Close Menu
aapkikheti

    Subscribe to Updates

    Get the latest creative news from FooBar about art, design and business.

    What's Hot

    Anaar Khane Ke Fayde : इन सर्दियों में जाने इस फल के खाने के फायदे

    Up Farming Equipments Subsidy : अब मिलेगी कृषि यंत्रों पर सब्सिडी अभी करे आवेदन

    Chhath Puja 2025 Dates: अभी नोट करे पहले दिन और आखिरी दिन की क्रिया

    Facebook X (Twitter) Instagram
    Facebook X (Twitter) Instagram
    aapkikheti
    Subscribe
    • मुख पृष्ठ
    • कृषि
      • जैविक
      • फसल
      • बागवानी
        • पुष्प
        • फल
        • सब्ज़ी
    • पशुपालन
      • गाय भैंस (Cow Buffalo Rearing)
      • पशु चारा(Animal Fodder)
      • बकरी पालन (Goat Farming)
      • मत्स्य पालन (Fisheries)
      • मुर्गी पालन (Poultry)
      • सूअर पालन (Piggery)
    • औषधीय पौधे
    • कृषि उपकरण
    • समाचार
    • सरकारी योजना
    • अन्य
      • कृषि एवं खाद्य मेले
      • खाद्य भंडारण और पैकेजिंग
      • कृषि शिक्षा
    • वेब कहानियाँ
    • हमारे बारे में
    • मैगजीन
    • संपर्क
    aapkikheti
    You are at:Home » Karela ki kheti : जाने इस हरी भरी फायदे से भरी सब्जी की खेती के बारे में ?
    कृषि

    Karela ki kheti : जाने इस हरी भरी फायदे से भरी सब्जी की खेती के बारे में ?

    AapkikhetiBy AapkikhetiFebruary 27, 2025Updated:February 28, 2025No Comments6 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest Telegram LinkedIn Tumblr Email Reddit
    Karela ki kheti -Aapkikheti.com
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest WhatsApp Email

    Table of Contents

    Toggle
    • Karela ki kheti : जाने इस हरी भरी फायदे से भरी सब्जी की खेती के बारे में ?
        • Karela Ki Kheti का महत्व
        • करेला की खेती के लिए मिट्टी
        • करेला की बुवाई का समय
        • Karela ki kheti kaise karen
        • करेला की खेती में बीज की बुवाई
        • सिंचाई
            • खाद और उर्वरक
        • Karela ki kheti की निराई-गुड़ाई
        • करेला की खेती रोग
        • करेला की तुड़ाई कैसे करे
            • उत्पादन और विपणन
            • करेला की खेती के लाभ
      • FAQ’S Of Karela Ki Kheti
            • निष्कर्ष

    Karela ki kheti : जाने इस हरी भरी फायदे से भरी सब्जी की खेती के बारे में ?

    Karela Ki Kheti: भारत में खेती एक महत्वपूर्ण आर्थिक गतिविधि है, और करेले की खेती किसानों के लिए एक लाभदायक विकल्प साबित हो सकती है। करेले को अंग्रेजी में ‘बिटर गोर्ड‘ कहा जाता है और इसे इसकी कड़वाहट के कारण पहचाना जाता है। इसके औषधीय गुण और पोषण मूल्य इसे एक महत्वपूर्ण फसल बनाते हैं। इस ब्लॉग में हम बुवाई से लेकर तुड़ाई तक करेले की खेती के पूरे प्रोसेस पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

    Karela Ki Kheti का महत्व

    करेले में विटामिन सी, विटामिन ए, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो इसे एक पोषण से भरपूर सब्जी बनाते हैं। इसके औषधीय गुण जैसे मधुमेह नियंत्रण, पाचन सुधार और प्रतिरक्षा बढ़ाना इसे और भी महत्वपूर्ण बनाते हैं। इसके अलावा, करेले की खेती में कम लागत और अधिक उत्पादन के कारण किसान इसे एक लाभदायक फसल के रूप में देख सकते हैं।

    करेला की खेती के लिए मिट्टी

    करेले की खेती के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु सबसे उपयुक्त है। इसे 25 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान पर अच्छी वृद्धि मिलती है। ठंडे मौसम में यह फसल कम उत्पादन देती है। करेले की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली दोमट या बलुई दोमट मिट्टी सर्वोत्तम होती है। मिट्टी का पीएच स्तर 6 से 7.5 के बीच होना चाहिए। 

