी पैदावार प्रति हेक्टेयर 250 क्विंटल तक हो सकती है।
(b) कोचिन अरवी (Cochin Arvi):
केरल और दक्षिण भारत में यह किस्म बहुत लोकप्रिय है। इसका स्वाद बढ़िया होता है और यह बाजार में अच्छी कीमत पाती है।
(c) कुंदन अरवी (Kundan Arvi):
यह किस्म जल्दी तैयार होती है (120-130 दिन में) और इसमें रोगों का असर कम होता है।
(d) इंडियन अर्ली (Indian Early):
यह किस्म 100-110 दिन में तैयार हो जाती है और कम समय में अधिक उत्पादन देती है।
(e) बनारसी अरवी:
यह किस्म खासतौर पर स्वादिष्ट मानी जाती है और इसका उपयोग होटल और रेस्तरां में भी किया जाता है।
नोट: बीज खरीदते समय किसानों को प्रमाणित स्रोत से उन्नत किस्में खरीदनी चाहिए ताकि उन्हें अधिक पैदावार और लाभ मिल सके।
पेड़ एक और प्राप्ति अनेक
इसकी खेती की एक बहुत ही अच्छी खासियत है क्योंकि एक बार आप इसके पेड़ से अरबी निकाल लें तो बस इसे पानी देकर खेत में छोड़ दें और फिर कुछ समय तक इंतजार करें क्योंकि बाद में आप इससे दोबारा अरवी प्राप्त कर सकते हैं। पर यह कटाई के तरीकों और जलवायु परिस्थितियों पर निर्भर करता है। इसके अलावा आप इसके पत्तों से बनी सब्जी भी खा सकते हैं जो फायदेमंद और स्वादिष्ट होती है और इतना ही नहीं आप इस फसल के अंत में जो गटटां निकलता है उसका भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
और कृषि से जुड़ी जानकारी जानना चाहते हैं तो हमारी वेबसाइट Aapkikheti.com पर जाएं जहां आप खेती से जुड़ी हर जानकारी प्राप्त कर सकेंगे
Arbi Ki Kheti FAQs
Q1. अरबी किस फसल वर्ग में आती है?
Ans: अरबी एक कंद वाली सब्जी है जो भूमिगत जड़ से प्राप्त होती है। इसे “गुहिया” भी कहा जाता है और इसके पत्तों की भी सब्जी बनाई जाती है।
Q2. अरबी की खेती के लिए कौन सी मिट्टी सबसे उपयुक्त है?
Ans: दोमट या रेतीली मिट्टी अरबी की खेती के लिए सबसे बेहतर मानी जाती है। मिट्टी का pH स्तर 5.5 से 6.5 के बीच होना चाहिए।
Q3. अरबी की खेती का सबसे अच्छा समय कौन सा होता है?
Ans: फरवरी-मार्च और जून-जुलाई का महीना अरबी की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है, खासकर जब मौसम में नमी होती है।
Q4. एक एकड़ खेत में कितनी अरबी की पैदावार हो सकती है?
Ans: एक एकड़ खेत में औसतन 60-90 क्विंटल अरबी की उपज मिल सकती है, और कुछ उन्नत किस्मों से 100 क्विंटल तक पैदावार हो सकती है।
Q5. अरबी की खेती में कितनी बार सिंचाई करनी चाहिए?
Ans: खेत में सप्ताह में दो बार सिंचाई करना बेहतर होता है ताकि नमी बनी रहे और कंद अच्छे से विकसित हो सकें।
Q6. अरबी की फसल से किसानों को कितना लाभ हो सकता है?
Ans: बाजार में अरबी के दाम ₹25-₹30 प्रति किलो तक रहते हैं। एक हेक्टेयर में 60 क्विंटल तक उत्पादन हो सकता है, जिससे किसान लाखों रुपये तक कमा सकते हैं।
Q7. अरबी की खेती में कौन-कौन सी खाद डाली जाती है?
Ans: 100-150 क्विंटल गोबर की खाद प्रति एकड़ डालने से अरबी की पैदावार बेहतर होती है। इसके अलावा जैविक खाद का भी प्रयोग किया जा सकता है।
Q8. क्या एक ही पौधे से दो बार अरबी प्राप्त की जा सकती है?
Ans: हां, एक बार फसल काटने के बाद यदि पौधों को पानी देकर खेत में छोड़ दिया जाए तो कुछ समय बाद दोबारा अरबी प्राप्त हो सकती है। यह जलवायु और देखभाल पर निर्भर करता है।
Q9. क्या अरबी के पत्तों का भी उपयोग किया जाता है?
Ans: जी हां, अरबी के पत्तों की भी स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक सब्जी बनाई जाती है, जो कई राज्यों में पसंद की जाती है।
Q10. अरबी की कौन-कौन सी उन्नत किस्में उपलब्ध हैं?
Ans: कुछ लोकप्रिय किस्मों में ‘नरेन्द्र अरवी-1’, ‘कुंदन अरवी’, और ‘कोचिन अरवी’ शामिल हैं, जो अधिक उत्पादन और रोग प्रतिरोधक क्षमता देती हैं।