Drip Irrigation Benefits : जाने इसको लगाकर मिलेंगा कौनसा फायदा
खेती का ये तरीका आपकी फसल को अच्छे से बढ़ने में मदत कर सकता हैं , जिसकी मदत से आपकी ये फसल अच्छे से बढ़ पाएगी | पर ड्रिप इरीगेशन इनस्टॉल करवाने के बाद आपको क्या फायदे मिलते हैं, जिससे फसल को अच्छे से बढ़ने में मदत मिलती हैं | चलिए जानते हैं Drip Irrigation Benefits के बारे में जो आपको इसके इंस्टालेशन के बाद मिलने वाले हैं | अगर आप खेती से जुडी और भी जानकारी जानना चाहते हैं , तो हमसे जुड़े रहिये Aapkikheti.com जिससे आप खेती से जुडी अन्य जानकारी प्राप्त कर पाएंगे | Follow On Instagram
Drip Irrigation Benefits जाने इसको लगाने के क्या क्या हैं फायदे
ड्रिप इरीगेशन क्या हैं
ड्रिप इरीगेशन तकनीक जिसे आज के समय में खेत में पानी लगाने के लिए प्रयोग किया जाता हैं | इस तकनीक को इज़राइल से लाया गया हैं जिसकी मदत से खेती में भरी धुप में पानी लगाने के जरुरत नहीं हैं | इन आधुनिक तकनीक के प्रयोग से किसान काफी ज्यादा खुश हैं क्योंकि इसके प्रयोग का फायदा भी हैं |
Drip Irrigation Benefits
1. जल की बचत
ड्रिप सिंचाई का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह पानी की भारी बचत करता है। पारंपरिक सिंचाई में पानी बेकार बह जाता है, लेकिन ड्रिप पद्धति में पानी सीधे पौधों की जड़ों तक पहुँचता है। इससे नमी केवल उसी क्षेत्र में रहती है जहाँ पौधों को आवश्यकता होती है। परिणामस्वरूप वाष्पीकरण और रिसाव की समस्या नहीं होती। यही कारण है कि ड्रिप तकनीक को “वाटर-सेविंग टेक्नोलॉजी” कहा जाता है।
2. फसल की बेहतर गुणवत्ता
जब पौधों को संतुलित मात्रा में पानी और पोषण मिलता है तो उनकी वृद्धि समान रूप से होती है। ड्रिप सिंचाई में पौधों को समय-समय पर नियंत्रित मात्रा में पानी मिलता है, जिससे उनकी जड़ें मजबूत बनती हैं। यह पद्धति न केवल उत्पादन बढ़ाती है बल्कि फसलों की गुणवत्ता को भी बेहतर बनाती है। फल और सब्ज़ियाँ अधिक चमकदार, स्वादिष्ट और बाज़ार में आकर्षक दिखती हैं।
3. ऊर्जा की बचत
ड्रिप सिंचाई में पानी कम दबाव से प्रवाहित होता है, जिससे ऊर्जा की खपत भी बहुत कम होती है। पारंपरिक पंपिंग सिस्टम में काफी बिजली या डीज़ल खर्च होता है, लेकिन ड्रिप सिस्टम में यह आवश्यकता घट जाती है। किसान छोटे मोटर या सोलर पंप से भी आसानी से इस प्रणाली को चला सकते हैं। इससे उनकी ऊर्जा लागत घटती है और लंबे समय में यह पर्यावरण के लिए भी लाभदायक सिद्ध होता है।
4. खाद और उर्वरक की बचत
ड्रिप सिंचाई में पानी के साथ-साथ खाद और घुलनशील उर्वरक भी सीधे जड़ों तक पहुँचाए जा सकते हैं। इस प्रक्रिया को “फर्टिगेशन” कहा जाता है। इससे उर्वरक की बर्बादी नहीं होती और पौधों को आवश्यक पोषण समय पर मिलता है। पारंपरिक तरीकों में उर्वरक अधिक मात्रा में डालने से मिट्टी और पानी प्रदूषित होते हैं, लेकिन ड्रिप तकनीक इस समस्या को कम करती है।
5. खरपतवार की वृद्धि में कमी
जब खेत में केवल पौधों की जड़ों के पास ही पानी पहुँचता है तो बाकी ज़मीन सूखी रहती है। इस कारण खरपतवार को बढ़ने के लिए आवश्यक नमी नहीं मिलती। इससे खेत में अनचाहे पौधों की वृद्धि नियंत्रित होती है। किसान को बार-बार निराई-गुड़ाई करने की आवश्यकता नहीं पड़ती। इस तरह मजदूरी का खर्च भी कम होता है और किसान अपनी ऊर्जा मुख्य फसल पर केंद्रित कर सकता है।
6. अधिक उत्पादन और मुनाफा
ड्रिप सिंचाई से पौधों को समय पर पानी और पोषण मिलता है, जिससे उनकी उत्पादकता बढ़ती है। किसान को पारंपरिक तरीकों की तुलना में अधिक उपज प्राप्त होती है। साथ ही पानी, खाद और ऊर्जा की बचत होने से कुल लागत कम हो जाती है। इस तरह किसान को बेहतर गुणवत्ता वाली अधिक फसल मिलती है और मुनाफा भी बढ़ जाता है। यही कारण है कि यह तकनीक आधुनिक खेती के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है।
7. कम मेहनत और फायदा ज्यादा
ड्रिप इरीगेशन मशीन की मदत से खेती में काफी फायदा देखने को मिलता हैं , क्योंकि इसमें मेहनत बिलकुल कम हो जाती हैं और फायदा ज्यादा होता हैं | इसमें धुप में पानी लगाने की परेशानी से भी छुटकारा मिलता हैं |