    करेला की बुवाई का समय

    करेले की बुवाई के लिए सबसे अच्छा समय गर्मियों और मानसून के मौसम में होता है। उत्तर भारत में, बुवाई का समय फरवरी-मार्च और जून-जुलाई होता है, जबकि दक्षिण भारत में यह समय जनवरी-फरवरी और जून-जुलाई होता है।

    इंस्टाग्राम से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

    Karela ki kheti kaise karen

    Karele Ki Kheti aapkikheti.com

    खेत की तैयारी करेले की अच्छी फसल के लिए महत्वपूर्ण है। खेत को अच्छी तरह जोतकर और पाटा लगाकर समतल किया जाना चाहिए। खेत की तैयारी में निम्नलिखित कदम शामिल हैं:

    • जुताई: खेत की गहरी जुताई करें ताकि मिट्टी भुरभुरी हो जाए।
    • गोबर खाद का प्रयोग: प्रति एकड़ 10-15 टन गोबर की सड़ी खाद मिलाएं।
    • बीज का चयन: स्वस्थ और उन्नत किस्म के बीजों का चयन करें।
    • बीज उपचार: बुवाई से पहले बीजों को फफूंदनाशक से उपचारित करें।

    करेला की खेती में बीज की बुवाई

    करेले की बुवाई के लिए कतारों में बीज बोने का तरीका अपनाया जाता है। बीजों को 1-2 सेंटीमीटर गहरा बोया जाना चाहिए और पंक्तियों के बीच 1.5-2 मीटर की दूरी रखनी चाहिए। पौधों के बीच की दूरी 60-75 सेंटीमीटर होनी चाहिए। एक हेक्टेयर क्षेत्र में लगभग 3-4 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।

    Garmiyon Ki Sabjiyan

    सिंचाई

    करेले की फसल को नियमित सिंचाई की आवश्यकता होती है। गर्मियों में हर 4-5 दिन और मानसून में 10-12 दिन के अंतराल पर सिंचाई करनी चाहिए। फूल आने और फल बनने के दौरान विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि पौधों को पर्याप्त नमी मिल सके।

    खाद और उर्वरक

    खाद और उर्वरकों का उचित प्रयोग करेले की अच्छी उपज के लिए आवश्यक है। प्रति हेक्टेयर 100 किलोग्राम नाइट्रोजन, 50 किलोग्राम फास्फोरस और 50 किलोग्राम पोटाश की आवश्यकता होती है।

    प्रारंभिक अवस्था में: आधी मात्रा में नाइट्रोजन, पूरी फास्फोरस और पोटाश की मात्रा बुवाई के समय खेत में मिलाएं।
    अंतरवर्ती अवस्था में: शेष नाइट्रोजन की मात्रा दो बार में दें, पहली बार 3-4 पत्तियों की अवस्था में और दूसरी बार फूल आने के समय।

    Karela ki kheti की निराई-गुड़ाई

    Karele Ki Kheti aapkikheti.com

    करेले की खेती में निराई-गुड़ाई का विशेष महत्व है। प्रारंभिक अवस्था में खरपतवार नियंत्रण के लिए 2-3 निराई की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, पौधों को बेलों की सहायता के लिए मचान या टेबलिंग की आवश्यकता होती है ताकि बेलें जमीन पर न फैले और उन्हें पर्याप्त सूर्य प्रकाश और हवा मिल सके।

    करेला की खेती रोग

    करेले की फसल पर कीट और रोगों का आक्रमण हो सकता है। मुख्य कीटों में फल मक्खी, रेड स्पाइडर माइट और एफिड्स शामिल हैं। मुख्य रोगों में पाउडरी मिल्ड्यू, डाउनी मिल्ड्यू और एन्थ्रेक्नोज शामिल हैं। कीट और रोग नियंत्रण के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:

    नियंत्रण के उपाय: नियमित निरीक्षण, संक्रमित पौधों को हटाना और जैविक कीटनाशकों का प्रयोग करें।
    रोग नियंत्रण: रोग प्रतिरोधक किस्मों का चयन करें और उचित फफूंदनाशकों का उपयोग करें।

    करेला की तुड़ाई कैसे करे

    करेले की तुड़ाई सही समय पर करने से फसल की गुणवत्ता और उत्पादन बढ़ता है। बुवाई के 55-60 दिनों के बाद फल तोड़ने के लिए तैयार हो जाते हैं। फल को हल्के हरे रंग और कड़वाहट के सही स्तर पर तोड़ना चाहिए। नियमित तुड़ाई से पौधों में नए फल बनने की गति बढ़ती है।

    उत्पादन और विपणन

    Karele Ki Kheti aapkikheti.com

    करेले की प्रति हेक्टेयर औसत उपज 10-15 टन होती है। उपज का स्तर खेत की तैयारी, बीज की गुणवत्ता, सिंचाई और खाद प्रबंधन पर निर्भर करता है। करेले की फसल को स्थानीय मंडियों, थोक विक्रेताओं और सुपरमार्केट में बेचा जा सकता है। इसके अलावा, प्रसंस्कृत उत्पाद जैसे करेले का अचार और करेले का पाउडर भी बाजार में उपलब्ध हैं, जिनसे अतिरिक्त आय हो सकती है।

    करेला की खेती के लाभ

    करेले की खेती से किसानों को अच्छा आर्थिक लाभ हो सकता है। कम निवेश और उच्च उत्पादन के कारण यह फसल किसानों के लिए लाभकारी साबित होती है। इसके अलावा, उचित प्रबंधन और विपणन से किसानों को बेहतर मूल्य मिल सकता है।

    FAQ’S Of Karela Ki Kheti

    • करेले की खेती के लिए सबसे उपयुक्त मौसम कौन सा है?
      करेले की बुवाई गर्मियों और मानसून के मौसम में सबसे उपयुक्त होती है। उत्तर भारत में फरवरी-मार्च और जून-जुलाई जबकि दक्षिण भारत में जनवरी-फरवरी और जून-जुलाई में बुवाई की जाती है।

    • करेले की खेती के लिए कौन सी मिट्टी सबसे अच्छी होती है?
      करेले की खेती के लिए दोमट या बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है। मिट्टी का पीएच स्तर 6 से 7.5 के बीच होना चाहिए और जल निकासी अच्छी होनी चाहिए।

    • करेले की फसल को कितनी बार सिंचाई की आवश्यकता होती है?
      गर्मियों में हर 4-5 दिन में और मानसून में 10-12 दिन के अंतराल पर सिंचाई करनी चाहिए। फूल और फल बनने के समय पर्याप्त नमी बनाए रखना जरूरी होता है।

    • करेले की खेती में किन प्रमुख कीटों और रोगों का खतरा रहता है?
      करेले की फसल में फल मक्खी, रेड स्पाइडर माइट और एफिड्स जैसे कीटों का खतरा होता है। प्रमुख रोगों में पाउडरी मिल्ड्यू, डाउनी मिल्ड्यू और एन्थ्रेक्नोज शामिल हैं। इसके लिए जैविक कीटनाशकों और रोग प्रतिरोधी किस्मों का प्रयोग करें।

    • करेले की तुड़ाई कब और कैसे करनी चाहिए?
      बुवाई के 55-60 दिनों बाद फल तोड़ने के लिए तैयार हो जाते हैं। हल्के हरे रंग के और सही कड़वाहट स्तर पर फल को तोड़ना चाहिए। नियमित तुड़ाई से पौधों में नए फल बनने की गति बढ़ती है।

    निष्कर्ष

    करेले की खेती किसानों के लिए एक लाभकारी व्यवसाय हो सकता है। सही तकनीक और प्रबंधन अपनाकर किसान करेले की खेती से अच्छी उपज और मुनाफा कमा सकते हैं। इस लेख में बताए गए सुझावों और तकनीकों का पालन करके किसान करेले की खेती में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

    करेले की खेती से जुड़ी किसी भी जानकारी के लिए स्थानीय कृषि विभाग या कृषि विशेषज्ञ से सलाह लें और उन्नत तकनीकों का प्रयोग करें। इस प्रकार, करेले की खेती से किसान मालामाल हो सकते हैं और अपने आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर सकते हैं।

    Karela Ki Kheti Karele ki kheti करेला की खेती करेला की खेती का समय करेला की खेती में बीज की बुवाई करेला के खेत की तैयारी
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Reddit WhatsApp Telegram Email
    Previous ArticleHoli Kab Hain : होली जलाने के शुभ मुहूर्त, से लेकर खेलने तक की सभी जानकारी
    Next Article Kisan Vikas Patra Yojana : अब आपके पैसे भी होंगे 115 महीनो में दोगुने
    Aapkikheti
    • Website

    Related Posts

    Anaar Khane Ke Fayde : इन सर्दियों में जाने इस फल के खाने के फायदे

    October 17, 2025

    सर्दियों के मौसम में कौनसे 10 फल खाये : जाने अभी

    October 15, 2025

    Ghar Mein Kesar Kaise Ugaye : घर में केसर उगाकर कमाए लाखों में

    October 15, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    शीर्ष पोस्ट

    Anaar Khane Ke Fayde : इन सर्दियों में जाने इस फल के खाने के फायदे

    October 17, 2025

    Up Farming Equipments Subsidy : अब मिलेगी कृषि यंत्रों पर सब्सिडी अभी करे आवेदन

    October 16, 2025

    Chhath Puja 2025 Dates: अभी नोट करे पहले दिन और आखिरी दिन की क्रिया

    October 16, 2025

    सर्दियों के मौसम में कौनसे 10 फल खाये : जाने अभी

    October 15, 2025
    इसे मत चूको!
    फल October 17, 2025

    Anaar Khane Ke Fayde : इन सर्दियों में जाने इस फल के खाने के फायदे

    Anaar Khane Ke Fayde : इन सर्दियों में जाने इस फल के खाने के फायदे…

    Up Farming Equipments Subsidy : अब मिलेगी कृषि यंत्रों पर सब्सिडी अभी करे आवेदन

    Chhath Puja 2025 Dates: अभी नोट करे पहले दिन और आखिरी दिन की क्रिया

    सर्दियों के मौसम में कौनसे 10 फल खाये : जाने अभी

    श्रेणियाँ

    • Featured
    • Featured Stories
    • Uncategorized
    • अन्य
    • एमपी न्यूज़
    • औषधीय पौधे
    • औषधीय पौधे
    • कृषि
    • कृषि उपकरण
    • कृषि एवं खाद्य मेले
    • कृषि शिक्षा
    • कृषि समाचार
    • खाद्य भंडारण और पैकेजिंग
    • गाय भैंस (Cow Buffalo Rearing)
    • जैविक
    • जैविक खेती
    • ट्रेंडिंग पोस्ट
    • पशुपालन
    • पुष्प
    • फल
    • फसल
    • बकरी पालन (Goat Farming)
    • बागवानी
    • मत्स्य पालन (Fisheries)
    • मुर्गी पालन (Poultry)
    • सब्ज़ी
    • सरकारी योजनाएँ

    अभी के पोस्ट

    हमारे बारे में
    हमारे बारे में

    Aapkikheti में आपका स्वागत है - टिकाऊ खेती, आधुनिक कृषि तकनीकों और फसल की पैदावार को अधिकतम करने से संबंधित हर चीज के लिए आपका पसंदीदा मंच। हम पर्यावरण को संरक्षित करते हुए किसानों को स्वस्थ फसलें उगाने में मदद करने के लिए जैविक खेती, स्मार्ट सिंचाई और नवीन तरीकों पर विशेषज्ञ सलाह प्रदान करते हैं।

    Facebook X (Twitter) Pinterest YouTube WhatsApp
    हमारी पसंद

    Anaar Khane Ke Fayde : इन सर्दियों में जाने इस फल के खाने के फायदे

    Up Farming Equipments Subsidy : अब मिलेगी कृषि यंत्रों पर सब्सिडी अभी करे आवेदन

    Chhath Puja 2025 Dates: अभी नोट करे पहले दिन और आखिरी दिन की क्रिया

    सबसे लोकप्रिय

    Sitafal ki kheti कैसे करें ?

    February 2, 2023

    Neem एक Fayde अनेक किसान का अनुभव

    December 7, 2023

    अफ़ीम की खेती कैसी होती है ?अफ़ीम की खेती का लाइसेंस,कमाई

    December 8, 2023
    © 2025 Aapkikheti. Designed by Mobdigital.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

    Go to mobile version